झारखंड Switch to English
पंचायत से संसद 2.0
चर्चा में क्यों?
हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने “पंचायत से संसद 2.0” का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य देश भर में पंचायती राज संस्थाओं की महिला प्रतिनिधियों को संविधान और संसदीय प्रक्रियाओं की जानकारी प्रदान करना है।
- यह कार्यक्रम आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया।
प्रमुख बिंदु
- उद्देश्य:
- इस पहल का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को संवैधानिक प्रावधानों, संसदीय प्रक्रियाओं और शासन के बारे में उनका ज्ञान बढ़ाकर उन्हें सशक्त बनाना तथा प्रभावी नेतृत्व को बढ़ावा देना है।
- यह कार्यक्रम 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अनुसूचित जनजातियों की 502 निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को एक साथ लाता है, जिससे समावेशिता और विविधता सुनिश्चित होती है।
- कार्यशालाएँ और सत्र:
- कार्यक्रम में विशेषज्ञों और संसद सदस्यों द्वारा संचालित इंटरैक्टिव कार्यशालाएँ और सत्र शामिल हैं।
- इसका आयोजन राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) और लोकसभा सचिवालय द्वारा जनजातीय मामलों के मंत्रालय के सहयोग से किया जाता है।
- निर्देशित पर्यटन:
- प्रतिभागियों ने भारत की विधायी प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं की गहन समझ हासिल करने के लिये नए संसद भवन, संविधान सदन, प्रधानमंत्री संग्रहालय और राष्ट्रपति भवन का निर्देशित दौरा किया।
बिरसा मुंडा
- उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था। वे मुंडा जनजाति से थे।
- उन्होंने 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश शासन के दौरान आधुनिक झारखंड और बिहार के आदिवासी क्षेत्र में भारतीय आदिवासी धार्मिक सहस्राब्दि आंदोलन का नेतृत्व किया।
- उन्होंने मुंडा विद्रोह (उलगुलान) का नेतृत्व किया और उनकी जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
बीजापुर में सुरक्षाकर्मी की हत्या
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में माओवादियों द्वारा लगाए गए एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) विस्फोट में आठ सुरक्षाकर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई।
प्रमुख बिंदु
- घटना के बारे में:
- यह घटना उस समय घटी जब संयुक्त अभियान दल अबूझमाड़ के जंगलों में नक्सल विरोधी अभियान से लौट रहा था।
- मृतकों में डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड (DRG) और बस्तर फाइटर्स के सदस्य शामिल थे, जो बस्तर क्षेत्र में वामपंथी उग्रवाद से लड़ने वाले विशेष बल हैं।
- सरकार की प्रतिक्रिया:
- केंद्रीय गृह मंत्री ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का संकल्प लिया।
- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने इस कृत्य की निंदा की तथा इसे नक्सलियों द्वारा जारी आतंकवाद विरोधी अभियानों से उत्पन्न हताशा बताया।
इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस
- इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) एक घरेलू बम है जिसे लक्ष्यों को नष्ट करने या अक्षम करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जिसका उपयोग आमतौर पर अपराधियों, आतंकवादियों और विद्रोहियों द्वारा विभिन्न रूपों में किया जाता है।
- IED का कई तरीकों से परिवहन किया जा सकता है, जिसमें वाहनों द्वारा, व्यक्तियों द्वारा रखा जाना, या सड़क के किनारे छिपाया जाना शामिल है। वर्ष 2003 में शुरू हुए इराक युद्ध के दौरान इसे प्रमुखता मिली।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा में अवैध खनन कार्य
चर्चा में क्यों?
हाल ही में खनन माफिया ने नूंह ज़िले के घाटा शमशाबाद गाँव में अवैध खनन कार्य के निरीक्षण के दौरान हरियाणा राज्य प्रवर्तन ब्यूरो के अधिकारियों को कथित रूप से घायल कर दिया।
प्रमुख बिंदु
- घटना के बारे में:
- राज्य प्रवर्तन ब्यूरो की टीम को पथराव में चोटें आईं और वे बाल-बाल बच गईं।
- पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और अन्य कानूनों के तहत 22 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की।
- अवैध खनन:
- परिचय:
- अवैध खनन, सरकारी प्राधिकारियों से आवश्यक परमिट, लाइसेंस या विनियामक अनुमोदन के बिना भूमि या जल निकायों से खनिजों, अयस्कों या अन्य मूल्यवान संसाधनों का निष्कर्षण है।
- इसमें पर्यावरण, श्रम और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन भी शामिल हो सकता है।
- समस्याएँ:
- पर्यावरण का क्षरण:
- इससे वनों की कटाई, मृदा अपरदन, जल प्रदूषण हो सकता है तथा वन्य जीवों के आवास नष्ट हो सकते हैं, जिसके गंभीर पारिस्थितिक परिणाम हो सकते हैं।
- खतरे:
- अवैध खनन में प्रायः पारा और साइनाइड जैसे खतरनाक रसायनों का उपयोग होता है, जो खनिकों और आस-पास के समुदायों के लिये गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं।
- राजस्व की हानि:
- इससे सरकारों को राजस्व की हानि हो सकती है, क्योंकि खननकर्त्ता उचित कर और रॉयल्टी का भुगतान नहीं करते हैं।
- इसका महत्त्वपूर्ण आर्थिक प्रभाव हो सकता है, विशेषकर उन देशों में जहाँ प्राकृतिक संसाधन राजस्व का प्रमुख स्रोत हैं।
- मानवाधिकार उल्लंघन:
- अवैध खनन के परिणामस्वरूप मानव अधिकारों का उल्लंघन भी हो सकता है, जिसमें जबरन श्रम, बाल श्रम और कमज़ोर आबादी का शोषण शामिल है।
- पर्यावरण का क्षरण:
- परिचय:
उत्तराखंड Switch to English
प्रधानमंत्री को उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने का आमंत्रण
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के लिये आमंत्रित किया, जो 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक राज्य में आयोजित किये जाएंगे। यह पहली बार है जब उत्तराखंड इस आयोजन की मेज़बानी कर रहा है।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री को भेंट किये गये उपहार:
- मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को मुलाकात के दौरान चमोली ज़िले के मलारी कारीगरों द्वारा निर्मित एक शॉल तथा नारायण आश्रम की प्रतिकृति भेंट की।
- परियोजनाओं के बारे में:
- विकास अद्यतन:
- उन्होंने प्रधानमंत्री को उत्तराखंड में चल रही विकास परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी।
- उन्होंने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के प्रथम चरण की तीव्र प्रगति पर प्रकाश डाला।
- उन्होंने टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना के लिये सर्वेक्षण पूरा होने का भी उल्लेख किया।
- उन्होंने प्रधानमंत्री को उत्तराखंड में जल जीवन मिशन की प्रगति से अवगत कराया।
- उन्होंने पुराने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन को बंद करने और सभी ट्रेनों को नए योग नगरी रेलवे स्टेशन से संचालित करने का भी प्रस्ताव रखा।
- यह सुझाव दिया गया कि यातायात में सुधार के लिये पुराने स्टेशन की भूमि को नई सड़क प्रणाली के लिये पुनः उपयोग में लाया जाए।
- विकास अद्यतन:
- ऋषिकेश एक प्रतिष्ठित शहर के रूप में:
- मुख्यमंत्री ने रिवर राफ्टिंग के लिये प्रतिष्ठित शहर के रूप में ऋषिकेश को चुनने के लिये आभार व्यक्त किया।
- उन्होंने राज्य के सीमित संसाधनों के कारण हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर परियोजना के लिये केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया।
- भूतापीय ऊर्जा परियोजना:
- उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में भूतापीय ऊर्जा के दोहन के लिये आइसलैंड दूतावास के साथ एक समझौता ज्ञापन प्रस्तावित है।
- उन्होंने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय से आवश्यक अनापत्ति पत्र प्राप्त होने की पुष्टि की।
- उन्होंने परियोजना के लिये तकनीकी और वित्तीय सहायता का भी अनुरोध किया ताकि उत्तराखंड को वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य में योगदान करने में मदद मिल सके।
- सड़क परिवहन प्रस्ताव:
- मुख्यमंत्री ने सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजे गए विभिन्न सड़क परिवहन प्रस्तावों के लिये मंजूरी मांगी। इनमें शामिल हैं:
- ऋषिकेश बाईपास
- हरिद्वार बाईपास (पैकेज 2)
- देहरादून-मसूरी कनेक्टिविटी
- देहरादून रिंग रोड
- चंपावत बाईपास
- लालकुआँ, हलद्वानी और काठगोदाम बाईपास
- मानसखंड परियोजना
राष्ट्रीय खेल
- पृष्ठभूमि:
- वर्ष 1924 में अविभाजित पंजाब के लाहौर में भारतीय ओलंपिक खेलों का पहला संस्करण आयोजित किया गया।
- भारतीय ओलंपिक खेलों को वर्ष 1940 में राष्ट्रीय खेलों का नाम दिया गया था। इस प्रतियोगिता में कई भारतीय राज्यों के एथलीट विभिन्न खेल विधाओं में एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्द्धा करते हैं।
- ओलंपिक आंदोलन, जिसने 1920 के दशक में राष्ट्र का ध्यान आकर्षित किया, में राष्ट्रीय खेल शामिल हैं। भारत में राष्ट्रीय खेलों की कल्पना पहले भारतीय ओलंपिक खेलों के रूप में की गई थी जिसका लक्ष्य राष्ट्र में ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देना था।
- उद्देश्य:
- ये भारतीय एथलीटों, खेल संगठनों आदि के लाभ के लिये आयोजित किये जाते हैं।
- वे राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के बीच अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल बुनियादी ढाँचे के विकास की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करते हैं।
- इसका उद्देश्य खेल गतिविधियों में भाग लेने के लिये बड़ी संख्या में युवाओं को आकर्षित करना है।
- इसका उद्देश्य जीवन के सभी क्षेत्रों के व्यक्तियों में खेल संस्कृति को विकसित करना तथा उन्हें स्वस्थ समाज के निर्माण में खेलों के महत्त्व के बारे में शिक्षित करना है।
- क्षेत्राधिकार:
- राष्ट्रीय खेलों की अवधि और नियम पूरी तरह से भारतीय ओलंपिक संघ के अधिकार क्षेत्र में हैं।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश के रिज़र्व में बाघिन मृत पाई गई
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के पेंच टाइगर रिज़र्व (PTR) में चार साल की बाघिन का शव मिला। अधिकारियों को संदेह है कि उसकी मौत का कारण अवैध शिकार हो सकता है।
प्रमुख बिंदु
- शव की खोज:
- यह शव पेंच टाइगर रिज़र्व (PTR) के कुरई क्षेत्र में पाया गया।
- अधिकारियों ने पुष्टि की कि बाघिन की मौत विद्युत् का झटके लगने से हुई।
- अवैध शिकार की जाँच:
- इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है तथा अधिकारी घटना में शामिल अज्ञात शिकारियों को गिरफ्तार करने के लिये प्रयास कर रहे हैं।
- प्रारंभिक जाँच से पता चला है कि शिकारियों ने बाघिन के पंजे काटने का असफल प्रयास किया था।
- पोस्टमार्टम के बाद शव का राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशा-निर्देशों के अनुसार निपटान कर दिया गया।
पेंच टाइगर रिज़र्व (PTR)
- PTR मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र दोनों का संयुक्त गौरव है।
- यह अभ्यारण्य मध्य प्रदेश के सिवनी और छिंदवाड़ा ज़िलों में सतपुड़ा पहाड़ियों के दक्षिणी छोर पर स्थित है, तथा महाराष्ट्र के नागपुर ज़िले में एक अलग रिज़र्व के रूप में फैला हुआ है।
- इसे वर्ष 1975 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया तथा वर्ष 1992 में इसे टाइगर रिज़र्व का दर्जा दिया गया।
- हालाँकि, PTR मध्य प्रदेश को वर्ष 1992-1993 में यही दर्जा दिया गया था। यह मध्य उच्चभूमि के सतपुड़ा-मैकाल पर्वतमाला के प्रमुख संरक्षित क्षेत्रों में से एक है।
- यह भारत के महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों (IBA) के रूप में अधिसूचित स्थलों में से एक है।
IBA बर्डलाइफ इंटरनेशनल का एक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य विश्व के पक्षियों और उनसे संबंधित विविधता के संरक्षण के लिये IBA के वैश्विक नेटवर्क की पहचान, निगरानी और सुरक्षा करना है।
Switch to English