इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 14 Nov 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
बिहार Switch to English

प्रधानमंत्री ने बिहार में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री ने बिहार के दरभंगा में 12,100 करोड़ रुपए की लागत वाली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) अस्पताल और अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

  • पूरे क्षेत्र में  रेल, सड़क, स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्र में 25 अतिरिक्त परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया गया।

प्रमुख बिंदु

परियोजनाओं के बारे में:

  • AIIMS, दरभंगा परियोजना:
    • दरभंगा में AIIMS परियोजना, जिसकी लागत 1264 करोड़ रुपए है और जो शोभन क्षेत्र में 187 एकड़ क्षेत्र में फैली है, तीन वर्षों के भीतर पूरी होने की उम्मीद है।
    • यह बिहार में दूसरा AIIMS होगा, जिसका उद्देश्य राज्य में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढाँचे का विस्तार करना है।
    • इस परियोजना में एक सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल, एक आयुष ब्लॉक, एक मेडिकल कॉलेज, एक नर्सिंग कॉलेज, साथ ही एक रात्रि आश्रय और कर्मचारियों के लिये आवासीय सुविधाएँ शामिल होंगी।
    • यह बिहार और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को उन्नत तृतीयक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करेगा।
  • जन औषधि केंद्र:
    • प्रधानमंत्री सस्ती दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिये देश भर के रेलवे स्टेशनों पर 18 जन औषधि केंद्रों का उद्घाटन करेंगे।
    • इन केंद्रों का उद्देश्य जेनेरिक दवाओं के उपयोग को बढ़ावा देना है, जिससे यात्रियों के लिये स्वास्थ्य देखभाल की लागत कम करने में मदद मिलेगी।
    • इसे विशेष रूप से गरीबों और वंचितों के लिये सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ उपलब्ध कराने के लिये शुरू किया गया था, और सितंबर 2015 में इसे प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (PMJAY) के रूप में पुनर्जीवित किया गया।

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास:

  • प्रधानमंत्री 5,070 करोड़ रुपए की लागत वाली विभिन्न राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
  • इसमें NH-327E पर नया फोर लेन वाला गलगलिया-अररिया खंड भी शामिल है , जो अररिया से पश्चिम बंगाल तक एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा।

रेलवे अवसंरचना परियोजनाएँ:

  • 1,740 करोड़ रुपए से अधिक की रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, जिसमें गेज़ परिवर्तन और यातायात की भीड़ को कम करने के लिये बाईपास लाइन भी शामिल है।
  • झंझारपुर-लौकहा बाज़ार खंड में नई मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (MEMU) ट्रेन सेवाएँ आसपास के समुदायों के लिये नौकरियों और शिक्षा तक पहुँच में सुधार लाएगी।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र की पहल:

  • प्रधानमंत्री पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में 4,020 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे।
  • इनमें भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा बिहार के पाँच ज़िलों - दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सीतामढी और शिवहर में सिटी गैस वितरण नेटवर्क शामिल है।
  • प्रधानमंत्री ने आयात पर निर्भरता कम करने के लिये बरौनी रिफाइनरी में एक नई बिटुमेन विनिर्माण इकाई की आधारशिला भी रखी।

आयुष

  • आयुष भारत में प्रचलित चिकित्सा प्रणालियों का संक्षिप्त नाम है जैसे:
    • आयुर्वेद: समग्र कल्याण पर ज़ोर देने वाली प्राचीन प्रणाली।
    • योग: शारीरिक आसन और ध्यान के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा का मिलन।
    • प्राकृतिक चिकित्सा: जल, वायु और आहार जैसे तत्त्वों का उपयोग करके प्राकृतिक उपचार।
    • यूनानी: हर्बल औषधियों और हास्य सिद्धांत के माध्यम से संतुलन बहाली।
    • सिद्ध: पारंपरिक तमिल चिकित्सा, जिसकी जड़ें पंच तत्त्वों और द्रव्यों में हैं।
    • होम्योपैथी: स्व-उपचार प्रतिक्रियाओं को उत्तेजित करने वाली अत्यधिक तनु औषधियाँ।
  • ये प्रणालियाँ निश्चित चिकित्सा दर्शन पर आधारित हैं और रोगों की रोकथाम तथा स्वास्थ्य संवर्द्धन की स्थापित अवधारणाओं के साथ स्वस्थ जीवन जीने का एक तरीका प्रस्तुत करती हैं।
  • आयुष मंत्रालय भारत में आयुष की शिक्षा, अनुसंधान और प्रचार-प्रसार के विकास के लिये ज़िम्मेदार है।


उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में साइबर सुरक्षा कार्यशाला

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NeGD) ने उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से लखनऊ में दो दिवसीय साइबर सुरक्षा कार्यशाला का आयोजन किया।

प्रमुख बिंदु

NeGD द्वारा साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम:

  • राज्य क्षमता निर्माण योजना का हिस्सा, NeGD का साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम, राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच साइबर सुरक्षा लचीलेपन को मज़बूत करने के लिये बनाया गया है।
  • यह कार्यक्रम मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (CISO) और उप CISO को साइबर ज़ोखिमों को प्रभावी ढंग से संभालने और कम करने के लिये महत्त्वपूर्ण कौशल से लैस करता है।
    • NeGD की स्थापना 2009 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के तहत एक स्वतंत्र व्यापार प्रभाग के रूप में की गई थी।
    • इसका उद्देश्य मंत्रालयों और राज्य सरकारों में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाना और उसे गति प्रदान करना था।
  • उद्देश्य:
    • साइबर सुरक्षा जागरूकता: साइबर सुरक्षा मुद्दों, साइबर खतरों और ई-गवर्नेंस ढाँचे की समझ बढ़ाना।
    • साइबर लचीलापन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): साइबर लचीलापन पारिस्थितिकी तंत्र और साइबर सुरक्षा में AI की भूमिका के बारे में प्रतिभागियों के ज्ञान को बढ़ाना।
    • साइबर सुरक्षा केंद्र: राज्य स्तरीय ई-गवर्नेंस प्रणालियों की सुरक्षा के लिये साइबर सुरक्षा केंद्र के महत्त्व पर शिक्षित करना।
    • डेटा और एप्लिकेशन सुरक्षा: डेटा सुरक्षा (डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023) एप्लिकेशन सुरक्षा और एंडपॉइंट सुरक्षा के बारे में जानकारी प्रदान करना।
    • संकट प्रबंधन: प्रभावी घटना प्रतिक्रिया के लिये साइबर संकट प्रबंधन योजना (CCMP) विकसित करने में प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करना।
    • पहचान एवं पहुँच प्रबंधन: सरकारी डिजिटल प्रणालियों को सुरक्षित करने के लिये पहचान एवं पहुँच प्रबंधन में चुनौतियों का समाधान करना।

राज्य क्षमता निर्माण योजना:

  • MeitY के तहत NeGD ने देश भर के राज्य नेताओं, CISO और अधिकारियों के लिये क्षमता निर्माण कार्यशालाओं की एक शृंखला शुरू की है।
  • ये कार्यशालाएँ साइबर खतरों के प्रबंधन, सुरक्षित IT ढाँचे को अपनाने और डिजिटल शासन को मज़बूत करने के लिये व्यावहारिक प्रशिक्षण और सर्वोत्तम अभ्यास प्रदान करती हैं।

डिजिटल वैयक्तिक डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023

  • इसका उद्देश्य भारत में व्यक्तियों के डिजिटल व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा करना तथा ऐसे डेटा के संग्रहण, भंडारण, प्रसंस्करण और साझाकरण को विनियमित करना है।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • अनुपालन लागू करने के लिये भारतीय डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना की गई।
    • डेटा संग्रहण और प्रसंस्करण के लिये स्पष्ट सहमति की आवश्यकता होती है।
    • डेटा न्यासियों को उचित सुरक्षा उपाय लागू करने का आदेश दिया गया है।


मध्य प्रदेश Switch to English

बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में तेंदुए की मृत्यु

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व (BTR) में एक तेंदुए की मृत्यु हो गई । 

प्रमुख बिंदु

  • तेंदुए के बारे में:
    • तेंदुआ (पैंथेरा पार्डस) बड़ी बिल्ली परिवार (पैंथेरा वंश के अर्थात् बाघ, शेर, जगुआर, तेंदुआ और हिम तेंदुआ) का सबसे छोटा सदस्य है, और विभिन्न आवासों में अनुकूलन की अपनी क्षमता के लिये जाना जाता है।
    • यह एक रात्रिचर प्राणी है, जो अपने क्षेत्र में पाए जाने वाले शाकाहारी जानवरों की छोटी प्रजातियों जैसे चीतल, हिरण और जंगली सूअर को अपना शिकार बनाता है।
  • तेंदुओं में मेलानिज़्म:
    • तेंदुओं में मेलानिज्म एक सामान्य घटना है, जिसमें पशु की पूरी त्वचा काले रंग की होती है, जिसमें धब्बे भी शामिल हैं।
      • मेलेनिस्टिक तेंदुए को अक्सर ब्लैक पैंथर कहा जाता है और गलती से इसे एक अलग प्रजाति मान लिया जाता है।
  • भौगोलिक विस्तार:
    • बिल्ली परिवार के सदस्य, तेंदुए एशिया, उप-सहारा अफ्रीका, दक्षिणी रूस और भारतीय उपमहाद्वीप में रहते हैं।
      • भारतीय तेंदुआ (पैंथेरा पार्डस फ्यूस्का ) भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापक रूप से पाया जाता है।
  • भारत में जनसंख्या:
    • 'भारत में तेंदुओं की स्थिति, 2022 ' के अनुसार, भारत की तेंदुओं की आबादी वर्ष 2018 में 12,852 से 8% बढ़कर वर्ष 2022 में 13,874 हो गई।
      • शिवालिक परिदृश्य में तेंदुओं की लगभग 65% आबादी संरक्षित क्षेत्रों के बाहर मौजूद है। केवल एक तिहाई तेंदुए ही संरक्षित क्षेत्रों में हैं।
    • मध्य प्रदेश में तेंदुओं की संख्या सबसे अधिक (3,907) है, इसके बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु का स्थान है।
  • खतरे:
  • संरक्षण स्थिति:


हरियाणा Switch to English

हरियाणा में नई SC आरक्षण श्रेणियाँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिये अनुसूचित जातियों (SC) के भीतर उप-वर्गीकरण लागू किया।

प्रमुख बिंदु

  • सर्वोच्च न्यायालय के उप-वर्गीकरण पर निर्णय:
    • 1 अगस्त 2024 को, सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि राज्यों को नुसूचित जाति (SC) श्रेणी के भीतर उप-वर्गीकरण बनाने का संवैधानिक अधिकार है, जो इसकी सामाजिक विविधता को स्वीकार करता है।
    • इस फैसले के बाद, हरियाणा सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में अनुसूचित जाति उप-वर्गीकरण को मंजूरी दे दी।
  • हरियाणा में उप-वर्गीकरण:
    • हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने अनुसूचित जाति आरक्षण को दो श्रेणियों  में विभाजित करने की सिफारिश की:
      • वंचित अनुसूचित जातियाँ (DSC): इसमें धानक, बाल्मीकि, मज़हबी सिख और खटीक जैसी 36 जातियाँ शामिल हैं, जिन्हें अपर्याप्त प्रतिनिधित्व के कारण नौकरियों में SC आरक्षण कोटे का 50% प्राप्त होगा।
      • अन्य अनुसूचित जातियाँ (OSC): इसमें चमार, जटिया चमार, रेहगर, रैगर, रामदासी, रविदासी, जाटव, मोची और रामदासिया जैसी जातियाँ शामिल हैं।
  • हरियाणा में DSC के लिये शैक्षिक कोटा:
    • वर्ष 2020 में, हरियाणा ने अनुसूचित जाति (शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम लागू किया, जिसके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसूचित जाति की 50% सीटें DSC श्रेणी के लिये आरक्षित कर दी गईं।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2