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जैव विविधता और पर्यावरण

भारत में तेंदुओं की स्थिति 2022

  • 04 Mar 2024
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस, बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर, सतत् विकास लक्ष्य (SDG)

मेन्स के लिये:

इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस, संरक्षण

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों?

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत में तेंदुओं की स्थिति 2022 पर एक रिपोर्ट जारी की है। इसके अंतर्गत भारत के 20 राज्यों का सर्वेक्षण किया गया और यह तेंदुए के निवास स्थान की 70 प्रतिशत आबादी को दर्शाता है।

  • हाल ही में केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगाँठ के अवसर पर वर्ष 2023-24 से वर्ष 2027-28 तक पाँच वर्ष की अवधि के लिये 150 करोड़ रुपए के एकमुश्त बजटीय समर्थन के साथ भारत में मुख्यालय के साथ इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) की स्थापना को मंज़ूरी दी। 

रिपोर्ट से संबंधित प्रमुख बिंदु क्या हैं?

  • कुल संख्या:
    • वर्ष 2018 में भारत में तेंदुओं की संख्या 12,852 थी जो वर्ष 2022 में 8% बढ़कर 13,874 हो गई।
    • तेंदुए की लगभग 65% आबादी शिवालिक परिदृश्य में संरक्षित क्षेत्रों के बाहर मौजूद है। केवल एक तिहाई तेंदुए ही संरक्षित क्षेत्रों में हैं।
      • शिवालिक परिदृश्य हिमालय की सबसे बाहरी शृंखला को संदर्भित करता है, जिसे शिवालिक पहाड़ियाँ या शिवालिक रेंज के रूप में जाना जाता है। यह सीमा उत्तर भारत के कई राज्यों तक फैली हुई है, जिनमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर तथा उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं।
  • क्षेत्रीय भिन्नता:
    • मध्य भारत में तेंदुओं की संख्या में स्थिरता अथवा सामान्य वृद्धि हुई (वर्ष 2018: 8071, वर्ष 2022: 8820) जबकि शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानी इलाकों में  तेंदुओं की संख्या में कमी आई (वर्ष 2018: 1253, वर्ष 2022: 1109)।
      • शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानों में कुल संख्या में प्रति वर्ष 3.4% की गिरावट हुई जबकि मध्य भारत तथा पूर्वी घाट में सबसे अधिक वृद्धि दर, 1.5% हुई।
  • राज्य स्तरीय वितरण:
    • मध्य प्रदेश में तेंदुओं की संख्या सबसे अधिक (3,907) है, इसके बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु हैं।
      •  ओडिशा में तेंदुओं की संख्या वर्ष 2018 में 760 से घटकर वर्ष 2022 में 562 हो गई और उत्तराखंड में, जीवसंख्या वर्ष 2018 में 839 से घटकर वर्ष 2022 में 652 हो गई। 
      • केरल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, बिहार और गोवा में भी जीवसंख्या में गिरावट दर्ज की गई है।
  • बाघ संरक्षण प्रयासों से लाभ:
    • मध्य भारत और पूर्वी घाट का परिदृश्य तेंदुओं की सबसे बड़ी आबादी का निवास स्थान है, जो व्याघ्र संरक्षण के ढाँचे के भीतर सुरक्षात्मक उपायों के कारण बढ़ रही है।
    • रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि तेंदुओं पर बाघों द्वारा डाले गए नियामक दबाव के बावजूद, संरक्षित क्षेत्रों के बाह्य क्षेत्रों की तुलना में टाइगर रिज़र्व में तेंदुओं का घनत्व अधिक है।
  • सामान्य खतरे:
    • आम खतरों में मांस के लिये इनका अवैध शिकार, बाघ और तेंदुए की खाल व शरीर के अंगों के लिये लक्षित अवैध शिकार एवं खनन तथा अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण निवास स्थान का नुकसान शामिल है।
      • ओडिशा में वर्ष 2018 और 2023 के दौरान वन्यजीव तस्करों से 59 तेंदुए की खालें ज़ब्त की गईं।
    • इसके अतिरिक्त, सड़क दुर्घटनाएँ तेंदुओं की मौत का एक महत्त्वपूर्ण कारण हैं।

इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (IBCA) क्या है?

  • परिचय:
    • IBCA एक बहु-देशीय, बहु-एजेंसी गठबंधन है जिसका उद्देश्य बड़ी बिल्लियों की प्रजातियों और उनके आवासों का संरक्षण करना है।
    • यह 96 बड़ी बिल्ली श्रेणी के निवास स्थान वाले देशों, बड़ी बिल्ली संरक्षण में रुचि रखने वाले गैर-श्रेणी देशों, संरक्षण भागीदारों, वैज्ञानिक संगठनों और व्यवसायों को एक साथ लाता है।
  • उद्देश्य:
    • गठबंधन का प्राथमिक लक्ष्य  बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, प्यूमा, जगुआर और चीता सहित बड़ी बिल्लियों के भविष्य एवं उनके निवास स्थान को सुरक्षित करने के प्रयासों पर सहयोग करना है।
    • IBCA जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने की दिशा में कार्य करेगा। यह उन नीतिगत पहलों का समर्थन करेगा जो जैवविविधता संरक्षण प्रयासों को स्थानीय आवश्यकताओं के साथ जोड़ते हैं और सदस्य देशों के भीतर संयुक्त राष्ट्र द्वारा अनिवार्य सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान करते हैं।
  • संरचना:
    • समूह की संरचना में सदस्यों की एक सभा, एक स्थायी समिति और एक सचिवालय शामिल होगा, जिसका मुख्यालय भारत में होगा।
  • भारत के संरक्षण प्रयास:

तेंदुओं से संबंधित प्रमुख बिंदु क्या हैं?

  • वैज्ञानिक नाम: पेंथेरा पार्डस
  • परिचय:
    • पैंथेरा जीनस के सबसे छोटे सदस्य के रूप में बाघ, शेर (पैंथेरा लियो), जगुआर, तेंदुए तथा हिम तेंदुए आदि शामिल हैं, तेंदुए विभिन्न प्रकार के वातावरणों के लिये अपनी अनुकूलन क्षमता के लिये प्रसिद्ध है।
    • यह एक रात्रिचर जानवर है जो जंगली सूअर, हॉग हिरण एवं चीतल सहित अपने क्षेत्र में छोटे शाकाहारी जानवरों को खाता है।
    • तेंदुओं में मेलेनिज़्म एक आम घटना है, जिसमें जानवर की पूरी त्वचा काले रंग की होती है, जिसमें उसके धब्बे भी शामिल हैं।
      • मेलेनिस्टिक तेंदुए को प्राय: ब्लैक पैंथर कहा जाता है और गलती से इसे एक अलग प्रजाति मान लिया जाता है।
  • प्राकृतिक आवास:
    • यह उप-सहारा अफ्रीका में पश्चिमी और मध्य एशिया के छोटे हिस्सों एवं भारतीय उपमहाद्वीप से लेकर दक्षिण-पूर्व तथा पूर्वी एशिया तक विस्तृत क्षेत्र में पाया जाता है।
      • भारतीय तेंदुआ (पेंथेरा पार्डस फुस्का) भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापक रूप से पाया जाने वाला तेंदुआ है।
  • खतरा:
    • खाल एवं शरीर के अंगों के अवैध व्यापार के लिये अवैध शिकार।
    • पर्यावास हानि एवं विखंडन
    • मानव-तेंदुआ संघर्ष
  • संरक्षण की स्थिति:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2012)

  1. काली गर्दन वाला सारस (कृष्णग्रीव सारस)
  2. चीता
  3. उड़न गिलहरी 
  4. हिम तेंदुआ

उपर्युक्त में से कौन-से भारत में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं?

(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (b)

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