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वर्ल्ड लाॅयन डे, 2022

  • 12 Aug 2022
  • 6 min read

शेरों और उनके संरक्षण के संदर्भ में लोगों को जागरूक और शिक्षित करने हेतु प्रतिवर्ष 10 अगस्त को ‘वर्ल्ड लाॅयन डे’ मनाया जाता है।

वर्ल्ड लाॅयन डे/विश्व शेर दिवस एवं इसका महत्त्व:

  • परिचय:
    • वर्ल्ड लाॅयन डे/विश्व शेर दिवस का उद्देश्य शेरों के बारे में जागरूकता का विस्तार और उनके संरक्षण के लिये प्रयास करने के साथ सभी लोगों को “शेरों का उनके प्राकृतिक आवास में महत्त्व” के संदर्भ में जागरूक करना है।
    • शेरों के संरक्षण की पहल वर्ष 2013 में शुरू हुई थी और इसी वर्ष पहला ‘विश्व शेर दिवस’ भी आयोजित किया गया था।
  • महत्त्व:
    • पारिस्थितिक चक्र में शेरों के स्थान या महत्त्व को समझने का अवसर एवं साथ ही उनका विलुप्त होना मनुष्यों के लिये खतरनाक संकेत हो सकता है।
    • शेर लगभग तीन मिलियन वर्ष पहले एशिया, अफ्रीका, यूरोप और मध्य पूर्व में पाए जाते थे, हालाँकि पाँच दशकों के दौरान उनकी संख्या में लगभग 95% की कमी आई है।

शेर:

  • वैज्ञानिक नाम: पैंथेरा लियो
    • शेर को दो उप-प्रजातियों में वर्गीकृत किया गया है: अफ्रीकी शेर (पैंथेरा लियो लियो) और एशियाई शेर (पैंथेरा लियो पर्सिका)
      • एशियाई शेर अफ्रीकी शेरों की अपेक्षाकृत छोटे होते हैं।
      • एशियाई शेरों में पाए जाने वाली सबसे महत्त्वपूर्ण रूपात्मक विशेषता यह है कि उनके पेट की त्वचा पर विशिष्ट लंबवत फोल्ड होते हैं। यह विशेषता अफ्रीकी शेरों में काफी दुर्लभ होती है।
  • प्राणिजगत में शेरों की भूमिका
    • शेर वन पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं, वह अपने आवास का शीर्ष शिकारी है, जो चरवाहों की आबादी को नियंत्रित कर पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
    • शेर अपने शिकार की आबादी को स्वस्थ रखने और उनके बीच लचीलापन बनाए रखने में भी योगदान देते हैं, क्योंकि वे झुंड के सबसे कमज़ोर सदस्यों को निशाना बनाते हैं। इस प्रकार अप्रत्यक्ष रूप से शिकार आबादी में रोग नियंत्रण में मदद करता है।
  • खतरा:
    • अवैध शिकार, एक स्थान पर रहने वाली एक ही तरह की आबादी से उत्पन्न आनुवंशिक अंतर्प्रजनन, रोग जैसे- प्लेग, कैनाइन डिस्टेंपर या प्राकृतिक आपदा।
  • संरक्षण स्थिति:
  • भारत में स्थिति:
    • भारत एशियाई शेरों का घर है, जो सासन-गिर राष्ट्रीय उद्यान (गुजरात) के संरक्षित क्षेत्र में निवास करते हैं।
    • वर्ष 2020 के आँकड़ों के मुताबिक भारत मेंं शेरों की संख्या 674 है, जिनकी संख्या वर्ष 2015 में 523 थी।

संरक्षण के प्रयास:

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. एशियाई शेर प्राकृतिक रूप से भारत में ही पाया जाता है।
  2. दो कूबड़ वाला ऊँट प्राकृतिक रूप से भारत में ही पाया जाता है।
  3. एक सींग वाला गैंडा प्राकृतिक रूप से भारत में ही पाया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • एशियाई शेर कभी फारस (ईरान) से लेकर पूर्वी भारत तक के क्षेत्रों में पाए जाते थे। 1890 के दशक के अंत तक एशियाई शेरों की श्रेणी गुजरात, भारत के गिर वन क्षेत्र तक सीमित हो गई। राज्य और केंद्र सरकार के निरंतर प्रयासों से, एशियाई शेरों की आबादी वर्ष 2015 में 523 से बढ़कर वर्ष 2020 में 674 हो गई। अतः कथन 1 सही है।
  • दोहरे कूबड़ वाला ऊँट मूलतः गोबी रेगिस्तान में पाया जाता है और ठंडे रेगिस्तानों के विस्तृत इलाकों, जैसे मंगोलिया, चीन, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में भी यह ऊँट देखने को मिल जाते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • एक सींग वाले गैंडे उत्तर-पूर्वी भारत और नेपाल के तराई घास के मैदानों में पाये जाते हैं। अत: कथन 3 सही नहीं है।
  • अतः विकल्प (a) सही है।

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स

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