भारतीय अर्थव्यवस्था
भारत में बुनियादी ढाँचे का विकास
- 04 Feb 2025
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प्रिलिम्स के लिये:बुनियादी ढाँचा, विद्युत्, कोयला, पेट्रोलियम, सीमेंट, रेलवे, बंदरगाह, नागरिक उड्डयन, सड़कें, दूरसंचार, राष्ट्रीय राजमार्ग (NH), बायो-टाॅयलेट, विमानन बाज़ार, क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS) - UDAN, स्मार्ट सिटीज़ मिशन (SCM), स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0, मेट्रो नेटवर्क, जल जीवन मिशन, राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना, शहरी चुनौती कोष, वैकल्पिक निवेश कोष (AIF),अवसंरचना परियोजना विकास निधि (IIPDF), SWAMIH फंड, PM स्वनिधि। मेन्स के लिये:केंद्रीय बजट 2025-26 में बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा। भारत में बुनियादी ढाँचे की स्थिति। |
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
भारत ने पिछले दशक में बुनियादी ढाँचे के विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है जो आर्थिक विकास का आधार है।
- भारत में कुल बुनियादी ढाँचा निवेश (पूंजीगत व्यय) वर्ष 2023-24 में 10 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2025-26 में 11.2 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
बजट 2025-26 में कौन सी बुनियादी ढाँचागत पहल की घोषणा की गई?
- बुनियादी ढाँचे का वित्तपोषण: राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना के तहत अगले 5 वर्षों (2025-30) में 10 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति का मुद्रीकरण किया जाएगा।
- 'शहरों को विकास केंद्र के रूप में विकसित करना', 'शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास' तथा 'जल एवं स्वच्छता' के प्रस्तावों को क्रियान्वित करने के लिये 1 लाख करोड़ रुपए का शहरी चुनौती कोष स्थापित किया जाएगा।
- सरकार बुनियादी ढाँचे में वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) के कराधान में निश्चितता प्रदान करेगी।
- राज्यों को भारत अवसंरचना परियोजना विकास निधि (IIPDF) ऋण द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं का प्रस्ताव करना होगा।
- रेलवे: भारत का लक्ष्य चीन के बाद विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मालवाहक रेलवे बनना और स्वदेशी हाई-स्पीड ‘बुलेट’ ट्रेनें बनाना है।
- भारतीय रेलवे वित्त वर्ष 2025-26 में अपने नेटवर्क का 100% विद्युतीकरण पूरा करने लेगा।
- जहाज़ निर्माण: सागरीय उद्योग को समर्थन देने, प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने और दीर्घकालिक वित्तपोषण के लिये 25,000 करोड़ रुपए का कोष स्थापित किया जाएगा।
- बड़े जहाज़ों को बुनियादी ढाँचे का दर्जा दिया जाएगा, जिससे वित्तीय लागत में 10 प्रतिशत तक की कमी आएगी।
- बुनियादी ढाँचे का दर्जा बेहतर वित्तपोषण, कर लाभ, सरकारी सहायता और कम नियामक बाधाओं को सक्षम बनाता है।
- चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये भारतीय यार्डों में शिप ब्रेकिंग (Ship Breaking) के लिये क्रेडिट नोट शुरू किये जाएंगे।
- क्रेडिट नोट का प्रयोग प्रायः तब किया जाता है जब कोई खरीदार वस्तु लौटाता है। इससे जहाज़ तोड़ने वाली कंपनियों को टूटे हुए जहाज़ों से प्राप्त स्टील, ताँबा और एल्युमीनियम जैसी सामग्री को वापस करने या रीसाइकिल करने में मदद मिल सकती है।
- बड़े जहाज़ों को बुनियादी ढाँचे का दर्जा दिया जाएगा, जिससे वित्तीय लागत में 10 प्रतिशत तक की कमी आएगी।
- विमानन क्षेत्र: UDAN योजना में आगामी 10 वर्षों के लिये विस्तार किया गया है तथा संशोधित UDAN योजना में 120 नए गंतव्य शामिल किये गए हैं, जिससे 40 मिलियन और अधिक यात्रियों को सेवा मिलेगी।
- बिहार के पटना और बिहटा (पटना में) हवाईअड्डों के विस्तार के साथ-साथ नए ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे भी विकसित किये जाएंगे।
- आवासन: सरकार, बैंकों और निजी निवेशकों के योगदान से 1 लाख अपूर्ण आवासन इकाइयों के निर्माण में तेज़ी लाने के लिये 15,000 करोड़ रुपए का SWAMIH फंड 2 स्थापित किया जाएगा।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था: बैंकों से बेहतर ऋण और 30,000 रुपए की सीमा के साथ UPI-लिंक्ड क्रेडिट कार्ड प्रदान करने के लिये PM स्वनिधि में संशोधन किया जाएगा।
भारत में बुनियादी ढाँचे के विकास की स्थिति क्या है?
- राजमार्ग और सड़कें: वर्ष 2024 तक 1,46,145 किमी. क्षेत्र में विस्तृत राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) के साथ भारत में विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है (संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद)।
- वर्ष 2024 में संक्रियात्मक हाई स्पीड कॉरिडोर में विस्तरण के साथ इनकी लंबाई बढ़कर 2,138 किमी. (2024) हो गई है तथा राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति 2.8 गुना बढ़ गई है (वर्ष 2014-15 में 12.1 किमी./दिन से वर्ष 2023-24 में 33.8 किमी./दिन), और पूंजीगत व्यय 5.7 गुना बढ़ गया है (2013-24)।
- रेलवे: दिसंबर 2023 तक, ब्रॉड-गेज पटरियों (जिन्हें बड़ी लाइन कहा जाता है और दो पटरियों के बीच की दूरी 5 फीट 6 इंच होती है) का 93.83% विद्युतीकरण कर लिया गया था, जो वर्ष 2014 में 21,801 किमी. था।
- वर्ष 2014 से 2023 की अवधि में 80,478 कोचों में बायो-टॉयलेट की व्यवस्था की गई।
- नागर विमानन: भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाज़ार है, जहाँ संक्रियात्मक हवाई अड्डों की संख्या 74 (2014) से बढ़कर 157 (2024) हो गई है।
- क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (RCS)- UDAN के अंतर्गत दिसंबर, 2024 तक लगभग 147 लाख यात्रियों को लाभ हुआ।
- पत्तन और पोत परिवहन: भारत में 12 प्रमुख पत्तन और 217 लघु/मध्यवर्ती पत्तन हैं।
- कार्गो हैंडलिंग क्षमता 800.5 मीट्रिक टन (2014) से बढ़कर 1,630 मीट्रिक टन (2024) (87% वर्द्धन) हो गई, जिससे अंतर्राष्ट्रीय शिपमेंट श्रेणी में भारत की शिपिंग रैंक वर्ष 2014 के 44वें स्थान से बढ़कर 22वें स्थान पर पहुँच गई।
- शहरी कार्य और आवासन: स्मार्ट सिटी मिशन (SCM) के अंतर्गत लगभग 91% परियोजनाएँ पूरी कर ली गई हैं।
- स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के अंतर्गत शहरी अपशिष्ट संग्रहण में 97% की वृद्धि हुई है (वर्ष 2014-15 से वर्ष 2024-25 तक) और इसके साथ ही इसी अवधि में अपशिष्ट प्रसंस्करण 18% से बढ़कर 78% हो गया है।
- वर्ष 2015 से वर्ष 2024 की अवधि में PMAY-U के अंतर्गत 118.64 लाख आवासों की स्वीकृति दी गई।
- मेट्रो रेल: भारत का मेट्रो नेटवर्क 248 किमी (2014) से बढ़कर 993 किमी (2024) हो गया है, जिसमें कमीशनिंग 0.68 किमी से बढ़कर 6 किमी/माह हो गई है तथा मेट्रो शहरों की संख्या 5 से बढ़कर 23 हो गई है।
- नल जल कनेक्शन: जल जीवन मिशन ने फरवरी, 2025 तक ग्रामीण नल जल कवरेज को 3.23 करोड़ (17%) से बढ़ाकर 15.44 करोड़ (79.74%) घरों तक पहुँचा दिया है।
- जल जीवन मिशन ने 1 फरवरी, 2025 तक, अतिरिक्त ग्रामीण घरों को नल के पानी के कनेक्शन का कुल कवरेज 15.44 करोड़ से अधिक घरों तक पहुँच गया है, जो भारत में सभी ग्रामीण घरों का 79.74% है। शुरुआत में, केवल 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन थे।
आधारभूत अवसंरचनाक्या है?
- आधारभूत अवसंरचना: आधारभूत अवसंरचना(capex ) से तात्पर्य किसी व्यवसाय, क्षेत्र या राष्ट्र के कामकाज के लिये आवश्यक बुनियादी प्रणालियों से है।
- विद्युत्, कोयला, पेट्रोलियम, सीमेंट, रेलवे, बंदरगाह, नागरिक उड्डयन, सड़क, साइबर सुरक्षा और दूरसंचार जैसे क्षेत्र बुनियादी ढाँचे का हिस्सा हैं।
- विशेषताएँ:
- दीर्घकालिक निवेश: इसमें बड़े पैमाने पर, दीर्घकालिक संरचनाएँ जैसे विद्युत ग्रिड और परिवहन प्रणालियाँ शामिल होती हैं ।
- सार्वजनिक उपयोगिताएँ और कार्य: इसमें उपयोगिताएँ (जैसे, विद्युत्, पानी) और सार्वजनिक कार्य (जैसे, सड़क, रेलवे) शामिल हैं।
- प्राकृतिक एकाधिकार: उच्च प्रारंभिक लागत प्रतिस्पर्द्धा आपूर्ति को अकुशल बना देती है (उदाहरण के लिये, पावर ग्रिड)।
- गैर-व्यापारिक सेवाएँ: पानी और विद्युत् जैसी सेवाओं को सीमा पार नहीं बेचा जा सकता।
- सार्वजनिक और निजी वस्तुएँ: समाज को लाभ पहुँचाती हैं, लेकिन अक्सर उपयोग शुल्क की आवश्यकता होती है।
- उच्च डूबी हुई लागत (High-Sunk Costs): एक बार निवेश कर दिए जाने के बाद, आधारभूत संरचना संबंधी परियोजनाओं में संसाधनों को, सफलता या विफलता के बावजूद, वापस नहीं पाया जा सकता।
- सार्वजनिक सेवा के रूप में आधारभूत अवसंरचना:
- गैर-प्रतिद्वंद्वी प्रकृति: एक व्यक्ति के उपभोग से दूसरों के लिये उपलब्धता कम नहीं होती है।
- मूल्य बहिष्करण: इन्हें शुद्ध सार्वजनिक वस्तुओं के विपरीत, भुगतान के आधार पर प्रदान किया जाता है।
- सामाजिक अवसंरचना: अवसंरचना में अस्पताल और स्कूल जैसी सामाजिक क्षेत्र की सुविधाएँ भी शामिल हैं, हालाँकि इनमें एकाधिकार संबंधी विशेषताएँ नहीं होती हैं।
आधारभूत अवसंरचना के विकास के लिये सरकार की पहल क्या हैं?
- PM गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (NMP): NMP में 44 केंद्रीय मंत्रालयों और 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया गया है।
- राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति: वर्ल्ड बैंक लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI) में भारत की रैंकिंग वर्ष 2018 के 44वें स्थान से 6 स्थान सुधरकर वर्ष 2023 में 139 देशों में 38वें स्थान पर पहुँच गई है।
- भारतमाला परियोजना: नवंबर, 2024 तक परियोजना के तहत कुल 18,926 किलोमीटर सड़कें पूरी हो चुकी हैं।
- प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना: वर्ष 2024-25 में 7,71,950 कि.मी सड़कें पूरी हुईं।
- क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS)- उड़ान: अब तक 619 RCS मार्गों पर परिचालन शुरू हो चुका है, जो 13 हेलीपोर्ट और 2 जल हवाई अड्डों सहित 88 हवाई अड्डों को आपस में जोड़ता हैं।
निष्कर्ष:
भारत के आधारभूत अवसंरचना के विकास में सड़क, रेलवे, नागरिक उड्डयन और शहरी मामलों में प्रगति के साथ उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। वित्तपोषण योजनाओं और परियोजना प्रस्तावों सहित सरकार की पहलों का उद्देश्य आधारभूत अवसंरचना को और बढ़ावा देना है, जिससे यह आर्थिक विकास और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिये महत्त्वपूर्ण बन सके।
दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न: प्रश्न: आधारभूत अवसंरचना का विकास भारत की समग्र सामाजिक-आर्थिक भलाई में किस प्रकार योगदान दे सकता है? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न भारत में "सार्वजनिक कुंजी अवसंरचना" शब्द का प्रयोग किसके संदर्भ में किया जाता है? (2020) (a) डिजिटल सुरक्षा अवसंरचना उत्तर: A प्रश्न: 'राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढाँचा कोष' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) मेन्सप्रश्न. “अधिक तीव्र और समावेशी आर्थिक विकास के लिये बुनियादी ढाँचे में निवेश आवश्यक है।” भारत के अनुभव के आलोक में चर्चा कीजिये। (2021) |