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भारतीय अर्थव्यवस्था

बुनियादी अवसंरचनाओं का ढहना

  • 19 Jul 2024
  • 8 min read

स्रोत: लाइव मिंट

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कई भौतिक बुनियादी अवसंरचना (Physical Infrastructures), जैसे बिहार में पुल तथा दिल्ली और गुजरात के राजकोट में हवाई अड्डे की छतरी संरचनाएँ ढह गईं।

भौतिक अवसंरचना के पतन के कारण क्या हैं?

  • प्राकृतिक कारण:
    • भारी वर्षा: लंबे समय तक और तीव्र वर्षा से मिट्टी संतृप्त हो सकती है तथा पुल जैसी संरचनाओं का भार बढ़ सकता है, जिससे पुल टूटने की संभावना हो सकती है।
      • बिहार के मामले में, नेपाल से आने वाले महत्त्वपूर्ण जल प्रवाह ने भी इस कारक में योगदान दिया है।
    • आपदाएँ: भूकंप जैसी आपदाएँ बुनियादी ढाँचे को कमज़ोर कर सकती हैं।
  • प्रशासनिक कारण:
    • भ्रष्टाचार: प्रशासन और निविदा आवंटन में भ्रष्टाचार परियोजनाओं के कार्यान्वयन तथा निगरानी से संबंधित प्रशासनिक विफलताओं का कारण बनता है।
    • प्रबंधन का मुद्दा: उचित रखरखाव, निगरानी और भीड़ के प्रबंधन के अभाव में बुनियादी अवसंरचना में विफलता होती है।
      • उदाहरण के लिये: मोरबी ब्रिज के ढहने का एक कारण नियमित रखरखाव और भीड़ प्रबंधन में विफलता थी।
  • प्रक्रियात्मक कारण: 
    • डिज़ाइन प्रोटोकॉल का पालन न करना: स्थापित इंजीनियरिंग डिज़ाइनों और सुरक्षा प्रोटोकॉल से विचलन संरचनात्मक कमज़ोरियों को जन्म दे सकता है।
    • खराब गुणवत्ता को नियंत्रण करना: निर्माण के दौरान निरीक्षणों की कमी और अपर्याप्त गुणवत्ता नियंत्रण उपायों के परिणामस्वरूप अनदेखी की गई खामियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे सुरक्षा से समझौता हो सकता है।
      • घटिया सामग्री के उपयोग से संरचनात्मक अखंडता काफी कमज़ोर हो सकती है, जिससे पर्यावरणीय तनावों को सहन करने की क्षमता कम हो सकती है।

ग्रामीण अवसंरचना निर्माण के लिये कौन-सी योजनाएँ हैं?

  • विधानसभा सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MLALAD):
    • यह केंद्र सरकार की योजना- MLALAD का राज्य संस्करण है।
    • इस योजना का उद्देश्य स्थानीय आवश्यकता आधारित बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना, सार्वजनिक उपयोगिता की परिसंपत्तियों का निर्माण करना तथा विकास में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करना है।
    • MLALAD कार्यक्रम प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए सीधे राज्य सरकार से धन उपलब्ध कराता है।
    • यद्यपि विधायकों और सांसदों को सीधे तौर पर धनराशि नहीं मिलती, लेकिन वे योजना के लिये परियोजनाओं की सिफारिश कर सकते हैं।
    • उनके द्वारा वित्तपोषित परियोजनाएँ आमतौर पर “टिकाऊ बुनियादी ढाँचे के कार्य” तक ही सीमित होती हैं, जिसमें सड़कों की मरम्मत से लेकर सामुदायिक केंद्रों का निर्माण शामिल होता है।
    • इस धनराशि का उपयोग कुछ राज्यों में प्राकृतिक आपदा राहत के लिये भी किया गया है, जैसा कि कोविड-19 के मामले में हुआ।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना:
    • इसे वर्ष 2000 में असंबद्ध बस्तियों तक बारहमासी सड़क के माध्यम से संपर्कता प्रदान करने के लिये शुरू किया गया था।
    • पात्रता: ग्रामीण आबादी की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने के लिये कोर नेटवर्क में निर्दिष्ट जनसंख्या आकार (2001 की जनगणना के अनुसार मैदानी क्षेत्रों में 500+ और पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों, रेगिस्तान तथा जनजातीय क्षेत्रों में 250+) की असंबद्ध बस्तियों को शामिल करना।
    • नवीनतम वित्तपोषण पैटर्न: पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में इस योजना के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं के संबंध में केंद्र सरकार परियोजना लागत का 90% वहन करती है, जबकि अन्य राज्यों के लिये केंद्र सरकार लागत का 60% वहन करती है।

भौतिक अवसंरचना निर्माण हेतु अन्य प्रमुख पहल:

आगे की राह

  • प्रशासनिक सुधार: इससे पारदर्शी प्रणाली के साथ परियोजनाओं की बेहतर निगरानी और कार्यान्वयन सुनिश्चित होगा।
  • आधुनिक इंजीनियरिंग पद्धतियों को अपनाना: उन्नत डिज़ाइन तकनीकों और सामग्रियों का उपयोग करें जो स्थायित्व को बढ़ाते हैं।
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP): अधिक निवेश लाने के लिये वित्तपोषण और विशेषज्ञता हेतु सरकार तथा निजी क्षेत्र के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना।
  • सख्त नियामक मानक: सामग्री और निर्माण प्रथाओं के लिये कठोर मानकों को लागू करना।
  • नियमित निरीक्षण: सुरक्षा और गुणवत्ता मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये लगातार मूल्यांकन करना।
  • लचीलापन योजना: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिये बुनियादी ढाँचे का डिज़ाइन तैयार करना।
  • क्षमता निर्माण: कौशल बढ़ाने के लिये इंजीनियरों, वास्तुकारों और निर्माण श्रमिकों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रमों में निवेश करना।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. भारत में सतत् आर्थिक विकास प्राप्त करने में आधारिक अवसंरचना के विकास की भूमिका का आकलन कीजिये। इस क्षेत्र के समक्ष कौन-सी प्रमुख चुनौतियाँ हैं?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स: 

प्रश्न. “तीव्रतर एवं समावेशी आर्थिक संवृद्धि के लिये आधारिक-अवसंरचना में निवेश आवश्यक है”। भारतीय अनुभव के परिप्रेक्ष्य में विवेचना कीजिये। (2021)

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