प्रिलिम्स फैक्ट्स (24 Jun, 2024)



नेशनल फॉरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर एन्हांसमेंट स्कीम

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय योजना "नेशनल फॉरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर एन्हांसमेंट स्कीम (NFIES)" के लिये गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।

नेशनल फॉरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर एन्हांसमेंट स्कीम क्या है?

  • परिचय:
  • परिव्यय और अवधि:
    • इस योजना का वर्ष 2024-25 से वर्ष 2028-29 की अवधि के दौरान कुल वित्तीय परिव्यय 2,254.43 करोड़ रुपए है।
  • संरचना:
    • देश में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के परिसरों की स्थापना।
    • देश में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना।
    • NFSU के दिल्ली परिसर के मौजूदा बुनियादी ढाँचे में बढ़ोतरी।
  • प्रमुख उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य प्रशिक्षित फोरेंसिक पेशेवरों की कमी को दूर करना, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की क्षमता और योग्यता को सुदृढ़ करना है।
    • समग्र देश में नई केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना का उद्देश्य मौजूदा फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में मामलों का बोझ और लंबित मामलों की सख्या को कम करना है।
      • नए आपराधिक कानूनों के अधिनियमन के तहत 7 वर्ष अथवा उससे अधिक की सज़ा वाले अपराधों के लिये फोरेंसिक जाँच को अनिवार्य किया गया है। ऐसे में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के कार्यभार में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।
    • यह योजना प्रौद्योगिकी में तीव्र प्रगति का लाभ उठाते हुए और अपराध के उभरते हुए स्वरूप तथा तरीकों को देखते हुए एक कुशल आपराधिक न्याय प्रक्रिया में उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षित फोरेंसिक पेशेवरों के महत्त्व को रेखांकित करती है।
    • इस योजना का उद्देश्य सरकार के 90 प्रतिशत से अधिक की उच्च दोषसिद्धि दर सुनिश्चित करने के लक्ष्य का समर्थन करना है।

भारत में नई आपराधिक विधि

राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU)

  • यह फोरेंसिक विज्ञान को समर्पित विश्व का पहला और एकमात्र विश्वविद्यालय है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 2009 में गुजरात फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के रूप में की गई थी और बाद में वर्ष 2020 में इसका नाम बदलकर NFSU कर दिया गया।
  • विश्वविद्यालय की स्थापना फोरेंसिक विज्ञान में पेशेवरों को प्रशिक्षित करने के लिये की गई थी और अब यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान है।
  • इसका मुख्य परिसर गुजरात के गांधीनगर में स्थित है।

फोरेंसिक विज्ञान

  • फोरेंसिक विज्ञान अपराधों की जाँच करने या न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने वाले साक्ष्य की जाँच करने के लिये वैज्ञानिक तरीकों या विशेषज्ञता का उपयोग है।
  • इसमें फिंगरप्रिंट और DNA विश्लेषण से लेकर नृविज्ञान तथा वन्यजीव फोरेंसिक तक विविध विषय शामिल हैं।
  • यह आपराधिक न्याय प्रणाली का एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है।
    • फोरेंसिक वैज्ञानिक अपराध स्थलों और अन्य स्थानों से साक्ष्यों की जाँच तथा विश्लेषण करके वस्तुनिष्ठ निष्कर्ष निकालते हैं, जिससे अपराध के अपराधियों की जाँच एवं अभियोजन में सहायता मिल सकती है या किसी निर्दोष व्यक्ति को संदेह से मुक्त किया जा सकता है।

और पढ़ें: आपराधिक न्याय प्रणाली, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. किसी व्यक्ति के जीवमितीय पहचान हेतु, अंगुली-छाप क्रमवीक्षण के अलावा, निम्नलिखित में से कौन-सा/से प्रयोग में लाया जा सकता है/लाए जा सकते हैं? (2014)

  1. परितारिका क्रमवीक्षण
  2. दृष्टिपटल क्रमवीक्षण
  3. वाक् अभिज्ञान

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये।

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

स्रोत: पी.आई.बी.

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये उर्वरक क्षेत्र के लिये ग्रीन अमोनिया का वार्षिक आवंटन 550,000 टन से बढ़ाकर 750,000 टन कर दिया है, जिससे भारत में ग्रीन हाइड्रोजन के लिये समर्थन बढ़ गया है।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (NGHM) क्या है?

  • भारत ने जनवरी 2023 में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (NGHM) लॉन्च किया।
  • नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) वर्ष 2030 तक देश में हरित हाइड्रोजन की उत्पादन क्षमता 5 मिलियन टन प्रतिवर्ष हासिल करने के लक्ष्य के साथ NGHM को क्रियान्वित कर रहा है।
  • NGHM के तहत भारत में हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के मिशन और कदमों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिये एक समर्पित पोर्टल लॉन्च किया गया।
  • भारत ने इस्पात, परिवहन और शिपिंग क्षेत्रों में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग के लिये योजना दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने भारत में नवाचार को बढ़ावा देने और हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिये हाइड्रोजन वैली इनोवेशन क्लस्टर की शुरुआत की है।

National_Green_Hydrogen_Mission

ग्रीन अमोनिया क्या है?

  • परिचय:
    • अमोनिया एक ऐसा रसायन है जिसका उपयोग मुख्य रूप से यूरिया तथा अमोनियम नाइट्रेट जैसे नाइट्रोजनयुक्त उर्वरकों के निर्माण में किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग अन्य उपयोगों जैसे कि इंजन संचालन के लिये भी किया जा सकता है। 
    • ग्रीन अमोनिया उत्पादन वह है जहाँ अमोनिया निर्माण की प्रक्रिया 100% नवीकरणीय एवं कार्बन मुक्त होती है।
  • उत्पादन की विधि:
    • यह जल के इलेक्ट्रोलिसिस से हाइड्रोजन एवं वायु से अलग नाइट्रोजन का उपयोग करके निर्मित किया जाता है। फिर इन्हें हेबर प्रक्रिया में डाला जाता है, जो सभी सतत् विद्युत द्वारा संचालित होते हैं।
      • हरित अमोनिया उत्पादन में जलविद्युत, सौर ऊर्जा अथवा पवन टर्बाइन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग किया जाता है।
    • हैबर प्रक्रिया में, हाइड्रोजन तथा नाइट्रोजन को उच्च तापमान एवं दबाव पर एक साथ प्रतिक्रिया करके अमोनिया (NH3) का उत्पादन किया जाता है।
  • उपयोग:
    • ऊर्जा भंडारण: अमोनिया को तरल रूप में आसानी से मध्यम दबाव (10-15 बार) पर या -33 डिग्री सेल्सियस पर रेफ्रिज़रेट करके बड़ी मात्रा में संग्रहित किया जा सकता है। यह इसे अक्षय ऊर्जा के लिये एक आदर्श रासायनिक भंडार बनाता है।
    • शून्य कार्बन ईंधन: अमोनिया को इंजन में जलाया जा सकता है या विद्युत उत्पादन के लिये ईंधन सेल में प्रयोग किया जा सकता है। जब इसका उपयोग किया जाता है, तब अमोनिया के केवल उप-उत्पाद जल एवं नाइट्रोजन होते हैं।
    • समुद्री उद्योग: समुद्री उद्योग द्वारा समुद्री इंजनों में ईंधन तेल के उपयोग को प्रतिस्थापित करते हुए इसे शीघ्र अपनाने की संभावना है।
  • महत्त्व:
    • हरित अमोनिया में भविष्य में जलवायु-तटस्थ परिवहन ईंधन बनने की क्षमता है और इसका उपयोग कार्बन-तटस्थ उर्वरक उत्पादों के उत्पादन में किया जाएगा, जो खाद्य आपूर्ति शृंखला को कार्बन-मुक्त करेगा।
    • विश्व की बढ़ती जनसंख्या के लिये CO2 मुक्त बिजली और पर्याप्त भोजन उत्पादन की तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये हरित अमोनिया आवश्यक है।

 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न: हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन "निकास" के रूप में निम्नलिखित में से एक का उत्पादन करते हैं: (2010)

(a) NH3 
(b) CH4 
(c) H2
(d) H2O2 

उत्तर: (c)


NASA में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करेगा अमेरिका

स्रोत: द हिंदू

राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (National Aeronautics and Space Administration- NASA) ने कहा है कि वह भारत के साथ सहयोग बढ़ाएगा, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station- ISS) पर एक संयुक्त परियोजना शामिल होगी जिसमें एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री भी शामिल होगा।

  • दोनों देशों ने मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग के लिये एक रणनीतिक रूपरेखा तैयार की है, जिसमें नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) अंतरिक्ष यात्रियों को उन्नत प्रशिक्षण देना शामिल होगा।
  • दोनों देश लूनर गेटवे कार्यक्रम में भारत की भागीदारी के लिये भी अवसर तलाश रहे हैं, जो अमेरिका के नेतृत्व में सहयोगात्मक आर्टेमिस कार्यक्रम का हिस्सा है।
  • अमेरिका और भारत नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar- NISAR) के प्रक्षेपण की भी तैयारी कर रहे हैं। यह एक संयुक्त रूप से विकसित उपग्रह है जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों के तहत हर 12 दिन में दो बार पृथ्वी की सतह का संपूर्ण मानचित्र तैयार करेगा।
  • महत्त्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (initiative on Critical and Emerging Technology- iCET) पर भारत-अमेरिका पहल मई 2022 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अर्द्धचालक, महत्त्वपूर्ण खनिज, उन्नत दूरसंचार और रक्षा क्षेत्र जैसी महत्त्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच अधिक सहयोग स्थापित करना है।
    • iCET संवाद 17 जून, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें अमेरिकी अंतरिक्ष बल ने भारतीय स्टार्टअप 114ai और 3rdiTech के साथ साझेदारी की।

और पढ़ें: NISAR मिशन


धारीदार सीसिलियन

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिज़र्व में तीव्र सरीसृप सर्वेक्षण के दौरान पहली बार धारीदार सीसिलियन (इचथियोफिस spp) नामक एक अंगहीन उभयचर की खोज की गई है।

  • सरीसृप और उभयचरों को सामूहिक रूप से हरपेटोफ़ौना कहा जाता है। सीसिलियन इचथियोफिडे परिवार से संबंधित हैं।
    • इसकी विशेषता इसका कृमि जैसा शरीर है। इनकी दृष्टि सीमित होती है और ये अपने परिवेश में घूमने के लिये मुख्य रूप से स्पर्श तथा गंध पर निर्भर रहते हैं।
    • वे अपना अधिकांश समय मिट्टी के नीचे बिताते हैं और मांसाहारी होते हैं।
    • उनकी उपस्थिति, उनके प्राचीन वंश के कारण विकास और अंतरमहाद्वीपीय प्रजाति-निर्माण के बारे में महत्त्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
    • वे पर्यावरण के लिये संकेतक प्रजातियाँ हैं और कीटों को नियंत्रित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान:

  • ब्रह्मपुत्र नदी और कार्बी (मिकिर) पहाड़ियों के बीच स्थित है।
  • इसे वर्ष 1974 में राष्ट्रीय उद्यान तथा वर्ष 1985 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
  • "5 बड़ी" प्रजातियाँ: गैंडा, बाघ, हाथी, जंगली जल भैंसा,और दलदली हिरण।
  • प्रमुख वनस्पति प्रकार: जलोढ़ जलमग्न घास के मैदान, उष्णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वन और उष्णकटिबंधीय अर्द्ध-सदाबहार वन।

और पढ़ें: काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, जलवायु परिवर्तन से उभयचरों को खतरा


ओडिशा ने हॉकी प्रायोजन को बढ़ाया

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में ओडिशा सरकार ने अपने हॉकी प्रायोजन को वर्ष 2036 तक बढ़ाने का फैसला किया है, जो वर्ष 1936 में ओडिशा के राज्य के रूप में गठन की शताब्दी का प्रतीक है।

  • ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (Odisha Mining Corporation Ltd- OMC) ने शुरू में वर्ष 2018 से 2023 तक हॉकी इंडिया को प्रायोजित करने की प्रतिबद्धता जताई थी, जिसे बाद में 2033 तक बढ़ा दिया गया।
  • अब ओडिशा सरकार ने इस प्रतिबद्धता में तीन वर्ष और जोड़ दिये हैं, जिससे यह वर्ष 2036 तक बढ़ गई है।
  • OMC ओडिशा में पूर्ण स्वामित्व वाली सरकारी निगम है जिसकी स्थापना वर्ष 1956 में हुई थी।
  • ओडिशा के मुख्यमंत्री ने 5 जनवरी, 2023 को राउरकेला में सबसे बड़े हॉकी स्टेडियमों में से एक बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम का उद्घाटन किया।
  • 29 अगस्त को भारत हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाता है।


डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

RBI ने डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म स्थापित करने के प्रस्ताव पर विचार करने के लिये ए.पी. होता (A.P. Hota) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, जो भुगतान धोखाधड़ी के जोखिम को कम करने हेतु उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करेगी।

  • मार्च 2024 को समाप्त छह महीनों में घरेलू भुगतान धोखाधड़ी 70.64% बढ़कर 2,604 करोड़ रुपए हो गई, मामलों की संख्या 11.5 लाख से बढ़कर 15.51 लाख हो गई।

अन्य प्रस्ताव:

  • थोक जमा सीमा बढ़ाई गई: RBI ने वाणिज्यिक बैंकों और लघु वित्त बैंकों के लिये थोक जमा की सीमा 2 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए करने की योजना बनाई है, जबकि स्थानीय क्षेत्र के बैंकों हेतु यह सीमा 1 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है।
    • यह बैंकों को उनकी आवश्यकताओं और परिसंपत्ति-देयता प्रबंधन (Asset-Liability Management- ALM) अनुमानों के आधार पर ब्याज दरें निर्धारित करने में लचीलापन भी प्रदान करता है।
  • स्वचालित ई-मैन्डेट: RBI ने ई-मैन्डेट ढाँचे के तहत फास्टैग और NCMC के लिये स्वचालित शेष राशि पुनःपूर्ति की अनुमति देने की योजना बनाई है, जिसमें 24 घंटे की पूर्व-डेबिट अधिसूचना की आवश्यकता से छूट दी गई है।
  • UPI लाइट ई-मैंडेट: RBI ने UPI लाइट को ई-मैंडेट ढाँचे में एकीकृत करने की योजना बनाई है, जिससे वॉलेट में शेष राशि उपयोगकर्त्ता द्वारा निर्धारित सीमा से कम हो जाने पर स्वचालित रूप से पुनः लोड हो जाएगा, जिससे अतिरिक्त प्रामाणीकरण या प्री-डेबिट नोटिफिकेशन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
  • निर्यात-आयात मानदंड: भारतीय रिज़र्व बैंक प्रक्रियाओं को सरल बनाने तथा इसमें शामिल सभी लोगों के लिये व्यापार को आसान बनाने हेतु वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात एवं आयात के नियमों को अद्यतन करने की योजना बना रहा है।

और पढ़ें: डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना