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शासन व्यवस्था

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

  • 06 Jan 2023
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

हरित हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा।

मेन्स के लिये:

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन और संबंधित चुनौतियाँ।

चर्चा में क्यों?

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, जिसकी लागत 19,744 करोड़ रुपए है, को मंज़ूरी दी है इसका उद्देश्य भारत को हरित हाइड्रोजन के उपयोग, उत्पादन और निर्यात के लिये 'वैश्विक केंद्र' बनाना है।

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राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन:  

  • परिचय: 
    • यह हरित हाइड्रोजन के व्यावसायिक उत्पादन को प्रोत्साहित करने और भारत को ईंधन का शुद्ध निर्यातक बनाने हेतु एक कार्यक्रम है।
    • यह मिशन हरित हाइड्रोजन मांग में वृद्धि लाने के साथ-साथ इसके उत्पादन, उपयोग और निर्यात को बढ़ावा देगा।
  • उप योजनाएँ: 
    • हरित हाइड्रोजन संक्रमण कार्यक्रम हेतु रणनीतिक हस्तक्षेप (Strategic Interventions for Green Hydrogen Transition Programme- SIGHT):
      • यह इलेक्ट्रोलाइज़र के घरेलू निर्माण को निधि प्रदान करेगा और हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा।  
    • हरित हाइड्रोजन हब: 
      • बड़े पैमाने पर उत्पादन और/या हाइड्रोजन के उपयोग का समर्थन करने में सक्षम राज्यों एवं क्षेत्रों को हरित हाइड्रोजन हब के रूप में पहचाना तथा विकसित किया जाएगा। 
  • उद्देश्य: 
    • वर्ष 2030 तक भारत में लगभग 125 GW (गीगावाट) की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विकसित करने के साथ-साथ प्रतिवर्ष कम-से-कम 5 MMT (मिलियन मीट्रिक टन) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता का विकास करना।
    • इसके तहत कुल 8 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश कर 6 लाख नौकरियाँ सृजित करना अपेक्षित है।
    • इसके अतिरिक्त इसके परिणामस्वरूप जीवाश्म ईंधन के आयात में 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की शुद्ध कमी के साथ-साथ वार्षिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगभग 50 मीट्रिक टन की कमी आएगी।
  • नोडल मंत्रालय:
    • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
  • महत्त्व: 
    • औद्योगिक, परिवहन और ऊर्जा क्षेत्रों का डीकार्बोनाइज़ेशन आयातित जीवाश्म ईंधन एवं फीडस्टॉक पर निर्भरता कम करने, घरेलू विनिर्माण क्षमता बढ़ाने, रोज़गार की संभावनाएँ पैदा करने तथा नई प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने में योगदान देगा।
  • क्षमता: 
    • भारत में हरित हाइड्रोजन के उत्पादन हेतु भौगोलिक स्थिति अनुकूल होने के साथ-साथ धूप और हवा की प्रचुर उपलब्धता है
    • हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों को उन क्षेत्रों में प्रोत्साहित किया जा रहा है जिन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विद्युतीकरण संभव नहीं है
    • इनमें से कुछ उद्योग लंबी दूरी की परिवहन के साधन, कुछ औद्योगिक तथा विद्युत क्षेत्र में उच्च भंडारण क्षमता वाले उपकरण शामिल हैं।
    • उच्च मूल्य वाले हरित उत्पादों और इंजीनियरिंग, क्रय एवं निर्माण सेवाओं के निर्यात के लिये क्षेत्रीय हब का विकास उद्योग के शुरुआती चरणों के कारण संभव है।

संबंधित चुनौतियाँ: 

  • विश्व स्तर पर नवीन साधन: 
    • विश्व स्तर पर हरित हाइड्रोजन का विकास अभी भी प्रारंभिक अवस्था में है, जबकि भारत एक प्रमुख उत्पादक होने का लक्ष्य निर्धारित कर सकता है, हालाँकि इन सभी मध्यस्थ कदमों को निष्पादित करने हेतु आवश्यक बुनियादी ढाँचा नहीं है। 
  • आर्थिक स्थिरता:  
    • हाइड्रोजन का व्यावसायिक रूप से उपयोग करने के लिये उद्योग द्वारा सामना की जाने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक हरित हाइड्रोजन उत्पादन की आर्थिक स्थिरता है।
    • परिवहन ईंधन शृंखला के लिये प्रति मील के आधार पर पारंपरिक ईंधन और प्रौद्योगिकियों के साथ हाइड्रोजन को लागत-प्रतिस्पर्द्धी होना चाहिये।

हरित हाइड्रोजन: 

  • परिचय: 
    • हाइड्रोजन प्रमुख औद्योगिक ईंधन है जिसके अमोनिया ( प्रमुख उर्वरक), स्टील, रिफाइनरियों और विद्युत उत्पादन सहित विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोग हैं।
    • हालाँकि इस प्रकार निर्मित सभी हाइड्रोजन को तथाकथित 'ब्लैक या ब्राउन' हाइड्रोजन कहा जाता है क्योंकि वे कोयले से उत्पन्न होते हैं।
    • हाइड्रोजन ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है लेकिन शुद्ध हाइड्रोजन की मात्रा अत्यंत ही कम है। यह लगभग हमेशा ऑक्सीजन के साथ H2O, अन्य यौगिकों में मौजूद होता है।
    • लेकिन जब विद्युत धारा जल से गुज़रती है, तो यह इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से इसे मूल ऑक्सीजन और हाइड्रोजन में खंडित करती है। यदि इस प्रक्रिया के लिये उपयोग की जाने वाली विद्युत का स्रोत, पवन या सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोत हैं तो इस प्रकार उत्पादित हाइड्रोजन को हरित हाइड्रोजन कहा जाता है।
    • हाइड्रोजन से जुड़े रंग हाइड्रोजन अणु को प्राप्त करने के लिये प्रयुक्त बिजली के स्रोत को इंगित करते हैं। उदाहरण के लिये यदि कोयले का उपयोग किया जाता है, तो इसे ब्राउन हाइड्रोजन कहा जाता है।
  • वर्तमान उत्पादन:
    • ग्रीन हाइड्रोजन वर्तमान में वैश्विक हाइड्रोजन उत्पादन का 1% से भी कम उत्पादन होने के कारण उपभोग हेतु अत्यधिक महँगा है।
    • एक किलोग्राम ब्लैक हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिये 0.9-1.5 अमेरिकी डॉलर खर्च होता है, जबकि ग्रे हाइड्रोजन की लागत 1.7-2.3 अमेरिकी डॉलर और ब्लू हाइड्रोजन की कीमत 1.3-3.6 अमेरिकी डालर तक हो सकती है। काउंसिल फॉर एनर्जी, एन्वायरनमेंट एंड वाटर 2020 के विश्लेषण के अनुसार, ग्रीन हाइड्रोजन की कीमत 3.5-5.5 डॉलर प्रति किलोग्राम है।
  • हरित हाइड्रोजन के उत्पादन की आवश्यकता:
    • प्रति यूनिट भार में उच्च ऊर्जा सामग्री के कारण हाइड्रोजन ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है, यही कारण है कि इसका उपयोग रॉकेट ईंधन के रूप में किया जाता है।
    • ग्रीन हाइड्रोजन विशेष रूप से शून्य उत्सर्जन के साथ ऊर्जा के सबसे स्वच्छ स्रोतों में से एक है। इसका उपयोग कारों के लिये ईंधन सेल के रूप में या उर्वरक और इस्पात निर्माण जैसे अत्यधिक ऊर्जा खपत वाले उद्योगों में किया जा सकता है।
    • दुनिया भर के देश हरित हाइड्रोजन क्षमता के निर्माण पर काम कर रहे हैं क्योंकि यह ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मदद कर सकता है।
    • हरित हाइड्रोजन वैश्विक चर्चा का विषय बन गया है, विशेष रूप से जब दुनिया अपने सबसे बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रही है और जलवायु परिवर्तन का खतरा वास्तविकता में बदल रहा है।

अक्षय ऊर्जा से संबंधित अन्य पहलें:

आगे की राह  

  • औद्योगिक हाइड्रोजन के अधिकतम उपभोगकर्त्ताओ को हरित हाइड्रोजन को अपनाने के लिये समझाने हेतु प्रोत्साहन की घोषणा करने की आवश्यकता है।
  • भारत को पाइपलाइनों, टैंकरों, मध्यवर्ती भंडारण और अंतिम चरण वितरण नेटवर्क के रूप में आपूर्ति शृंखला विकसित करने के साथ-साथ एक प्रभावी कौशल विकास कार्यक्रम संचालित करने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाखों श्रमिकों को व्यवहार्य हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के अनुकूल होने के लिये उपयुक्त रूप से प्रशिक्षित किया जा सके।
  • भारत में कम लागत वाले नवीकरणीय उत्पादन संयंत्रों का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन की लागत को कम करने की क्षमता तथा सौर एवं पवन रिवर्स नीलामी के माध्यम से प्राप्त लागत में कटौती की जा सकती है।
    • युवा जनसांख्यिकी और संपन्न अर्थव्यवस्था के कारण विशाल बाज़ार क्षमता, हाइड्रोजन-आधारित प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग को आगे बढ़ाते हुए सरकार के लिये दीर्घकालिक रूप से लाभप्रद होगी। 

इन्फोग्राफिक: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन "निकास" के रूप में निम्नलिखित में से एक का उत्पादन करते हैं: (2010)

(a) NH3 
(b) CH4 
(c) H2O 
(d) H2O2 

उत्तर: c

व्याख्या:

  • ईंधन सेल एक उपकरण है जो रासायनिक ऊर्जा (आणविक बंधनों में संग्रहीत ऊर्जा) को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
  • यह ईंधन के रूप में हाइड्रोजन गैस (H2) और ऑक्सीजन गैस (O2) का उपयोग करता है एवं सेल में अभिक्रिया के उपरांत उत्पाद जल (H2O), विद्युत और ऊष्मा हैं।
  • यह आंतरिक दहन इंजन, कोयला जलाने वाले विद्युत संयंत्रों और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में एक बड़ा सुधार है, जो सभी हानिकारक उपोत्पाद पैदा करते हैं।

अतः विकल्प (c) सही है।

स्रोत: द हिंदू

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