US एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा US एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) की विदेशी सहायता पर 90 दिनों की रोक लगा दी गई है, जिससे विश्व भर में इसके कार्यक्रम प्रभावित होंगे।
- इसके अतिरिक्त अमेरिका ने घोषणा की है कि वह दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में वर्ष 2025 में होने वाली G20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग नहीं लेगा।
US एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट क्या है?
- परिचय: USAID वैश्विक मानवीय और विकास सहायता के लिये प्राथमिक अमेरिकी एजेंसी है।
- समर्थन: वर्ष 2024 में USAID को 44.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर आवंटित किये गए जो कुल अमेरिकी संघीय बजट का केवल 0.4% है लेकिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा ट्रैक की गई सभी मानवीय सहायता का 42% हिस्सा है।
- USAID द्वारा विश्व भर में स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सहायता एवं आपदा राहत को वित्तपोषित किया जाता है।
- इसके तहत शीर्ष प्राप्तकर्त्ताओं में यूक्रेन, इथियोपिया, जॉर्डन, सोमालिया और अफगानिस्तान शामिल हैं।
- USAID और भारत: USAID के साथ भारत का सहयोग वर्ष 1951 में भारत आपातकालीन खाद्य सहायता अधिनियम के साथ शुरू हुआ, जो खाद्य सहायता से लेकर बुनियादी ढाँचे, क्षमता निर्माण एवं आर्थिक सुधारों के रूप में कई दशकों तक विकसित हुआ।
- यह एजेंसी शिक्षा, टीकाकरण, पोलियो उन्मूलन और HIV (ह्यूमन इम्यूनोडिफिसिएंसी वायरस)/क्षय रोग (टीबी) की रोकथाम में सहयोग कर रही है।
- ऐसा कहा जाता है कि पिछले दशक में भारत को USAID से लगभग 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए हैं (जो USAID के कुल वैश्विक वित्तपोषण का लगभग 0.2% से 0.4% है)।
भारत के लिये इसके क्या निहितार्थ हैं?
- ग्लोबल साउथ में भारत की भूमिका: भारत ने स्वयं को ग्लोबल नाॅर्थ और ग्लोबल साउथ के बीच एक सेतु के रूप में स्थापित किया है तथा यह G20 में अपनी बढ़ती स्थिति से लाभान्वित हो रहा है।
- चीन और रूस: यदि अमेरिका G20 में अपनी भूमिका कम कर देता है तो चीन और रूस अपना प्रभाव बढ़ा सकते हैं, जिससे वैश्विक आर्थिक गतिशीलता में संभावित रूप से बदलाव आने के साथ चीन की बढ़ती शक्ति के बीच इसमें भारत की स्थिति कमज़ोर हो सकती है।
- स्वास्थ्य सेवा: यद्यपि भारत को दी जाने वाली प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता में कमी आई है फिर भी USAID का योगदान वर्ष 2024 में 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया।
- स्थायी वित्तपोषण कटौती से भारत के टीकाकरण कार्यक्रम, संक्रामक रोग नियंत्रण एवं चिकित्सा बुनियादी ढाँचे पर प्रभाव पड़ सकता है।
- भारत को स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं शासन परियोजनाओं को बनाए रखने के क्रम में घरेलू निधियों को पुनर्निर्देशित करने की आवश्यकता हो सकती है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न: निम्नलिखित में से किस एक समूह के चारों देश G20 के सदस्य हैं? (2020) (a) अर्जेंटीना, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की उत्तर: (a) |
कश्मीर घाटी में यूरेशियन ओटर
स्रोत: बिज़नेस लाइन
यूरेशियन ओटर को 25 वर्षों में पहली बार लाइव डॉक्यूमेंटेशन के साथ गुरेज़ घाटी (कश्मीर) में देखा गया है।
- इसे किशनगंगा नदी ( कृष्णसर झील, गांदरबल ज़िला (जम्मू-कश्मीर) से निकलने वाली ) में मछलियाँ खाते हुए देखा गया।
- यह नदी PoK में प्रवेश करने से पहले कश्मीर की तुलैल और गुरेज घाटियों से होकर उत्तर की ओर बहती है।
यूरेशियन ओटर के बारे में:
- परिचय: ओटर मस्टेलिडे नामक स्तनधारी परिवार के सदस्य हैं और खारे तथा मीठे जल दोनों में रहते हैं।
- जम्मू-कश्मीर में, उन्हें स्थानीय रूप से वोदुर के नाम से जाना जाता है और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
- ओटर मुख्य रूप से सुबह और शाम (Crepuscular) के समय सक्रिय होते हैं।
- प्राकृतिक वास: हिमालय, पूर्वोत्तर भारत और पश्चिमी घाट में पाया जाता है।
- माँसाहारी आहार: मछली, क्रस्टेशियन, उभयचर और कभी-कभी सरीसृप, पक्षी, अंडे, कीड़े और कृमि खाते हैं।
- संरक्षण स्थिति: निकट संकटग्रस्त (IUCN), अनुसूची I (वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972), परिशिष्ट I (CITES)।
- भारत में अन्य ओटर प्रजातियाँ: स्मूथ-कोटेड ओटर (संपूर्ण भारत में), और स्माल-क्लावेड ओटर (हिमालय और दक्षिणी भारत में)।
और पढ़ें: फिशिंग कैट एंड ओटर
तारानाकी मौंगा माउंटेन को कानूनी व्यक्तित्व प्राप्त हुआ
स्रोत: डाउन टू अर्थ
न्यूज़ीलैंड के दूसरे सबसे ऊँचे माउंटेन तारानाकी मौंगा को कानूनी व्यक्तित्व प्रदान किया गया, जो यह दर्जा प्राप्त करने वाला देश का तीसरा प्राकृतिक स्थल (वर्ष 2014 में ते उरेवेरा पार्क और वर्ष 2017 में वांगानुई नदी के बाद) बन गया।
- अब इसे औपनिवेशिक नाम माउंट एग्मोंट की जगह आधिकारिक तौर पर इसके माओरी नाम से जाना जाएगा।
- माओरी न्यूज़ीलैंड की मूल जनजातियाँ (इवी) हैं।
माउंट तरानाकी के बारे में:
- प्रकार: सममित आकार वाला स्ट्रैटोवोलकानो (संयुक्त शंकु)।
- गठन: प्रशांत प्लेट के ऑस्ट्रेलियाई प्लेट के नीचे क्षेपण (Subducting) का परिणाम।
- स्थिति: बर्फ से ढका हुआ सुषुप्त ज्वालामुखी।
- दक्षिणी आल्प्स में स्थित एओराकी/माउंट कुक (3724 मीटर) न्यूज़ीलैंड का सबसे ऊँचा पर्वत है, जबकि माउंट तस्मान (3,497 मीटर) दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है।
भारत में प्राकृतिक संस्थाओं के कानूनी अधिकार:
- उत्तराखंड उच्च न्यायालय (वर्ष 2017 और वर्ष 2018): गंगा और यमुना नदियों, गंगोत्री और यमुनोत्री ग्लेशियरों को कानूनी व्यक्तित्व प्रदान किया गया, तथा बाद में सभी जानवरों को समान अधिकार प्रदान किये गये। सर्वोच्च न्यायालय ने नदी संबंधी निर्णय पर रोक लगा दी।
- पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (वर्ष 2020): पर्यावरण संरक्षण के लिये सुखना झील, चंडीगढ़ को एक जीवित इकाई घोषित किया गया।
- पैरेंस पैट्रिया का सिद्धांत राज्य (न्यायपालिका) को उन लोगों के लिये संरक्षक के रूप में कार्य करने का अधिकार देता है जो स्वयं की रक्षा करने में असमर्थ हैं, जिनमें नदियाँ, वन और वन्यजीव जैसी प्राकृतिक संस्थाएँ शामिल हैं।
अधिक पढ़ें: मानवाधिकार और पर्यावरण
स्वावलंबिनी
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने नीति आयोग के सहयोग से असम, मेघालय और मिज़ोरम में “स्वावलंबिनी” योजना की शुरूआत की।
स्वावलंबिनी क्या है?
- परिचय: स्वावलंबिनी एक महिला उद्यमिता कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) में महिलाओं को उद्यमी मानसिकता, संसाधन और व्यावसायिक सफलता हेतु मार्गदर्शन प्रदान करके सशक्त बनाना है।
- कार्यक्रम संरचना: MSDE ने भारतीय उद्यमिता संस्थान (IIE), गुवाहाटी और नीति आयोग के सहयोग से उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम (EAP), महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP), फैकल्टी विकास कार्यक्रम (FDP) एवं वित्तपोषण सहित एक चरण-वार उद्यमशीलता प्रक्रिया की शुरूआत की।
- इसके तहत सफल उद्यमों को मान्यता देना एवं पुरस्कृत करना शामिल है जिससे अन्य को प्रेरणा मिलने के साथ भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को आगे बढ़ाने के लिये एक स्पष्ट ढाँचा स्थापित होगा।
- अपेक्षित परिणाम: 10% EDP प्रशिक्षुओं द्वारा सफल व्यवसाय प्रारंभ करने की उम्मीद है।
- उच्च शिक्षा संस्थानों में उद्यमशीलता की संस्कृति को मज़बूत करना, महिलाओं के लिये व्यवसाय सृजन को एक व्यवहार्य कॅरियर मार्ग बनाना। भारत के आर्थिक परिवर्तन के प्रमुख चालक के रूप में महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को बढ़ावा देना।
स्वावलंबिनी राष्ट्रीय नीतियों के साथ किस प्रकार संरेखित है?
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 : कौशल एकीकरण, उद्योग सहयोग और उद्यमिता-संचालित शिक्षा को बढ़ावा देती है।
- स्वावलंबिनी महिला उद्यमियों के लिये वित्तीय और परामर्श सहायता सुनिश्चित करके इस पर काम करती है।
- महिला उद्यमिता योजनाएँ: स्वावलंबिनी स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, PM मुद्रा योजना और महिला उद्यमिता मंच जैसी पहलों को मज़बूत करती है।
- स्वावलंबिनी केंद्रीय बजट 2025 के अनुरूप है, जिसमें 10,000 करोड़ रुपए के स्टार्ट-अप फंड की शुरुआत की गई है और पहले पाँच वर्षों के लिये स्टार्ट-अप लाभांश पर 100% कर छूट दी गई है, जिससे उभरते महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों के लिये महत्त्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
भारत में महिला उद्यमिता परिदृश्य
- भारत में कुल MSME: 63 मिलियन से अधिक, महिला स्वामित्व वाले MSME 20% (12.39 मिलियन)।
- रोजगार योगदान: महिलाओं के नेतृत्व वाले MSME 22-27 मिलियन लोगों को रोज़गार प्रदान करते हैं।
- महिला उद्यमिता में भारत का स्थान: महिला उद्यमिता पर मास्टरकार्ड सूचकांक (MIWE) 2021 में भारत वर्तमान में 65 देशों में से 57 वें स्थान पर है।
- वैश्विक उद्यमिता एवं विकास संस्थान के अनुसार, वैश्विक महिला उद्यमिता सूचकांक (FEI) में भारत का स्थान 77 देशों में 70वाँ है।
- महिला-नेतृत्व वाले MSME में सर्वाधिक भागीदारी वाले शीर्ष राज्य: पश्चिम बंगाल (23.42%), तमिलनाडु (10.37%), तेलंगाना (7.85%), कर्नाटक (7.56%), और आंध्र प्रदेश (6.76%)।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. जोखिम पूंजी से क्या तात्पर्य है? (2014) (a) उद्योगों को उपलब्ध कराई गई अल्पकालिक पूंजी उत्तर: (b) प्रश्न. 'स्टैंड अप इंडिया स्कीम' के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न. प्रधानमंत्री MUDRA योजना का लक्ष्य क्या है? (2016) (a) लघु उद्यमियों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाना उत्तर: (a) |
100 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता
स्रोत: पी.आई.बी.
भारत ने 100 गीगावाट की संस्थापित सौर क्षमता की ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की, जो वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता के अपने महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- सौर क्षमता में वृद्धि: विगत दशक में इसमें 35 गुना वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2014 में 2.82 गीगावाट से बढ़कर वर्ष 2025 में 100 गीगावाट हो गई है।
- सौर और हाइब्रिड परियोजनाओं की कुल क्षमता 296.59 गीगावाट है।
- पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत आवासों की छतों पर 9 लाख रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन किये गए।
- जलवायु लक्ष्यों में सौर ऊर्जा का योगदान: सौर ऊर्जा का भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 47% का योगदान है।
- रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन वाले शीर्ष राज्य: राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश।
- विनिर्माण में वृद्धि: सौर मॉड्यूल उत्पादन क्षमता वर्ष 2014 में 2 गीगावाट थी जो वर्ष 2024 में बढ़कर 60 गीगावाट हो गई।
और पढ़ें: सौर ऊर्जा क्षेत्र में प्रभुत्व प्राप्त करने हेतु भारत के प्रयास
BIMSTEC युवा शिखर सम्मेलन 2025
स्रोत: पी.आई.बी.
गुजरात के गांधीनगर में पहली बार बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल (BIMSTEC) युवा शिखर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन किया गया, इस कार्यक्रम में कौशल विकास, उद्यमिता और क्षेत्रीय सहयोग पर बल दिया गया।
शिखर सम्मेलन की मुख्य बातें:
- विषय: "अंतर-बिम्सटेक आदान-प्रदान के लिये युवा एक सेतु के रूप में।"
- युवा-केंद्रित फोकस: इस शिखर सम्मेलन में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि BIMSTEC की 1.8 बिलियन जनसंख्या में 60% से अधिक युवा हैं, जो क्षेत्रीय विकास में इनकी भूमिका को रेखांकित करता है।
- उन्होंने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य पर प्रकाश डाला तथा युवाओं की भागीदारी पर बल दिया।
- स्टार्टअप नेटवर्क: भारत ने नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये BIMSTEC-व्यापी स्टार्टअप नेटवर्क का प्रस्ताव रखा।
- BIMSTEC: BIMSTEC एक क्षेत्रीय संगठन है जिसमें भारत, बांग्लादेश, म्याँमार, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं।
- यह बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में सहयोग को मज़बूत करते हुए जलवायु परिवर्तन, गरीबी और स्थिरता से निपटता है।
- युवा सशक्तीकरण के लिये भारत की प्रतिबद्धता: भारत के कौशल भारत मिशन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और PM इंटर्नशिप योजना ने 15 मिलियन युवाओं को AI, रोबोटिक्स और डिजिटल प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित किया है।
- भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम विश्व का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम है, जिसमें 157,000 स्टार्टअप हैं, जिनमें से लगभग आधे महिलाओं के नेतृत्व में हैं।
और पढ़ें: बिम्सटेक चार्टर