प्रारंभिक परीक्षा
CITES स्थायी समिति की बैठक
- 17 Nov 2023
- 11 min read
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में वन्य जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora- CITES) की स्थायी समिति की 77वीं बैठक संपन्न हुई जिससे भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में आशाजनक विकास की संभावना है।
भारत के दृष्टिकोण से बैठक के प्रमुख परिणाम क्या हैं?
- रेड सैंडर्स के लिये महत्त्वपूर्ण व्यापार की समीक्षा (RST) से हटाना: भारत वर्ष 2004 से रेड सैंडर्स के लिये महत्त्वपूर्ण व्यापार की समीक्षा (RST) प्रक्रिया के अधीन था।
- यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से CITES स्थायी समिति किसी देश से किसी प्रजाति के निर्यात पर जाँच बढ़ाती है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कन्वेंशन ठीक से लागू किया जा रहा है या नहीं।
- अनुपालन और मज़बूत रिपोर्टिंग के कारण भारत को इस प्रक्रिया से हटा दिया गया है, जो देश के रेड सैंडर्स उत्पादकों के लिये एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
- रेड सैंडर्स (टेरोकार्पस सैंटालिनस), आंध्र प्रदेश के विशिष्ट ज़िलों में पाई जाने वाली एक वृक्ष प्रजाति है, जिसका बाज़ार मूल्य बहुत अधिक है और इसे अवैध कटाई तथा तस्करी के कारण खतरों का सामना करना पड़ा है।
- CITES राष्ट्रीय विधान कार्यक्रम में भारत की श्रेणी: हाल की बैठक में भारत को श्रेणी 1 में रखने का निर्णय लिया गया क्योंकि इसने CITES राष्ट्रीय विधान कार्यक्रम की आवश्यकताओं का पूरी तरह से अनुपालन किया था।
- CITES प्रावधान करता है कि प्रत्येक पार्टी CITES प्रावधानों को समायोजित करने के लिये अपने राष्ट्रीय कानून को संरेखित करे। पहले भारत को CITES राष्ट्रीय विधान कार्यक्रम के लिये श्रेणी 2 में सूचीबद्ध किया गया था।
- इसलिये वन्यजीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 को वर्ष 2022 में संशोधित किया गया, जिसमें CITES के प्रावधानों को अधिनियम में शामिल किया गया।
- बड़ी बिल्लियों के संरक्षण का आह्वान: भारत ने बड़ी बिल्लियों, विशेष रूप से एशियाई बड़ी बिल्लियों के लिये कड़े संरक्षण उपायों का समर्थन किया, अन्य देशों और हितधारकों से उनके संरक्षण के लिये इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) में शामिल होने का आग्रह किया, जिसे अप्रैल 2023 में भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया था।
CITES क्या है?
- परिचय:
- CITES, सरकारों के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वन्यजीवों और पौधों की प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से प्रजातियों के अस्तित्व को खतरा उत्पन्न न हो।
- वर्तमान में CITES में 184 सदस्य हैं।
- इसका पहला सम्मेलन वर्ष 1975 में हुआ और भारत वर्ष 1976 में 25वाँ भागीदार देश बन गया।
- CITES, सरकारों के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वन्यजीवों और पौधों की प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से प्रजातियों के अस्तित्व को खतरा उत्पन्न न हो।
- प्रवर्तनीयता:
- यद्यपि CITES पार्टियों पर कानूनी रूप से बाध्यकारी है, दूसरे शब्दों में इन पार्टियों के लिये कन्वेंशन को लागू करना बाध्यकारी है लेकिन यह राष्ट्रीय कानूनों की जगह नहीं लेता।
- इसका मतलब यह है कि इसे तब तक पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सकता जब तक कि उस उद्देश्य के लिये विशिष्ट घरेलू उपाय नहीं अपनाए जाते।
- इसलिये यह आवश्यक है कि CITES पार्टियों के पास कन्वेंशन के सभी पहलुओं को लागू करने और इसकी अनुमति देने वाला कानून हो।
- CITES राष्ट्रीय विधान कार्यक्रम:
- राष्ट्रीय कानूनों को CITES राष्ट्रीय विधान कार्यक्रम के तहत इन सभी न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करना होगा:
- एक प्रबंधन प्राधिकरण और एक वैज्ञानिक प्राधिकरण नामित करना।
- कन्वेंशन का उल्लंघन करने वाले व्यापार पर रोक लगाना।
- ऐसे अवैध व्यापार को दंडित करना।
- अवैध रूप से व्यापार किये गए या रखे गए नमूनों को ज़ब्त करना।
- संबंधित पक्ष से परामर्श करने के बाद CITES सचिवालय इन मानदंडों से संबंधित राष्ट्रीय कानून का आकलन करता है और इसे तीन श्रेणियों में से एक में वर्गीकृत करता है:
- श्रेणी 1: आमतौर पर CITES कार्यान्वयन आवश्यकताओं को पूरा करने वाला विधान।
- श्रेणी 2: विधान, आमतौर पर सभी CITES कार्यान्वयन आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है।
- श्रेणी 3: विधान, आमतौर पर CITES कार्यान्वयन आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है।
- राष्ट्रीय कानूनों को CITES राष्ट्रीय विधान कार्यक्रम के तहत इन सभी न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करना होगा:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. समाचारों में कभी-कभी दिखाई देने वाले 'रेड सैंडर्स' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) व्याख्या:
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है। प्रश्न. प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN) तथा वन्य प्राणिजात एवं वनस्पतिजात की संकटापन्न स्पीशीज़ के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (CITES) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (A) केवल 1 उत्तर: (B) व्याख्या:
|