सामाजिक न्याय
पोलियो उन्मूलन
- 20 Oct 2022
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:पोलियो, संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्य मेन्स के लिये:पोलियो और इसे खत्म करने की पहल, सरकारी नीतियाँ एवं हस्तक्षेप, |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वैश्विक नेताओं ने बर्लिन में हुए विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन में पोलियो उन्मूलन हेतु ‘वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल’ (GPEI) 2022-2026 रणनीति के लिये 2.6 बिलियन अमेरिकी डाॅलर के वित्तपोषण की पुष्टि की।
विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन (WHS):
- डब्ल्यूएचएस एक अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य सम्मेलन है।
- डब्ल्यूएचएस 2022 का उद्देश्य आदान-प्रदान को मज़बूत करना, स्वास्थ्य चुनौतियों के अभिनव समाधानों को प्रोत्साहित करना, वैश्विक स्वास्थ्य को एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दे के रूप में स्थापित करना तथा संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों की भावना में वैश्विक स्वास्थ्य पर बातचीत को बढ़ावा देना है।
पोलियो:
- परिचय:
- पोलियो अपंगता का कारक और एक संभावित घातक वायरल संक्रामक रोग है जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।
- प्रतिरक्षात्मक रूप से मुख्यतः पोलियो वायरस के तीन अलग-अलग उपभेद हैं:
- वाइल्ड पोलियो वायरस 1 (WPV1)
- वाइल्ड पोलियो वायरस 2 (WPV2)
- वाइल्ड पोलियो वायरस 3 (WPV3)
- लक्षणात्मक रूप से तीनों उपभेद समान होते हैं और पक्षाघात तथा मृत्यु का कारण बन सकते हैं।
- हालाँकि इनमें आनुवंशिक और वायरोलॉजिकल अंतर पाया जाता है, जो इन तीन उपभेदों के अलग-अलग वायरस बनाते हैं, जिन्हें प्रत्येक को एकल रूप से समाप्त किया जाना आवश्यक होता है।
- प्रसार:
- यह वायरस मुख्य रूप से ‘मलाशय-मुख मार्ग’ (Faecal-Oral Route) के माध्यम से या दूषित पानी अथवा भोजन के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।।
- यह मुख्यतः 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। आंँत में वायरस की संख्या में बढ़ोतरी होती, जहाँ से यह तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण कर सकता है और पक्षाघात का कारण बन सकता है।
- लक्षण:
- पोलियो से पीड़ित अधिकांश लोग बीमार महसूस नहीं करते हैं। कुछ लोगों में केवल मामूली लक्षण जैसे- बुखार, थकान, जी मिचलाना, सिरदर्द, हाथ-पैर में दर्द आदि देखने को मिलता है।
- दुर्लभ मामलों में पोलियो संक्रमण के कारण मांँसपेशियों में पक्षाघात होता है।
- यदि साँस लेने के लिये उपयोग की जाने वाली मांँसपेशियाँ लकवाग्रस्त हो जाएँ या मस्तिष्क में कोई संक्रमण हो जाए तो पोलियो घातक हो सकता है।
- रोकथाम और इलाज:
- इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन टीकाकरण से इसे रोका जा सकता है।
- टीकाकरण:
- ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV): यह संस्थागत प्रसव के दौरान जन्म के समय ही दी जाती है, उसके बाद पहली तीन खुराक 6, 10 और 14 सप्ताह में तथा एक बूस्टर खुराक 16-24 महीने की उम्र में दी जाती है।
- इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन (IPV): इसे सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) के तहत DPT (डिप्थीरिया, पर्टुसिस और टेटनस) की तीसरी खुराक के साथ एक अतिरिक्त खुराक के रूप में दिया जाता है।
- भारत और पोलियो:
- तीन वर्ष के दौरान शून्य मामलों के बाद भारत को वर्ष 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा पोलियो-मुक्त प्रमाणन प्राप्त हुआ।
- यह उपलब्धि उस सफल पल्स पोलियो अभियान के बाद प्राप्त हुई जिसमें सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई थी।
- देश में वाइल्ड पोलियो वायरस के कारण अंतिम मामला 13 जनवरी, 2011 को देखा गया था।
- तीन वर्ष के दौरान शून्य मामलों के बाद भारत को वर्ष 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा पोलियो-मुक्त प्रमाणन प्राप्त हुआ।
पोलियो उन्मूलन उपाय:
वैश्विक:
- वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल:
- इसे वर्ष 1988 में वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (GPEI) के तहत राष्ट्रीय सरकारों और WHO द्वारा शुरू किया गया था। वर्तमान में विश्व की 80% आबादी पोलियो मुक्त है।
- पोलियो टीकाकरण गतिविधियों के दौरान विटामिन A के व्यवस्थित प्रबंधन के माध्यम से अनुमानित 1.5 मिलियन नवजातों की मौतों को रोका गया है।
- इसे वर्ष 1988 में वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (GPEI) के तहत राष्ट्रीय सरकारों और WHO द्वारा शुरू किया गया था। वर्तमान में विश्व की 80% आबादी पोलियो मुक्त है।
- विश्व पोलियो दिवस:
- यह प्रत्येक वर्ष 24 अक्तूबर को मनाया जाता है ताकि देशों को बीमारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में सतर्क रहने का आह्वान किया जा सके।
भारत:
- पल्स पोलियो कार्यक्रम:
- इसे ओरल पोलियो वैक्सीन के अंतर्गत शत्-प्रतिशत कवरेज प्राप्त करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
- सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0:
- यह पल्स पोलियो कार्यक्रम (वर्ष 2019-20) के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुरू किया गया एक राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान था।
- सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम:
- इसे वर्ष 1985 में 'प्रतिरक्षण के विस्तारित कार्यक्रम’ (Expanded Programme of Immunization) में संशोधन के साथ शुरू किया गया था।
- इस कार्यक्रम के उद्देश्य:
- टीकाकरण कवरेज में तेज़ी से वृद्धि
- सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार
- स्वास्थ्य सुविधा स्तर पर एक विश्वसनीय कोल्ड चेन सिस्टम की स्थापना
- जिलेवार प्रदर्शन की निगरानी के लिये तंत्र बनाना
- वैक्सीन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना आदि शामिल हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया मिशन इंद्रधनुष' किससे संबंधित है? (2016) (a) बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण उत्तर: A व्याख्या:
अतः विकल्प A सही है। |