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सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0

  • 15 Feb 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम, मिशन इंद्रधनुष, सघन मिशन इंद्रधनुष।

मेन्स के लिये:

स्वास्थ्य, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, टीकाकरण कार्यक्रम।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने वर्चुअल माध्यम से ‘सघन मिशन इंद्रधनुष’ (IMI) 4.0 लॉन्च किया है।

  • भारत विश्व स्तर पर सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम का क्रियान्वयन कर रहा है, जिसके तहत सालाना तीन करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं और 2.6 करोड़ बच्चों को सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) के माध्यम से कवर किया जाना है।

सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 के विषय में

  • यह सुनिश्चित करेगा कि नियमित टीकाकरण (RI) सेवाएँ बिना टीकाकरण वाले और आंशिक रूप से टीकाकरण वाले बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं तक पहुँचें।
    • इस अभियान में दो वर्ष तक के बच्चों को शामिल किया जाएगा।
  • यद्यपि कोविड-19 महामारी के कारण नियमित टीकाकरण की गति धीमी हो गई है, सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 इस अंतराल को कम करने और सार्वभौमिक टीकाकरण की दिशा में स्थायी लाभ प्रदान करने में काफी योगदान देगा।
  • सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तहत तीन चरणों को 416 ज़िलों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें 33 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत चिह्नित 75 ज़िले भी शामिल हैं।
    • इन ज़िलों की पहचान नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 रिपोर्ट, स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (HMIS) के आँकड़ों और टीके से बचाव योग्य बीमारियों के बोझ के अनुसार टीकाकरण कवरेज के आधार पर की गई है। 

सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम:

  • भारत में टीकाकरण कार्यक्रम को वर्ष 1978 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 'प्रतिरक्षण के विस्तारित कार्यक्रम (EPI)' के रूप में प्रस्तुत किया गया था।
  • वर्ष 1985 में कार्यक्रम को 'सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम (UIP)' के रूप में संशोधित किया गया था। UIP वैक्सीन-रोकथाम योग्य 12 बीमारियों के खिलाफ बच्चों और गर्भवती महिलाओं में मृत्यु दर तथा रुग्णता को रोकती है। 
    • अतीत में यह देखा गया कि प्रतिरक्षण कवरेज में वृद्धि की दर धीमी हो गई और वर्ष 2009 से वर्ष 2013 के बीच इसमें प्रतिवर्ष 1% की दर से वृद्धि देखी गई थी।
  • कवरेज में तेज़ी लाने के लिये मिशन इंद्रधनुष की परिकल्पना की गई थी तथा इसका कार्यान्वयन वर्ष 2015 से किया गया था ताकि पूर्ण टीकाकरण कवरेज़ को 90% तक बढ़ाया जा सके।

मिशन इंद्रधनुष (MI):

  • इसके तहत 89 लाख से अधिक बच्चों को पूरी तरह से प्रतिरक्षित किया जाना है जिनका UIP के तहत आंशिक रूप से टीकाकरण हुआ है या जो टीकाकरण से छूट गए हैं।
  • मिशन इंद्रधनुष में 12 वैक्सीन-प्रिवेंटेबल डिज़ीज़ (Vaccine-Preventable Diseases- VPD) के खिलाफ टीकाकरण शामिल है जिनमें डिफ्थीरिया (Diphtheria), काली खांँसी (Whooping Cough), टेटनस (Tetanus), पोलियो (Polio), क्षय (Tuberculosis), हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis B), मैनिन्जाइटिस (Meningitis), निमोनिया (Pneumonia), हेमोफिलस इन्फ्लुएंज़ा टाइप बी संक्रमण (Haemophilus Influenzae Type B Infections), जापानी एनसेफेलाइटिस(Japanese Encephalitis), रोटावायरस वैक्सीन (Rotavirus Vaccine), न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (Pneumococcal Conjugate Vaccine) और खसरा-रूबेला (Measles-Rubella) शामिल हैं।
    • हालाँकि जापानी एनसेफेलाइटिस और हीमोफिलस इन्फ्लुएंज़ा टाइप बी के खिलाफ टीकाकरण कार्यक्रम का संचालन देश के चुनिंदा ज़िलों में किया जा रहा है।
  • मिशन इंद्रधनुष को भी ग्राम स्वराज अभियान और विस्तारित ग्राम स्वराज अभियान के तहत प्रमुख योजनाओं में से एक के रूप में पहचाना गया था।

सघन मिशन इंद्रधनुष (IMI):

  • इस कार्यक्रम को वर्ष 2017 में प्रारंभ किया गया।
  • MI के तहत उन शहरी क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया गया जो मिशन इंद्रधनुष के तहत छूट गए थे।
  • इसके तहत वर्ष 2020 के बजाय दिसंबर 2018 तक 90% से अधिक पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने हेतु चुनिंदा ज़िलों और शहरों में टीकाकरण कवरेज में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0:

  • यह पल्स पोलियो कार्यक्रम (2019-20) के 25 वर्षों को चिह्नित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया एक राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान था।
  • इसमें 27 राज्यों के कुल 272 ज़िलों में पूर्ण टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य रखा गया।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य वर्ष 2022 तक कम-से-कम 90% अखिल भारतीय टीकाकरण कवरेज के लक्ष्य को हासिल करना।

सघन मिशन इंद्रधनुष (IMI) 3.0:

  • IMI 3.0 को 2021 में लॉन्च किया गया था।
  • इसका उद्देश्य कोविड-19 के दौरान सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunisation Programme- UIP) के तहत उपलब्ध सभी टीकों के साथ आबादी के उस हिस्से तक पहुँचना है जहाँ टीकों के वितरण का अभाव है ताकि सभी बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा सके, साथ ही टीकाकरण कवरेज कार्यक्रम में तीव्रता लाई जा सके।
    • इसमें प्रवास क्षेत्रों और दुर्गम क्षेत्रों के लाभार्थियों को लक्षित किया गया था क्योंकि वे कोविड-19 के दौरान टीके की खुराक लेने से चूक गए थे।

अब तक की उपलब्धियाँ:

  • अप्रैल 2021 तक मिशन इंद्रधनुष के विभिन्न चरणों के दौरान कुल 3.86 करोड़ बच्चों और 96.8 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है।
  • मिशन इंद्रधनुष के पहले दो चरणों के परिणामस्वरूप एक वर्ष में पूर्ण टीकाकरण कवरेज में 6.7% की वृद्धि हुई।
    • सघन मिशन इंद्रधनुष (मिशन इंद्रधनुष का पाँचवाँ चरण) में शामिल 190 ज़िलों में किये गए एक सर्वेक्षण (IMI- CES) से पता चलता है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS)-4 की तुलना में पूर्ण टीकाकरण कवरेज में 18.5 फीसदी की वृद्धि हुई है।
  • 12-23 महीने की उम्र के बच्चों का पूर्ण टीकाकरण कवरेज 62% (NFHS-4) से बढ़कर 76.4% (NFHS-5) हो गया है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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