उत्तर प्रदेश बजट 2025-26 | उत्तर प्रदेश | 20 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने 20 फरवरी 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 के लिये 8 लाख 8 हज़ार 736 करोड़ रुपए का बजट विधानसभा में पेश किया।
मुख्य बिंदु
- बजट के बारें में
- सरकार ने बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं व बच्चों का विशेष ध्यान रखा है।
- बजट में समाज के हर वर्ग – गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, महिला, युवा और आम लोगों की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास है। यह वास्तव में जनहित का बजट है।
- मुख्यमंत्री नए बजट को सनातन धर्म के सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा के अनुरूप बताया है।
- कुल बजट: 8,08,736 करोड़ रुपए का है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के बजट से 9.8% अधिक है।
- बजट में 28 हज़ार 478 करोड 34 लाख रुपए (28,478.34 करोड़ रुपए ) की नई योजनाएँ सम्मिलित की गई हैं।
- उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 93 हजार रुपए से अधिक है।
- भारतीय रिज़र्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, सभी राज्यों के बीच कर प्राप्तियों (Tax Collection) में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी देश में सबसे अधिक है।
- प्रदेश की GDP
- वित्त वर्ष 2017-18 में प्रदेश की जी.डी.पी. 12.89 लाख करोड़ रुपए थी, जो वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 27.51 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
- वर्ष 2023-24 में भारत देश की जी.डी.पी. की वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत थी जबकि उत्तर प्रदेश की वृद्धि दर 11.6 प्रतिशत रही है।
- प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद की 2.97 प्रतिशत है, जो भारतीय रिजर्व बैंक FRBM अधिनियम में निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा से कम है।
प्राप्तियाँ और व्यय का सारांश
विवरण
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राशि (रुपए में)
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कुल प्राप्तियाँ
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7,79,242.65
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राजस्व प्राप्तियाँ
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6,62,690.93
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पूँजीगत प्राप्तियाँ
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1,16,551.72
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कर राजस्व
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5,50,172.21
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- स्वयं का कर राजस्व
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2,95,000
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- केंद्रीय करों में राज्य का अंश
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2,55,172.21
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कुल व्यय
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8,08,736.06
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राजस्व लेखे का व्यय
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5,83,174.57
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पूँजी लेखे का व्यय
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2,25,561.49
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क्षेत्रवार विवरण
- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME):
- मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान वित्त वर्ष 2024-25 में शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य शिक्षित युवाओं को स्वरोज़गार से जोड़कर नए सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना करना।
- वित्त वर्ष 2025-26 में इस योजना हेतु 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।
- मुख्यमंत्री युवा स्वरोज़गार योजना हेतु 225 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।
- हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग:
- हथकरघा उद्योग प्रदेश का सर्वाधिक रोज़गार उपलब्ध कराने वाला विकेंद्रीकृत कुटीर उद्योग है।
- प्रदेश में लगभग 1.91 लाख हथकरघा बुनकर एवं लगभग 80 हज़ार हाउस होल्ड हैं।
- प्रदेश में 2.58 लाख पावरलूम कार्यरत हैं जिसके माध्यम से लगभग 5.50 लाख पावरलूम बुनकर अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं।
- पीएम मित्र योजना के तहत टेक्सटाइल पार्क की स्थापना हेतु 300 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- उत्तर प्रदेश वस्त्र गारमेन्टिंग पालिसी, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 150 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- PM मित्र टेक्सटाइल योजना के लिये 150 करोड़ रुपए।
- वस्त्र गारमेंटिंग योजना के लिये 150 करोड़ रुपए।
- अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम योजना के लिये 400 करोड़ रुपए।
- डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिये 461 करोड़ रुपए का बजट।
- अवस्थापना और विकास:अवस्थापना विकास के लिये 22% राशि आवंटित।
- जल विद्युत परियोजना के लिये 3953 करोड़ रुपए।
- एक्सप्रेस-वे के लिये 900 करोड़ रुपए (आगरा एक्सप्रेस-वे को गंगा एक्सप्रेस-वे से जोड़ने हेतु)।
- गंगा एक्सप्रेस-वे का विस्तार हरिद्वार तक किया जाएगा।
- मथुरा-वृंदावन बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिये 100 करोड़ रुपए।
- मुख्यमंत्री ग्राम जोड़ो योजना हेतु मध्यम श्रेणी की इलेक्ट्रिक बसों के क्रय हेतु 100 करोड़ रुपए तथा चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- जल जीवन मिशन के लिये 4500 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- शिक्षा और उच्च शिक्षा:
- शिक्षा के लिये 13% राशि आवंटित।
- 22 नए प्राथमिक स्कूलों के लिये 25 करोड़ रुपए।
- पीएम श्री योजना के लिये 300 करोड़ रुपए।
- डिजिटल लाइब्रेरी के लिये 454 करोड़ रुपए (गांवों में)।
- पॉलिटेक्निक स्मार्ट क्लास रूम के लिये 10 करोड़ रुपए।
- हायर एजुकेशन में छात्राओं को लाभ मिलेगा, स्कूटी योजना के तहत मेधावी छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी।
- गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय (2025 में पूरा होगा)।
- बलिया और बलरामपुर में राजकीय मेडिकल कॉलेज की घोषणा।
- कृषि और ग्रामीण विकास:
- कृषि और संबद्ध सेवाओं के लिये 11% राशि आवंटित।
- गाँवों में नए स्टेडियम के लिये 125 करोड़ रुपए।
- मत्स्य संपदा योजना के लिये 195 करोड़ रुपए।
- स्वच्छ भारत मिशन के लिये 425 करोड़ रुपए।
- महिला एवं बाल विकास:
- रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना के लिये 400 करोड़ रुपए।।
- पात्रता के आधार पर स्कूटी प्रदान की जाएगी।
- निराश्रित महिला पेंशन योजना के पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन भुगतान के लिये 2980 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना हेतु 700 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था।
- कोविड के दौरान संचालित उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिये 252 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।
- पुष्टाहार कार्यक्रम के लिये मूल्य समन्वित बाल विकास के लिये लगभग 4119 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना की 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था का प्रस्ताव।
- सामाजिक विकास और जन कल्याण:
- PM आवास योजना के लिये 4848 करोड़ रुपए।
- 2025 में छात्रों को टैबलेट वितरण की योजना।
- वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजना के लिये (1000 रुपए प्रतिमाह पेंशन) 8105 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- सभी वर्गों की पुत्रियों के विवाह हेतु अनुदान की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हेतु 550 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।
- वृद्ध एवं अशक्त व्यक्तियों के लिये आवासीय गृह संचालित करने हेतु स्वैच्छिक संस्थाओं को सहायता प्रदान किये जाने हेतु 60 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित।
- अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं को पूर्वदशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना हेतु लगभग 6 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित।
- प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान “पीएम- जनमन” के अन्तर्गत विशेष रूप से कमजोर जन जातीय समूहों का समग्र विकास किया जाना है।
- अल्पसंख्यक समुदाय के विकास एवं उत्थान हेतु वित्त वर्ष 2025-26 में 1998 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था।
- कृषकों को दुर्घटनावश मृत्यु/अनैतिकता की स्थिति में आर्थिक सहायता की मुख्यमंत्री आकस्मिकता कल्याण योजना 1050 करोड़ रुपए की व्यवस्था।
- स्वास्थ्य:
- चिकित्सकीय और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये 6% राशि आवंटित।
- आयुष्मान कार्ड बनाने में पूरे देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
- राजकीय औषधि कॉलेज की स्थापना और वाराणसी में राजकीय होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज की स्थापना।
- बलिया और बलरामपुर में राजकीय मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा।
- साइबर सुरक्षा और तकनीकी विकास:
- साइबर सुरक्षा के लिये 3 करोड़ रुपए।
- 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिटी' की स्थापना की घोषणा।
- 'टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रान्सलेशन पार्क' की स्थापना की योजना।
- लखनऊ में AI सिटी बनाने के लिये 5 करोड़ रुपए का बजट।
- ICT लैब और स्मार्ट सिटी की योजना
- सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की योजना
- नगर निकाय और शहरों का विकास:.
- प्रत्येक नगर निकाय के लिये 2.5 करोड़ रुपए का बजट।
- 58 नगर निकायों का विकास किया जाएगा।
- NCR की तरह स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) बनेगा, जिसमें 6 ज़िले – लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी शामिल होंगे।
- पर्यटन और सांस्कृतिक विकास:
- मथुरा-वृंदावन कॉरिडोर के लिये 100 करोड़ रुपए।
- अयोध्या में पर्यटन विकास के लिये 150 करोड़ रुपए।
- चित्रकूट और मथुरा में पर्यटन विकास के लिये 125 करोड़ रुपए।
- जन उपयोगी मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिये 30 करोड़ रुपए।
- वन एवं पर्यावरण
- वर्तमान प्रदेश में वृक्षाच्छादन प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का 9.96 प्रतिशत हो गया है।
- उत्तर प्रदेश वनावरण व वृक्षाच्छादन में वृद्धि के मामले में पूरे देश में दूसरे स्थान पर है।
- प्रदेश में वर्ष 2018 में बाघों की संख्या 173 से वर्ष 2022 में बाघों की संख्या 205 हो गयी है।
- गोरखपुर में देश का पहला गिद्ध जनजाति केंद्र स्थापित किया गया।
- गोरखपुर में उत्तर प्रदेश वानिकी एवं औद्यौनिक विश्वविद्यालय की स्थापना होगी।
परिवार पहचान पत्र (PPP) | हरियाणा | 20 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण ने परिवार पहचान पत्र संबंधी डाटा साझा करने के संबंध में सख्त नियम जारी किये।
- ये नए विनियम उन शर्तों को परिभाषित करते हैं जिनके अंतर्गत पारिवारिक सूचना डाटा भंडार से पारिवारिक जानकारी को व्यक्तिगत गोपनीयता की रक्षा करते हुए सरकारी संस्थाओं के साथ साझा किया जा सकता है।
मुख्य बिंदु
- डाटा साझा करने का उद्देश्य : साझा किये गए डाटा का उपयोग केवल सरकारी कार्यक्रमों, भर्ती सत्यापन और सार्वजनिक सेवा लाभों के लिये किया जा सकता है।
- प्रतिबंधित डाटा साझाकरण : डाटा केवल 'पात्र राज्य संस्थाओं' के साथ साझा किया जा सकता है, जिसमें केंद्र सरकार, हरियाणा राज्य सरकार, वैधानिक प्राधिकरण, विश्वविद्यालय, बोर्ड, निगम और अन्य सरकार-नियंत्रित एजेंसियाँ शामिल हैं।
- पारिवारिक पहचान: प्रत्येक परिवार को आठ अंकों की पारिवारिक पहचान मिलेगी, जो जन्म, मृत्यु और विवाह प्रमाण-पत्र जैसे आवश्यक अभिलेखों से जुड़ी होगी।
- जब भी कोई जीवन घटना जैसे जन्म, मृत्यु या विवाह घटित होगी, तो परिवार आईडी स्वचालित रूप से अपडेट हो जाएगी।
- सरकारी योजनाओं के साथ एकीकरण: डाटा बेस को छात्रवृत्ति, सब्सिडी और पेंशन सहित विभिन्न स्वतंत्र योजनाओं से जोड़ा जाएगा, जिससे लाभार्थी चयन में स्थिरता और सटीकता सुनिश्चित होगी।
- स्वचालित लाभार्थी चयन: PPP डाटा बेस में डाटा पात्रता का निर्धारण करेगा, जिससे सरकारी लाभों के लिये स्वचालित स्व-चयन की अनुमति मिलेगी।
- बार-बार दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता समाप्त: एक बार प्रमाणीकरण और सत्यापन हो जाने के बाद, लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के लिये अलग-अलग दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी।
नोट: पीपीपी पहल डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है और इसका उद्देश्य हरियाणा के निवासियों के लिये सरकारी कल्याणकारी योजनाओं तक पहुँच को सरल बनाना है।
श्रीमंत झा ने रजत पदक जीता | छत्तीसगढ़ | 20 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
भारत के शीर्ष रैंक वाले पैरा-आर्म पहलवान श्रीमंत झा ने नॉर्वे में आयोजित पैरा-आर्म कुश्ती कप 2025 में रजत पदक जीता है।
मुख्य बिंदु:
- उन्होंने +85 किग्रा वर्ग की प्रतिस्पर्द्धा में पोलैंड के मार्सिन कपलिकी को हराकर पोडियम पर अपना स्थान सुरक्षित किया। नॉर्वे के जॉन फ्रेविक ने स्वर्ण पदक जीता।
- उपलब्धियाँ और रैंकिंग:
- श्रीमंत झा की इस नवीनतम जीत से उनके अंतरराष्ट्रीय पदकों की संख्या 52 हो गई है।
- उन्होंने उज्बेकिस्तान में वर्ष 2024 में होने वाली एशिया पैरा-आर्म कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और सितंबर 2023 में कज़ाकिस्तान में होने वाली पैरा-आर्म कुश्ती विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।
पैरा आर्म रेसलिंग:
- पैरा आर्म रेसलिंग एक प्रतिस्पर्द्धी खेल है, जो विशेष रूप से शारीरिक विकलांगता वाले एथलीटों के लिये विकसित किया गया है।
- एशिया पैरा-आर्म कुश्ती कप: यह विभिन्न देशों में आयोजित होने वाला एक ऐसा प्रतिष्ठित टूर्नामेंट है, जिसमें एशिया भर के शीर्ष पैरा-आर्म पहलवान खिताब और मान्यता के लिये प्रतिस्पर्द्धा करने के लिये एक साथ आते हैं।
- भारत ने वर्ष 2024 में एशिया आर्म रेस्लिंग चैंपियनशिप की मेज़बानी की।
बिहार ने 25 वर्षों के बाद स्वर्ण पदक जीता | बिहार | 20 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल 2025 में बिहार ने 25 वर्षों के बाद स्वर्ण पदक जीता।
मुख्य बिंदु
- 08 फरवरी, 2025 को उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल 2025 में बिहार की महिला खिलाड़ी ख़ुशबू कुमारी, निखत ख़ातून और पायल प्रीति ने लॉन बॉल की ट्रिपल महिला स्पर्द्धा में स्वर्ण पदक जीता।
- बिहार ने 25 वर्षों के बाद राष्ट्रीय खेलों में यह स्वर्ण पदक प्राप्त किया है।
- फाइनल मुकाबले में, बिहार की टीम ने पश्चिम बंगाल को 15-14 के करीबी अंतर से हराया।
- 38वें राष्ट्रीय खेल 2025 में बिहार 1 स्वर्ण, 6 रजत और 5 कांस्य पदक सहित कुल 12 पदक जीत के साथ 29वें स्थान पर रहा।
38 वें राष्ट्रीय खेल
- 38वें राष्ट्रीय खेल 2025 का आयोजन 28 जनवरी से 14 फरवरी, 2025 के मध्य उत्तराखंड में किया गया। इसका उद्घाटन देहरादून के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में हुआ।
- खेलों का शुभंकर मौली था, जो उत्तराखंड के राज्य पक्षी मोनाल से प्रेरित था।
- राष्ट्रीय खेलों में 32 खेल प्रतियोगिताएँ शामिल हुईं।
- महाराष्ट्र ने 54 स्वर्ण, 71 रजत और 76 कांस्य पदक के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया। जबकि हरियाणा 48 स्वर्ण, 47 रजत और 58 कांस्य पदक प्राप्त करके दूसरे स्थान पर रहा।
39 वें राष्ट्रीय खेल
- 39वें राष्ट्रीय खेल 2026 में मेघालय में आयोजित किये जाएंगे।
उत्तराखंड में दुनिया का दूसरा सबसे ऊँचा ट्रेक | उत्तराखंड | 20 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री उत्तराखंड की शीतकालीन यात्रा का उद्घाटन करने के लिये 27 फरवरी 2025 को गंगोत्री मुखबा का दौरा करेंगे।
- मुखबा (मुखवा) हरसिल कस्बे में भागीरथी नदी के तट पर गंगोत्री तीर्थस्थल के रास्ते में स्थित एक छोटा सा गाँव है।
- यह समुद्र तल से 2620 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
मुख्य बिंदु
- जनकताल ट्रेक की आधारशिला: प्रधानमंत्री जनकताल ट्रेक की आधारशिला रखेंगे, जो दुनिया का दूसरा सबसे ऊँचा ट्रेकिंग रूट होगा।
- पर्यटन पहल: कई साहसिक गतिविधियों की योजना बनाई गई है, जिसमें उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) के तत्त्वावधान में जादुंग तक मोटरबाइक रैली आयोजित करना भी शामिल है।
- भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा नीलापानी से मुलिंग ला बेस तक एक ट्रैकिंग अभियान आयोजित किया गया।
- इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने तथा टिकाऊ पर्यटन प्रथाओं के माध्यम से क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि में वृद्धि होने की उम्मीद है।
- सांस्कृतिक महत्त्व: प्रधानमंत्री के मुखवा स्थित गंगा मंदिर में पूजा-अर्चना करने की संभावना है।
जनकताल ट्रेक
- उत्तराखंड में स्थित जनकताल ट्रेक 17,716 फीट की ऊँचाई तक पहुँचता है, जो इसे दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा ट्रैकिंग मार्ग बनाता है।
- ट्रेकर्स को गढ़वाल हिमालय के लुभावने दृश्य, अद्वितीय वनस्पतियाँ शांत हिमनद झीलें और रास्ते में पारंपरिक गाँवों के माध्यम से स्थानीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है।
- 12 किलोमीटर का जनकताल ट्रेक साहसी यात्रियों को ऊबड़-खाबड़, ऊँचे इलाकों से होते हुए बर्फ से ढकी चोटियों से घिरी एक एकांत झील तक ले जाता है।
- पहले सैन्य उपस्थिति के कारण प्रतिबंधित यह क्षेत्र अब पर्यटकों के लिये खुला है और अपनी अछूती सुंदरता से लोगों को लुभा रहा है।
- उत्तराखंड सरकार घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय साहसिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये जादुंग, नेलोंग और सोनम घाटी के साथ इस मार्ग को विकसित करने की योजना बना रही है।
उत्तराखंड में बाहरी लोगों के कृषि भूमि खरीदने पर रोक | उत्तराखंड | 20 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने एक नए मसौदा कानून को मंजूरी दी है, जो हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर 13 में से 11 ज़िलों में राज्य के गैर-निवासियों द्वारा कृषि और बागवानी भूमि खरीदने पर प्रतिबंध लगाता है।
मुख्य बिंदु:
- भूमि खरीद पर प्रतिबंध: ज़िला मजिस्ट्रेटों के पास अब भूमि खरीद को मंजूरी देने का अधिकार नहीं होगा।
- राज्य के गैर-निवासियों को धोखाधड़ी और अनियमितताओं को रोकने के लिये भूमि खरीदने से पहले एक हलफनामा प्रस्तुत करना होगा, जिसकी अंतिम मंजूरी राज्य प्रशासन के पास होगी।
- ऑनलाइन निगरानी प्रणाली: गैर-निवासियों से जुड़े भूमि लेनदेन को रिकॉर्ड करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये एक समर्पित पोर्टल बनाया जाएगा।
- भूमि उपयोग के सख्त नियम: नगरपालिका की सीमा के भीतर भूमि का उपयोग निर्धारित नियमों के अनुसार ही किया जाना चाहिए। किसी भी उल्लंघन के परिणामस्वरूप भूमि पर सरकारी कब्ज़ा हो जाएगा।
- हिमाचल प्रदेश से तुलना: हिमाचल प्रदेश में गैर-कृषक स्वतंत्र रूप से कृषि भूमि नहीं खरीद सकते हैं, लेकिन वे सरकारी अनुमोदन से उद्योग, पर्यटन या बागवानी के लिये इसे अधिगृहीत कर सकते हैं।
- सरकार का रुख: यह नया मसौदा राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक विरासत और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही राज्य की मूल पहचान को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस | राजस्थान | 20 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
भारत में 19 फरवरी 2025 को 10वाँ मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस मनाया गया।
मुख्य बिंदु
- दिवस के बारे में:
- इस दिवस का मुख्य उद्देश्य किसानों को मृदा स्वास्थ्य के महत्त्व और मृदा परीक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूक करना है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
- परिचय
- इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री ने 19 फरवरी, 2015 को राजस्थान के सूरतगढ़ में की थी।
- इस योजना की थीम है: स्वस्थ धरा, खेत हरा।
- उद्देश्य
- पोर्टल
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल देश भर में सभी प्रमुख भाषाओं और 5 बोलियों में एक समान और मानकीकृत प्रारूप में किसानों के लाभ के लिये मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार करने की सुविधा प्रदान करता है।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड में 12 मापदंडों के संबंध में मिट्टी की स्थिति शामिल होती है, जैसे
- भौतिक पैरामीटर: pH, Electrical Conductivity (EC), Organic Carbon (OC)
- इसके आधार पर, कार्ड खेत के लिये आवश्यक उर्वरक अनुशंसाओं और मिट्टी संशोधन को भी बताता है।
- मिट्टी के नमूने आम तौर पर साल में दो बार लिये जाते हैं, क्रमशः रबी और खरीफ फसल की कटाई के बाद या जब खेत में कोई खड़ी फसल न हो।
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गया ज़िले के स्टोन आर्ट को GI टैग मिला | बिहार | 20 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार के गया ज़िले के 300 वर्ष पुराने स्टोन आर्ट को GI टैग प्रदान किया गया है।
मुख्य बिंदु
- स्टोन आर्ट के बारे में:
- बिहार के गया ज़िले के नीमचक बथानी प्रखंड के पत्थरकट्टी गाँव मूर्ति कला (स्टोन आर्ट) के लिये प्रसिद्ध है।
- स्टोन आर्ट में भगवान बुद्ध और महावीर स्वामी की मूर्तियों के अतिरिक्त विभिन्न कलाकृतियों की मूर्तियाँ बनाई जाती हैं।
- वैश्विक पहचान:
- गया ज़िले के पत्थरकट्टी गाँव में स्टोन आर्ट से जुड़े 650 से अधिक शिल्पकार हैं। GI टैग मिलने से न केवल इन शिल्पकारों की बल्कि मूर्तिकला को भी विदेशों में एक नई पहचान मिलेगी। इससे इनकी आय भी बढ़ेगी।
- इतिहास:
- माना जाता है कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने इस गाँव का नाम पत्थरकट्टी रखा था।
- यही पर शिल्पकारों ने काले ग्रेनाइट पत्थर की पहाड़ी को खोजा। पत्थरकट्टी के काले ग्रेनाइट पत्थर से विष्णुपद मंदिर का निर्माण कराया गया।
- बिहार के अन्य GI टैग उत्पाद
- बिहार के जर्दालु आम, शाही लीची करतनी चावल, मगही पान और मधुबनी पेंटिंग को भी GI टैग मिल चुका है।
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GI टैग
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