रैपिड फायर
फलों को पकाने वाले परिष्कारक
- 14 Apr 2025
- 2 min read
स्रोत: द हिंदू
फलों का पकना पौधों में जरावस्था (Senescence) या उम्र बढ़ने की प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। इसमें रंग, आकार, स्वाद, शर्करा की मात्रा और अम्लता में परिवर्तन शामिल होता है, तथा यह पकने वाले हार्मोन एथिलीन से प्रभावित होता है।
कृत्रिम फलों को पकाने वाले परिष्कारक (Ripening Agents):
- कैल्शियम कार्बाइड: यह विषाक्त एसिटिलीन गैस विमोचित करता है तथा इसमें फास्फोरस और आर्सेनिक (एक कैंसरकारी पदार्थ) हो सकता है, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
- खाद्य सुरक्षा एवं मानक विनियम, 2011 के अंतर्गत FSSAI द्वारा इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- अनुमत पदार्थ:
- एथिलीन गैस: FSSAI द्वारा स्वीकृत 100 ppm (प्रति मिलियन भाग) तक; प्राकृतिक रूप से पकने में सहायक। इसे नियंत्रित पकने वाले कक्षों में प्रयुक्त किया जाना चाहिये और फलों के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिये।
- एथिफॉन: विखंडन पर एथिलीन मुक्त होती है और विनियमित परिस्थितियों में कृत्रिम रूप से पकाने के लिये उपयोग किया जाता है।
- ईथरीय (Ethereal): यह एक एथिलीन-विमोचन यौगिक है जिसका उपयोग नियंत्रित परिस्थितियों में किया जाता है।