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सामाजिक न्याय

आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं से संबंधित चिंताएँ

  • 17 Jan 2024
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

आँगनवाड़ी सेवाएँ, समेकित बाल विकास सेवाएँ, केंद्र प्रायोजित योजना, पोषण ट्रैकर, मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन

मेन्स के लिये:

आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं की प्रमुख भूमिकाएँ और ज़िम्मेदारियाँ, आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं द्वारा सामना की जाने वाली प्रमुख चुनौतियाँ।

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों? 

आंध्र प्रदेश में आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ता बेहतर वेतन और लाभ की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारी आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं और सहायिकाओं के खिलाफ आवश्यक सेवा एवं रखरखाव अधिनियम (Essential Services and Maintenance Act- ESMA), 1971 लागू कर दिया है।

  • आँगनवाड़ी केंद्रों पर समेकित बाल विकास सेवाओं (ICDS) पर उनकी चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल के प्रभाव का हवाला देते हुए, आदेश ने राज्य में छह महीने के लिये उनकी हड़ताल पर रोक लगा दी है।

आँगनवाड़ी सेवाएँ और आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं की भूमिका क्या हैं?

  • ICDS योजना और आँगनवाड़ी: 
    • ICDS योजना भारत में 2 अक्तूबर, 1975 को शुरू की गई थी। इसका नाम बदलकर आँगनवाड़ी सेवा कर दिया गया और अब यह सेवाएँ सक्षम आँगनवाड़ी तथा पोषण 2.0 के हिस्से के रूप में पेश की जाती हैं।
      • यह राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा कार्यांवयन एक केंद्र प्रायोजित योजना है जो आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं (AWW) और सहायकों (AWH) के एक बड़े नेटवर्क के माध्यम से लाभार्थियों अर्थात् 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों के प्रारंभिक बाल्यकाल, गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के लिये देखभाल तथा विकास प्रदान करती है।

  • आँगनवाड़ी द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएँ:
    • यह देश भर के आँगनवाड़ी केंद्रों के मंच के माध्यम से सभी पात्र लाभार्थियों अर्थात् 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रदान किया गया है।
      • तीन सेवाएँ अर्थात् टीकाकरण, स्वास्थ्य जाँच और रेफरल सेवाएँ स्वास्थ्य से संबंधित हैं जो राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना के माध्यम से प्रदान की जाती हैं।
  • आँगनवाड़ी सेवाओं की ट्रैकिंग: ICT प्लेटफॉर्म पोषण ट्रैकर को देश भर में आँगनवाड़ी सेवाओं के कार्यान्वयन एवं निगरानी पर वास्तविक समय डेटा कैप्चर करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • यह आँगनवाड़ी केंद्र (AWC) की गतिविधियों, आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं (AWW) की सेवा वितरण और संपूर्ण लाभार्थी प्रबंधन का सर्वांगीण दृश्य प्रदान करता है।
  •  आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं की प्रमुख भूमिकाएँ और ज़िम्मेदारियाँ:
    • सामुदायिक आउटरीच और गतिशीलता:
      • लाभार्थियों का पंजीकरण: इनके द्वारा ICDS सेवाओं के लिये पात्र गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं तथा छह वर्ष से अल्प आयु के बच्चों की पहचान कर उनका पंजीकरण किया जाता है।
      • समुदायों को संगठित करना: ये कार्यकर्त्ता आँगनवाड़ी गतिविधियों में सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं तथा ICDS कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं और साथ ही स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देते हैं।
    • शिशु देखभाल तथा प्रारंभिक बचपन की शिक्षा:
      • आँगनवाड़ी केंद्रों का प्रबंधन: केंद्र की साफ-सफाई और स्वच्छता सुनिश्चित करना तथा रिकॉर्ड बनाए रखना व शिक्षण सामग्री तैयार करना।
      • प्री-स्कूल शिक्षा प्रदान करना: बच्चों को औपचारिक स्कूली शिक्षा के लिये तैयार करने हेतु आयु-उपयुक्त खेल गतिविधियाँ, कहानी के सत्र एवं मूल शिक्षण गतिविधियाँ आयोजित करना।
      • वृद्धि और विकास की निगरानी करना: नियमित रूप से बच्चों की लंबाई और वज़न को मापना तथा विकास में किसी भी प्रकार की बाधा की पहचान करना एवं यदि आवश्यक हो तो उनका समाधान करने हेतु आगे प्रेषित करना।
      • माता-पिता को परामर्श देना: शिशु देखभाल प्रथाओं, बाल पोषण तथा स्वस्थ आचरणों पर मार्गदर्शन प्रदान करना।
    • स्वास्थ्य तथा पोषण:
      • पूरक पोषण वितरित करना: विशेष रूप से गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली माताओं एवं छह वर्ष से कम आयु के बच्चों के बीच कुपोषण को दूर करने के लिये गर्म पका हुआ भोजन, घर ले जाने के लिये राशन व पूरक पोषाहार प्रदान करना।
      • स्वास्थ्य जाँच करना: सामान्य बीमारियों से बचाव के लिये बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी करना, मूल स्वास्थ्य जाँच करना एवं आवश्यकता की स्थिति में उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये रेफर करना।
      • टीकाकरण: बच्चों के लिये टीकाकरण अभियान आयोजित करने तथा उसे सुविधाजनक बनाने में स्वास्थ्य कर्मियों की सहायता करना एवं समय पर टीकाकरण सुनिश्चित करना।
      • जागरूकता बढ़ाना: माताओं तथा समुदायों को स्वास्थ्य, स्वच्छता, स्वच्छता व स्वस्थ बाल विकास प्रथाओं के बारे में शिक्षित करना।

आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं? 

  • अल्प पारिश्रमिक: वे मान्यता प्राप्त सरकारी कर्मचारी नहीं होते हैं एवं आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं का मासिक मानदेय कई राज्यों में न्यूनतम वेतन से काफी कम है, जो अमूमन 5,000 से 10,000 रुपए के बीच होता है। 
    • इससे परिणामस्वरूप उनके लिये अपनी मूल आवश्यकतों की पूर्ति करने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है जिससे वे अपना पूरा ध्यान अपने कार्य पर केंद्रित करने से हतोत्साहित हो जाते हैं।
    • उनके मानदेय मिलने में विलंब भी एक आम बात है जिससे उनकी वित्तीय असुरक्षा तथा कठिनाई बढ़ जाती है।
  • कार्य तथा ज़िम्मेदारियों का अत्यधिक बोझ: आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं को बहुत सारे कार्यों का उत्तरदायित्व दिया जाता है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकारें अमूमन उन्हें बिना किसी अतिरिक्त मानदेय के कोविड-19 संबंधित कर्त्तव्यों, जनगणना कर्त्तव्यों अथवा आयुष्मान भारत जैसी सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन जैसे अतिरिक्त कार्य का उत्तरदायित्व देती हैं।
    • यह व्यापक कार्यभार अक्सर थकान की ओर ले जाता है और उनके द्वारा प्रदान की जा सकने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में बाधा उत्पन्न करता है।
  • उचित प्रशिक्षण और संसाधनों का अभाव: हालाँकि आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं को प्रारंभिक प्रशिक्षण से गुज़रना पड़ता है, लेकिन यह अक्सर उन्हें उन जटिल कार्यों को संभालने के लिये पर्याप्त रूप से तैयार करने में विफल रहता है जिनका वे दैनिक सामना करते हैं।
    • इसके अतिरिक्त, आँगनवाड़ी केंद्रों में अक्सर उचित बुनियादी ढाँचे, शिक्षण सामग्री और दवाओं जैसे आवश्यक संसाधनों की कमी होती है, जिससे उनकी प्रभावी ढंग से कार्य करने की क्षमता में बाधा आती है।
  • सामाजिक मान्यता और सम्मान का अभाव: आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं को समुदाय में उनके बहुमूल्य योगदान के लिये अक्सर सामाजिक कलंक और मान्यता की कमी का सामना करना पड़ता है।  सम्मान की यह कमी उनके मनोबल और प्रेरणा पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

आगे की राह

  • बढ़ा हुआ मुआवज़ा और लाभ:
    • जीवन यापन की लागत के अनुरूप उचित और समय पर वेतन संशोधन।
    • स्वास्थ्य बीमा, भविष्य निधि और मातृत्व अवकाश सहित मज़बूत सामाजिक सुरक्षा पैकेज।
  • व्यावसायिक विकास और मान्यता:
    • पदोन्नति के अवसरों के साथ समर्पित कॅरियर प्रगति मार्ग।
    • बाल विकास, स्वास्थ्य, पोषण और प्रारंभिक बचपन की शिक्षा में नियमित, गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम।
    • उनकी विशेषज्ञता को मान्यता देते हुए औपचारिक योग्यताएँ और प्रमाण-पत्र।
  • उन्नत कार्य परिस्थितियाँ और संसाधन:
    • कार्यभार को कम करने के लिये अतिरिक्त आँगनवाड़ी सहायकों के साथ इष्टतम स्टाफिंग स्तर।
    • बेहतर बुनियादी ढाँचे, उपकरण और शिक्षण सामग्री के साथ आँगनवाड़ी केंद्रों को आधुनिक बनाया गया।
    • कुशल रिकॉर्ड-कीपिंग, निगरानी और संचार के लिये तकनीकी-सक्षम समाधान।

  सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन' के उद्देश्य हैं? (2017)

  1. गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण के बारे में ज़ागरूकता पैदा करना। 
  2. छोटे बच्चों, किशोरियों और महिलाओं में एनीमिया के मामलों को कम करना। 
  3. बाजरा, मोटे अनाज और बिना पॉलिश किये चावल की खपत को बढ़ावा देना। 
  4. पोल्ट्री अंडे की खपत को बढ़ावा देना।

नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a)  केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) केवल 3 और 4

उत्तर: (a)

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