प्रारंभिक परीक्षा
पिंक फ्लेमिंगो
स्रोत: डाउन टू अर्थ
हाल ही में जलवायु परिवर्तन ने तंजानिया के लेक नैट्रॉन में जल स्तर और लवणता को बदल दिया है, जो कई पिंक फ्लेमिंगो (Pink Flamingos) का आवास है, जिससे घोंसला बनाना अधिक कठिन हो गया है और चरम मौसम तथा मानव अतिक्रमण के कारण उनकी आबादी में गिरावट आ रही है।
फ्लेमिंगो के संबंध में प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- परिचय: यह फोनीकोप्टेरिडे (Phoenicopteridae) परिवार से संबंधित है।
- फ्लेमिंगो की छह प्रजातियाँ हैं, जिनके नाम हैं ग्रेटर फ्लेमिंगो (गुजरात का राज्य पक्षी), चिली फ्लेमिंगो, लेसर फ्लेमिंगो, कैरेबियन फ्लेमिंगो, एंडियन फ्लेमिंगो और पुना फ्लेमिंगो, जो अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और यूरोप की झीलों, कीचड़युक्त भूमियों और उथले लैगूनों में पाए जाते हैं।
- विशिष्ट स्वरूप: अपने चमकीले गुलाबी पंखों के लिये जाने जाने वाले फ्लेमिंगो के पैर और गर्दन लंबे होते हैं, पैर जालीदार होते हैं तथा नीचे की ओर मुड़ी हुई विशिष्ट चोंच होती है, जो फिल्टर-फीडिंग हेतु अनुकूलित होती है।
- फ्लेमिंगो के आवास और भोजन के स्रोत स्थान तथा मौसम के अनुसार बदलते रहते हैं, जिसके कारण उनका रंग गहरे या चमकीले गुलाबी से लेकर नारंगी, लाल या शुद्ध सफेद तक होता है।
- अनुकूलन: फ्लेमिंगो ने उच्च लवणता और तापमान वाले चरम वातावरण के लिये अनुकूलन कर लिया है, जहाँ उनके शिकारी सीमित हैं।
- पारिस्थितिक भूमिका: वे अपने आहार संबंधी गतिविधियों के माध्यम से अपने आवास के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिक भूमिका निभाते हैं, जो पोषक चक्रण और शैवाल आबादी को प्रभावित करता है।
- संरक्षण की स्थिति:
- IUCN रेड लिस्ट:
- सुभेद्यता: एंडियन फ्लेमिंगो
- निकट संकटग्रस्त: लेसर फ्लेमिंगो, पुना फ्लेमिंगो और चिली फ्लेमिंगो
- CITES: परिशिष्ट II
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची II
- IUCN रेड लिस्ट:
नैट्रॉन झील
- नैट्रॉन झील (Lake Natron) एक नमकीन झील है जो तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित है, यह रिफ्ट वैली की पूर्वी शाखा का हिस्सा है।
- ग्रेट रिफ्ट वैली एक विशाल भूवैज्ञानिक संरचना है जो उत्तरी सीरिया से पूर्वी अफ्रीका के मध्य मोजाम्बिक तक लगभग 6,400 किलोमीटर तक फैली हुई है।
- यह घाटी जॉर्डन नदी का घर है, जो जॉर्डन घाटी से होकर बहती है और अंततः इज़रायल और जॉर्डन की सीमा पर मृत सागर में गिरती है।
- लेक नैट्रॉन बेसिन को वर्ष 2001 में रामसर सूची में शामिल किया गया था, जिससे लेक नैट्रॉन को रामसर कन्वेंशन के अनुच्छेद 2 के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्वपूर्ण आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता मिली।
- गर्म लवणीय जल, कास्टिक सोडा के साथ-साथ एकत्रित मैग्नेसाइट इसकी विशिष्ट संरचना का निर्माण करते हैं।
- नैट्रॉन झील का क्षारीय जल नमक दलदलों, मीठे पानी की आर्द्रभूमि, फ्लेमिंगो और अन्य आर्द्रभूमि पक्षियों, तिलापिया तथा शैवालों के एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र को सहारा देता है, जिस पर फ्लेमिंगो के बड़े झुंड भोजन करते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित प्राणिजात पर विचार कीजिये: (2023)
उपर्युक्त में से कितने आमतौर पर रात्रिचर हैं या सूर्यास्त के बाद अधिक सक्रिय होते हैं? (a) केवल एक उत्तर: (a) |
प्रारंभिक परीक्षा
UNESCO का सिटी ऑफ लिटरेचर, कोझिकोड
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
हाल ही में UNESCO ने यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (UCCN) के अंतर्गत कोझिकोड को साहित्य की नगरी यानी सिटी ऑफ लिटरेचर के रूप में मान्यता दी।
UNESCO क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क क्या है?
- परिचय:
- UNESCO क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (UCCN) की स्थापना वर्ष 2004 में की गई थी।
- इस नेटवर्क में शहरों को शामिल करने हेतु सात रचनात्मक क्षेत्रों जैसे, शिल्प और लोक कला, डिज़ाइन, फिल्म, पाक-कला (गैस्ट्रोनॉमी), साहित्य, मीडिया कला और संगीत को कवर किया जाता है।
- नेटवर्क शहरों के महापौरों और अन्य हितधारकों का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया जाता है जो समग्र विश्व के क्रिएटिव शहरों के पारस्परिक संबंधों को सुदृढ़ करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
- वर्ष 2024 में यह वार्षिक सम्मेलन जुलाई माह में पुर्तगाल के ब्रागा में आयोजित किया जाएगा।
- उद्देश्य:
- वर्ष 2024 में इस नेटवर्क में वे 350 शहर शामिल हैं, जिनका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर रचनात्मकता और सांस्कृतिक उद्योगों को अपनी विकास योजनाओं के केंद्र में प्राथमिकता देना और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रूप से सहयोग करना है।
- UNESCO क्रिएटिव सिटीज़ का लक्ष्य शहरी स्तर के समुदायों को लाभ पहुँचाने के लिये अभिनव चिंतन और कार्रवाई के माध्यम से सतत् विकास लक्ष्य 11 को प्राप्त करना है।
- महत्त्व:
- UNESCO क्रिएटिव सिटीज़ सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करके और सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों के साथ-साथ नागरिक समाज के साथ गठबंधन बनाकर सांस्कृतिक गतिविधियों के विकास, उत्पादन और प्रसार को सुदृढ़ करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
UCCN में भारत के कौन-से शहर शामिल हैं?
- कोझिकोड:
- कोझिकोड में केरल की साहित्यिक और सांस्कृतिक जगत की कई प्रमुख हस्तियाँ, प्रमुख मीडिया हाउस, अनेक पुस्तकालय (500 से अधिक) विद्यमान हैं और गत कुछ वर्षों में यहाँ कई फिल्में बनी हैं तथा रंगमंच के कई पेशवरों ने अपनी पहचान बनाई है।
- पहले मलयालम उपन्यास, कुंडलता (Kundalatha) की रचना वर्ष 1887 में कोझिकोड में अप्पू नेदुंगडी द्वारा की गई थी।
- यहाँ के कवियों, विद्वानों और प्रकाशकों के साथ-साथ एस.के.पोट्टेक्कट, थिकोडियन और पी. वलसाला संजयन जैसे कई प्रसिद्ध लेखकों ने मलयालम साहित्य और इसकी सांस्कृतिक विविधता और जीवंतता में योगदान दिया है।
- UCCN में शामिल भारत के अन्य शहर:
- जयपुर: शिल्प एवं लोक कला (2015),
- वाराणसी: क्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूज़िक (2015),
- चेन्नई: क्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूज़िक (2017),
- मुंबई: फिल्म (2019),
- हैदराबाद: पाक-कला (2019), और
- श्रीनगर: शिल्प एवं लोक कला (2021)
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. हाल ही में निम्नलिखित में से किसकी पांडुलिपियों को यूनेस्को के मेमोरी ऑफ वर्ल्ड रजिस्टर में सम्मिलित किया गया है? (2008) (a) अभिधम्म पिटक उत्तर: (d) प्रश्न. भारत के सभी बायोस्फीयर रिज़र्व में से चार को यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड नेटवर्क के रूप में मान्यता दी गई है। निम्नलिखित में से कौन-सा उनमें से एक नहीं है? (2008) (a) मन्नार की खाड़ी उत्तर: (b) |
रैपिड फायर
हंसा मेहता को सम्मान
स्रोत: द इकॉनोमिक टाइम
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अध्यक्ष द्वारा कूटनीति में महिलाओं के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस (24 जून) पर हंसा मेहता को सम्मानित किया।
- यह दिन कूटनीति के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान एवं उपलब्धियों को सम्मान तथा मान्यता प्रदान करता है।
हंसा मेहता:
- वह भारत की एक प्रमुख भारतीय विद्वान, शिक्षिका, समाज सुधारक, लेखिका एवं राजनयिक थीं।
- उनका जन्म 3 जुलाई 1897 को हुआ था और साथ ही वह महिला अधिकारों की समर्थक भी थीं।
- मेहता द्वारा लैंगिक समावेशी भाषा को शामिल करने के लिये मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) को संशोधित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) के अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि “सभी मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुए हैं जिनकी गरिमा एवं अधिकार समान हैं।
- वर्ष 1946 में अखिल भारतीय महिला सम्मेलन (AIWC) की अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने "भारतीय महिला अधिकार चार्टर" के प्रारूपण का नेतृत्व किया, जिसमें भारत में महिलाओं के लिये लैंगिक समानता, नागरिक अधिकार एवं न्याय की मांग की गई थी।
- वह भारत की संविधान सभा तथा सलाहकार समिति एवं मौलिक अधिकारों पर उप-समिति की सदस्य थीं।
- वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में एलेनोर रूजवेल्ट के अतिरिक्त एकमात्र अन्य महिला प्रतिनिधि थीं।
और पढ़ें: महिलाओं का सशक्तीकरण, भारत की उन्नति
रैपिड फायर
भारत के विदेशी ऋण में वृद्धि
स्रोत: द हिंदू
भारत का विदेशी ऋण (External debt) मार्च 2023 से 39.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर मार्च 2024 के अंत तक 663.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
- बाह्य ऋण देश के बाहर किसी स्रोत से उधार लिया गया धन है, जिसे उधार ली गई मुद्रा में चुकाया जाना होता है।
- इसे विदेशी वाणिज्यिक बैंकों, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं जैसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक एवं विदेशी सरकारों से प्राप्त किया जा सकता है।
- सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के मुकाबले बाह्य ऋण का अनुपात मार्च 2023 के अंत में 19.0% से घटकर मार्च 2024 के अंत में 18.7% हो गया।
- दीर्घकालिक ऋण (एक वर्ष से अधिक समय में परिपक्व होने वाला) में 45.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई, जो मार्च 2024 में 541.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
- अल्पावधि ऋण (एक वर्ष तक की अवधि में परिपक्व होने वाला) का अनुपात 20.6% से घटकर 18.5% हो गया।
- विदेशी मुद्रा भंडार में अल्पावधि ऋण का अनुपात 22.2% से घटकर 19% हो गया।
- मार्च 2024 तक भारत का विदेशी ऋण मुख्य रूप से अमेरिकी डॉलर (53.8%), इसके बाद भारतीय रुपए (31.5%), येन (5.8%), SDR (5.4%) और यूरो (2.8%) का स्थान था।
- सरकारी और गैर-सरकारी दोनों क्षेत्रों के ऋण में वृद्धि हुई।
- गैर-वित्तीय निगमों के पास बकाया ऋण का सबसे अधिक हिस्सा (37.4%) था, उसके बाद जमा स्वीकार करने वाले निगम (केंद्रीय बैंक को छोड़कर) (28.1%), सरकार (22.4%) और अन्य वित्तीय निगम (7.3%) थे।
- बाह्य ऋण में ऋण का हिस्सा 33.4% है, इसके बाद मुद्रा और जमा (23.3%), व्यापार ऋण और अग्रिम (17.9%) और ऋण प्रतिभूतियाँ (17.3%) हैं।
और पढ़ें: ऋण स्थिरता और विनिमय दर प्रबंधन
रैपिड फायर
इंडिया-अफ्रीका पोस्टल लीडर्स मीट
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में पोस्टल या डाक क्षेत्र में अफ्रीकी देशों के प्रशासन और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से भारत में ‘भारत-अफ्रीका पोस्टल लीडर्स मीट’ का आयोजन किया गया।
- यह यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के "दक्षिण-दक्षिण और त्रिकोणीय सहयोग" कार्यक्रम के तहत एक पहल है और इसे इंडिया पोस्ट तथा यूनाइटेड स्टेट्स पोस्टल सर्विस के सहयोग से आयोजित किया जाता है।
- इस बैठक का मुख्य विषय अध्ययन यात्राओं के माध्यम से क्षमता निर्माण है।
- अध्ययन यात्राओं के दौरान इंडिया पोस्ट ने इंडिया पोस्ट के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं का प्रदर्शन किया, जिसमें ई-कॉमर्स पार्सल, डाक निर्यात केंद्र, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा डाक वित्तीय सेवाएँ, आधार आधारित सेवाएँ, पासपोर्ट सेवाएँ और डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र शामिल थे।
- यह बैठक भारत के नेतृत्व में की गई दूरदर्शी पहलों जैसे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’, भारत-अफ्रीका मंच और 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 में शामिल करने की पृष्ठभूमि में भी महत्त्वपूर्ण है।
- वैश्विक दक्षिण के 22 अफ्रीकी देशों के डाक संगठनों के प्रतिनिधियों के रूप में 42 डाक प्रशासन प्रमुखों और अन्य वरिष्ठ प्रबंधन कर्मियों ने इस बैठक में भाग लिया।
और पढ़ें: भारत-अफ्रीका साझेदारी: उपलब्धियाँ, चुनौतियाँ और रोडमैप 2030
रैपिड फायर
लद्दाख ने पूर्ण कार्यशील साक्षरता हासिल की
स्रोत: पी. आई. बी
हाल ही में केंद्रशासित प्रदेश (Union Territory- UT)) लद्दाख को 97% से अधिक साक्षरता हासिल करने के बाद उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत पूर्ण कार्यशील साक्षरता हासिल करने वाला घोषित किया गया है।
- कार्यात्मक साक्षरता से तात्पर्य किसी व्यक्ति की उन गतिविधियों में प्रभावी रूप से संलग्न होने की क्षमता से है जिनमें व्यक्तिगत और सामुदायिक विकास के लिये पढ़ना, लिखना और गणना करना आवश्यक होता है।
- बुनियादी साक्षरता मुख्य रूप से पढ़ना, लिखना और अंकगणित कौशल हासिल करने पर केंद्रित है।
- उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम या नया भारत साक्षरता कार्यक्रम (NILP):
- उल्लास (समाज में सभी के लिये आजीवन शिक्षा को समझना) एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे वर्ष 2022-2027 तक क्रियान्वित किया जाएगा।
- इसका उद्देश्य 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के वयस्कों को सशक्त बनाना है, जिन्हें उचित स्कूली शिक्षा नहीं मिल पाती। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy- NEP) 2020 की सिफारिशों के अनुरूप है।
- उल्लास से देश भर में 77 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं।
- उल्लास योजना के 5 घटक: आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता, महत्त्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल और सतत् शिक्षा।
शिक्षा से संबंधित अन्य सरकारी पहल:
अधिक पढ़ें: अखिल भारतीय शिक्षा समागम और उल्लास पहल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020।