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इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक

  • 24 Aug 2023
  • 6 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

बैंकिंग सेवाओं के क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी बदलाव करते हुए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने अपने लाभ का सिलसिला जारी रखा है, यह इसके स्थायी वित्तीय समावेशन और नागरिक सशक्तीकरण के प्रति दृढ़ समर्पण को दर्शाता है।

  • इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 20.16 करोड़ रुपए का परिचालन लाभ और कुल राजस्व में 66.12 प्रतिशत की वृद्धि कर असाधारण उपलब्धि हासिल की, यह बैंक के लिये ज़बरदस्त प्रगति का वर्ष रहा। 

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक:

  • परिचय:
    • भारत सरकार के स्वामित्व वाली 100% इक्विटी के साथ इसे 1 सितंबर, 2018 को लॉन्च किया गया।
    • इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने आरंभिक शाखाओं के शुभारंभ के साथ एक परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत की।
      • इसकी आरंभिक शाखाएँ राँची, झारखंड और रायपुर, छत्तीसगढ़ में खोली गईं।
    • 1,55,000 डाकघर और 3,00,000 डाक कर्मचारियों के साथ भारत का विशाल डाक बुनियादी ढाँचा इसमें अहम भूमिका निभाता है।
  • उद्देश्य: सभी नागरिकों के लिये सुलभ, किफायती और विश्वसनीय बैंक की उपलब्धता सुनिश्चित  कराना।
  • सिद्धांत और दृष्टिकोण:
    • इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक अपने परिचालन के लिये इंडिया स्टैक के सिद्धांतों को अपनाता है।
      • पेपरलेस, कैशलेस और उपस्थिति-रहित बैंकिंग: इसका उद्देश्य नवीन प्रौद्योगिकी एवं  सुरक्षित लेन-देन के माध्यम से बैंकिंग की सुविधा प्रदान करना है।
    • यह निर्बाध लेन-देन के लिये बायोमेट्रिक्स एकीकृत स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस की व्यवस्था सुनिश्चित करता है।
    • इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक 13 भाषाओं में उपलब्ध सहज इंटरफेस के माध्यम से सरल और किफायती बैंकिंग समाधान प्रदान करता है।
  • वित्तीय समावेशन को सशक्त बनाना:
    • इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक बैंकिंग सुविधाओं से वंचित और बैंकिंग सुविधाओं तक कम पहुँच वाले लोगों की सेवा के लिये प्रतिबद्ध है।
    • इसने कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण में योगदान दिया है।
    • वित्तीय सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिये समान अवसर सुनिश्चित किये गए हैं।
  • सशक्तीकरण पहल:
  • भविष्य के लक्ष्य: 
    • इसका लक्ष्य एक सार्वभौमिक सेवा मंच के रूप में परिवर्तित होना है।
    • विस्तारित पहुँच के लिये प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना।
    • नागरिकों को सशक्त बनाने और डिजिटल रूप से समावेशी समाज में योगदान करने के लिये नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना।

पेमेंट बैंक:

  • पेमेंट बैंक विभेदित बैंकिंग लाइसेंस प्रदान करने की भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) की रणनीति का हिस्सा थे।
  • डॉ. नचिकेत मोर की अध्यक्षता वाली एक समिति ने निम्न आय वर्ग और छोटे व्यवसायों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये 'पेमेंट्स बैंक' स्थापित करने की सिफारिश की।
    • पेमेंट बैंक एक विभेदित बैंक है, जो उत्पादों की सीमित शृंखला पेश करता है।
  • यह केवल बचत और चालू खातों में मांग जमा स्वीकार कर सकता है, सावधि जमा नहीं।
  • प्रत्येक ग्राहक पेमेंट्स बैंक खाते में अधिकतम 2,00,000 रुपए की शेष राशि  रख सकता है।
  • पेमेंट्स बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा गतिविधियाँ शुरू करने के लिये सहायक कंपनियाँ स्थापित नहीं कर सकते हैं।
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