शासन व्यवस्था
पीएम-किसान योजना हेतु चेहरा प्रमाणीकरण
- 24 Jun 2023
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:पीएम-किसान योजना, भाषिनी, UIDAI, केंद्रीय क्षेत्रक योजना, NIC मेन्स के लिये:पीएम-किसान योजना |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने कल्याणकारी योजनाओं की दक्षता और पहुँच बढ़ाने हेतु प्रधानमंत्री-किसान एप में चेहरा प्रमाणीकरण/फेस ऑथेंटिकेशन फीचर शुरू किया है।
- किसानों को उनकी मूल भाषा में जानकारी प्रदान करने हेतु प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) भी भाषिनी के साथ एकीकृत हो रही है।
- भाषिनी भाषाओं हेतु सरकार का राष्ट्रीय सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफाॅर्म है, जो नागरिकों हेतु सेवाओं एवं उत्पादों को बढ़ाने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता तथा अन्य अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करेगा।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- फेस ऑथेंटिकेशन/चेहरा प्रमाणीकरण विशेषता आधार से संबंधित जानकारी रखने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के आईरिस डेटा का उपयोग करती है।
- मंत्रालय ने इस सुविधा तक पहुँच प्राप्त करने के लिये UIDAI के साथ मिलकर काम किया, जिससे इसकी सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सकी।
- फेस ऑथेंटिकेशन/चेहरा प्रमाणीकरण विशेषता आधार से संबंधित जानकारी रखने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के आईरिस डेटा का उपयोग करती है।
- लाभ:
- बेहतर पहुँच: चेहरा प्रमाणीकरण में भौतिक बायोमेट्रिक सत्यापन की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे किसान अपने मोबाइल फोन से ई-केवाईसी प्रक्रिया को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
- मोबाइल-आधार लिंकेज मुद्दों का हल: चेहरा प्रमाणीकरण के उपयोग से उन किसानों को समायोजित किया जा सकता है जिनके मोबाइल नंबर उनके आधार से नहीं जुड़े हैं, इस प्रकार यह सभी पात्र लाभार्थियों के लिये एक आसान प्रक्रिया सुनिश्चित करती है।
- बुजुर्ग किसानों के लिये सरलीकृत प्रक्रिया: यह नई सुविधा बुजुर्ग किसानों के सामने आने वाली कई चुनौतियों को दूर करती है, अब उन्हें बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिये निर्दिष्ट केंद्रों पर जाने की आवश्यकता नहीं है।
पीएम-किसान:
- परिचय:
- इस योजना के तहत केंद्र सरकार प्रतिवर्ष 6,000 रुपए की राशि तीन समान किस्तों में सीधे प्रत्येक भूमिधारक किसान के बैंक खाते में स्थानांतरित करती है चाहे उसकी भूमि जोत का आकार कुछ भी हो।
- इस योजना को फरवरी 2019 में लॉन्च किया गया था।
- इस योजना के तहत केंद्र सरकार प्रतिवर्ष 6,000 रुपए की राशि तीन समान किस्तों में सीधे प्रत्येक भूमिधारक किसान के बैंक खाते में स्थानांतरित करती है चाहे उसकी भूमि जोत का आकार कुछ भी हो।
- वित्तपोषण और कार्यान्वयन:
- यह भारत सरकार के 100% वित्तपोषण के साथ एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है।
- इसे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- लाभार्थी की पहचान:
- लाभार्थी किसान परिवारों की पहचान की पूरी ज़िम्मेदारी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों की है।
- उद्देश्य:
- प्रत्येक फसल चक्र के अंत में प्रत्याशित कृषि आय के अनुरूप उचित फसल स्वास्थ्य तथा उचित पैदावार सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न आदानों की खरीद हेतु छोटे एवं सीमांत किसानों की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करना।
- उन्हें ऐसे खर्चों को पूरा करने के लिये साहूकारों के प्रभाव से बचाना और कृषि गतिविधियों में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करना।
- पीएम-किसान मोबाइल एप:
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा PM-KISAN मोबाइल एप विकसित और डिज़ाइन किया गया है।
- किसान अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं, अपने आधार कार्ड को अपडेट या सुधार कर सकते हैं और अपने बैंक खातों में क्रेडिट का लेखा भी देख सकते हैं।
- अब तक की उपलब्धियाँ:
- देश में 11 करोड़ से अधिक किसानों ने PM-किसान योजना का लाभ प्राप्त किया है, जो इसकी व्यापक पहुँच और प्रभाव को दर्शाता है।
- इस योजना में 3 करोड़ से अधिक महिला किसानों को शामिल किया गया है, जो कृषि क्षेत्र में लैंगिक समावेशिता और महिला सशक्तीकरण पर इसके प्रभाव को प्रदर्शित करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) व्याख्या:
|