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भारत ने पापुआ न्यू गिनी के साथ इंडिया स्टैक साझा करने हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

  • 31 Jul 2023
  • 7 min read

हाल ही में भारत के इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology- MeitY) और पापुआ न्यू गिनी के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Information and Communication Technology- MICT) ने इंडिया स्टैक (India Stack) साझा करने को लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके डिजिटल परिवर्तन की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है।

  • इससे पहले जून 2023 में भारत ने पहले ही चार देशों आर्मेनिया, सिएरा लियोन, सूरीनाम और एंटीगुआ तथा बारबुडा के साथ इंडिया स्टैक साझा करने के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये थे, जो वैश्विक स्तर पर इस पहल की लोकप्रियता और स्वीकृति को दर्शाता है।

भारत और पापुआ न्यू गिनी के बीच समझौता ज्ञापन की मुख्य विशेषताएँ:

  • यह MoU व्यापक स्तर पर पहचान, डेटा और भुगतान सेवाओं का समर्थन करने के लिये इंडिया स्टैक साझा करने की सुविधा प्रदान करता है।
  • यह MoU जीवन स्तर एवं शासन दक्षता में सुधार के लिये जनसंख्या-स्तरीय डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी संरचना और परिवर्तनकारी प्लेटफाॅर्मों/परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर केंद्रित है।
  • यह सहयोग निर्बाध लेन-देन के लिये डिजिटल पहचान प्रणाली और डिजिटल भुगतान तंत्र को सुदृढ़ करने का प्रयास करता है।

इंडिया स्टैक:

  • इंडिया स्टैक API (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस) का एक सेट है जो सरकारों, व्यवसायों, स्टार्टअप और डेवलपर्स को उपस्थिति-रहित, पेपरलेस और कैशलेस सेवा वितरण की दिशा में भारत की कठिन समस्याओं को हल करने के लिये एक अद्वितीय डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने की अनुमति देता है।
  • इंडिया स्टैक सरकार के नेतृत्व वाली एक पहल है जो विभिन्न क्षेत्रों में अनेक प्रकार की डिजिटल सेवाओं को सक्षम करने हेतु एक सुदृढ़ डिजिटल बुनियादी संरचना के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करती है।
    • इस संग्रह के घटकों का स्वामित्व एवं रखरखाव विभिन्न संस्थानों द्वारा किया जाता है।
  • इंडिया स्टैक का लक्ष्य पहचान सत्यापन, डेटा विनिमय एवं डिजिटल भुगतान प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के साथ वृद्धि करना है ताकि उन्हें नागरिकों के लिये अधिक सुलभ एवं कुशल बनाया जा सके।
  • इसमें डिजिटल सार्वजनिक वस्तुएँ शामिल हैं, जो विभिन्न डिजिटल सेवाओं एवं पहलों का समर्थन करने के लिये जनता को उपलब्ध कराए गए डिजिटल संसाधन तथा उपकरण हैं।
  • इंडिया स्टैक के प्रमुख घटकों में आधार (अद्वितीय बायोमेट्रिक-आधारित पहचान प्रणाली), तत्काल डिजिटल भुगतान के लिये यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) तथा व्यक्तिगत दस्तावेज़ों के सुरक्षित भंडारण के लिये डिजिटल लॉकर शामिल हैं।
  • इंडिया स्टैक का दृष्टिकोण किसी एक देश (भारत) तक सीमित नहीं है, इसे किसी भी देश पर लागू किया जा सकता है, चाहे वह विकसित देश हो अथवा विकासशील देश हो।

पापुआ न्यू गिनी:

  • पापुआ न्यू गिनी दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में स्थित एक द्वीप देश है। इसकी भूमि सीमा इंडोनेशिया के साथ और जल सीमा ऑस्ट्रेलिया तथा सोलोमन द्वीप के साथ लगती है।
  • इसमें न्यू गिनी का पूर्वी भाग और कई छोटे अपतटीय द्वीप शामिल हैं।
  • राजधानी पोर्ट मोरेस्बी (Port Moresby) है, पापुआ न्यू गिनी मुख्य रूप से पहाड़ी है लेकिन दक्षिणी न्यू गिनी में निचले मैदान हैं।
  • पापुआ न्यू गिनी को वर्ष 1973 में स्वशासन और वर्ष 1975 में पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. आधार कार्ड का प्रयोग नागरिकता या अधिवास के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है।
  2. एक बार जारी करने के पश्चात् इसे निर्गत करने वाला प्राधिकरण आधार संख्या को निष्क्रिय या लुप्त नहीं कर सकता।

उपर्युत्त कथनाें में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • आधार प्लेटफॉर्म सेवा प्रदाताओं को सुरक्षित तथा त्वरित तरीके से इलेक्ट्रॉनिक रूप से निवासियों की पहचान प्रमाणित करने में सहायता करता है जिससे सेवा वितरण अधिक लागत प्रभावी और कुशल हो जाता है। भारत सरकार (GoI) तथा UIDAI के अनुसार, आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है।
  • हालाँकि UIDAI ने आकस्मिकताओं का एक समूह भी प्रकाशित किया है जब उसके द्वारा जारी किया गया आधार अस्वीकृति के लिये उत्तरदायी है। मिश्रित या असंगत बायोमेट्रिक जानकारी या एक ही नाम से कई नामों (जैसे उर्फ या उपनाम) वाले आधार को निष्क्रिय किया जा सकता है। लगातार तीन वर्षों तक इसका उपयोग न करने पर आधार निष्क्रिय भी हो सकता है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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