प्रारंभिक परीक्षा
यूनाइट अवेयर प्लेटफाॅर्म
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों को रिकॉर्ड करने और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने में हुई प्रगति (Progress) की निगरानी के लिये एक नया डेटाबेस (यूनाइट अवेयर प्लेटफॉर्म) लॉन्च किया।
- इसे शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों के लिये जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिये भारत के नेतृत्व वाले ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स (GOF) पहल द्वारा अपनी दूसरी बैठक में लॉन्च किया गया था।
डेटाबेस का उपयोग क्या है?
- डेटाबेस शांतिरक्षकों के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कृत्यों के मामलों की निगरानी और समाधान के लिये एक ऑनलाइन भंडार के रूप में कार्य करेगा।
- यह जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिये व्यापक विश्लेषण की सुविधा प्रदान करेगा और प्रभावी रणनीतियों को किर्यांवित करेगा।
- इसे यूनाइट अवेयर प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया गया है।
- यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2589 (अगस्त 2021 में अपनाया गया) के प्रावधानों को लागू करता है, जिसमें सदस्य देशों की मेज़बानी करने वाले सैनिकों से संयुक्त राष्ट्र कर्मियों के विरुद्ध हिंसा के सभी कृत्यों के अपराधियों को न्याय क्षेत्र में लाने का आह्वान किया गया है।
ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स (GOF) क्या है?
- परिचय: 16 दिसंबर, 2022 को भारत ने शांति सैनिकों के विरुद्ध अपराधों को लेकर जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिये 'ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स' लॉन्च किया। इसमें 40 सदस्य देश शामिल हैं।
- यह सदस्य देशों से अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप शांति रक्षकों (ब्लू हेलमेट) के विरुद्ध किये गए अपराध के अपराधियों की जाँच, गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने एवं व्यावहारिक रूप से UNSC के भीतर तथा बाहर दोनों जगह जवाबदेहिता को बढ़ावा देने का आह्वान करता है।
- भारत ने कर्त्तव्य निर्वहन के दौरान अपने 177 शांति सैनिकों को खो दिया है, जो किसी भी सैन्य योगदान देने वाले देश से तुलनात्मक रूप से अब तक का सबसे बड़ा आँकड़ा है।
- यह सदस्य देशों से अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप शांति रक्षकों (ब्लू हेलमेट) के विरुद्ध किये गए अपराध के अपराधियों की जाँच, गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने एवं व्यावहारिक रूप से UNSC के भीतर तथा बाहर दोनों जगह जवाबदेहिता को बढ़ावा देने का आह्वान करता है।
- सह-अध्यक्षः भारत, बांग्लादेश, मिस्र, फ्राँस, मोरक्को और नेपाल।
- GoF प्रतिवर्ष अपने सदस्यों की दो बैठकें आयोजित करेगा, शांति रक्षकों के विरुद्ध अपराध हेतु जवाबदेहिता को बढ़ावा देने के लिये सहायकों को सूचित करने और प्रेरित करने के लिये प्रतिवर्ष एक कार्यक्रम का आयोजन करेगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. UN की सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी सदस्य होते हैं और शेष 10 सदस्यों का चुनाव कितनी अवधि के लिये महासभा द्वारा किया जाता है? (2009) (a) 1 वर्ष उत्तर: (b) प्रश्न. ‘‘संयुक्त राष्ट्र प्रत्यय समिति (यूनाईटेड नेशंस क्रेडेंशियल्स कमिटी)’’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 3 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट प्राप्त करने में भारत के सामने आने वाली बाधाओं पर चर्चा कीजिये। (2015) |
रैपिड फायर
कोंडा रेड्डी जनजाति के ज्ञान की उपयोगिता
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में वन अधिकारियों को यह पता चला कि एक भारतीय लॉरेल वृक्ष या भारतीय सिल्वर ओक (फाइकस माइक्रोकार्पा) की छाल, विशेषतः गर्मियों में,जल का भंडारण करती है। जैसा कि कोंडा रेड्डी जनजाति द्वारा दावा किया जाता है।
- मूलतः भारतीय लॉरेल वृक्ष दक्षिण पूर्व एशिया और भारत के क्षेत्रों में पाए जाते हैं, यह उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में उगते हैं। यह चमकदार, घने हरे पत्ते वाले सदाबहार वृक्ष होते हैं, और इसके लेटेक्स रस का उपयोग रबर उत्पादों के निर्माण में किया जाता है।
- कोंडा रेड्डी जनजाति गोदावरी क्षेत्र में पापीकोंडा पहाड़ी शृंखला (आंध्र प्रदेश) में निवास करने वाले कमज़ोर आदिवासी समूह हैं और उनकी मातृभाषा तेलुगू है।
- पापीकोंडा राष्ट्रीय उद्यान (Papikonda National Park- PNP) को वर्ष 1882 में आरक्षित वन, वर्ष 1978 में वन्यजीव अभयारण्य और वर्ष 2008 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
- PNP में आर्द्र पर्णपाती वन पाए जाते हैं, इनमें बाघ, चूहा, हिरण, गौर आदि जैसी पशु प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
प्रारंभिक परीक्षा
ग्रीन स्टील नीति
स्रोत: द हिंदू
इस्पात मंत्रालय एक व्यापक ग्रीन स्टील/हरित इस्पात नीति विकसित कर रहा है, जिसमें संपूर्ण डीकार्बोनाइज़ेशन रणनीति के हिस्से के रूप में विनिर्माण प्रक्रिया, आवश्यक कौशल सेट और वित्तपोषण सहायता शामिल है।
ग्रीन स्टील क्या है?
- परिचय:
- ग्रीन स्टील न्यून ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के साथ स्टील का पर्यावरण-अनुकूल उत्पादन है, जो संभवतः पारंपरिक तरीकों की तुलना में लागत को कम करता है और गुणवत्ता को बेहतर करता है।
- आवश्यकता:
- ब्लास्ट फर्नेस में कोयले की अधिक खपत: स्टील निर्माण प्रक्रिया, जिसमें ब्लास्ट फर्नेस, बुनियादी ऑक्सीजन भट्टियाँ और इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस शामिल हैं, मुख्य रूप से ब्लास्ट फर्नेस संचालन में कोयले व कोक की अधिक खपत के कारण, कार्बन उत्सर्जन का एक प्रमुख वैश्विक स्रोत है।
- एक अध्ययन से पता चलता है कि 21वीं सदी में स्टील की मांग बढ़ने का अनुमान है, स्टील उत्पादन के लिये न्यूनतम ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन विकल्पों की तलाश करने के लिये ग्रीन स्टील एक अच्छा विकल्प प्रदान करता है।
- भारत का घरेलू इस्पात क्षेत्र देश के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 12% का योगदान देता है, प्रति टन कच्चे इस्पात के उत्पादन में 2.55 टन CO2 का उत्सर्जन होता है, जो वैश्विक उत्सर्जन औसत 1.9 टन CO2 से अधिक है।
- ब्लास्ट फर्नेस में कोयले की अधिक खपत: स्टील निर्माण प्रक्रिया, जिसमें ब्लास्ट फर्नेस, बुनियादी ऑक्सीजन भट्टियाँ और इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस शामिल हैं, मुख्य रूप से ब्लास्ट फर्नेस संचालन में कोयले व कोक की अधिक खपत के कारण, कार्बन उत्सर्जन का एक प्रमुख वैश्विक स्रोत है।
- निम्न-श्रेणी कार्बन उत्पादन विधि के रूप में:
- इसमें कार्बन उत्सर्जन को कम करने और उच्च गुणवत्ता के इस्पात के उत्पादन के लिये ग्रीन/ब्लू हाइड्रोजन, उच्च बायोमास उपयोग और कृत्रिम आयरन इकाइयों (AIU) का उपयोग करके कार्बन कैप्चर एवं भंडारण (CCS) शामिल है।
- वैश्विक पहलें:
- फर्स्ट मूवर्स कोलिएशन:
- यह स्टील जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को डीकार्बोनाइज़ करने के लिये विश्व आर्थिक मंच की एक पहल है।
- इस कोलिएशन ने घोषणा की कि उसका विस्तार हो गया है, 55 कंपनियाँ और नौ देश अब लगभग शून्य या शून्य-कार्बन समाधानों का उपयोग करने वाले आपूर्तिकर्त्ताओं से औद्योगिक सामग्रियों तथा परिवहन का एक निश्चित अनुपात क्रय करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
- औद्योगिक गहन डीकार्बोनाइज़ेशन पहल (IDDI):
- यह सरकारों को पर्यावरणीय डेटा की रिपोर्ट करने और निर्माण परियोजनाओं में न्यूनतम-उत्सर्जन एवं लगभग-शून्य उत्सर्जन वाले सीमेंट/कंक्रीट व स्टील का उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित करता है, जिसमें अमेरिका सहित नौ देश शामिल हो गए हैं तथा अपनी प्रतिज्ञाओं को बताने के लिये तैयार हैं।
- स्टील ज़ीरो और कंक्रीट ज़ीरो:
- क्लाइमेट ग्रुप की स्टील ज़ीरो और कंक्रीट ज़ीरो पहल क्रमशः 25 और 22 कंपनियों के साथ कॉर्पोरेट साझेदार हैं, जो नेट-ज़ीरो स्टील तथा नेट-ज़ीरो उत्सर्जन कंक्रीट तथा प्रभावी रूप से सीमेंट को इसके प्रमुख घटक के रूप में उपयोग करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
- यूरोपीय संघ:
- 2030 तक यूरोपीय संघ द्वारा लगभग 50 हरित और निम्न-कार्बन इस्पात परियोजनाओं की मेज़बानी करने का अनुमान है, जो आंशिक रूप से यूरोपीय संघ की कार्बन सीमा समायोजन तंत्र जैसी नीतियों द्वारा संचालित है।
- स्वीडन:
- हाइब्रिड ने वोल्वो को पहले कोयला-मुक्त "ग्रीन स्टील" की आपूर्ति की, जबकि H2 ग्रीन स्टील स्वीडन में एक स्थायी हाइड्रोजन सुविधा के साथ जीवाश्म ईंधन-मुक्त स्टील प्लांट का निर्माण कर रही है, ये दोनों ही पर्यावरण के अनुकूल स्टील उत्पादन के लिये प्रयास कर रहे हैं।
- फर्स्ट मूवर्स कोलिएशन:
- भारत की पहलें:
- इस्पात मंत्रालय पूर्ण डीकार्बोनाइज़ेशन पर ध्यान देने के साथ एक ग्रीन स्टील/हरित इस्पात नीति विकसित कर रहा है, जिसमें प्रक्रिया परिभाषा, आवश्यक कौशल और वित्तपोषण शामिल हैं।
- इसकी परिभाषा सहित हरित इस्पात निर्माण के विभिन्न तौर-तरीकों को निर्धारित करने के लिये पहले से ही 13-विषम कार्यबलों का गठन किया जा चुका है।
- हाल ही में स्टील बनाने में बायोचार या बायोमास (ब्लास्ट फर्नेस में एक विकल्प के रूप में) का उपयोग करने के विकल्प का पता लगाने के लिये 14वीं टास्क फोर्स की स्थापना की गई थी, जिससे विनिर्माण प्रक्रिया के दौरान कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
- भारत अपनी स्वयं की शुद्ध-हाइड्रोजन-आधारित DRI (direct reduction of iron) तकनीक की खोज कर रहा है, जिसकी परियोजना रिपोर्ट वर्तमान में जाँच के अधीन है और हाइड्रोजन-आधारित DRI सुविधा के लिये एक कंसोर्टियम-आधारित पायलट पर भी विचार कर रहा है।
- नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस्पात निर्माण में हाइड्रोजन के उपयोग को प्रायोगिक तौर पर शुरू करने के लिये ₹455 करोड़ आवंटित किये हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. 'आठ मूल उद्योगों के सूचकांक (इंडेक्स ऑफ एट कोर इंडस्ट्रीज़)' में निम्नलिखित में से किसको सर्वाधिक महत्त्व दिया गया है? (2015) (a) कोयला उत्पादन उत्तर: (b) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2009)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: c |
प्रारंभिक परीक्षा
बृहस्पति के उपग्रह कैलिस्टो पर ओज़ोन की उपस्थिति
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सहित विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों की एक टीम ने बृहस्पति के उपग्रहों में से एक, कैलिस्टो पर ओज़ोन के अस्तित्त्व का सुझाव देने वाले आकर्षक सबूतों का खुलासा किया है।
- पहले इसे एक बंजर खगोलीय पिंड माना जाता था, लेकिन अब वैज्ञानिक मानते हैं कि यह बर्फीला उपग्रह जीवन के लिये अनुकूल परिस्थितियों से युक्त हो सकता है।
नोट: शोधकर्त्ताओं ने प्रयोगशाला में कैलिस्टो की सतह की स्थितियों को फिर से निर्मित किया और साथ ही इस सेटअप को वैक्यूम-पराबैंगनी फोटॉन के संपर्क में लाया गया तथा एक अवशोषण स्पेक्ट्रम देखा गया जो ओज़ोन गठन को दर्शाता है, जैसा कि हबल (स्पेस टेलीस्कोप) ने वर्ष 1997 में कैलिस्टो पर देखा था।
- ओज़ोन की उपस्थिति जीवन के लिये आवश्यक ऑक्सीजन उपलब्ध कराती है।
कैलिस्टो की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- परिचय: कैलिस्टो, बृहस्पति के सबसे बड़े उपग्रहों में से एक है और साथ ही यह गैनीमेड (बृहस्पति) तथा टाइटन (शनि) के बाद सौरमंडल में तीसरा सबसे बड़ा उपग्रह है।
- इसकी खोज वर्ष 1610 में इतालवी वैज्ञानिक गैलीलियो गैलीली ने बृहस्पति के तीन अन्य सबसे बड़े उपग्रहों: गैनीमेड, यूरोपा एवं आयो के साथ की थी।
- नासा (NASA) के अनुसार, शनि (146) के बाद, बृहस्पति (95) के पास सौरमंडल में सबसे अधिक उपग्रह हैं।
- विशेषताएँ: यह मुख्य रूप से हिमकण, चट्टानी सामग्री, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बनिक यौगिकों से बना है।
- इसकी सतह पर ज्वालामुखी विवर होते हैं, जो क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं से टकराने के उसके एक लंबे इतिहास का संकेत देते हैं।
- इसमें बृहस्पति के कुछ अन्य उपग्रहों, जैसे कि आयो एवं यूरोपा, पर देखी गई व्यापक भूकंपीय गतिविधियों का भी अभाव है।
कुछ अन्य संभावित निवासनीय खगोलीय पिंड क्या हैं?
- निवासनीय क्षेत्र: निवासनीय क्षेत्र किसी तारे से वह दूरी होती है जिस पर परिक्रमा करने वाले ग्रहों की सतहों पर जल मौजूद हो सकता है।
- निवासनीय क्षेत्रों को गोल्डीलॉक्स ज़ोन के रूप में भी जाना जाता है, जहाँ जीवन के लिये स्थितियाँ बिल्कुल अनुकूल (न तो बहुत गर्म और न ही बहुत ठंडी) हो सकती हैं।
- संभावित निवासनीय खगोलीय पिंड:
- केप्लर (Kepler) 22b: यह NASA के केप्लर मिशन द्वारा सूर्य जैसे तारे के निवासनीय क्षेत्र के भीतर परिक्रमा करने वाला पहला ग्रह है।
- पृथ्वी से 2.4 गुना बड़ा यह ग्रह ऐसे क्षेत्र में स्थित है जहाँ संभावित रूप से जल उपस्थित हो सकता है, जो जीवन को बनाए रखने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
- प्रॉक्सिमा सेंटॉरी-b: प्रॉक्सिमा सेंटॉरी-b एक एक्सोप्लैनेट है, जो एक ग्रह की भाँति है, यह सूर्य के अतिरिक्त किसी अन्य तारे की परिक्रमा करता है।
- चूँकि यह अपने तारे के वासयोग्य क्षेत्र में स्थित है, तारे से इसकी आदर्श दूरी के कारण इसकी सतह पर सैद्धांतिक रूप से तरल अवस्था में जल (Liquid Water) मौजूद हो सकता है।
- प्रॉक्सिमा सेंटॉरी-b भी पृथ्वी के बहुत करीब, मात्र 4.2 प्रकाश वर्ष दूर है।
- TRAPPIST-1 प्रणाली (स्टार सिस्टम): यह प्रणाली पृथ्वी के आकार के सात ग्रहों का एक समूह है, जो लगभग 39 प्रकाश वर्ष दूर एक अति-शीतल बौने तारे की परिक्रमा कर रही है।
- TRAPPIST-1 प्रणाली में कई ग्रह वासयोग्य क्षेत्र के भीतर स्थित हैं और कुछ की सतहों पर तरल जल की संभावना है।
- केप्लर (Kepler) 22b: यह NASA के केप्लर मिशन द्वारा सूर्य जैसे तारे के निवासनीय क्षेत्र के भीतर परिक्रमा करने वाला पहला ग्रह है।
ओज़ोन का महत्त्व:
- एक साथ बँधे तीन ऑक्सीजन परमाणुओं (O3) से बना ओज़ोन ग्रहों को हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से बचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- ओज़ोन परत पृथ्वी के समताप मंडल के निचले हिस्से में, ज़मीन से लगभग 15-35 किमी ऊपर पाई जाती है।
- यह पृथ्वी के वायुमंडल में एक सुरक्षात्मक परत के रूप में कार्य करती है, जो सूर्य के अधिकांश हानिकारक पराबैंगनी (ultraviolet (UV) विकिरण को अवशोषित करती है और इसे सतह तक पहुँचने से रोकती है।
- विशेष रूप से पराबैंगनी विकिरण कई प्रजातियों के लिये हानिकारक है (लेकिन कुछ अन्य के लिये उपयोगी भी है)।
- इसके दो घटक, जिन्हें पराबैंगनी-B और पराबैंगनी-C कहा जाता है, DNA को नुकसान पहुँचा सकते हैं, उत्परिवर्तन उत्पन्न कर सकते हैं और मनुष्यों में त्वचा कैंसर तथा मोतियाबिंद का खतरा बढ़ा सकते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा एक, ओज़ोन का अवक्षय करने वाले पदार्थों के प्रयोग पर नियंत्रण और उन्हें चरणबद्ध रूप से प्रयोग से बाहर करने के मुद्दे से संबंद्ध है? (2015) (a) ब्रेटन वुड्स सम्मेलन उत्तर: (b) प्रश्न: निम्नलिखित में से किस ग्रह में प्राकृतिक उपग्रहों या चंद्रमाओं की संख्या सबसे अधिक है? (2009) (a) बृहस्पति उत्तर: (a) |
रैपिड फायर
ई-कॉमर्स फूड बिज़नेस ऑपरेटरों को FSSAI के निर्देश
स्रोत: द हिंदू
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India-FSSAI) ने ई-कॉमर्स खाद्य व्यवसाय ऑपरेटरों (FBOs) को अपनी वेबसाइट पर खाद्य उत्पादों को सही ढंग से वर्गीकृत करने का निर्देश दिया है।
- प्राधिकरण ने ऐसे मामले देखे जहाँ लाइसेंस प्राप्त उक्त "स्वामित्व वाले खाद्य पदार्थ (Proprietary Foods)", जैसे कि डेयरी-आधारित, अनाज-आधारित और माल्ट-आधारित पेय मिश्रण आदि को गलत तरीके से चिह्नित करके ई-कॉमर्स प्लेटफाॅर्मों पर स्वास्थ्य या ऊर्जा पेय के रूप में बेचा गया।
- खाद्य उत्पादों को स्वामित्व खाद्य पदार्थ माना जाता है यदि FSSAI नियमों में उनके लिये कोई मानक मौजूद नहीं है।
- FSSAI ने स्पष्ट किया कि "स्वास्थ्य पेय (Health Drink)" को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत कहीं भी परिभाषित या मानकीकृत नहीं किया गया है तथा इसके अलावा FBO को ऐसे उत्पादों को कानून के अनुसार, उचित श्रेणी में रखकर इस गलत वर्गीकरण को सुधारने की सलाह दी है।
- साथ ही FSSAI ने आगे कहा कि 'एनर्जी ड्रिंक्स' शब्द का इस्तेमाल केवल उन उत्पादों के लिये करने की अनुमति है, जिन्हें उस विशिष्ट खाद्य श्रेणी प्रणाली के तहत लाइसेंस दिया गया है।
और पढ़ें: FSSAI द्वारा खाद्य सुरक्षा विनियमों को सुव्यवस्थित करने पर विचार
रैपिड फायर
विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक
स्रोत: द हिंदू
हॉन्गकॉन्ग और शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HSBC) द्वारा जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत का विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (PMI) मार्च, 2024 में 16 वर्ष के शिखर 59.1 पर पहुँच गया।
- PMI एक आर्थिक संकेतक है, जो विभिन्न कंपनियों के मासिक सर्वेक्षण के बाद निर्धारित किया जाता है। यह विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों क्षेत्रों के रुझान को स्पष्ट करता है।
- यह पिछले माह की तुलना में 50 से ऊपर का PMI विस्तार दर्शाता है।
- साथ ही यह भी निर्धारित करने में सहायता करता है कि क्या बाज़ार की स्थितियाँ, जैसा कि क्रय प्रबंधकों द्वारा देखा गया है, विस्तार कर रही है, या संक्षिप्त हो रही है या वैसी ही बनी हुई है।
- इसका उपयोग वर्तमान और भविष्य की व्यावसायिक स्थितियों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिये किया जाता है।
- HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI को S&P ग्लोबल द्वारा संकलित किया जाता है।
रैपिड फायर
सेना चिकित्सा कोर का स्थापना दिवस
स्रोत:पी.आई.बी.
सेना मेडिकल कोर (AMC) ने राष्ट्र की सेवा में सदियों के समर्पण और बलिदान को दर्शाते हुए अपना 260वाँ स्थापना दिवस (3 अप्रैल, 2024) मनाया।
- AMC, जिसे मूल रूप से भारतीय चिकित्सा सेवा के रूप में जाना जाता है, की स्थापना वर्ष 1764 में निःस्वार्थ सेवा के माध्यम से 'सर्वे सन्तु निरामया' (सभी रोगमुक्त हों) के आदर्श वाक्य के साथ, ब्रिटिश औपनिवेशिक युग के दौरान भारत में की गई थी।
- भारतीय सेना मेडिकल कोर (IAMC) की स्थापना रॉयल आर्मी मेडिकल कोर मॉडल (UK) के अनुरूप 3 अप्रैल, 1943 को की गई थी। इसे भारतीय चिकित्सा सेवा (IMS), भारतीय चिकित्सा विभाग (IMD) एवं भारतीय अस्पताल कोर (IHC) को अधिकारियों एवं अन्य की एकीकृत कोर में विलय करके बनाया गया था।
- IAMC को 26 जनवरी, 1950 से सेना चिकित्सा कोर (AMC) के रूप में पुनः नामित किया गया था।
- AMC ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन तथा मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिससे राष्ट्रीय प्रगति एवं विकास में योगदान मिला है।
- AMC स्थापना दिवस सेना मेडिकल कोर के अधिकारियों और अन्य रैंकों के योगदान को मान्यता प्रदान करता है, जिन्होंने सशस्त्र बलों के कर्मियों, परिवारों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।
और पढ़ें: मानसिक स्वास्थ्य के लिये भारतीय सेना के सक्रिय उपाय