प्रारंभिक परीक्षा
छह एक्सोप्लैनेट कर रहे HD 110067 की परिक्रमा
- 08 Dec 2023
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स्रोत: द हिंदू
नेचर में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में कोमा बेरेनाइसीस (Coma Berenices) तारामंडल में स्थित चमकीले तारे HD 110067 की परिक्रमा करने वाले छह एक्सोप्लैनेट की खोज का खुलासा किया गया है।
- इन ग्रहों को 'उप-नेपच्यून' कहा जाता है तथा दो अंतरिक्ष दूरबीनों, नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) की ट्रांज़िटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) एवं यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) की कैरक्टराइज़िंग एक्सोप्लैनेट सैटेलाइट (CHaracterising ExOPlanet Satellite- CHEOPS) से डेटा का उपयोग करके इनकी अवस्थिति और विशेषता का पता लगाया गया।
नोट:
CHEOPS, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का पहला अंतरिक्ष मिशन है जो एक्सोप्लैनेट को आश्रय देने वाले चमकीले, नज़दीकी तारों का अध्ययन करने के लिये समर्पित है, ताकि जब ग्रह अपने मेज़बान तारे के सामने से गुज़रे तो इसके आकार का उच्च-सटीक अवलोकन किया जा सके।
उप-नेपच्यून के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- HD 110067 प्रणाली में छह एक्सोप्लैनेट को 'उप-नेप्च्यून' के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- पृथ्वी और नेपच्यून के बीच की त्रिज्या वाले ग्रहों को 'उप-नेपच्यून' कहा जाता है।
- उनके द्रव्यमान और घनत्व की गणना अपेक्षाकृत कम घनत्व वाले वायुमंडल की उपस्थिति का संकेत देती है, जो संभावित रूप से हाइड्रोजन से समृद्ध है।
- सभी छह ग्रह अनुनादी कक्षाओं में हैं, जिसमें परिक्रमा करते समय ग्रह एक-दूसरे पर नियमित बल लगाते हैं।
- यह विशेषता बताती है कि यह प्रणाली कम-से-कम चार अरब वर्ष पूर्व अपनी उत्पत्ति के बाद से व्यावहारिक रूप से अपरिवर्तित बनी हुई है।
- तारे से बढ़ती दूरी के क्रम में ग्रहों को HD 110067 b, c, d, e, f और g नाम दिया गया है।
HD 110067:
- HD 110067 तारा पृथ्वी से लगभग 100 प्रकाश वर्ष दूर कोमा बेरेनाइसीस तारामंडल में स्थित है।
- इसे उत्तरी गोलार्द्ध से देखा जा सकता है और यह चार से अधिक पारगमन एक्सोप्लैनेट की मेज़बानी करने वाला अब तक का सबसे चमकीला तारा है।
- कोमा बेरेनाइसीस तारामंडल, जिसे बेरेनाइसीस हेयर के नाम से भी जाना जाता है, उत्तरी आकाशीय गोलार्द्ध में मध्यम आकार का एक तारामंडल है। यह दोनों गोलार्द्धों से दिखाई देता है, किंतु वसंत और ग्रीष्मकाल के दौरान इसे उत्तरी गोलार्द्ध में आसानी से देखा जा सकता है।
एक्सोप्लैनेट क्या है?
- अन्य तारों की परिक्रमा करने वाले और हमारे सौरमंडल से कहीं दूर स्थित ग्रहों को एक्सोप्लैनेट कहा जाता है।
- 1992 में पहली बार एक्सोप्लैनेट की पुष्टि की गई थी।
- नासा के अनुसार, आज तक 5,000 से अधिक एक्सोप्लैनेट की खोज की जा चुकी है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. 'गोल्डीलॉक्स ज़ोन (Goldilocks Zone)' शब्द निम्नलिखित में से किसके संदर्भ में अक्सर समाचारों में देखा जाता है? (2015) (a) भू-पृष्ठ के ऊपर वास योग्य मंडल की सीमाएँ उत्तर: (c) व्याख्या:
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