जैव विविधता और पर्यावरण
हाइड्रोजन फ्यूल सेल
- 12 Sep 2022
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:हाइड्रोजन फ्यूल सेल, ग्रीन हाइड्रोजन, ब्राउन हाइड्रोजन, ग्रे हाइड्रोजन, ब्लू हाइड्रोजन, नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन (NHM)। मेन्स के लिये:हाइड्रोजन फ्यूल सेल का महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जर्मनी ने दुनिया की पहली पूरी तरह से हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों का बेड़ा लॉन्च किया, ये उत्सर्जन-मुक्त ट्रेनें हैं जो 140 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ सकती हैं तथा टैंक खाली होने से पहले लगभग 1,000 किमी. तक चल सकती हैं।
हाइड्रोजन फ्यूल सेल (HFC):
- परिचय:
- हाइड्रोजन फ्यूल सेल उच्च गुणवत्ता वाली विद्युत शक्ति का एक स्वच्छ, विश्वसनीय, निर्बाध और कुशल स्रोत है।
- वे एक विद्युत रासायनिक प्रक्रिया के परिचालन के लिये फ्यूल के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग करते हैं तथा विद्युत के साथ जल और ऊष्मा का उत्पादन करते हैं जो एकमात्र उप-उत्पाद के रूप में होता है।
- स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन विकल्प के लिये हाइड्रोजन पृथ्वी पर उपलब्ध सबसे प्रचुर तत्त्वों में से एक है।
- हाइड्रोजन के निर्माण की प्रक्रिया के आधार पर इसके प्रकार:
- ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण अक्षय ऊर्जा (जैसे- सौर, पवन) का उपयोग करके जल के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा नि होता है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।
- इसके तहत विद्युत द्वारा जल (H2O) को हाइड्रोजन (H) और ऑक्सीजन (O2) में विभाजित किया जाता है।
- उपोत्पाद: जल, जलवाष्प।
- ब्राउन हाइड्रोजन का उत्पादन कोयले का उपयोग करके किया जाता है जहाँ उत्सर्जन को वायुमंडल में निष्कासित किया जाता है।
- ग्रे हाइड्रोजन (Grey Hydrogen) का उत्पादन प्राकृतिक गैस से होता है जहाँ संबंधित उत्सर्जन को वायुमंडल में निष्कासित किया जाता है।
- ब्लू हाइड्रोजन (Blue Hydrogen) की उत्पत्ति प्राकृतिक गैस से होती है, जहाँ कार्बन कैप्चर और स्टोरेज का उपयोग करके उत्सर्जन को कैप्चर किया जाता है।
- ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण अक्षय ऊर्जा (जैसे- सौर, पवन) का उपयोग करके जल के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा नि होता है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।
- महत्त्व:
- सर्वश्रेष्ठ शून्य उत्सर्जन समाधान: यह सबसे अच्छे शून्य उत्सर्जन समाधानों में से एक है। यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है जिसमें जल के अलावा कोई तेलपाइप उत्सर्जन नहीं है।
- तेलपाइप उत्सर्जन (Tailpipe Emission): वातावरण में गैस या विकिरण जैसी किसी चीज़ का उत्सर्जन।
- शोर रहित संचालन (Quiet Operation): तथ्य यह है कि फ्यूल सेल कम शोर करती हैं, इसका मतलब है कि उनका उपयोग अस्पताल की इमारतों जैसे चुनौतीपूर्ण संदर्भों में किया जा सकता है।
- आसान संचालन: फ्यूल सेल का संचालन समय बैटरी की तुलना में लंबा होता है, फ्यूल सेल के साथ संचालन समय को दोगुना करने हेतु केवल ईंधन की मात्रा को दोगुना करने की आवश्यकता होती है, जबकि बैटरी को इसे प्राप्त करने के लिये घटकों की क्षमता को दोगुना करने की आवश्यकता होती है।
- सर्वश्रेष्ठ शून्य उत्सर्जन समाधान: यह सबसे अच्छे शून्य उत्सर्जन समाधानों में से एक है। यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है जिसमें जल के अलावा कोई तेलपाइप उत्सर्जन नहीं है।
- मुद्दे:
- उच्च लागत: ग्रीन हाइड्रोजन वैश्विक हाइड्रोजन उत्पादन का केवल 0.03% का निर्माण करता है और यह प्राकृतिक गैस से उत्पादित 'ग्रे' हाइड्रोजन या कोयले से उत्पादित 'ब्राउन' हाइड्रोजन से पाँच गुना अधिक महँगा है।
- हाइड्रोजन भंडारण: हाइड्रोजन का भंडारण और परिवहन जीवाश्म ईंधना की तुलना में अधिक जटिल है। इसका तात्पर्य ऊर्जा के स्रोत के रूप में हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर विचार करने हेतु अतिरिक्त लागत से है।
- हाइड्रोजन निष्कर्षण: ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर तत्त्व होने के बावजूद हाइड्रोजन अपने आप में मौजूद नहीं है, इसलिये इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से पानी से निकालने या कार्बन जीवाश्म ईंधन से अलग करने की आवश्यकता होती है।
- इन दोनों प्रक्रियाओं के लिये महत्त्वपूर्ण मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा स्वयं हाइड्रोजन से प्राप्त ऊर्जा से अधिक होने के साथ-साथ महँगी भी हो सकती है।
- इसके अलावा इस निष्कर्षण के लिये आमतौर पर जीवाश्म ईंधन के उपयोग की आवश्यकता होती है, जो कार्बन कैप्चर और स्टोरेज (CCS) की अनुपस्थिति मेंं हरित हाइड्रोजन साख (Green Credentials of Hydrogen) को कमज़ोर करता है।
- भारतीय परिदृश्य:
- की गई पहल: केंद्रीय बजट 2021-22 के तहत एक राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन (National Hydrogen Energy Mission-NHM) की घोषणा की गई है, जो हाइड्रोजन को वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग करने के लिये एक रोडमैप तैयार करेगा।
- अक्षय ऊर्जा के लिये अन्य पहलें:
- भारत में यदि ट्रेनों इंजनो को हाइड्रोजन इंजन में बदल दिया जाता है तो प्रत्येक वर्ष 24 मिलियन टन से अधिक CO2 उत्सर्जन में कमी की जा सकती है, साथ ही 2,400 मिलियन लीटर डीज़ल ईंधन (और संबंधित लागत) बचाया जा सकता है।
- भारत में वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 13,500 ट्रेनें चल रही हैं, इनमें से लगभग 5,000 (37%) डीज़ल इंजन युक्त हैं और बाकी पूरी तरह से विद्युतीकृत हैं।
आगे की राह
- उत्सर्जन के अनुकूल विकल्प: एक अन्य विकल्प जिस पर दुनिया भर में कई हाइड्रोजन परिषदें ज़ोर दे रही हैं, वह है ब्लू हाइड्रोजन जिसमें उत्पादन सुविधा में शामिल कार्बन अवशोषण और भण्डारण के लिये अतिरिक्त सुविधाओं के साथ ग्रे हाइड्रोजन युग्मित है।
- इस तरह हाइड्रोजन उत्पादन के दौरान उत्सर्जित CO2 का 90% तक पुन: उपयोग या भंडारण के लिये अवशोषण किया जा सकता है और इसे वातावरण में जाने से रोका जा सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न: हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन "निकास" के रूप में निम्नलिखित में से एक का उत्पादन करते हैं: (2010) (a) NH3 उत्तर: c व्याख्या:
अतः विकल्प (c) सही है। |