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यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का जूस मिशन

  • 13 Apr 2023
  • 7 min read

हाल ही में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बृहस्पति और उसके बर्फीले चंद्रमाओं अर्थात् गेनीमेड, कैलिस्टो तथा  यूरोपा की जानकारी प्राप्त करने के लिये ज्यूपिटर आइसी मून्स एक्सप्लोरर (जूस) मिशन की शुरुआत की है।

जूस मिशन:

  • परिचय:  
    • इसे एरियन 5 लॉन्चर के ज़रिये फ्रेंच गुएना से लॉन्च किया गया, यह मिशन वर्ष 2031 में बृहस्पति तक पहुँचने के लिये तैयार है।
    • अंतरिक्षयान का निर्माण एयरबस समूह के एक प्रभाग एयरबस डिफेंस एंड स्पेस द्वारा किया गया था।
  • उद्देश्य: 
    • मिशन का मुख्य उद्देश्य:
      • चंद्रमाओं की सतहों का विस्तृत मानचित्रण एवं सतह के नीचे जल निकायों का विश्लेषण करके संभावित रहने योग्य वातावरण का पता लगाना।
      • बृहस्पति की उत्पत्ति, इतिहास एवं विकास को समझने का प्रयास कर इसकी एक व्यापक तस्वीर बनाना। 
    • इसका फोकस गैनिमीड पर होगा (सौरमंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा, जो अपना चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है)।
      • यह माना जाता है कि तीनों चंद्रमा- गैनिमीड, कैलिस्टो और यूरोपा में भारी मात्रा में जल उपलब्ध है, जो संभावित रूप से उन्हें रहने योग्य बनाता है।
    • ‘जूस’ जीवन का पता लगाने के लिये सुसज्जित नहीं है, लेकिन यह पता लगाया जा सकता है कि क्या बृहस्पति के आस-पास, बर्फीले चंद्रमाओं के अंदर ऐसे स्थान हो सकते हैं, जहाँ जीवन को बनाए रखने के लिये जल, आवश्यक जैविक तत्त्व, ऊर्जा और स्थिरता जैसी आवश्यक स्थितियाँ मौजूद हों।

बृहस्पति:

  • सूर्य से पाँचवीं लाइन में स्थित बृहस्पति सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है जो संयुक्त रूप से अन्य सभी ग्रहों के दोगुने से भी अधिक बड़ा है।
    • बृहस्पति, शनि, अरुण और वरुण को जोवियन या गैस विशालकाय ग्रह कहा जाता है। इनका वातावरण घना होता है जिसमें ज़्यादातर हीलियम और हाइड्रोजन होती है। 
  • बृहस्पति का प्रतिष्ठित ग्रेट रेड स्पॉट (Great Red Spot) पृथ्वी से भी बड़ा एक विशाल तूफान है जो सैकड़ों वर्षों से व्याप्त है। 
  • बृहस्पति लगभग हर 10 घंटे (एक जोवियन दिन) में एक बार घूर्णन करता है, परंतु सूर्य की एक परिक्रमा (एक जोवियन वर्ष) को पूरा करने में लगभग 12 पृथ्वी वर्ष लगते हैं।
  • बृहस्पति के 75 से अधिक चंद्रमा हैं। 
    • बृहस्पति ग्रह के चार सबसे बड़े चंद्रमाओं को इतालवी खगोलशास्त्री गैलीलियो गैलीली के नाम पर गैलीलियन उपग्रह कहा जाता है, जिन्होंने पहली बार उन्हें वर्ष 1610 में देखा था।
    • इनके नाम आयो, यूरोपा, गैनिमीड और कैलिस्टो हैं जिसमें प्रत्येक बड़े चंद्रमा की अद्वितीय दुनिया है।
  • वर्ष 1979 में वायेजर मिशन ने बृहस्पति के धुँधले वलय तंत्र की खोज की। 
  • बृहस्पति ग्रह पर नौ अंतरिक्षयान दौरा कर चुके हैं। इनमें से सात ने उड़ान भरी और दो ने गैस जायंट की परिक्रमा की।
    • गैलीलियो प्रोब (NASA) को अध्ययन के लिये भेजा गया था  जिसने वर्ष 1995 और 2003 के बीच ग्रह की परिक्रमा की। 
    • जूनो (NASA) वर्ष 2016 से ग्रह की परिक्रमा कर रहा है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (2014)

      अंतरिक्षयान                       उद्देश्य

  1. कैसिनी- ह्युजेन्स            शुक्र की परिक्रमा करना और डेटा को पृथ्वी पर प्रेषित करना 
  2. मैसेंजर                       बुध का मानचित्रण और जाँच 
  3. वॉयजर 1 और 2            बाहरी सौरमंडल की खोज

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • कैसिनी-ह्युजेन्स को शनि और उसके चंद्रमाओं का अध्ययन करने के लिये भेजा गया था। यह नासा एवं यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक संयुक्त सहयोग था। इसे वर्ष 1997 में लॉन्च किया गया था तथा वर्ष 2004 में इसने शनि की कक्षा में प्रवेश किया। मिशन वर्ष 2017 में समाप्त हुआ। अतः युग्म 1 सही सुमेलित नहीं है।
  • मैसेंजर, नासा का एक अंतरिक्षयान है जिसे बुध ग्रह के मानचित्रण तथा अन्वेषण हेतु भेजा गया था। इसे वर्ष 2004 में लॉन्च किया गया था और वर्ष 2011 में इसने बुध ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया। यह मिशन वर्ष 2015 में समाप्त हुआ। अतः युग्म 2 सही सुमेलित है।
  • वॉयजर-1 और 2 को नासा ने वर्ष 1977 में बाह्य सौरमंडल का पता लगाने के लिये लॉन्च किया था। दोनों अंतरिक्षयान अभी भी कार्यरत हैं। अत: युग्म 3 सही सुमेलित है।
  • अतः विकल्प (b) सही है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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