प्रिलिम्स फैक्ट्स (02 Jul, 2024)



नए आपराधिक कानून लागू

स्रोत: द हिंदू 

हाल ही में औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure- CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर अधिनियमित किये गए तीन नवीन आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 1 जुलाई 2024 से प्रभावी हुए।

नए आपराधिक कानून से संबंधित प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

  • उद्देश्य: इन नए कानूनों का उद्देश्य औपनिवेशिक युग के दंडों को न्याय-केंद्रित दृष्टिकोण से बदलना है, जिसमें पुलिस जाँच और अदालती प्रक्रियाओं में तकनीकी प्रगति को एकीकृत किया जाएगा।
  • नए अपराध: इसके नए अपराधों में आतंकवाद, मॉब लिंचिंग (असंयत भीड़ द्वारा हत्या), संगठित अपराध और महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों के लिये वर्द्धित दंड शामिल हैं।
  • कानूनों के सहज क्रियान्वन के लिये उठाए गए कदम:
    • राज्यों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के कुछ प्रावधानों में स्वयं के संशोधन करने की स्वतंत्रता प्रदान की गई है।
    • भारतीय न्याय संहिता (BNS) में भी जल्द ही संशोधन किया जाएगा जिसका उद्देश्य पुरुषों और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के विरुद्ध होने वाले लैंगिक अपराधों को संबोधित करने के लिये एक धारा शामिल करना है।
      • जब तक इस विसंगति का समाधान करने के लिये संशोधन प्रस्तावित नहीं किया जाता, तब तक पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि यदि उन्हें ऐसी ही शिकायतें प्राप्त होती हैं जैसे शारीरिक क्षति और गलत तरीके से बंधक बनाना तो वे BNS के अंतर्गत अन्य संबद्ध धाराओं का उपयोग कर सकते हैं।
    • IPC और CrPC नए कानूनों के साथ ही क्रियान्वित रहेंगे क्योंकि कई मामले अभी भी न्यायालयों में लंबित हैं तथा 1 जुलाई 2024 से पहले हुए कुछ अपराध जिनकी रिपोर्ट बाद में की गई है, उन्हें IPC के तहत दर्ज करना होगा।
    • अब अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (CCTNS) के माध्यम से ऑनलाइन प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की जा सकती है, जिससे पुलिस स्टेशन जाने की आवश्यकता के बिना कई भाषाओं में ई-FIR और ज़ीरो FIR दर्ज की जा सकती है।
    • सभी राज्यों को नई प्रणाली के अनुकूल बनाने में मदद करने के लिये प्रशिक्षण और सहायता का प्रबंधन किया गया है।
    • गृह मंत्रालय पुलिस द्वारा अपराध स्थल के साक्ष्य रिकॉर्ड करने और उन्हें अपलोड करने के लिये मोबाइल एप ई-साक्ष्य का परीक्षण कर रहा है, वहीं विभिन्न राज्यों ने अपनी क्षमताओं के आधार पर अपनी स्वयं की प्रणालियाँ विकसित की हैं। 
      • उदाहरण के लिये, दिल्ली पुलिस ने ई-प्रमाण एप्लिकेशन विकसित की है।
  • नए कानूनों से संबंधित प्रमुख बिंदु:
    • इन नए कानूनों में छोटे अपराधों के दंड के रूप में सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है।
    • नवीन कानूनों में आतंकवादी कृत्य को भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा या आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डालने के आशय से या संभावित रूप से किया जाने वाला कृत्य या लोगों को आतंकित करने के आशय से किया जाने वाले कृत्य के रूप में परिभाषित किया गया है।
    • नवीन कानूनों में नस्ल, जाति, समुदाय, लिंग, जन्म स्थान, भाषा, वैयक्तिक मान्यता पर आधारित पाँच अथवा उससे अधिक लोगों द्वारा की गई मॉब लिंचिंग के लिये मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सज़ा का प्रावधान किया गया है।
    • भगोड़े/प्रपलायी अपराधियों की अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया जा सकेगा।
    • 3 वर्ष तक की सज़ा संबंधी मामलों में संक्षिप्त सुनवाई की जाएगी, जिसका लक्ष्य सत्र न्यायालयों में 40% से अधिक मामलों का समाधान करना है।
    • इन कानूनों में तलाशी और ज़ब्ती के दौरान वीडियोग्राफी करना अनिवार्य किया गया है। ऐसी रिकॉर्डिंग के बिना कोई आरोप-पत्र मान्य नहीं होगा।
    • पहली बार अपराध करने वाला व्यक्ति, जिसने कारावास की सज़ा का एक तिहाई हिस्सा पूरा कर लिया है, उसे न्यायालय द्वारा ज़मानत पर रिहा कर दिया जाएगा।
    • सात या उससे अधिक अवधि के कारावास वाले प्रत्येक मामले में फोरेंसिक विशेषज्ञों की सहायता लेना अनिवार्य किया गया है।

भारतीय न्याय संहिता, 2023:

BNS

भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023:

BSA

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023:

BNSS

  UPSC सिविल सेवा परिक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:

प्रश्न. भारत में भीड़ हिंसा एक गंभीर कानून और व्यवस्था समस्या के रूप में उभर रही है। उपयुक्त उदाहरण देते हुए, इस प्रकार की हिंसा के कारणों एवं परिणामों का विश्लेषण कीजिये। (2017)

प्रश्न. हम देश में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों में वृद्धि देख रहे हैं। इसके खिलाफ मौजूदा कानूनी प्रावधानों के बावजूद ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। इस खतरे से निपटने के लिये कुछ अभिनव उपाय सुझाइये। (2014)


अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया

अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस (International Asteroid Day) 30 जून को वर्ष 1908 में हुई तुंगुस्का घटना (Tunguska Event) की स्मृति में मनाया जाता है और इसका उद्देश्य क्षुद्रग्रहों के प्रभाव के खतरे के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

तुंगुस्का घटना क्या है?

  • परिचय:
    • तुंगुस्का घटना साइबेरिया में एक क्षुद्रग्रह विस्फोट के कारण हुई थी, जिसके कारण 830 वर्ग मील क्षेत्र में 80 मिलियन वृक्ष नष्ट हो गए थे।
    • दूरस्थ स्थान होने के कारण विस्फोट में न्यूनतम जनहानि हुई लेकिन इसकी लहर सैकड़ों मील दूर तक महसूस की गई।
  • संयुक्त राष्ट्र मान्यता:
  • नियर अर्थ ऑब्जेक्ट की निगरानी से संबंधित पहल क्या हैं:
  • एपोफिस मिशन: 
    • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation - ISRO) ने क्षुद्रग्रह अपोफिस का अध्ययन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मिशन में भाग लेने में रुचि व्यक्त की।
    • एपोफिस एक निकट-पृथ्वी वस्तु (NEO) है और ऐसा माना जाता है कि यह 2029 में पृथ्वी से टकरा सकता है, हालाँकि NASA ने हाल ही में ऐसी रिपोर्टों को खारिज़ कर दिया है।
      • यह 14 अप्रैल 2029 को पृथ्वी के निकट से 38,012 किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा
    • यह घटना पूर्वी गोलार्ध में मौजूद पर्यवेक्षकों को बिना किसी दूरबीन या दूरदर्शी के दिखाई देगी।
      • एपोफिस को पहली बार 2004 में खोजा गया था। इसका आकार 335 मीटर है।
      • यह 29.98 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से चलेगा।

नोट:

  • इस ग्रह पर अतीत में हुए उन प्रभावों के साक्ष्य मौजूद हैं जिनके परिणाम भयावह रहे।
    • मेक्सिको में 65 मिलियन वर्ष पहले एक क्षुद्रग्रह के प्रभाव से निर्मित चिक्सुलब क्रेटर, डायनासोर और पृथ्वी की 75% प्रजातियों के विलुप्त होने से जुड़ा हुआ है।
    • वर्ष 2013 में एरिजोना में उल्का क्रेटर और रूस में चेल्याबिंस्क घटना।

क्षुद्रग्रह क्या है?

  • परिचय:
    • क्षुद्रग्रह, जिन्हें लघु ग्रह भी कहा जाता है, लगभग 4.6 अरब वर्ष पहले हमारे सौरमंडल के निर्माण के प्रारंभिक चरण के अवशेष हैं।
    • वे मुख्यतः अनियमित आकार प्रदर्शित करते हैं, हालाँकि कुछ लगभग गोलाकार आकार भी प्रदर्शित करते हैं।
    • कई क्षुद्रग्रहों के साथ छोटे चंद्रमा भी होते हैं, कुछ के तो दो चंद्रमा भी होते हैं।
    • इसके अतिरिक्त, द्वि-क्षुद्रग्रहों में एक दूसरे की परिक्रमा करने वाले दो समान आकार के चट्टानी पिंड शामिल होते हैं तथा त्रि-क्षुद्रग्रह प्रणालियाँ भी होती हैं।
  • क्षुद्रग्रहों का वर्गीकरण:
    • मुख्य क्षुद्रग्रह पेटी: अधिकांश क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित क्षुद्रग्रह पेटी में पाए जाते हैं।
    • ट्रोजंस (Trojans): ये क्षुद्रग्रह एक बड़े ग्रह के साथ कक्षा साझा करते हैं, लेकिन इसके साथ टकराते नहीं हैं क्योंकि वे कक्षा में लगभग दो विशेष स्थानों (L4 और L5 लैग्रैन्जियन पॉइंट्स) के आस-पास एकत्रित होते हैं, जहाँ सूर्य और ग्रह के गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित होते हैं।
      • यह विन्यास बड़े ग्रह के साथ टकराव को रोकता है।
    • नियर अर्थ ऑब्जेक्ट: इन ऑब्जेक्ट्स की कक्षाएँ पृथ्वी के करीब होती हैं। क्षुद्रग्रह जो वास्तव में पृथ्वी के कक्षीय पथ को पार करते हैं, उन्हें ‘अर्थ-क्रॉसर्स’ (Earth-crossers) के रूप में जाना जाता है।

Asteroid

और पढ़ें: एटा एक्वारिड उल्कावृष्टि

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. क्षुदग्रहों तथा धूमकेतु के बीच क्या अंतर होता है? (2011) 

1- क्षुदग्रह लघु चट्टानी ग्रहिकाएँ (प्लेनेटॉयड) हैं, जबकि धूमकेतु हिमशीतित गैसों से निर्मित होते हैं जिन्हें चट्टानी और धातु पदार्थ आपस में बाँधे रखता है। 
2- क्षुद्रग्रह अधिकांशतः वृहस्पति और मंगल के परिक्रमा-पथों के बीच पाए जाते हैं, जबकि धूमकेतु अधिकांशतः शुक्र और बुध के बीच पाए जाते हैं। 
3- धूमकेतु गोचर दीप्तिमान पुच्छ दर्शाते हैं, जबकि क्षुदग्रह यह नहीं दर्शाते। 

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? 

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 1 और 3 
(c) केवल 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (b)


BIS का प्रोजेक्ट नेक्सस

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) प्रोजेक्ट नेक्सस (Project Nexus) में शामिल हो गया है, जो घरेलू त्वरित भुगतान प्रणालियों (Fast Payments Systems- FPS) को आपस में जोड़कर तत्काल सीमा पार खुदरा भुगतान को सक्षम करने के लिये एक बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय पहल है।

प्रोजेक्ट नेक्सस क्या है?

  • परिचय:
    • प्रोजेक्ट नेक्सस की संकल्पना बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (Bank for International Settlements- BIS) के इनोवेशन हब द्वारा की गई है।
    • इसका उद्देश्य विभिन्न वैश्विक घरेलू त्वरित भुगतान प्रणालियों (Instant Payment Systems- IPS) को जोड़कर सीमा पार भुगतान को बढ़ाना है। 
    • यह भुगतान क्षेत्र में लाइव कार्यान्वयन की ओर बढ़ने वाली पहली BIS इनोवेशन हब परियोजना है।
  • सदस्य:
    • प्रोजेक्ट नेक्सस का उद्देश्य दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (Association of Southeast Asian Nations- ASEAN) के चार देशों अर्थात् मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और भारत के FPS को जोड़ना है, जो इस प्लेटफॉर्म के संस्थापक सदस्य तथा प्रथम प्रस्तावक देश होंगे।
      • भविष्य में इंडोनेशिया भी इस मंच से जुड़ जाएगा।
    • इस संबंध में एक समझौते पर स्विट्ज़रलैंड के बासेल में BIS और संस्थापक देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा हस्ताक्षर किये गए।
  • लाभ:
    • प्रोजेक्ट नेक्सस का उद्देश्य IPS को वैश्विक स्तर पर जोड़ने के तरीके को सुव्यवस्थित करना है, तथा एकल प्लेटफॉर्म के माध्यम से कनेक्शनों को केंद्रीकृत करके प्रत्येक नए देश के साथ कस्टम कनेक्शन की आवश्यकता को समाप्त करना है।
    • यह एकल कनेक्शन तीव्र भुगतान प्रणाली को नेटवर्क पर अन्य सभी देशों तक पहुँचने की अनुमति देता है।
      • BIS के अनुसार, IPS को जोड़ने से प्रेषक से प्राप्तकर्त्ता तक 60 सेकंड के भीतर (अधिकांश मामलों में) सीमा पार भुगतान संभव हो सकता है।
    • जबकि भारत तथा उसके साझेदार देश FPS की द्विपक्षीय संचार माध्यम से लाभान्वित होते रहेंगे, बहुपक्षीय दृष्टिकोण भारतीय भुगतान प्रणालियों की अंतर्राष्ट्रीय पहुँच का विस्तार करने में RBI के प्रयासों को और अधिक गति प्रदान करेगा।
      • भारतीय रिज़र्व बैंक भारत के फास्ट पेमेंट सिस्टम (FPS) UPI को क्रॉस-बॉर्डर पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) भुगतानों के लिये उनके संबंधित FPS से जोड़ने हेतु विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय सहयोग प्रदान कर रहा है। उदाहरण के लिये भूटान, UAE, फ्राँस, श्रीलंका, मॉरीशस।

अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (BIS)

  • वर्ष 1930 में स्थापित BIS का स्वामित्व 63 केंद्रीय बैंकों के पास है, जो दुनिया भर के देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनका विश्व सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 95% योगदान है। 
  • इसका मुख्य कार्यालय बेसल, स्विट्जरलैंड में है और इसके दो प्रतिनिधि कार्यालय (हांगकांग SAR तथा मैक्सिको सिटी) हैं, साथ ही दुनिया भर में इनोवेशन हब सेंटर भी हैं।
  • इनोवेशन BIS 2025, इसकी मध्यम अवधि की रणनीति है जो तेज़ी से बदलती दुनिया में केंद्रीय बैंकिंग समुदाय की सेवा करने के लिये प्रौद्योगिकी और नए सहयोग माध्यमों का लाभ उठाती है।
  • बेसल बैंकिंग समझौते, बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बेसल समिति (BCBS) द्वारा निर्धारित वैश्विक नियम हैं, जो स्विट्जरलैंड के बेसल में अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (BIS) के अंर्तगत कार्य करते हैं, और बैंकिंग में सर्वोत्तम प्रथाओं के लिये दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं।
  • यह केंद्रीय बैंकों को उपलब्ध कराता है:
    • संवाद एवं व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये एक मंच
    • उत्तरदायित्त्वपूर्ण नवाचार एवं ज्ञान-साझाकरण के लिये एक मंच
    • मुख्य नीतिगत मुद्दों पर गहन विश्लेषण और अंतर्दृष्टि
    • मज़बूत एवं प्रतिस्पर्द्धी वित्तीय सेवाएँ

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और पढ़ें: एफिल टावर से हुआ UPI का लॉन्च, श्रीलंका और मॉरीशस में UPI सेवाएँ

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. डिजिटल भुगतान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. BHIM एप उपयोग करने वालों के लिये यह एप UPI सक्षम बैंक खाते से किसी को धन अंतरण करना संभव बनाता है। 
  2.  जहाँ एक चिप-पिन डेबिट कार्ड में प्रामाणीकरण के चार घटक होते हैं, BHIM एप में प्रामाणीकरण के सिर्फ दो घटक होते हैं।

उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (a)


प्रश्न. 'एकीकृत भुगतान अंतराप्रष्ठ (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस/UPI)' को कार्यान्वित करने से निम्नलिखित में से किसके होने की सर्वाधिक संभाव्यता है? (2017)

(a) ऑनलाइन भुगतानों के लिये मोबाइल वॉलेट आवश्यक नहीं होंगे।
(b) लगभग दो दशकों में पूरी तरह भौतिक मुद्रा का स्थान डिजिटल मुद्रा ले लेगी।
(c) FDI अंतर्वाह में भारी वृद्धि होगी।
(d) निर्धन व्यक्तियों को उपदानों (सब्सिडीज़) का प्रत्यक्ष अंतरण (डाइरेक्ट ट्रांसफर) बहुत प्रभावकारी हो जाएगा।

उत्तर: (a)


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)

  1. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में मदद करता है। 
  2. NPCI ने रुपे कार्ड भुगतान योजना शुरू की है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c)


अराकू कॉफी

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स

हाल ही में प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के दौरान आंध्र प्रदेश की अराकू कॉफी (Araku Coffee) के अद्वितीय स्वाद और महत्त्व की प्रशंसा की।

  • अराकू कॉफी आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू ज़िले में अराकू घाटी में उगाई जाती है, जो पूर्वी घाट में स्थित है।
    • इस कॉफी में चॉकलेट, कारमेल और सूक्ष्म फलयुक्त अम्लता का विशिष्ट स्वाद है।
    • इसे विविध कृषि वानिकी प्रणाली में उगाया जाता है, मुख्य रूप से जैविक कृषि विधियों का उपयोग करके इसकी खेती की जाती है।
    • इसे आदिवासी किसानों और सहकारी समितियों द्वारा उगाया जाता है तथा यह स्थायी आजीविका एवं सामुदायिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने में मदद करता है।
    • अराकू कॉफी को कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जिनमें कैफे डी कोलंबिया प्रतियोगिता (Café de Colombia Competition) में "सर्वश्रेष्ठ रोबस्टा" पुरस्कार भी शामिल है।
    • अद्वितीय गुणों के लिये इसे वर्ष 2019 में भौगोलिक संकेत (Geographical Indication- GI) टैग प्राप्त हुआ। 
      • GI टैग प्राप्त करने वाली अन्य भारतीय कॉफी में कर्नाटक से कूर्ग अरेबिका, वायनाड रोबस्टा, चिकमगलूर अरेबिका, बाबाबुदनगिरीस अरेबिका और केरल से मॉनसून मालाबार रोबस्टा शामिल हैं।
  • कॉफी के शीर्ष 3 उत्पादक: ब्राज़ील, वियतनाम और कोलंबिया।
    • भारत विश्व में कॉफी का छठा सबसे बड़ा उत्पादक है।
  • भारत में कॉफी के शीर्ष 3 उत्पादक: कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु।

और पढ़ें: भारत की कॉफी, विश्व कॉफी सम्मेलन 2023


राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में 29 जून 2024 को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया गया, जो कि प्रसिद्ध भारतीय सांख्यिकीविद् और अनुप्रयुक्त वैज्ञानिक प्रोफेसर प्रशांता चंद्र महालनोबिस की जयंती है।

  • सांख्यिकी दिवस 2024 का विषय "निर्णय लेने हेतु डेटा का उपयोग या यूज़ ऑफ डेटा डिसीजन-मेकिंग " है।
  • यह दिवस देश के विकास के लिये सामाजिक आर्थिक नियोजन और नीति-निर्माण में सांख्यिकी की भूमिका तथा महत्त्व के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिये वर्ष 2007 से मनाया जा रहा है।
  • इस दिन ई-सांख्यिकी डेटा पोर्टल और सेंट्रल डेटा रिपॉज़िटरी का शुभारंभ किया गया।
  • प्रशांता चंद्र महालनोबिस को महालनोबिस दूरी और सांख्यिकीय माप के अग्रणी के रूप में जाना जाता है।
    • वह भारत के पहले योजना आयोग के सदस्य थे और वर्ष 1931 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान (Indian Statistical Institute) की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
    • विज्ञान में उनके योगदान के लिये उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
  • विश्व सांख्यिकी दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर पाँच साल में 20 अक्तूबर को मनाया जाता है।

और पढ़ें: राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस, महालनोबिस का दृष्टिकोण: भारत के बिग डेटा और AI चुनौतियों का हल


फ्रंट रनिंग और इनसाइडर ट्रेडिंग

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स  

हाल ही में भारत में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India- SEBI) द्वारा एक म्यूचुअल फंड की संदिग्ध फ्रंट-रनिंग के लिये जाँच की जा रही है।

  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (पारस्परिक निधि) विनियम, 1996 के तहत फ्रंट-रनिंग या टेलगेटिंग एक अवैध गतिविधि है, जिसमें फंड मैनेजर मूल्य में होने वाले अपेक्षित परिवर्तनों से लाभ अर्जित करने के लिये बड़े आगामी व्यापार के स्टॉक का पहले से ही क्रय कर लेता है।
    • ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति (भेदिया अथवा दलाल) अग्रिम जानकारी की सहायता से दूसरों से पहले स्टॉक का क्रय कर लेता है।
  • इनसाइडर ट्रेडिंग तब होती है जब किसी कंपनी में निहित स्वार्थ वाला कोई व्यक्ति व्यापार (स्टॉक का क्रय) करने के लिये गैर-सार्वजनिक जानकारी का उपयोग करता है।
    • इनसाइडर ट्रेडिंग में प्रायः कंपनी के अधिकारी या कर्मचारी शेयर बाज़ार में लाभ प्राप्त करने के लिये कंपनी की गोपनीय जानकारी का अनुचित उपयोग करते हैं।
    • वहीं फ्रंट-रनिंग में प्रायः फंड मैनेजर या ब्रोकर अपने ग्राहकों द्वारा किये जाने वाले आगामी ट्रेडों के बारे में अपनी जानकारी का लाभ उठाते हैं।
  • भारत में, SEBI अधिनियम, 1992 के तहत इनसाइडर ट्रेडिंग प्रतिबंधित है। SEBI ने SEBI (भेदिया व्यापार का प्रतिषेध) विनियम, 2015 की स्थापना की है, जो इनसाइडर ट्रेडिंग की रोकथाम करने और प्रतिबंधित करने के नियमों की रूपरेखा तैयार करता है।
  • ये प्रथाएँ निवेशकों की वित्तीय बाज़ारों की निष्पक्षता और पारदर्शिता में विश्वास को कम करती हैं।

और पढ़ें: म्यूचुअल फंड और भारत की उभरती अर्थव्यवस्था


आधार वर्ष में संशोधन हेतु समिति

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स 

हाल ही में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा राष्ट्रीय लेखाओं के लिये आधार वर्ष (Base Year) के संशोधन की समीक्षा करने के लिये एक समिति गठित की गई।

  • इस 26 सदस्यीय समिति की अध्यक्षता बिस्वंताह गोलदार करेंगे और यह समिति राष्ट्रीय खातों के लिये एक नए आधार वर्ष की सिफारिश करेगी, जो संभवतः थोक मूल्य सूचकांक, उत्पादक मूल्य सूचकांक तथा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जैसे सूचकांकों के साथ संरेखित होगी।
  • वर्तमान में आधार वर्ष 2011-12 है लेकिन इसमें संशोधन कर इसे वर्ष 2020-21 बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
  • इस पहल का उद्देश्य मौजूदा डेटाबेस की समीक्षा करके और नए डेटा स्रोतों को शामिल करके आर्थिक विश्लेषण तथा नीति-निर्माण को और अधिक सटीक बनाना है।
  • भारत में वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली राष्ट्रीय लेखा (United Nations System of National Accounts- SNA), 2008 के अनुरूप स्रोतों और विधियों के अनुकूलन के बाद जीडीपी शृंखला का आधार वर्ष 2004-05 से 2011-12 में संशोधित किया गया था।
  • SNA आर्थिक गतिविधि के उपायों को संकलित करने के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत अनुशंसाओं का मानक समुच्चय है।

और पढ़ें: GDP की गणना और आधार वर्ष