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UPI भुगतान: उपयोगकर्त्ताओं का सशक्तीकरण, बैंकों को चुनौती

  • 26 Jun 2023
  • 13 min read

प्रिलिम्स के लिये:

UPI, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया

मेन्स के लिये:

UPI के बुनियादी ढाँचे से संबंधित चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों?

भारत में UPI लेन-देन में हो रही भारी वृद्धि को देखते हुए विभिन्न बैंकों और एप्लीकेशन कंपनियों ने इसे सीमित करने का निर्णय लिया है, जो भारत में प्रतिदिन के आधार पर UPI लेन-देन की संख्या और अंतरण की जाने वाली राशि पर सीमा निर्धारण करता है।

  • UPI लेन-देन में वृद्धि को देखते हुए बैंकिंग क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे और तकनीकी क्षमताओं के निरंतर विकास एवं सुधार किये जाने की आवश्यकता है।

UPI भुगतान पर दैनिक सीमाएँ:

  • भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India- NPCI) ने वर्ष 2021 में एक दिन में कुल 20 लेन-देन और 1 लाख रुपए की सीमा निर्धारित की, जबकि बैंकों और एप्लीकेशनों द्वारा अपनी अलग सीमाएँ लागू करने से इसमें और जटिलता आ गई है।
    • उदाहरण के लिये ICICI बैंक 24 घंटे में 10 लेन-देन की अनुमति देता है, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा और HDFC बैंक एक दिन में 20 लेन-देन की अनुमति देते हैं।
    • पूंजी बाज़ार, संग्रह, बीमा और अग्रेषित आवक प्रेषण जैसी लेन-देन की कुछ विशिष्ट श्रेणियों के लिये यह सीमा 2 लाख रुपए से अधिक है।
  • IPO के लिये UPI-आधारित अवरुद्ध राशि द्वारा समर्थित अनुप्रयोग (Application Supported By Blocked Amount- ASBA) और खुदरा प्रत्यक्ष योजनाओं के लिये प्रत्येक लेन-देन की सीमा दिसंबर 2021 में बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई थी।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI):
  • परिचय:
    • यह भारत में सभी खुदरा भुगतान प्रणालियों के लिये शासी संगठन के रूप में कार्य करता है।
    • इसकी स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (Indian Banks' Association- IBA) के दिशा-निर्देश एवं सहायता से की गई थी।
  • उद्देश्य:
    • सभी खुदरा भुगतान प्रणालियों के लिये मौजूदा एकाधिक प्रणालियों को एक राष्ट्रव्यापी समान और मानक व्यवसाय प्रक्रिया में समेकित एवं एकीकृत करना।
    • देश भर में आम आदमी को लाभ पहुँचाने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिये एक किफायती भुगतान तंत्र की सुविधा प्रदान करना।


UPI भुगतान में समय के साथ किये गए बदलाव:

  • भारत में नोटबंदी के बाद नकद लेन-देन के विकल्प के रूप में UPI भुगतान को काफी लोकप्रियता मिली।
  • मई 2018 से मई 2023 तक लेन-देन में मात्रा की तुलना में संख्यात्मक स्तर पर अधिक वृद्धि हुई।
    • मई 2018 में UPI लेन-देन मूल्य 33,288 करोड़ रुपए (1,756 रुपए प्रति लेन-देन) था।
    • मई 2023 में यह मूल्य (मात्रात्मक स्तर पर) बढ़कर 14,89,145 करोड़ रुपए (प्रति लेन-देन 1,581 रुपए) हो गया, यह पाँच वर्षों में प्रति लेन-देन पर 175 रुपए की कमी दर्शाता है।

UPI व्यवस्था में हालिया बदलाव:

  • नए नियम:
    • UPI के माध्यम से प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) वॉलेट लेन-देन हेतु इंटरचेंज शुल्क अप्रैल 2023 से लागू हुआ। यह शुल्क व्यापारियों के लिये 2,000 रुपए से ऊपर के व्यापारिक लेन-देन के लिये व्यापारियों हेतु 1.1% तक है और इसे लेन-देन में शामिल बैंकों के बीच साझा किया जाएगा।
    • UPI ऑटो पे फीचर (AutoPay Feature) 5,000 रुपए तक के भुगतान के लिये ग्राहक सुविधा और व्यापारी प्रतिधारण को बढ़ाता है।
  • सहयोग:
    • NPCI ने सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान और जापान जैसे कई देशों के साथ भागीदारी की है ताकि UPI का उपयोग करके सीमा पार से भुगतान को सक्षम किया जा सके।

उपयोगकर्त्ताओं और बैंकों पर इन रुझानों के प्रभाव:

  • सकारात्मक प्रभाव:
    • सुविधा और दक्षता: स्मार्टफोन के माध्यम से त्वरित और परेशानी मुक्त डिजिटल लेन-देन।
    • वित्तीय समावेशन: व्यक्तियों की डिजिटल भुगतान तक पहुँच।
    • नकदी पर कम निर्भरता: जोखिम को कम करना और अवैध लेन-देन के समस्या का समाधान करना।
    • पारदर्शिता में वृद्धि: वित्तीय गतिविधियों पर नज़र रखना और निगरानी करना।
    • डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: डिजिटल उद्यमशीलता और नवाचार को बढ़ावा देना।
  • नकारात्मक प्रभाव:
    • उपयोगकर्त्ता पर:
      • पेट्टी कैश (Petty Cash) के विकल्प के रूप में UPI:
        • पेट्टी कैश की जगह छोटे लेन-देन के लिये उपभोक्ता तेज़ी से UPI का उपयोग कर रहे हैं। यह समय के साथ प्रति लेन-देन मूल्य में गिरावट की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
    • सीमित लेन-देन लचीलापन:
      • UPI लेन-देन पर विभिन्न एप्स और बैंकों द्वारा निर्धारित सीमाओं का जटिल वेब (Web) भ्रम पैदा करता है और लेन-देन की मात्रा एवं मूल्य के संदर्भ में उपयोगकर्त्ताओं के लचीलेपन को प्रतिबंधित करता है।
      • उपयोगकर्त्ताओं की आवश्यकता के अनुसार लेन-देन करने की उनकी क्षमता को प्रभावित कर उन्हें अलग-अलग सीमा के माध्यम से लेन-देन करने को बाध्य होना पड़ता है।
    • लेन-देन में वृद्धि:
      • UPI भुगतान में वृद्धि को बनाए रखने के लिये अपने बुनियादी ढाँचे और तकनीकी प्रणालियों को उन्नत करने हेतु बैंकों के संघर्ष के परिणामस्वरूप लेन-देन विफलता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यह उपयोगकर्त्ताओं को निराश कर सकता है और उनके सहज भुगतान अनुभव में बाधा डाल सकता है।
    • बैंक:
      • बैंकों के लिये बुनियादी ढाँचा चुनौतियाँ:
        • UPI भुगतानों में वृद्धि के चलते बैंकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिससे लेन-देन में विफलता की स्थिति उत्पन्न होती है।
        • बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी प्रणालियों को अपग्रेड करना आवश्यक है।
          • बैंकों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उनके सर्वर बिना किसी ग्लिच या डाउनटाइम (Glitches or Downtime) के UPI लेन-देन की बढ़ती मात्रा और आवृत्ति को संभालने में सक्षम हैं।
    • सुरक्षा और धोखाधड़ी की रोकथाम:
      • UPI लेन-देन में वृद्धि के साथ साइबर खतरों और धोखाधड़ी जैसी गतिविधियों का जोखिम भी बढ़ता है।
      • बैंकों को उपयोगकर्त्ता डेटा को सुरक्षित रखने और अनधिकृत पहुँच को रोकने के लिये एन्क्रिप्शन, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन तथा फ्रॉड डिटेक्शन मैकेनिज़्म सहित मज़बूत सुरक्षा उपायों की आवश्यकता होती है।

आगे की राह

  • त्वरित (Agile) अवसंरचना का विकास:
    • UPI लेन-देन की बढ़ती मात्रा और आवृत्ति हेतु व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये मज़बूत बुनियादी ढाँचे और उन्नत प्रौद्योगिकी समाधानों में निवेश किया जाना चाहिये।
    • एज कंप्यूटिंग और डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) को स्वीकार करना।
      • DLT एक विकेंद्रीकृत डिजिटल प्रणाली है जो उपयोगिता, सुरक्षा और वास्तविक समय में लेन-देन सुनिश्चित करने के लिये नेटवर्क में शामिल विभिन्न प्रतिभागियों के बीच सुरक्षित एवं पारदर्शी रिकॉर्डिंग, भंडारण तथा जानकारी को साझा करने में सक्षम बनाती है।
  • व्यक्तिगत वित्तीय अंतर्दृष्टि:
    • UPI उपयोगकर्त्ताओं को व्यक्तिगत वित्तीय जानकारी प्रदान करने के लिये डेटा विश्लेषण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ उठाना चाहिये।
    • उपयोगकर्त्ताओं को वित्तीय निर्णय लेने में सशक्त बनाने के लिये वास्तविक समय में व्यय विश्लेषण, बजट उपकरण और अनुरूप अनुशंसाएँ प्रदान करना चाहिये।
  • ब्लॉकचेन का एकीकरण:
    • पारदर्शिता, सुरक्षा और उपयोगिता बढ़ाने के लिये UPI के बुनियादी ढाँचे में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के एकीकरण को बढ़ावा देना चाहिये।
    • स्मार्ट अनुबंध के माध्यम से लेन-देन प्रक्रियाओं को स्वचालित किया जा सकता है, साथ ही मध्यवर्ती लोगों की भूमिका को कम कर निर्बाध सीमा पार भुगतान को सक्षम कर सकते हैं।
  • धोखाधड़ी की रोकथाम हेतु AI का उपयोग:
    • वास्तविक समय में धोखाधड़ी वाले UPI लेन-देन का पता लगाने और रोकने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं मशीन लर्निंग की शक्ति का उपयोग करना चाहिये।
    • उन्नत एनोमली डिटेक्शन एल्गोरिथम को लागू करना चाहिये जो संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने के लिये उपयोगकर्त्ता के व्यवहार प्रारूप तथा लेन-देन डेटा का विश्लेषण करता हो।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. डिजिटल भुगतान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. भीम (BHIM) एप उपयोग करने वालों के लिये यह एप U.P.I. सक्षम बैंक खाते से किसी को धन अंतरण करना संभव बनाता है।
  2. जहाँ एक चिप-पिन डेबिट कार्ड में प्रमाणीकरण के चार घटक होते हैं, BHIM एप में प्रमाणीकरण के सिर्फ दो घटक होते हैं।
    उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? 

(a) केवल 1 
(b) केवल 2 
(c) 1 और 2 दोनों  
(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: (a) 

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन 'एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI)' को लागू करने का सबसे संभावित परिणाम है? (2017)
(a) ऑनलाइन भुगतान के लिये मोबाइल वॉलेट की आवश्यकता नहीं होगी।
(b) लगभग दो दशकों में पूरी तरह से भौतिक मुद्रा का स्थान डिजिटल मुद्रा ले लेगी।
(c) FDI के अंतर्वाह में भारी वृद्धि होगी।
(d) निर्धन व्यक्तियों को उपदानों (सब्सिडीज़) का प्रत्यक्ष अंतरण बहुत प्रभावकारी हो जाएगा।

उत्तर: (a)

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)

  1. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) देश में वित्तीय समावेशन के संवर्द्धन में सहायता करता है।
  2. NPCI ने एक कार्ड भुगतान स्कीम RuPay प्रारंभ की है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c)

स्रोत: द हिंदू

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