प्रारंभिक परीक्षा
UPI लेन-देन पर सीमाएँ
- 10 Jun 2023
- 7 min read
UPI लेन-देन में रिकॉर्ड वृद्धि को देखते हुए बैंकों और UPI एप कंपनियों ने वर्ष 2021 में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India- NPCI) द्वारा निर्धारित सीमा के मद्देनज़र दैनिक लेन-देन को सीमित करने का निर्णय लिया है।
UPI लेन-देन पर निर्धारित सीमाएँ:
- NPCI द्वारा निर्धारित सीमा:
- वर्तमान में एक उपयोगकर्त्ता पूरे दिन में या पूरे दिन में एक बार में 1 लाख रुपए तक का या कुल 20 लेन-देन कर सकता है।
- लेन-देन की कुछ विशिष्ट श्रेणियाँ, जैसे कि पूंजी बाज़ार, संग्रह, बीमा, और अग्रिम आवक प्रेषण की उच्च सीमा 2 लाख रुपए है।
- UPI-आधारित एप्लीकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट सिस्टम (ASBA) IPO और रिटेल डायरेक्ट योजनाओं के लिये, दिसंबर 2021 में प्रत्येक लेन-देन की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई थी।
- ASBA निवेशकों के लिये प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) में भाग लेने और शेयर बाज़ार में निवेश करने की एक सुविधा है।
- यह निवेशकों को प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) जारीकर्त्ता या स्टॉक ब्रोकर को अग्रिम धन हस्तांतरित किये बिना शेयरों के लिये आवेदन करने में सक्षम बनाता है। इसके बावजूद शेयर आवंटित किये जाने तक निवेशक की आवेदन राशि को उनके बैंक खाते में अस्थायी रूप से अवरुद्ध कर दिया जाता है।
- ASBA निवेशकों के लिये प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) में भाग लेने और शेयर बाज़ार में निवेश करने की एक सुविधा है।
- बैंकों/एप्स द्वारा सीमाएँ:
- कुछ बैंकों और एप्स ने अपनी लेन-देन की सीमा तय की है।
- उदाहरण के लिये पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा की निम्न सीमा 25,000 रुपए है, जबकि PNB की दैनिक सीमा 50,000 रुपए है।
- यदि गूगल पे (Google Pay) उपयोगकर्त्ता सभी UPI एप्स पर एक ही दिन में दस से अधिक बार पैसे भेजने का प्रयास करते हैं तो यह दैनिक सीमा का उल्लंघन होगा।
- कुछ बैंकों और एप्स ने अपनी लेन-देन की सीमा तय की है।
सीमाओं का महत्त्व:
- सीमाएँ लागू करने से UPI के सुरक्षा ढाँचे को बनाए रखने में मदद मिलती है और इसकी निर्बाध कार्यप्रणाली सुनिश्चित होती है।
- ग्राहक सुविधा को संतुलित करते हुए सीमाएँ संभावित धोखा और जोखिम संबंधी चिंताओं को रोकने में सहायता करती हैं।
- उच्च औसत लेन-देन मूल्यों वाली विशिष्ट श्रेणियों के लिये उच्च सीमाएँ निर्धारित की जाती हैं जैसे कि पूंजी बाज़ार या क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान।
UPI के संबंध में हालिया रुझान:
- मई 2023 में UPI का उपयोग करके सुगम किये गए लेन-देन की कुल संख्या 14.89 लाख करोड़ रुपए के संयुक्त मूल्य के साथ 9,415.19 मिलियन तक पहुँच गई।
- कुल UPI लेन-देन में पीयर-टू-पीयर (P2P) लेन-देन का हिस्सा लगभग 43% है, जबकि बाकी पीयर-टू-मर्चेंट (P2M) है।
- P2P श्रेणी में अधिकांश लेन-देन 500 रुपए से नीचे के ब्रैकेट (54.2%) में थे, जबकि P2M श्रेणी में समान राशि ब्रैकेट में हिस्सा 84.3% था।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI)
- यह भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन हेतु व्यापक संगठन है।
- यह भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) और भारतीय बैंक संघ (Indian Banks’ Association- IBA) की एक पहल है।
- इसे कंपनी अधिनियम 1956 (अब कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8) की धारा 25 के प्रावधानों के तहत "लाभ हेतु नहीं" कंपनी के रूप में शामिल किया गया है।
- दस कोर प्रमोटर बैंक- भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, HDFC बैंक, सिटी बैंक और HSBC हैं।
- वर्ष 2016 में सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिक बैंकों को शामिल करने हेतु शेयरधारिता 56 सदस्य बैंकों के लिये व्यापक थी।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. डिजिटल भुगतान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न. ‘एकीकृत भुगतान अंतरापृष्ठ (यूनिफाइड पेमेंट्स इन्टरफेस/UPI)’ को कार्यान्वित करने से निम्नलिखित में से किसके होने की सर्वाधिक सभाव्यता है? (a) ऑनलाइन भुगतानों के लिये मोबाइल वालेट आवश्यक नहीं होंगे। उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) |