विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
दोहरा क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण (DART) मिशन: नासा
- 26 Sep 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:दोहरा क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण, नासा, क्षुद्रग्रह डिमोर्फोस, ग्रहों की रक्षा की 'गतिज प्रभाव' विधि। मेन्स के लिये:दोहरा क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण मिशन और इसका महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) अपना दोहरा क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण (DART) मिशन लॉन्च करने वाला है।
मुख्य बिंदु:
- यह ग्रहों की रक्षा का पहली 'गतिज प्रभाव' (Kinetic Impactor) विधि है, जिसमें एक डार्ट अंतरिक्षयान क्षुद्रग्रह डिमोर्फोस से टकराएगा।
- 'गतिज प्रभाव' विधि में एक या एक से अधिक बड़े, उच्च गति वाले अंतरिक्षयान को पृथ्वी के निकट कक्षीय पथ में भेजना शामिल है। यह क्षुद्रग्रह को एक अलग प्रक्षेपवक्र में विक्षेपित कर सकता है, इसे पृथ्वी के कक्षीय पथ से दूर ले जा सकता है।
- डार्ट की टक्कर से प्राप्त डेटा की तुलना वैज्ञानिकों द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कंप्यूटर सिमुलेशन के डेटा से की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि वास्तविक खतरनाक क्षुद्रग्रह के मामले में यह गतिज प्रभावकारी विधि एक व्यवहार्य विकल्प रहेगा या नहीं।
- वैज्ञानिकों को अभी तक डिमोर्फोस के सटीक द्रव्यमान का पता नहीं है लेकिन इसके लगभग पाँच अरब किलोग्राम होने का अनुमान है। डार्ट अंतरिक्षयान का वजन लगभग 600 किलोग्राम है।
डार्ट (DART) मिशन:
- परिचय:
- ‘DART’ एक कम लागत वाला अंतरिक्षयान है।
- इसमें दो सोलर ऐरेज़ शामिल हैं और अंतरिक्षयान के संचालन के लिये ये हाइड्राज़ीन प्रणोदक का उपयोग करते हैं।
- इसमें लगभग 10 किलोग्राम ‘ज़ेनॉन’ (Xenon) भी होता है जिसका उपयोग नए थ्रस्टर्स को प्रदर्शित करने के लिये किया जाएगा, जिसे ‘नासा इवोल्यूशनरी ज़ेनॉन थ्रस्टर-कमर्शियल (NEXT-C) कहा जाता है।
- NEXT-C ग्रेडेड आयन थ्रस्टर सिस्टम प्रदर्शन और अंतरिक्षयान एकीकरण क्षमताओं का एक संयोजन प्रदान करता है, जो इसे अंतरिक्ष रोबोट मिशन के लिये विशिष्ट रूप से अनुकूल बनाता है।
- अंतरिक्षयान में एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजर होता है जिसे ‘डिडिमोस रिकोनिसेंस एंड एस्ट्रॉयड कैमरा फॉर ऑप्टिकल नेविगेशन’ (DRACO) कहा जाता है।.
- ‘DRACO’ से प्राप्त इमेज वास्तविक समय में पृथ्वी पर भेजी जाएंगी और ये डिमोर्फोस (लक्ष्य क्षुद्रग्रह) के प्रभाव स्थल एवं सतह का अध्ययन करने में मदद करेंगी।
- साथ ही यह मिशन लाइट इटालियन क्यूबसैट फॉर इमेजिंग ऑफ एस्ट्रॉयड (LICIACube) नामक एक छोटा उपग्रह या क्यूबसैट भी ले जाएगा।
- ‘LICIACube’ से टक्कर के परिणामस्वरूप उत्पन्न प्रभाव और इससे निर्मित क्रेटर की छवियों को कैप्चर करेगा।
- लक्ष्य:
- यह एक ऐसी तकनीक है जो एक क्षुद्रग्रह को पृथ्वी से टकराने से रोक सकती है।
- इसका उद्देश्य एक ऐसी तकनीक का परीक्षण करना है जो पृथ्वी की ओर आने वाले क्षुद्रग्रहों को विक्षेपित कर सके।
- इस मिशन का उद्देश्य भविष्य में पृथ्वी की ओर किसी क्षुद्रग्रह के आने की स्थिति में तैयार की जाने वाली नई तकनीक का परीक्षण करना है।
- इसका उद्देश्य नई विकसित तकनीक का परीक्षण करना है जो एक अंतरिक्षयान के एक क्षुद्रग्रह से टकराने और इसके दिशा को बदलने में मदद करेगा।
- इस अंतरिक्षयान का लक्ष्य एक छोटा मूनलेट (कृत्रिम उपग्रह) है जिसे डिमोर्फोस ( ग्रीक भाषा में "दो रूप") कहा जाता है।
डिमोर्फोस को चुनने का कारण:
- मिशन का लक्ष्य यह निर्धारित करना है कि डिडिमोस के चारों ओर अपनी कक्षा में परिवर्तन को मापकर डार्ट का प्रभाव अंतरिक्ष में चंद्रमा के वेग को कितना बदल देता है।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि टक्कर से डिमोर्फोस की गति एक प्रतिशत के अंश से बदल जाएगी।
- इससे बड़े क्षुद्रग्रह के चारों ओर की कक्षीय अवधि में कई मिनटों के अंतराल की संभावना है जो पृथ्वी पर दूरबीनों द्वारा देखे जाने और मापने के लिये पर्याप्त है।
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