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सामाजिक न्याय

भारत में अपराध पर NCRB रिपोर्ट 2022

  • 06 Dec 2023
  • 14 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, संज्ञेय अपराध, राजद्रोह, दुर्घटनावश मृत्यु और आत्महत्याएँ

मेन्स के लिये:

भारत में अपराध की स्थिति और संबंधित मुद्दे, विभिन्न प्रकार के अपराधों को संबोधित करने में कानूनी ढाँचे की प्रभावशीलता

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

चर्चा में क्यों? 

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने हाल ही में "2022 के दौरान भारत में अपराध (Crime in India for 2022)" शीर्षक से अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है, जो देश भर में अपराध के रुझानों का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करती है।

भारत में अपराध पर NCRB रिपोर्ट 2022 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • समग्र अपराध आँकड़े:
  • अपराध दर में गिरावट:
    • प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध दर वर्ष 2021 के 445.9 से घटकर 2022 में 422.2 हो गई।
      • कुल अपराध संख्या पर जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव को देखते हुए इस गिरावट को अधिक विश्वसनीय संकेतक माना जाता है।
  • सबसे सुरक्षित शहर:
    • महानगरों में प्रति लाख जनसंख्या पर सबसे कम संज्ञेय अपराध दर्ज करते हुए कोलकाता लगातार तीसरे वर्ष भारत का सबसे सुरक्षित शहर बनकर उभरा है।
      • पुणे (महाराष्ट्र) और हैदराबाद (तेलंगाना) ने क्रमशः दूसरा एवं तीसरा स्थान हासिल किया।
  • साइबर अपराधों में वृद्धि:
    • साइबर अपराध रिपोर्टिंग में वर्ष 2021 के 52,974 मामलों में 24.4% की एक महत्त्वपूर्ण वृद्धि के साथ कुल 65,893 मामले दर्ज हुए हैं।
    • पंजीकृत मामलों में अधिकांश साइबर धोखाधड़ी के मामले (64.8%) शामिल हैं, इसके बाद ज़बरन वसूली (5.5%) और यौन शोषण (5.2%) के मामले आते हैं।
      • इस श्रेणी के तहत अपराध दर वर्ष 2021 के 3.9 से बढ़कर वर्ष 2022 में 4.8 हो गई।
  • आत्महत्याएँ और कारण:
    • 2022 में भारत में आत्महत्याओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, कुल 1.7 लाख से अधिक मामले 2021 की तुलना में 4.2% की चिंताजनक वृद्धि को दर्शाते हैं।
    • आत्महत्या दर में भी 3.3% की वृद्धि हुई, जिसकी गणना प्रति लाख जनसंख्या पर आत्महत्याओं की संख्या के रूप में की जाती है।
      • प्रमुख कारणों में 'पारिवारिक समस्याएँ,' 'विवाह संबंधी समस्याएँ,' दिवालियापन और ऋणग्रस्तता, 'बेरोज़गारी एवं पेशेवर मुद्दे' तथा बीमारी' शामिल हैं।
    • आत्महत्या के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में दर्ज़ किये गए, इसके बाद तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना का स्थान है।
    • आत्महत्या के कुल मामलों में दैनिक वेतन भोगियों की हिस्सेदारी 26.4% थी।
      • कृषि श्रमिक और किसान भी असमान रूप से प्रभावित हुए, जो आत्महत्या के आँकड़ों का एक बड़ा हिस्सा है।
      • इसके बाद बेरोज़गार व्यक्तियों का स्थान है, जो वर्ष 2022 में भारत में दर्ज आत्महत्या के सभी मामलों में से 9.2% थे। वर्ष में दर्ज कुल आत्महत्या के मामलों में 12,000 से अधिक छात्र शामिल थे
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ बढ़ते अपराध:
    • भारत में अपराध रिपोर्ट में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) व्यक्तियों के खिलाफ अपराधों एवं अत्याचारों में समग्र वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है।
      • राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना जैसे राज्यों में वर्ष 2022 में ऐसे मामलों में वृद्धि देखी गई।
      • मध्य प्रदेश और राजस्थान प्रमुख योगदानकर्त्ताओं के रूप में बने हुए हैं, जो एससी और एसटी समुदायों के खिलाफ अपराध एवं अत्याचार की सबसे अधिक घटनाओं वाले शीर्ष पाँच राज्यों में लगातार प्रमुख स्थान पर हैं।
      • ऐसे अपराधों के उच्च स्तर वाले अन्य राज्यों में बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पंजाब शामिल हैं।
  • महिलाओं के विरुद्ध अपराध:
  • बच्चों के विरुद्ध अपराध:
    • बच्चों के  विरुद्ध अपराध के मामलों में वर्ष 2021 की तुलना में 8.7% की वृद्धि देखी गई।
  • वरिष्ठ नागरिकों के विरुद्ध अपराध:
    • वर्ष 2021 में वरिष्ठ नागरिकों के विरुद्ध अपराध के 26,110 मामले थे जिनमें 9.3% की बढ़ोतरी के साथ ये 28,545 हो गए।
      • इनमें से अधिकांश मामले (27.3%) चोट/घात के बाद चोरी (13.8%) तथा जालसाज़ी, छल और धोखाधड़ी (11.2%) से संबंधित हैं।
  • जानवरों द्वारा किये गए हमलों में वृद्धि:
    • NCRB रिपोर्ट में जानवरों के हमलों के कारण मरने वाले अथवा घायल होने वाले लोगों की संख्या में चिंताजनक प्रवृत्ति का पता चलता है।
      • वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में ऐसी घटनाओं में 19% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
      • महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले दर्ज किये गए, इसके बाद उत्तर प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश में विभिन्न संख्या में संबंधित मामले दर्ज किये गए।
    • इसके आतिरिक्त जानवरों/सरीसृपों तथा कीटों के काटने के मामलों में भी 16.7% की वृद्धि हुई।
      • उक्त के काटने के सबसे अधिक मामले राजस्थान में, उसके बाद क्रमशः मध्य प्रदेश, तमिलनाडु तथा उत्तर प्रदेश में दर्ज किये गए।
  • पर्यावरण संबंधी अपराध:
    • भारत में पर्यावरण संबंधी अपराधों की कुल संख्या में वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में लगभग 18% की कमी आई है।
      • पर्यावरण संबंधी अपराधों में सात अधिनियमों के तहत उल्लंघन शामिल हैं:
        • वन अधिनियम, 1927, वन संरक्षण अधिनियम, 1980, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986, वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981, जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000, राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010
    • वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 और जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के उल्लंघन के लिये दर्ज मामलों में लगभग 42% की वृद्धि हुई है।
    • पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत पंजीकृत उल्लंघनों में भी लगभग 31% की वृद्धि हुई है।
    • आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में वन संबंधी अपराधों की संख्या बढ़ी है।
    • बिहार, पंजाब, मिज़ोरम, राजस्थान और उत्तराखंड सहित पाँच राज्यों में वन्यजीव संबंधी अपराध बढ़े हैं।
      • देश में वन्यजीव अपराध के मामलों की अधिकतम संख्या (30%) वाले राजस्थान में वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में ऐसे अपराधों में 50% की वृद्धि दर्ज की गई
  • राज्य के विरुद्ध अपराध:
    • विगत वर्ष की तुलना में वर्ष 2022 में राज्य के विरुद्ध हुए अपराधों में सामान्य वृद्धि देखी गई।
    • इसके विपरीत IPC की राजद्रोह धारा के तहत मामलों में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई।
      • राजद्रोह के मामलों में कमी का श्रेय मई 2022 में राजद्रोह के मामलों को प्रास्थगन/स्थगित रखने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को दिया जा सकता है।
  • आर्थिक अपराधों में वृद्धि:
    • आर्थिक अपराधों को आपराधिक विश्वासघात, जालसाज़ी, छल तथा धोखाधड़ी (Forgery, Cheating, Fraud- FCF) तथा कूटकरण (Counterfeiting) में वर्गीकृत किया गया है।
      • FCF के अधिकांश मामले (1,70,901 मामले) देखे गए, इसके बाद आपराधिक विश्वासघात (21,814 मामले) तथा कूटकरण (670 मामले) के अपराध थे।
    • क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सरकारी अधिकारियों ने वर्ष 2022 में कुल 342 करोड़ रुपए से अधिक के जाली भारतीय मुद्रा नोट (Fake Indian Currency Notes- FICN) ज़ब्त किये।
  • विदेशियों के विरुद्ध अपराध:
    • विदेशियों के खिलाफ 192 मामले दर्ज किये गए जो वर्ष 2021 के 150 मामलों से 28% अधिक है।
      • 56.8% पीड़ित एशियाई महाद्वीप से थे, जबकि 18% अफ्रीकी देशों से थे।
  • उच्चतम आरोपपत्र दर:
    • IPC अपराधों के तहत उच्चतम आरोपपत्र दर वाले राज्य केरल, पुद्दुचेरी और पश्चिम बंगाल हैं।
      • आरोप पत्र दायर करने की दर उन मामलों को दर्शाती है जहाँ पुलिस कुल सही मामलों (जहाँ आरोपपत्र दायर नहीं किया गया था लेकिन अंतिम रिपोर्ट को सही के रूप में प्रस्तुत किया गया था) में से आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के चरण तक पहुँच गई थी।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो क्या है?

  • NCRB की स्थापना केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत वर्ष 1986 में इस उद्देश्य से की गई थी कि भारतीय पुलिस में कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये पुलिस तंत्र को सूचना प्रौद्योगिकी समाधान और आपराधिक गुप्त सूचनाएँ प्रदान कर समर्थ बनाया जा सके।
  • यह राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977-1981) और गृह मंत्रालय के कार्य बल (1985) की सिफारिशों के आधार पर स्थापित किया गया था।
  • यह गृह मंत्रालय का हिस्सा है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • यह भारतीय और विदेशी अपराधियों के फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड करने के लिये "नेशनल वेयरहाउस" के रूप में भी कार्य करता है, और फिंगरप्रिंट खोज के माध्यम से अंतर-राज्यीय अपराधियों का पता लगाने में सहायता करता है।
  • NCRB के चार प्रभाग हैं: अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (CCTNS), अपराध सांख्यिकी, फिंगरप्रिंट और प्रशिक्षण।
  • NCRB के प्रकाशन:
    • क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट
    • आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या
    • जेल सांख्यिकी
    • भारत में गुमशुदा महिलाओं और बच्चों पर रिपोर्ट
    • ये प्रकाशन न केवल पुलिस अधिकारियों के लिये बल्कि भारत में ही नहीं विदेशों में भी अपराध विशेषज्ञों, शोधकर्त्ताओं, मीडिया तथा नीति निर्माताओं हेतु अपराध आँकड़ों पर प्रमुख संदर्भ बिंदु के रूप में काम करते हैं।

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