अंतर्राष्ट्रीय संबंध
वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट, 2024
- 11 Jun 2024
- 20 min read
प्रिलिम्स के लिये:अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM), वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट, 2024, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों का विभाग, शरणार्थी, असंवहनीय, वनाग्नि, स्थानीय अर्थव्यवस्था, कौशल विकास, आप्रवासी, उच्च आय वाले देश, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, धन प्रेषण, UNHCR, फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिये संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA), उप-सहारा अफ्रीका, सतत् पुनर्वास और पूरक मार्ग पहल (CRISP), आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र (IDMC)। मेन्स के लिये:मानव प्रवास का पैटर्न और गतिशीलता तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (International Organisation for Migration- IOM) ने अपनी वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट, 2024 जारी की है।
- यह वैश्विक स्तर पर प्रवासन और गतिशीलता में हो रहे परिवर्तनों को स्पष्ट तथा सटीक शब्दों में प्रस्तुत करता है।
प्रवासी कौन हैं?
- संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग के अनुसार, प्रवासी वह व्यक्ति है जो अपने जन्म के देश से बाहर 12 महीने से अधिक समय तक रहता है।
- वर्ष 2020 में दुनिया में लगभग 281 मिलियन अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी थे, जो वैश्विक आबादी का 3.6% है।
प्रवासन के क्या कारण हैं?
- युद्ध और संघर्ष:
- यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण, 2022 के अंत तक लगभग 5.7 मिलियन यूक्रेनियन अपने देश से निर्वासित होने पर मज़बूर हो गए, जिससे यूक्रेन, सीरिया के बाद दुनिया में शरणार्थियों का दूसरा सबसे बड़ा मूल देश बन गया।
- अफगानिस्तान, इथियोपिया, सूडान, सीरिया, यमन और गाज़ा संघर्ष तेज़ी से बदलती भू-राजनीति के क्षेत्रीय तथा वैश्विक परिणाम दर्शाते हैं।
- असंवहनीय मानवीय गतिविधि:
- असंतुलित आर्थिक विकास, संसाधनों की कमी और जैवविविधता के पतन से जुड़े अति उपभोग तथा अति उत्पादन के साथ-साथ जारी जलवायु परिवर्तन दुनिया को जकड़ रहा है।
- जलवायु परिवर्तन:
- बाढ़, गर्म हवाएँ, सूखा और वनाग्नि जैसी चरम मौसम संबंधी घटनाओं के कारण लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं।
- धीमी गति से आगे बढ़ने वाली जलवायु चुनौतियाँ, जैसे समुद्र का बढ़ता स्तर और बढ़ता जल तनाव तथा अधिक संकट पैदा कर रहे हैं।
प्रवासन के सकारात्मक प्रभाव क्या हैं?
- प्रवासन मानव विकास का एक चालक है और यह प्रवासियों, उनके परिवारों तथा मूल देशों के लिये महत्त्वपूर्ण लाभ हो सकता है।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना:
- विदेशों में प्रवासियों को जो वेतन मिलता है, वह उनके देश में समान कार्य करके मिलने वाले वेतन से कई गुना अधिक हो सकता है।
- विदेशों में अर्जित मज़दूरी मूल देश, विशेष रूप से ग्रामीण स्तर पर, में स्थानीय अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में मदद करती है।
- कौशल विकास:
- प्रवासन से कौशल विकास में भी महत्त्वपूर्ण वृद्धि हो सकती है, जो गंतव्य देशों के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण हो सकता है, जहाँ जनसंख्या में गिरावट हो रही है।
- मांग और आपूर्ति के अंतर को पूरा करता है:
- प्रवासन का श्रम बाज़ार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि इससे श्रमिकों की कमी से जूझ रहे क्षेत्रों और व्यवसायों में श्रम आपूर्ति बढ़ती है।
- कम कुशल अप्रवासी कर्मचारी अक्सर मौजूदा कर्मचारियों के साथ सीधे प्रतिस्पर्द्धा करने के बजाय उनके कौशल को पूरक बनाते हैं। इसलिये यह मौजूदा कर्मचारियों के लिये अतिरिक्त रोज़गार के अवसर पैदा कर सकता है।
- नवाचार:
- आर्थिक दबाव में कमी:
- युवा श्रमिकों के आप्रवासन से तेज़ी से बढ़ती आबादी वाले उच्च आय वाले देशों की पेंशन प्रणालियों पर दबाव कम करने में भी मदद मिल सकती है।
- विस्तारित कार्यबल का अर्थ है कि अधिक लोग करों और अंशदानों के माध्यम से पेंशन प्रणाली में योगदान दे रहे हैं, जिससे वर्तमान सेवानिवृत्त लोगों को भुगतान में सहायता मिलती है।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना:
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन और दीर्घकालिक जनसंख्या रुझान आपस में कैसे संबंधित हैं?
- वर्ष 2000 और वर्ष 2020 के बीच उच्च आय वाले देशों के लिये, जनसंख्या वृद्धि में अंतर्राष्ट्रीय प्रवास का योगदान (80.5 मिलियन का शुद्ध अंतर्वाह) जन्मों तथा मृत्यु के संतुलन (66.2 मिलियन) से अधिक था।
- अगले कुछ दशकों में, उच्च आय वाले देशों में जनसंख्या वृद्धि का एकमात्र कारण प्रवासन ही होगा।
- विकासशील देशों में, बहिर्वाह अस्थायी श्रमिक आंदोलनों के कारण था, जैसे पाकिस्तान (-16.5 मिलियन का शुद्ध प्रवाह), भारत (-3.5 मिलियन), बांग्लादेश (-2.9 मिलियन), नेपाल (-1.6 मिलियन) और श्रीलंका (-1.0 मिलियन)।
- सीरिया (−4.6 मिलियन), वेनेजुएला (−4.8 मिलियन) और म्याँमार (−1.0 मिलियन) में असुरक्षा तथा संघर्ष के कारण प्रवासियों का पलायन हुआ।
प्रवास के कारण अंतर्राष्ट्रीय धन प्रेषण का पैटर्न क्या है?
- धन प्रेषण वित्तीय या वस्तु के रूप में किया जाने वाला हस्तांतरण है जो प्रवासियों द्वारा अपने मूल देश में रहने वाले परिवारों या समुदायों को सीधे तौर पर किया जाता है।
- प्रवासियों ने वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर अनुमानित 831 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतर्राष्ट्रीय धन प्रेषण भेजा, जो वर्ष 2021 के 791 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
- 1990 के दशक के मध्य से ही अंतर्राष्ट्रीय धन प्रेषण ने सरकारी विकास सहायता के स्तर को काफी हद तक पीछे छोड़ दिया है। हाल ही में ये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से भी आगे निकल गए हैं।
- निम्न और मध्यम आय वाले देशों को बहुतायत मात्रा में धन प्रेषण प्राप्त होता रहा, जो वर्ष 2021 तथा वर्ष 2022 के बीच 8% बढ़कर 599 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 647 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
- प्राप्तकर्त्ता देश:
- वर्ष 2022 में, भारत, मैक्सिको, चीन, फिलीपींस और फ्राँस (अवरोही क्रम में) शीर्ष पाँच धन प्रेषण प्राप्तकर्त्ता देश थे।
- भारत को 111 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक प्राप्त हुआ और वह 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आँकड़े तक पहुँचने वाला तथा उसे पार करने वाला पहला देश बन गया।
- G7 देशों में, फ्राँस और जर्मनी 2022 में वैश्विक स्तर पर शीर्ष 10 प्राप्तकर्त्ता देशों में बने रहे।
- स्रोत देश:
- उच्च आय वाले देश अंतर्राष्ट्रीय धन प्रेषण का मुख्य स्रोत हैं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व में शीर्ष धन प्रेषण भेजने वाला देश है, जिसका वर्ष 2022 में कुल बहिर्वाह 79.15 बिलियन अमरीकी डॉलर था, इसके बाद सऊदी अरब (39.35 बिलियन अमरीकी डॉलर), स्विट्ज़रलैंड (31.91 बिलियन अमरीकी डॉलर) और जर्मनी (25.60 बिलियन अमरीकी डॉलर) का स्थान है।
- वर्ष 2022 में सकल घरेलू उत्पाद में हिस्सेदारी के आधार पर शीर्ष पाँच धन प्रेषण प्राप्त करने वाले देश ताजिकिस्तान (51%) थे, इसके बाद टोंगा (44%), लेबनान (36%), समोआ (34%) और किर्गिस्तान (31%) थे।
अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के बीच प्रवास की प्रवृत्ति क्या है?
- पिछले दो दशकों में वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गतिशील छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- वर्ष 2001 में यह संख्या 2.2 मिलियन से कुछ अधिक थी। वर्ष 2021 में यह बढ़कर 6 मिलियन से अधिक हो गई।
- वर्ष 2021 में, लगभग 3 मिलियन अंतर्राष्ट्रीय गतिशील छात्र छात्राएँ (47%) थीं और पुरुषों की संख्या लगभग 3.4 मिलियन (52%) थी।
- वैश्विक रूप से गतिशील छात्र आबादी का बड़ा हिस्सा एशियाई देशों से आता है।
- वर्ष 2021 में, 1 मिलियन से अधिक अंतर्राष्ट्रीय गतिशील छात्र चीन से थे, उसके बाद भारत (लगभग 508,000) का स्थान था।
- संयुक्त राज्य अमेरिका (833,000 से अधिक) विश्व में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गतिशील छात्रों के लिये सबसे बड़ा गंतव्य देश है, जिसके बाद यूनाइटेड किंगडम (लगभग 601,000), ऑस्ट्रेलिया (लगभग 378,000), जर्मनी (376,000 से अधिक) और कनाडा (लगभग 318,000) का स्थान है।
शरणार्थियों और शरण चाहने वालों की स्थिति क्या है?
- वर्ष 2022 के अंत तक, वैश्विक स्तर पर कुल 35.3 मिलियन शरणार्थी थे, जिनमें से 29.4 मिलियन UNHCR के अधिदेश के तहत थे तथा 5.9 मिलियन शरणार्थी निकट पूर्व में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिये संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (United Nations Relief and Works Agency for Palestine Refugees- UNRWA) द्वारा पंजीकृत थे।
- वर्ष 2022 के अंत में, 18 वर्ष से कम आयु के लोगों की संख्या कुल 35.3 मिलियन शरणार्थी आबादी का लगभग 41% है।
- वर्ष 2022 के अंत में, शीर्ष 10 मूल देश सीरिया, यूक्रेन, अफगानिस्तान, दक्षिण सूडान, म्याँमार, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, सूडान, सोमालिया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और इरिट्रिया थे।
- कुल शरणार्थी आबादी में उनकी हिस्सेदारी 87% से अधिक थी।
- वर्ष 2022 में, लगातार सातवें वर्ष, तुर्किये दुनिया का सबसे बड़ा मेज़बान देश था, जिसमें लगभग 3.6 मिलियन शरणार्थी थे, जिनमें मुख्य रूप से सीरियाई थे।
- पाकिस्तान और ईरान भी शीर्ष 10 शरणार्थी मेज़बान देशों में शामिल थे, क्योंकि ये दोनों देश अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों के प्रमुख मेज़बान थे।
- UNHCR के अनुसार, सबसे कम विकसित देशों ने बड़ी संख्या में शरणार्थियों को शरण दी।
- विश्व भर में सभी शरणार्थियों में से हर पाँच में से एक शरणार्थी उप-सहारा अफ्रीका में शरण लिये हुए है।
- एशिया और प्रशांत क्षेत्र के सभी शरणार्थियों में से 90% केवल तीन देशों में शरण लिये हुए थे, अर्थात् ईरान (3.4 मिलियन), पाकिस्तान (1.7 मिलियन) तथा बांग्लादेश (952,400)।
पुनर्वास में IOM की क्या भूमिका है?
- शरणार्थियों और अन्य मानवीय प्रवेशकों के पुनर्वास में राज्यों को आवश्यक सहायता प्रदान करना इसका मूलभूत उद्देश्य है तथा यह इसकी सबसे बड़ी गतिविधियों में से एक है।
- कुल मिलाकर, IOM ने 30 राज्यों को प्रवेश और स्थानांतरण कार्यक्रम संचालित करने में सहायता की।
- सतत् पुनर्वास और पूरक मार्ग पहल (Sustainable Resettlement and Complementary Pathways Initiative- CRISP) के माध्यम से, IOM तथा UNHCR ने ब्राज़ील, अर्जेंटीना एवं उरुग्वे जैसे नए पुनर्वास देशों में पुनर्वास क्षमता व तकनीकी विशेषज्ञता के निर्माण में सहायता की।
- IOM पुनर्वास से संबंधित समग्र आँकड़ों, विशेष रूप से प्रस्थान के आँकड़ों को सत्यापित करने और बेहतर ढंग से संरेखित करने हेतु नियमित आधार पर UNHCR के साथ घनिष्ठ सहयोग में कार्य करता है।
दक्षिणी एशिया में प्रवासन से संबंधित घटनाक्रम क्या हैं?
- जलवायु परिवर्तन:
- वर्ष 2022 में, भारत और पाकिस्तान जैसे देशों ने रिकॉर्ड हीट वेव का अनुभव किया तथा उसी वर्ष, मानसून के मौसम में आई बाढ़ के कारण बहुत क्षति हुआ, विशेष रूप से पाकिस्तान में।
- पाकिस्तान में वर्ष 2022 की बाढ़ के परिणामस्वरूप लगभग 1,700 लोगों की मृत्यु हुई और 8 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए।
- केवल वर्ष 2022 में ही बांग्लादेश में आपदाओं के कारण 1.5 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए।
- आर्थिक कारक:
- दक्षिण एशिया के तीन देश (भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश) विश्व में अंतर्राष्ट्रीय धन प्रेषण के शीर्ष दस प्राप्तकर्त्ताओं में शामिल हैं।
- भारत विश्व में सबसे अधिक संख्या में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों (लगभग 18 मिलियन) का उद्गम स्थल है, जिनमें से बड़ी संख्या में प्रवासी संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब जैसे देशों में रहते हैं।
- राजनीतिक अस्थिरता:
- लाखों अफगानी या तो आंतरिक रूप से विस्थापित हैं या पिछले कई वर्षों में अपने देश से पलायन कर चुके हैं।
- देश के अधिकांश शरणार्थियों को पड़ोसी देशों, विशेषकर पाकिस्तान और ईरान में शरण दी जाती है।
- बांग्लादेश दुनिया के शीर्ष 10 शरणार्थी मेज़बान देशों में से एक है, जिनमें से अधिकांश म्याँमार से विस्थापित रोहिंग्या हैं।
- लाखों अफगानी या तो आंतरिक रूप से विस्थापित हैं या पिछले कई वर्षों में अपने देश से पलायन कर चुके हैं।
आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (Internally Displaced Persons- IDP) की स्थिति क्या है?
- आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र (Internal Displacement Monitoring Centre- IDMC) दो प्रकार के आंतरिक विस्थापन पर डेटा संकलित करता है, अर्थात्,
- किसी निश्चित अवधि के दौरान नए विस्थापन
- किसी निश्चित अवधि पर आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (IDP) की कुल संख्या।
- 31 दिसंबर, 2022 तक संघर्ष और हिंसा के कारण आंतरिक रूप से विस्थापित हुए लोगों की कुल वैश्विक संख्या अनुमानित 62.5 मिलियन थी, जो अब तक दर्ज़ किया सबसे विस्तृत आँकड़ा था।
- अधिकांश देश या तो मध्य पूर्व या उप-सहारा अफ्रीका में थे।
- संघर्ष के कारण विस्थापित लोगों की सबसे अधिक संख्या सीरिया में (लगभग 6.9 मिलियन) थी, उसके बाद यूक्रेन (5.9 मिलियन), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (लगभग 5.7 मिलियन), कोलंबिया (लगभग 4.8 मिलियन) और यमन (4.5 मिलियन) का स्थान था।
- वर्ष 2022 में, यूक्रेन (16 मिलियन से अधिक) और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (4 मिलियन) संघर्ष तथा हिंसा के कारण विस्थापन की सबसे अधिक संख्या के साथ सूची में शीर्ष पर रहे।
- इसके बाद इथियोपिया (2 मिलियन), म्याँमार (1 मिलियन) और सोमालिया (621,000) का स्थान रहा।
- पाकिस्तान ने वर्ष 2022 में आपदा विस्थापन की सबसे अधिक संख्या (लगभग 8.2 मिलियन) का अनुभव किया।
निष्कर्ष
वैश्वीकृत दुनिया में राज्यों, समुदायों और व्यक्तियों पर उनके महत्त्वपूर्ण प्रभाव के कारण प्रवास तथा विस्थापन की विकसित गतिशीलता को समझना महत्त्वपूर्ण है। भू-राजनीतिक, पर्यावरणीय और तकनीकी परिवर्तनों ने इन प्रतिरूप को बदल दिया है। सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित प्रवास के लिये वैश्विक समझौता साक्ष्य-आधारित प्रतिक्रियाओं को विकसित करने के लिये बेहतर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, बेहतर डेटा संग्रह तथा अनुसंधान की आवश्यकता को प्रदर्शित करता है। दीर्घकालिक डेटा संकेत देते हैं कि पिछले 25 वर्षों में वैश्विक गतिशीलता असमानता खराब हो गई है, जिससे ग्लोबल कॉम्पैक्ट का कार्यान्वयन एक तत्काल प्राथमिकता बन गया है।