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जैव विविधता और पर्यावरण

हीट वेव्स और हीट इंडेक्स

  • 01 Aug 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

हीट इंडेक्स, हीट वेव, भारत मौसम विज्ञान विभाग

मेन्स के लिये:

चरम मौसम की घटनाओं को कम करने में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की भूमिका, हीट इंडेक्स की अवधारणा

चर्चा में क्यों?  

भारत में हाल के वर्षों में गर्मी से होने वाली मौतों में भारी गिरावट देखी गई है, जो हीट वेव के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के देश के प्रयासों को दर्शाता है।

  • भारत मौसम विज्ञान विभाग ( India Meteorological Department- IMD) इस प्रयास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो हीटवेव सहित चरम मौसम की घटनाओं के प्रभाव को कम करने के लिये समय पर पूर्वानुमान और चेतावनी जारी करता है।
  • हाल ही में IMD ने हीट इंडेक्स के रूप में एक मूल्यवान उपकरण पेश किया है जो तापमान पर आर्द्रता के प्रभाव के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

हीट वेव: 

  • परिचय: 
    • हीट वेव, चरम गर्म मौसम की लंबी अवधि होती है जो मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
    • भारत एक उष्णकटिबंधीय देश होने के कारण विशेष रूप से हीट वेव के प्रति अधिक संवेदनशील है, जो हाल के वर्षों में लगातार और अधिक तीव्र हो गई है।
  • भारत में हीट वेव घोषित करने हेतु IMD के मानदंड:
    • जब तक किसी स्थान का अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम-से-कम 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में कम-से-कम 30 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुँच जाता, तब तक हीट वेव की स्थिति नहीं मानी जाती है।
    • यदि किसी स्थान का अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम-से-कम 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक एवं पहाड़ी क्षेत्रों में कम-से-कम 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तक पहुँच जाता है तो इसे हीट वेव की स्थिति माना जाता है।
  • सामान्य से अधिक बढ़ने के आधार पर: 
    • हीट वेव/ग्रीष्म लहर: सामान्य से विचलन 4.5°C से 6.4°C है।
    • गंभीर हीट वेव (Severe Heat Wave): सामान्य से अधिक बढ़ने के >6.4°C है।
  • वास्तविक अधिकतम तापमान के आधार पर:
    • हीट वेव: जब वास्तविक अधिकतम तापमान ≥ 45°C हो।
    • गंभीर हीट वेव: जब वास्तविक अधिकतम तापमान ≥47°C हो।
  • हीट वेव से निपटने के लिये भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department- IMD) की पहल और उपकरण:
    • जनता को सूचित करने के लिये गर्मी का पूर्वानुमान समय पर जारी करना।
    • आपदा प्रबंधन अधिकारियों को आवश्यक तैयारी के लिये सचेत करना।
    • IMD तापमान संबंधी रुझानों में अतिरिक्त अंतर्दृष्टि प्रदान करते हुए मौसमी दृष्टिकोण तथा विस्तारित सीमा पूर्वानुमान प्रदान करता है।
    • वास्तविक समय अपडेट के साथ अगले पाँच दिनों के लिये दैनिक पूर्वानुमान।
    • हीट वेव सहित चरम मौसम की घटनाओं के लिये कलर-कोडेड चेतावनियाँ (Color-Coded Warnings)।
    • हीट एक्शन प्लान के लिये राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) और स्थानीय स्वास्थ्य विभागों के साथ सहयोग।
    • गर्मी से संबंधित जोखिमों को कम करने के लिये संवेदनशील क्षेत्रों में योजनाओं का कार्यान्वयन।

हीट इंडेक्स:

  • परिचय: 
    • हीट इंडेक्स एक ऐसा पैरामीटर है जो मनुष्यों के लिये स्पष्ट तापमान या "महसूस किये जाने वाले" तापमान की गणना करने हेतु तापमान और आर्द्रता दोनों पर विचार करता है।
    • यह उच्च तापमान पर आर्द्रता के प्रभाव को समझने में सहायता करता है कि यह गर्म मौसम के दौरान मानव असुविधा में कैसे योगदान देती है।
    • भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department- IMD) द्वारा प्रायोगिक आधार पर हीट इंडेक्स लॉन्च किया गया है।
    • इसका उद्देश्य उन उच्च स्पष्ट तापमान वाले क्षेत्रों के लिये सामान्य मार्गदर्शन प्रदान करना है, जिससे लोगों को असुविधा होती है।
  • गर्मी के तनाव का संकेत: 
    • उच्च ताप सूचकांक मान गर्मी से संबंधित तनाव और स्वास्थ्य समस्याओं के अधिक जोखिम का संकेत देते हैं।
    • यह संभावित गर्मी से संबंधित बीमारियों और खतरों के लिये एक चेतावनी के रूप में कार्य करता है। 
  • ऊष्मा स्तर का वर्गीकरण: 
    • हीट इंडेक्स में रंगों के माध्यम से तापमान को विभिन्न स्तरों में वर्गीकृत किया गया है:
      • हरा: प्रायोगिक ताप सूचकांक 35°C से न्यूनतम।
      • पीला: प्रायोगिक ताप सूचकांक 36-45°C के मध्य।
      • नारंगी: प्रायोगिक ताप सूचकांक 46-55°C के मध्य।
      • लाल: प्रायोगिक ताप सूचकांक 55°C से अधिक।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये उपयोगी उपकरण:
    • हीट इंडेक्स को समझकर, व्यक्ति और समाज हीट वेव के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिये सक्रिय कदम उठा सकते हैं।
    • यह जनसंख्या की भलाई सुनिश्चित करने के लिये निर्णय लेने और हीट एक्शन प्लान तैयार करने में सहायक है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. वर्तमान में और निकट भविष्य में भारत की ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में संभावित सीमाएँ क्या हैं?  (2010)

  1. उपयुक्त वैकल्पिक प्रौद्योगिकियाँ पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं हैं। 
  2. भारत अनुसंधान एवं विकास में अधिक धन का निवेश नहीं कर सकता है। 
  3. भारत में अनेक विकसित देशों ने पहले ही प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग स्थापित कर लिये हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2 
(c) केवल 1 और 3  
(d) 1, 2 और 3  

उत्तर: (a)  


मेन्स: 

प्रश्न. संसार के शहरी निवास-स्थानों में ताप द्वीपों के बनने के कारण बताइये। (2013)

स्रोत: पी.आई.बी.

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