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वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट, 2024

  • 16 May 2024
  • 3 min read

स्रोत: द हिंदू

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) द्वारा वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट, 2024 लॉन्च की गई, जिसमें वैश्विक प्रवासन पैटर्न में महत्त्वपूर्ण बदलावों का खुलासा किया गया। विश्व प्रवासन रिपोर्ट, IOM की द्विवार्षिक जारी की जाने वाली प्रमुख रिपोर्ट है।

  • रिपोर्ट में बताया गया है कि मेक्सिको, चीन, फिलीपींस और फ्राँस शीर्ष पाँच प्रेषण प्राप्तकर्त्ता देशों में भारत के अतिरिक्त अन्य चार देश थे तथा भारत वर्ष 2010, 2015, 2020 व 2022 में प्रेषण प्राप्त करने वाला शीर्ष देश था।
  • वर्ष 2000 और 2022 के बीच अंतर्राष्ट्रीय प्रेषण 650% बढ़कर 128 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 831 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जिसमें भारत को वर्ष 2022 में सबसे अधिक 111 बिलियन अमरीकी डॉलर का प्रेषण प्राप्त हुआ, इसके बाद मेक्सिको का स्थान रहा।
    • कुल प्रेषण में से 647 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रवासियों द्वारा निम्न और मध्यम आय वाले देशों में भेजे गए थे।
  • कई दक्षिण एशियाई लोगों के लिये आय के एक महत्त्वपूर्ण स्रोत के रूप में काम करने वाले प्रेषण के बावज़ूद, क्षेत्र के प्रवासी श्रमिक विभिन्न चुनौतियों के प्रति संवेदनशील बने हुए हैं।
    • इन चुनौतियों में वित्तीय शोषण, प्रवासन लागत के कारण अत्यधिक ऋण, ज़ेनोफोबिया (विदेशियों के प्रति शत्रुता) और कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार शामिल हैं।
    • वर्ष 2022 के अंत तक विस्थापित लोगों की संख्या 117 मिलियन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच गई।
  • संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब जैसे देशों में बड़े प्रवासी के साथ, भारत विश्व में सबसे बड़ी संख्या में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों (लगभग 18 मिलियन) का मूल स्थान है।
    • रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पुरुषों की तुलना में महिला अप्रवासियों की हिस्सेदारी थोड़ी अधिक है। पुरुष प्रवासियों के उल्लेखनीय उच्च अनुपात वाले देशों में भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान शामिल हैं।
  • खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) देश निर्माण, आतिथ्य, सुरक्षा, घरेलू कार्य और खुदरा क्षेत्रों में कार्यरत प्रवासी श्रमिकों, विशेष रूप से भारत, मिस्र, बांग्लादेश, इथियोपिया व केन्या से आने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिये महत्त्वपूर्ण गंतव्य बने हुए हैं।

और पढ़ें: प्रेषण अंतर्वाह, अंतर्राष्ट्रीय माइग्रेशन आउटलुक 2023

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