अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत और खाड़ी सहयोग परिषद
- 25 Nov 2022
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:व्यापार समझौतों के प्रकार, भारत और खाड़ी देश मेन्स के लिये:भारत-खाड़ी संबंधों का महत्त्व, मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के तहत भारत के लिये अवसर |
चर्चा में क्यों?
भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council- GCC) मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement- FTA) को आगे बढ़ाने और वार्ता को फिर से शुरू करने पर सहमत हुए हैं।
- GCC खाड़ी क्षेत्र के छह देशों- सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन का एक संघ है। इस परिषद के सदस्य भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार हैं।
खाड़ी क्षेत्र का भारत के लिये महत्त्व:
- भारत और ईरान के मध्य सदियों से अच्छे संबंध रहे हैं, जबकि प्राकृतिक गैस समृद्ध राष्ट्र कतर इस क्षेत्र में भारत के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक है।
- अधिकांश खाड़ी देशों के साथ भारत के अच्छे संबंध रहे हैं।
- इन संबंधों के दो सबसे महत्त्वपूर्ण कारण तेल और गैस तथा व्यापार है।
- भारत के कुल प्राकृतिक गैस आयात में कतर का हिस्सा 41% है।
- दो अन्य कारण हैं- खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीयों की बड़ी संख्या और उनके द्वारा अपने घर भेजे जाने वाले प्रेषित धन।
- भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रकाशित एक शोध पत्र के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020-21 में संयुक्त अरब अमीरात से भारत में प्रेषित धन 15.40 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो भारत के कुल आवक प्रेषण का 18% है।
भारत-GCC व्यापार संबंधों की स्थिति:
- GCC सदस्य देशों के लिये भारत का निर्यात वर्ष 2020-21 के 27.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले वर्ष 2021-22 में 58.26% बढ़कर लगभग 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
- वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2020-21 के 87.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 154.73 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
- वर्ष 2021-22 में दोनों क्षेत्रों के बीच सेवा व्यापार लगभग 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जिसमें कुल निर्यात 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर और आयात 8.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था।
- GCC देश भारत के तेल आयात में लगभग 35% और गैस आयात में 70% योगदान करते हैं।
- वर्ष 2021-22 में GCC से भारत का कुल कच्चे तेल का आयात लगभग 48 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जबकि वर्ष 2021-22 में LNG और LPG का आयात लगभग 21 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था।
अन्य देशों के साथ भारतीय व्यापार समझौतों की स्थिति:
- भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौता:
- हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई संसद ने भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA) को मंज़ूरी दी है।
- यह पहला मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है जिसे भारत ने एक दशक से अधिक समय के बाद एक प्रमुख और विकसित देश के साथ हस्ताक्षरित किया है।
- इस समझौते में दो मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों के संपूर्ण क्षेत्र में सहयोग शामिल है।
- भारत-यूरोपीय संघ FTA:
- भारत और यूरोपीय संघ ने आठ साल के अंतराल के बाद वर्ष 2021 की शुरुआत में वस्तु और सेवाओं के संदर्भ में फिर से FTA वार्ता शुरू की।
- दोनों क्षेत्रों का उद्देश्य FTA के समानांतर निवेश और भौगोलिक संकेतों में समझौतों पर काम करना है।
- भारत-यूरोपीय संघ FTA वार्ता का तीसरा दौर इस साल के अंत में दिल्ली में शुरू होगा।
- भारत-ब्रिटेन FTA:
- अगले कुछ महीनों में भारत और यूनाइटेड किंगडम मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत शुरू करेंगे।
- एजेंडे में फार्मा कंपनियों द्वारा निरंतर पेटेंट विस्तार के खिलाफ पेटेंट व्यवस्था हासिल करना है, प्रस्तावित FTA के तहत इस क्षेत्र में आसान कार्य वीीाज़ा के साथ-साथ भारतीय फिल्मों तक पहुँच की मांग करना है।
- भारत-संयुक्त अरब अमीरात- CEPA:
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates- UAE) के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement- CEPA) 1 मई, 2022 से लागू हुआ।
- CEPA दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और इसमें सुधार के लिये एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है।
- भारत-कनाडा CEPA:
- कनाडा पहले विदेशी निवेश संवर्द्धन संरक्षण समझौते (Foreign Investment Promotion Protection Agreement- FIPA) और CEPA पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिये काम कर रहा था।
- अगस्त 2022 में भारत और कनाडा ने इस बात पुष्टि की कि वे प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौते (Early Progress Trade Agreement- EPTA) को सुरक्षित करने के लिये चौथे दौर की वार्ता आयोजित करेंगे, जो एक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) तक पहुँचने के लिये एक मध्यवर्ती कदम है।
आगे की राह
- खाड़ी क्षेत्र का भारत के लिये ऐतिहासिक, राजनीतिक, आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक महत्त्व है। भारत-GCC मुक्त व्यापार समझौता (FTA) संबंधों को बढ़ावा दे सकते हैं।
- वर्तमान में GCC क्षेत्र अस्थिर है, इस प्रकार भारत को इस क्षेत्र में अपने बड़े आर्थिक, राजनीतिक और जनसांख्यिकीय हितों की रक्षा करने की आवश्यकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन 'खाड़ी सहयोग परिषद' का सदस्य नहीं है? (2016) (a) ईरान उत्तर: (a) व्याख्या:
अत: विकल्प (a) सही है। |