सतत् विकास लक्ष्य रिपोर्ट, 2024 | 08 Jul 2024
प्रिलिम्स के लिये:संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास समाधान नेटवर्क (SDSN), सतत् विकास लक्ष्य रिपोर्ट 2024, सतत् विकास लक्ष्य (SDG), संयुक्त राष्ट्र, 2030 एजेंडा, क्रय शक्ति समता, जीवन प्रत्याशा, मातृ मृत्यु दर, कोविड-19 महामारी, कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन तीव्रता, पार्टिकुलेट मैटर, राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC), ई-वेस्ट, ग्रीनहाउस गैस, ओवरफिशिंग, भूमध्य सागर, काला सागर, भ्रष्टाचार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI), आधिकारिक विकास सहायता (ODA)। मेन्स के लिये:गर्म होते विश्व में सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को लागू करने की तात्कालिकता और उनके कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास समाधान नेटवर्क (UN Sustainable Development Solutions Network- SDSN) ने सतत् विकास लक्ष्य रिपोर्ट 2024 जारी की।
- इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि विश्व संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2015 में निर्धारित सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals- SDG) को प्राप्त करने में काफी पीछे है।
- असमानताएँ बढ़ रही हैं, जलवायु संकट बिगड़ रहा है तथा जैवविविधता की हानि तेज़ी से हो रही है।
SDG रिपोर्ट, 2024 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- परिचय:
- इसमें वर्ष 2015 से 2024 तक सतत् विकास लक्ष्यों पर विश्व की प्रगति तथा वर्ष 2030 तक की प्रगति पर विस्तृत जानकारी दी गई है।
- यह सफलताओं और चुनौतियों दोनों पर प्रकाश डालता है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सतत विकास के लिये 2030 एजेंडा की महत्त्वाकांक्षाओं तथा सिद्धांतों को पूरी तरह से साकार करने का प्रयास कर रहा है।
- निष्कर्ष:
- रिपोर्ट से पता चला है कि विश्व 2030 एजेंडा को साकार करने के मार्ग से काफी दूर है।
- वर्ष 2015 के आधारभूत स्तर के आधार पर, केवल 17% में ही वर्ष 2030 तक उपलब्धि के लिये पर्याप्त प्रगति प्रदर्शित होती है।
- 18% ने मध्यम प्रगति दिखाई।
- 30% ने मामूली प्रगति दिखाई।
- 18% ने स्थिरता दिखाई।
- 17% ने प्रतिगमन का संकेत दिया।
- SDG 1 (गरीबी उन्मूलन):
- कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2020 में दशकों में पहली बार अत्यधिक गरीबी बढ़ी, जिससे वैश्विक प्रगति तीन वर्ष पीछे चली गई।
- अत्यधिक गरीबी वर्ष 2019 में 8.9% से बढ़कर 2020 में 9.7% हो गई।
- यदि वर्तमान प्रवृत्ति जारी रही तो वर्ष 2030 तक 590 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी में रह सकते हैं।
- कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2020 में दशकों में पहली बार अत्यधिक गरीबी बढ़ी, जिससे वैश्विक प्रगति तीन वर्ष पीछे चली गई।
- SDG 2 (ज़ीरो हंगर):
- वर्ष 2022 में विश्व की 29.6% जनसंख्या या 2.4 बिलियन लोग मध्यम या गंभीर रूप से खाद्य असुरक्षित थे।
- वर्ष 2022 में खाद्य पदार्थों की रिकॉर्ड ऊँची कीमतों के कारण क्रय शक्ति और भोजन तक पहुँच खराब हो गई, जिससे खाद्य सुरक्षा तथा पोषण संबंधी परिणामों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
- SDG 3 (अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण):
- कोविड-19 ने सकारात्मक प्रवृत्ति को उलट दिया है, जिससे वैश्विक जीवन प्रत्याशा वर्ष 2021 तक 71.4 वर्ष तक गिर जाएगी (2019- 73.1 वर्ष), जो वर्ष 2012 के स्तर पर वापस आ जाएगी।
- मातृ मृत्यु दर आमतौर पर वर्ष 2030 के लक्ष्य से तीन गुना अधिक स्तर पर रुकी हुई है।
- वर्ष 2000 और 2021 के बीच आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित आबादी का अनुपात लगभग 15% कम हो गया।
- SDG 4 (गुणवत्ता की शिक्षा):
- वैश्विक स्तर पर, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा दोनों में लड़कियों की शिक्षा पूरी करने की दर लड़कों की तुलना में 2 से 3 प्रतिशत अधिक है।
- वर्ष 2015 से लेकर वर्ष 2019 तक दुनिया भर में केवल 58% छात्रों ने पढ़ने में न्यूनतम दक्षता हासिल की है। कई देशों में गणित और पढ़ने के अंकों में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
- औसतन 15% शिक्षकों के पास न्यूनतम योग्यता नहीं है, जिससे शिक्षा के सभी स्तरों पर प्रगति बाधित होती है।
- यद्यपि प्रौद्योगिकी ने शिक्षा के अवसरों का विस्तार किया है, लेकिन इसने असमानताओं को भी बढ़ाया है, जिसके कारण लाखों लोग, विशेषकर हाशिए पर पड़े और निम्न आय वाले समुदायों में, शिक्षा तक पहुँच से वंचित रह गए हैं।
- SDG 5 (लैंगिक समानता):
- अनुमान है कि विश्व भर में 640 मिलियन लड़कियों और महिलाओं का विवाह बचपन में ही कर दिया जाता है, जिनमें से एक तिहाई अकेले भारत में होती हैं।
- 230 मिलियन से अधिक लड़कियों और महिलाओं को महिला जननांग विकृति का शिकार होना पड़ा है।
- महिलाओं पर अवैतनिक घरेलू और देखभाल संबंधी कार्यों का अनुचित बोझ रहता है, तथा वे पुरुषों की तुलना में इस कार्य में प्रतिदिन 2.5 गुना अधिक घंटे खर्च करती हैं।
- SDG 6 (स्वच्छ जल एवं स्वच्छता):
- वर्ष 2015 और 2022 के बीच सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल का उपयोग करने वाली आबादी का अनुपात 69% से बढ़कर 73% हो गया।
- हालाँकि वर्ष 2022 में 2.2 बिलियन लोगों के पास अभी भी सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल की कमी होगी, 3.5 बिलियन लोग सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता के बिना रहेंगे (जिसमें खुले में शौच करने वाले 419 मिलियन लोग शामिल हैं) और 2 बिलियन लोगों के पास अभी भी अपर्याप्त बुनियादी स्वच्छता सेवाएँ (जिनमें 653 मिलियन ऐसे लोग शामिल हैं जिनके पास कोई सुविधा नहीं है) होंगी।
- वैश्विक स्तर पर, वर्ष 2021 में जल तनाव या 'वाटर स्ट्रेस' (Water Stress) का स्तर औसतन 18.6% तक पहुँच गया, जिसमें मध्य और दक्षिणी एशिया उच्च तनाव का सामना कर रहा है तथा उत्तरी अफ्रीका गंभीर तनाव में है।
- SDG 7 (वहनीय और स्वच्छ ऊर्जा):
- विद्युत तक पहुँच से वंचित लोगों की संख्या वर्ष 2015 में 958 मिलियन से घटकर वर्ष 2022 में 685 मिलियन हो गई।
- इसी अवधि में स्वच्छ खाना पकाने वाले ईंधन के बिना रहने वालों की संख्या 2.8 बिलियन से घटकर 2.1 बिलियन हो गई।
- अनुमान है कि वर्ष 2030 तक 660 मिलियन लोगों के पास अभी भी विद्युत नहीं होगी तथा लगभग 1.8 बिलियन लोग स्वच्छ खाना पकाने वाले ईंधन और प्रौद्योगिकियों के बिना रह जाएंगे।
- SDG 8 (सभ्य कार्य और आर्थिक विकास):
- वैश्विक वास्तविक प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2010 से 2014 तक 2.1% की औसत वार्षिक दर से बढ़ा, जो वर्ष 2015 से 2022 तक घटकर 1.6% रह गया।
- अनौपचारिक रोज़गार एक महत्त्वपूर्ण वैश्विक चुनौती बन गया है, क्योंकि वर्ष 2023 तक अनौपचारिक नौकरियों में कार्यरत 2 बिलियन से अधिक श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का अभाव होगा।
- SDG 9 (उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढाँचा):
- वर्ष 2015 से प्रति व्यक्ति विनिर्माण के वैश्विक मूल्य में 16% की वृद्धि हुई है जो पूर्व के 1,653 अमेरिकी डॉलर (वर्ष 2015 की स्थिर कीमतों पर) से बढ़कर वर्ष 2023 में 1,922 अमेरिकी डॉलर हो गया है।
- वर्ष 2022 से, विनिर्माण क्षेत्र की संवृद्धि लगभग 2.7% पर स्थिर रही है। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक तनावों के प्रभाव के कारण वर्ष 2024 तक इसके बने रहने की उम्मीद है।
- लघु उद्यमों को सीमित ऋण पहुँच जैसी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि मात्र 17% उद्यमों के पास ही ऋण या ऋण व्यवस्था (Credit Line) तक पहुँच है।
- कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन तीव्रता में कमी के बावजूद, वैश्विक उत्सर्जन रिकॉर्ड अत्यधिक बढ़ गया है।
- SDG 10 (असमानताओं में कमी):
- सामाजिक सहायता कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप वैश्विक स्तर पर औसत आय के आधे से भी कम पर जीवन यापन कर रहे व्यक्तियों की संख्या कम हुई है।
- सामाजिक सहायता कार्यक्रमों ने, विशेष रूप से धनी देशों में, महामारी के दौरान असमानता में कमी लाने में प्रमुख भूमिका निभाई।
- सकल घरेलू उत्पाद में श्रम की हिस्सेदारी में दीर्घकालिक कमी जारी रही है तथा श्रमिकों की मज़दूरी उत्पादकता के अनुरूप नहीं रही है।
- वर्ष 2004 से वर्ष 2021 की अवधि में सकल घरेलू उत्पाद में श्रम आय का हिस्सा 54.1% से गिरकर 52.7% हो गया जो प्रति श्रमिक 568 अमेरिकी डॉलर (क्रय शक्ति समता) की हानि के बराबर है।
- सामाजिक सहायता कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप वैश्विक स्तर पर औसत आय के आधे से भी कम पर जीवन यापन कर रहे व्यक्तियों की संख्या कम हुई है।
- SDG 11 (सतत् शहर और समुदाय):
- वर्ष 2022 में शहरी क्षेत्र की 24.8% जनसंख्या झुग्गी-झोपड़ियों अथवा अनौपचारिक बस्तियों निवास करती थी जो वर्ष 2015 में 25% और वर्ष 2020 में 24.2% था।
- प्रत्येक वर्ष परिवेशी वायु प्रदूषण के कारण अनुमानित रूप से 4.2 मिलियन व्यक्तियों की मृत्यु होती है।
- विश्व स्तर पर, कणकीय पदार्थ (Particulate Matter- PM2.5) के स्तर में 9% की कमी आई।
- SDG 12 (उत्तरदायीपूर्ण उपभोग और उत्पादन):
- वर्ष 2022 में ग्लोबल फूड वेस्ट 1.05 बिलियन मीट्रिक टन रहा फिर भी 193 देशों में से मात्र 9 देशों ने ही जलवायु परिवर्तन कार्यों पर अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Nationally Determined Contribution- NDC) में फूड वेस्ट विषय को शामिल किया।
- वैश्विक ई-अपशिष्ट की तीव्र वृद्धि का अभी तक कोई निराकरण नहीं किया गया है जिसमें से केवल 22% को ही स्थायी रूप से एकत्र और प्रबंधित किया जाता है।
- SDG 13 (जलवायु कार्रवाई):
- समग्र विश्व के जनसमुदाय खराब मौसम और आपदाओं की निरंतरता तथा तीव्रता पीड़ित हैं जिससे प्राण एवं दैनंदिन आजीविका प्रभावित हो रही है।
- वर्तमान राष्ट्रीय नीति के परिणामस्वरूप, 3°C वैश्विक तापमान वृद्धि का अनुमान है। NDC के पूर्ण क्रियान्वन से यह 2.5°C हो सकता है। तापमान को 1.5°C तक सीमित रखने की संभावना वर्तमान में केवल 14% है।
- वर्ष 2022 में वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 57.4 गीगाटन CO2 समतुल्य के नए रिकॉर्ड पर पहुँच गया।
- ऊर्जा क्षेत्र, जिसका CO2 के वैश्विक उत्सर्जन में 86% का योगदान है, कोयले और गैस आधारित विद्युत उत्पादन के विस्तार के साथ सबसे बड़ा योगदानकर्त्ता बना हुआ है।
- समग्र विश्व के जनसमुदाय खराब मौसम और आपदाओं की निरंतरता तथा तीव्रता पीड़ित हैं जिससे प्राण एवं दैनंदिन आजीविका प्रभावित हो रही है।
- SDG 14 (जलीय जीवन):
- मत्स्य संसाधनों की वैश्विक संधारणीयता वर्ष 1974 में 90% से घटकर वर्ष 2019 में 64.6% और वर्ष 2021 में 62.3% हो गई, जो कि अत्यधिक मत्स्यन, प्रदूषण, अनुपयुक्त प्रबंधन तथा अन्य कारकों के कारण हुआ।
- दक्षिण-पूर्व प्रशांत क्षेत्र में अत्यधिक मत्स्यन का प्रतिशत सर्वाधिक 66.7% था, इसके बाद भूमध्य सागर और काला सागर में यह 62.5% था।
- मत्स्य पालन और जलीय कृषि के मूल्य में वर्ष 2019 से वर्ष 2021 की अवधि में 10% की वृद्धि हुई।
- GDP में सतत् मत्स्य पालन का योगदान वर्ष 2021 में 5.4% घटा।
- मत्स्य संसाधनों की वैश्विक संधारणीयता वर्ष 1974 में 90% से घटकर वर्ष 2019 में 64.6% और वर्ष 2021 में 62.3% हो गई, जो कि अत्यधिक मत्स्यन, प्रदूषण, अनुपयुक्त प्रबंधन तथा अन्य कारकों के कारण हुआ।
- SDG 15 (भूमि पर जीवन):
- वर्ष 2000 से 2020 की अवधि में कुल भू क्षेत्र में वन आच्छादन का अनुपात 31.9% से घटकर 31.2% हो गया जिसके परिणामस्वरूप लगभग 100 मिलियन हेक्टेयर वन क्षेत्र का ह्रास हुआ।
- कृषि में हुए विस्तार के कारण वैश्विक निर्वनीकरण लगभग 90% बढ़ा जिसमें फसल हेतु भूमि के लिये 49.6% और पशुओं के चरागाह के लिये 38.5% वनों की कटाई की गई।
- वनों की प्रजातियाँ धीरे-धीरे विलुप्त हो रही हैं, अहम जैवविविधता क्षेत्रों का संरक्षण प्रभावित हुआ है और वन्यजीव की वैश्विक अवैध तस्करी में निरंतर वृद्धि हुई है, जिससे जैवविविधता गंभीर खतरे की स्थिति में है।
- वर्ष 2000 से 2020 की अवधि में कुल भू क्षेत्र में वन आच्छादन का अनुपात 31.9% से घटकर 31.2% हो गया जिसके परिणामस्वरूप लगभग 100 मिलियन हेक्टेयर वन क्षेत्र का ह्रास हुआ।
- SDG 16 (शांति, न्याय और मज़बूत संस्थान):
- विश्व भर में बढ़ते संघर्ष और हिंसक संगठित अपराध जारी हैं, जिससे अत्यधिक मानवीय कष्ट हो रहे हैं और सतत् विकास में बाधा आ रही है।
- मई 2024 में जबरन विस्थापित लोगों की संख्या अभूतपूर्व रूप से 120 मिलियन तक पहुँच जाएगी।
- वर्ष 2023 में सशस्त्र संघर्षों में नागरिक हताहतों की संख्या में 72% की वृद्धि होगी।
- संघर्ष में मारे गए महिलाओं की संख्या में वर्ष 2015 के बाद पहली बार वृद्धि हुई है।
- भ्रष्टाचार सतत् विकास के लिये संसाधनों का दुरुपयोग जारी रखता है।
- लगभग 19% लोगों ने बताया कि पिछले 12 महीनों में उनसे किसी सरकारी अधिकारी को रिश्वत देने के लिये कहा गया या उन्होंने रिश्वत दी है।
- वैश्विक जेल की आबादी वर्ष 2015 में 11.1 मिलियन से बढ़कर वर्ष 2022 में 11.5 मिलियन हो जाएगी।
- विश्व भर में बढ़ते संघर्ष और हिंसक संगठित अपराध जारी हैं, जिससे अत्यधिक मानवीय कष्ट हो रहे हैं और सतत् विकास में बाधा आ रही है।
- SDG 17 (लक्ष्यों के लिये साझेदारी):
- वर्ष 2023 में वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment- FDI) प्रवाह 1.33 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होगा, जो वर्ष 2022 से 2% कम है।
- धन प्रेषण और आधिकारिक विकास सहायता (Official Development Assistance- ODA) में वृद्धि मामूली रही है।
- वर्ष 2023 में विकासशील देशों में वार्षिक सतत् विकास लक्ष्य निवेश अंतर लगभग 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है, जिसमें से आधे से अधिक या 2.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता अकेले ऊर्जा परिवर्तन के लिये होगी।
- लगभग 60% निम्न आय वाले देश ऋण संकट के उच्च जोखिम में हैं या पहले से ही इसका अनुभव कर रहे हैं।
- वर्ष 2023 में वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment- FDI) प्रवाह 1.33 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होगा, जो वर्ष 2022 से 2% कम है।
निष्कर्ष
वैश्विक समुदाय को संवाद और कूटनीति के माध्यम से विश्व भर में अत्यधिक कष्ट उत्पन्न करने वाले संघर्षों को समाप्त करने के लिये एकजुट होना चाहिये। SDG में निवेश बढ़ाने के लिये पुरानी तथा अनुचित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली में सुधार करना आवश्यक है। खाद्य, ऊर्जा एवं डिजिटल कनेक्टिविटी में प्रमुख बदलावों को आगे बढ़ाने हेतु महत्त्वपूर्ण निवेश और प्रभावी भागीदारी की आवश्यकता है, जिससे सभी लक्ष्यों को आगे बढ़ाया जा सके। SDG शिखर सम्मेलन की राजनीतिक घोषणा को कार्रवाई में बदलने का समय आ गया है।