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सामाजिक न्याय

भारत कोविड -19 खरीद: चुनौतियाँ, नवाचार और सबक

  • 01 Sep 2022
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विश्व बैंक, कोविड-19।

मेन्स के लिये:

महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, कोविड -19 का प्रबंधन।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व बैंक ने "भारत कोविड -19 खरीद: चुनौतियाँ, नवाचार और सबक (India Covid-19 Procurement: Challenges, Innovations, and Lessons )" शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार, भारत महामारी के प्रबंधन में विभिन्न चीजें हासिल करने में कामयाब रहा।

  • यह रिपोर्ट कोविड महामारी के गंभीर प्रारंभिक चरण के दौरान आवश्यक चिकित्सा वस्तुओं की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये भारत सरकार द्वारा की गई पहलों पर करीब से नज़र डालती है।

प्रमुख बिंदु

  • वैश्विक:
    • वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा सूचकांक में उच्च रेटिंग वाले देशों सहित अधिकांश देशों की स्वास्थ्य प्रणालियों को महामारी से निपटने में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
    • असाधारण बाज़ार अनिश्चितताओं को दूर करने के लिये कई देशों ने आपातकालीन संदर्भ में प्रक्रियाओं को उत्तरदायी बनाने के लिये सार्वजनिक खरीद में नवाचारों की शुरुआत की।
  • भारतीय पहल:
    • भारत ने देश भर में चिकित्सा आपूर्ति के कुशल वितरण का प्रबंधन किया, शुरुआती प्रतिबंध लगाए और आपात स्थिति के दौरान त्वरित खरीद निर्णय हेतु सशक्त अंतर-मंत्रालयी समूह भी बनाए।
    • भारत चार महीने की अवधि के भीतर तेज़ी से जो पहले केवल 18 थी से सीधे 2,500 से अधिक परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना करने में कामयाब रहा और वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं के लिये गंभीर चुनौतियों का सामना करने वाली भविष्य की महामारियों एवं स्वास्थ्य आपात स्थितियों का सामना करने हेतु तैयार हो गया।
    • भारत ने स्वदेशी चिकित्सा उपकरण उद्योग के विकास के लिये अनुकूल वातावरण भी तैयार किया।
    • कोविड -19 महामारी से पहले भारत ज़्यादातर वेंटिलेटर का आयात कर रहा था, हालाँकि कई नए लोगों सहित 25 निर्माता ‘सीमित वित्तीय और बुनियादी ढाँचा क्षमता वाले वेंटिलेटर’ का उत्पादन करने के लिये आगे आए।
    • सरकार ने वेंटिलेटर बनाने के लिये कई ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिकल निर्माण कंपनियों का उपयोग किया।
  • भारत में प्रमुख नवाचार:
    • स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये पूरे सरकारी दृष्टिकोण को अपनाने से इकाई कीमतों और वैश्विक आपूर्ति पर निर्भरता को कम करने में मदद मिली।
    • त्वरित निविदा प्रक्रिया और गुणवत्ता आश्वासन प्रोटोकॉल की शुरुआत हुई।
    • कुशल आपूर्ति शृंखला प्रबंधन को कम्प्यूटरीकृत मॉडलिंग द्वारा संचालित किया गया जिसने महामारी विज्ञान के रुझानों के आधार पर राज्यों के बीच ऑक्सीजन और गहन देखभाल इकाई आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद की।
    • सरकार की ई-खरीद साइट पर गुणवत्ता आश्वासित कोविड वस्तुओं को तेज़ी से स्थानांतरित करना, जिसने राज्यों को निविदा प्रक्रिया से गुजरे बिना प्रतिस्पर्द्धी कीमतों पर इन उत्पादों तक पहुँच शुरू करने में सक्षम बनाया।

विश्व बैंक:

  • परिचय:
    • अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की स्थापना एक साथ वर्ष 1944 में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के दौरान हुई थी। अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) को ही विश्व बैंक के रूप में जाना जाता है।
    • विश्व बैंक समूह विकासशील देशों में गरीबी को कम करने और साझा समृद्धि का निर्माण करने वाले स्थायी समाधानों के लिये काम कर रहे पाँच संस्थानों की एक अनूठी वैश्विक साझेदारी है।
  • सदस्य:
    • 189 देश इसके सदस्य हैं।
    • भारत भी एक सदस्य देश है।
  • प्रमुख रिपोर्ट:
  • पाँच विकास संस्थान
    • अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD)
    • अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA)
    • अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC)
    • बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA)
    • निवेश विवादों के निपटारे के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICSID)
      • भारत इसका सदस्य नहीं है।

UPSC  सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न 'विश्व आर्थिक संभावना (ग्लोबल इकनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्रस)' रिपोर्ट आवधिक रूप से निम्नलिखित में से कौन जारी करता है?

(a) एशिया विकास बैंक
(b) यूरोपीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (यूरोपियन बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एण्ड डेवलपमेंट)
(c) यू.एस.फेडरल रिज़र्व बैंक
(d) विश्व बैंक

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • विश्व आर्थिक संभावना (ग्लोबल इकनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्रस)' रिपोर्ट विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिति पर विश्व बैंक का प्रमुख अर्द्धवार्षिक प्रकाशन है।
  • विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित अन्य महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ और ‘वर्ल्ड डेवलपमेंट रिपोर्ट' हैं।

अतः विकल्प (d) सही है।


प्रश्न. सार्वभौम अवसंरचना सुविधा (ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी) है: (2017)

(a) एशिया में अवसंरचना उन्नयन के लिये ASEAN का उपक्रमण है, जो एशियाई विकास बैंक द्वारा दिये गए साख (क्रेडिट) से वित्तपोषित है।
(b) गैर-सरकारी क्षेत्रक और संस्थागत निवेशकों की पूंजी का संग्रहण करने के लिये विश्व बैंक का सहयोग है, जो जटिल अवसंरचना सार्वजानिक-निजी भागीदारियों (PPPs) की तैयारी और संरचना-निर्माण को आसान बनाना है।
(c) यह OECD के साथ कार्य करने वाले विश्व के प्रमुख बैंकों का सहयोग है, जो उन अवसंरचना परियोजनाओं को विस्तारित करने पर केंद्रित है, जिनमें गैर-सरकारी विनिवेश संग्रहीत करने की क्षमता है।
(d) UNCTAD द्वारा वित्तपोषित उपक्रमण है जो विश्व में अवसंरचना विकास को वित्तपोषित करने और आसान बनाने का प्रयास करता है।

उत्तर: (b)


प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में दिखने वाले 'आइएफसी-मसाला बॉन्ड (IFC Masals Bonds)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

1. अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (इंरनैशनल फाइनेंस कॉपरेशन), जो इन बॉन्डों को प्रस्तावित करता है, विश्व बैंक की एक शाखा है।
2. ये रूपया अंकित मूल्य वाले बॉन्ड (Rupee-denominated Bonds) हैं और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रक के ऋण वित्तीयन के स्रोत हैं।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये।

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1और न ही 2

उत्तर: (c)


प्रश्न. विश्व बैंक व अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, संयुक्त रूप से ब्रेटन वुड्स नाम से जानी जाने वाली संस्थाएँ, विश्व की आर्थिक व वित्तीय व्यवस्था की संरचना का संभरण करने वाले दो अंतर्सरकारी स्तम्भ हैं। पृष्ठीय रूप में विश्व बैंक व अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष दोनों की अनेक समान विशिष्टताएँ है, तथापि उनकी भूमिका, कार्य तथा अधिदेश स्पष्ट रूप से भिन्न हैं। व्याख्या कीजिये। (मेन्स-2013)

स्रोत: द हिंदू

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