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भारतीय अर्थव्यवस्था

ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स 2018

  • 17 Oct 2018
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व बैंक ने इंडोनेशिया (बाली) में वर्ल्ड डेवलेपमेंट रिपोर्ट 2019 के एक भाग के रूप में  अपना पहला नया ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स अर्थात् मानव पूंजी सूचकांक जारी किया। इस इंडेक्स की रैंकिंग मानव पूंजी विकास के संदर्भ में देशों की सफलता के आधार पर निर्धारित की गई है। इस इंडेक्स में भारत 0.44 अंकों के साथ 115वें स्थान पर (157 देशों में) है। भारत का स्थान नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश से भी नीचे है।  

ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स क्या है ?

  • इस इंडेक्स को विश्व बैंक के मौजूदा व्यापारिक सूचकांक अर्थात् डूइंग बिज़नेस इंडेक्स के आधार पर तैयार किया गया है, जो कि राष्ट्रीय व्यापार स्थितियों का आकलन करता है। इसी के आधार पर कोई देश अपने नागरिकों की देखभाल कैसे करता है, को केंद्र बिंदु मानते हुए समान रैंकिंग तैयार की गई है।
  • इस इंडेक्स के अंतर्गत बच्चों के जीवित रहने की संभावना, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मानकों के आधार पर 157 देशों का आकलन किया जाता है।
  • इस इंडेक्स को 5 साल से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर तथा उनके विकास की दर, 18 साल की उम्र तक स्कूली शिक्षा और 15 साल के किशोरों के 60 साल तक जीवित रहने की संभावना जैसे मानकों के आधार पर तैयार किया गया है।

शीर्ष 5 में शामिल देश

  • सिंगापुर
  • दक्षिण कोरिया
  • जापान
  • हांग कांग
  • फिनलैंड

सबसे नीचे के 5 स्थानों में शामिल देश

  • चाड
  • दक्षिण सूडान
  • नाइजर
  • माली
  • लाइबेरिया

भारत के लिये HCI अवलोकन

  • पिछले पाँच वर्षों में भारत में एचसीआई घटकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 5 साल की आयु वर्ग के जीवित रहने की संभावना पर विचार करें तो भारत में पैदा हुए प्रत्येक 100 बच्चों में से 96 बच्चे ही 5 साल की आयु तक जीवित रहते है।
  • यदि स्कूली शिक्षा की बात करें तो भारत में 4 साल की आयु में स्कूल शुरू करने वाले बच्चे अपने 18वें जन्मदिन तक अनुमानत: 10.2 साल की स्कूली शिक्षा पूरी कर लेते हैं।
  • वयस्क जीवन रक्षा दर के संबंध में बात करें तो ज्ञात होता है कि देश में 15 वर्ष की आयु के केवल 83 प्रतिशत बालकों के 60 वर्ष की आयु तक जीवित रहने की उम्मीद है।
  • इसी क्रम में यदि स्वस्थ विकास के मुद्दे पर विचार करें तो प्रत्येक 100 बच्चों में से केवल 62 स्टंट कुपोषित अथवा अल्प-पोषण के शिकार नहीं पाए गए। स्पष्ट रूप से प्रत्येक 100 में से 38 बच्चे कुपोषित हैं।
  • लिंग विभेद के संबंध में इंडेक्स में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की स्थिति (HCI के संदर्भ में) थोड़ी बेहतर बताई गई है।
विश्व बैंक का मानव पूंजी सूचकांक संयुक्त राष्ट्र का मानव विकास सूचकांक
  1. इसके अंतर्गत स्वास्थ्य की माप के रूप में जीवित रहने की दर और स्टंटिंग दर को आधार माना गया है।
  2. शिक्षा के उपाय के रूप में गुणवत्ता समायोजित शिक्षण को महत्त्व दिया गया है।
  3. इसके अंतर्गत प्रति व्यक्ति आय को शामिल नहीं किया गया है।
  4. इसके अंतर्गत आय के घटक को शामिल नहीं किया गया है।
  1. इसके अंतर्गत स्वास्थ्य की माप के रूप में जीवन प्रत्याशा को आधार माना जाता है।
  2. इसके अंतर्गत शिक्षा के उपाय के रूप में स्कूली शिक्षा के वर्षों को आधार माना जाता है।
  3. इसके अंतर्गत प्रति व्यक्ति आय को शामिल किया जाता है।
  4. इसके अंतर्गत आय के घटक को शामिल किया जाता है।

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