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जैव विविधता और पर्यावरण

ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर 2024

  • 23 Mar 2024
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ग्लोबल ई-कचरा मॉनिटर 2024, ई-कचरा रीसाइक्लिंग, संयुक्त राष्ट्र प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (UNITAR), ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2016, विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व

मेन्स के लिये:

ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर 2024, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (UNITAR) ने ग्लोबल ई-कचरा मॉनिटर 2024 जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक कचरे का उत्पादन दस्तावेज़ित ई-कचरा रीसाइक्लिंग की तुलना में पाँच गुना तेज़ी से बढ़ रहा है।

नोट: 

  • UNITAR संयुक्त राष्ट्र की एक प्रशिक्षण शाखा है जो सरकारों, संगठनों एवं व्यक्तियों को वैश्विक चुनौतियों से उबरने में सहायता करती है।
  • UNITAR कार्यशालाओं, सेमिनारों, सम्मेलनों, सार्वजनिक व्याख्यान तथा ऑनलाइन पाठ्यक्रमों सहित शिक्षण कार्यक्रम एवं समाधान प्रदान करता है। यह संगठनात्मक सलाहकार सेवाएँ, सम्मेलन एवं रिट्रीट सुविधा के साथ-साथ ऑनलाइन शिक्षण समाधान भी प्रदान करता है।

ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर 2024 रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • ई-कचरा सृजन रुझान: 
    • वैश्विक ई-कचरा उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2010 में 34 अरब किलोग्राम से बढ़कर वर्ष 2022 में 62 अरब किलोग्राम हो गया है।
      • यह प्रवृत्ति जारी रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2030 तक 82 अरब किलोग्राम तक पहुँच जाएगी।
    • इस 62 अरब किलोग्राम में से केवल 13.8 अरब किलोग्राम को 'पर्यावरण की दृष्टि से उचित तरीके से एकत्र एवं पुनर्नवीनीकरण' के रूप में प्रलेखित किया गया है।
      • 62 अरब किलोग्राम ई-कचरे में 31 अरब किलोग्राम धातु, 17 अरब किलोग्राम प्लास्टिक तथा 14 अरब किलोग्राम अन्य सामग्री (खनिज, काँच, मिश्रित सामग्री आदि) शामिल हैं।
  • ई-अपशिष्ट उत्पादन के चालक: 
    • ई-अपशिष्ट उत्पादन में वृद्धि के कारकों में तकनीकी प्रगति, उच्च खपत दर, सीमित मरम्मत विकल्प, लघु उत्पाद जीवन चक्र, बढ़ता विद्युतीकरण और अपर्याप्त ई-अपशिष्ट प्रबंधन बुनियादी ढाँचा शामिल हैं।
  • अनौपचारिक पुनर्चक्रण क्षेत्र: 
    • अपर्याप्त औपचारिक ई-अपशिष्ट प्रबंधन बुनियादी ढाँचे के कारण ई-अपशिष्ट का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा (उच्च और उच्च-मध्यम आय वाले देशों के साथ-साथ निम्न तथा निम्न-मध्यम आय वाले देशों में) अनौपचारिक क्षेत्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
  • पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव:
    • अनौपचारिक रीसाइक्लिंग प्रथाओं सहित ई-अपशिष्ट के अनुचित प्रबंधन से पारा/मर्करी और ब्रोमिनेटेड फ्लेम मंदक युक्त प्लास्टिक जैसे खतरनाक पदार्थ पर्यावरण में निकलते हैं, जिससे पर्यावरण तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य दोनों पर सीधा एवं गंभीर प्रभाव पड़ता है।
      • ब्रोमिनेटेड फ्लेम रिटार्डेंट एक रासायनिक यौगिक है जिसमें ब्रोमीन होता है जिसे आग के प्रज्वलन और प्रसार को रोकने या दबाने के लिये सामग्रियों में शामिल किया जाता है।
      • वे दहन प्रक्रिया में हस्तक्षेप करके, सामग्रियों की ज्वलनशीलता को कम करके और आग की लपटों के फैलने की दर को धीमा करके काम करते हैं।
    • प्रतिवर्ष भारी मात्रा में 58,000 किलोग्राम पारा और ब्रोमिनेटेड फ्लेम मंदक युक्त 45 मिलियन किलोग्राम प्लास्टिक पर्यावरण में छोड़ा जाता है।
  • क्षेत्रीय असमानताएँ:
    • यूरोप में ई-अपशिष्ट के प्रलेखित औपचारिक संग्रह और पुनर्चक्रण की दर सबसे अधिक (42.8%) है, जबकि अफ्रीका कम मात्रा में ई-अपशिष्ट उत्पन्न करने के बावजूद कम पुनर्चक्रण दर (<1%) से जूझ रहा है।
    • भारत सहित एशिया, वैश्विक ई-अपशिष्ट का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा उत्पन्न करता है लेकिन ई-अपशिष्ट प्रबंधन में सीमित प्रगति हुई है।
      • एशिया के देश दुनिया का लगभग आधा ई-कचरा (30 अरब किलोग्राम) उत्पन्न करते हैं, लेकिन उनमें से अपेक्षाकृत कुछ ने कानून बनाया है या स्पष्ट ई-कचरा संग्रह लक्ष्य स्थापित किये हैं।
  • प्रति व्यक्ति ई-अपशिष्ट उत्पादन और पुनर्चक्रण दर: 
    • यूरोप (17.6 किग्रा.), ओशिनिया (16.1 किग्रा.) और अमेरिका (14.1 किग्रा.) ने 2022 में प्रति व्यक्ति सबसे अधिक मात्रा में ई-कचरा उत्पन्न किया।
      • उनके पास उच्चतम प्रलेखित प्रति व्यक्ति संग्रह और पुनर्चक्रण दर (यूरोप में 7.53 किलोग्राम प्रति व्यक्ति, ओशिनिया में 6.66 किलोग्राम प्रति व्यक्ति तथा अमेरिका में 4.2 किलोग्राम प्रति व्यक्ति) थी।
      • ऐसा इसलिये था क्योंकि उनका संग्रह और पुनर्चक्रण बुनियादी ढाँचा सबसे उन्नत था।
  • उपकरणों द्वारा पुनर्चक्रण दरें: 
    • तापमान विनिमय उपकरण और स्क्रीन तथा मॉनिटर जैसे भारी एवं भारी उपकरणों के लिये संग्रह व पुनर्चक्रण दरें सबसे अधिक हैं।
    • इस प्रकार, जबकि खिलौने माइक्रोवेव ओवन, वैक्यूम क्लीनर और ई-सिगरेट दुनिया के ई-कचरे का एक तिहाई (20 बिलियन किलोग्राम) शामिल हैं, उनके लिये रीसाइक्लिंग दर विश्व स्तर पर बहुत कम 12% है।
      • छोटे आईटी और दूरसंचार उपकरण लैपटॉप, मोबाइल फोन, जीपीएस डिवाइस तथा राउटर से 5 अरब किलोग्राम ई-कचरा बनता है।
      • लेकिन इसका केवल 22% ही औपचारिक रूप से एकत्र और पुनर्नवीनीकरण के रूप में प्रलेखित है।
  • नीति अपनाना: 
    • 81 देशों ने ई-अपशिष्ट नीति, कानून या विनियमन अपनाया है।
    • 67 देशों में ई-कचरे के लिये विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व पर कानूनी प्रावधान हैं।
    • अन्य 46 में ई-कचरा संग्रहण दर लक्ष्य पर प्रावधान हैं। अंततः 36 देशों में ई-कचरा पुनर्चक्रण दर लक्ष्य पर प्रावधान हैं।

  ई-अपशिष्ट क्या है?

  • इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट (ई-अपशिष्ट) एक सामान्य शब्द है जिसका प्रयोग सभी प्रकार के पुराने, खराब हो चुके या बेकार पड़े विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे घरेलू उपकरण, कार्यालय सूचना एवं संचार उपकरण आदि का वर्णन करने के लिये किया जाता है।
    • ई-अपशिष्ट में सीसा, कैडमियम, पारद और निकल जैसी धातुओं सहित कई विषैले रसायन होते हैं।
  • वर्तमान में वैश्विक स्तर पर भारत ई-अपशिष्ट के सबसे बड़े उत्पादकों में केवल चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर है।
    • भारत में ई-अपशिष्ट की मात्रा में वर्ष 2021-22 में 1.6 मिलियन टन की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
    • भारत के 65 शहर कुल उत्पन्न ई-अपशिष्ट का 60% से अधिक उत्पन्न करते हैं, जबकि 10 राज्य कुल ई-अपशिष्ट का 70% उत्पन्न करते हैं।

भारत में ई-अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में क्या प्रावधान हैं?

  • वर्ष 2011 में, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 द्वारा शासित ई-अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) विनियम 2010 से संबंधित एक महत्त्वपूर्ण नोटिस जारी किया गया था।
  • ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 को नियम के दायरे में शामिल 21 से अधिक उत्पादों (अनुसूची-I) के साथ पेश किया गया था।
    • इसमें कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप (CFL) और अन्य पारा युक्त लैंप, साथ ही ऐसे अन्य उपकरण शामिल थे।
  • भारत सरकार ने ई-अपशिष्ट प्रबंधन प्रक्रिया को डिजिटल बनाने और दृश्यता बढ़ाने के प्रमुख उद्देश्य के साथ ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 अधिसूचित किया।
    • यह विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में खतरनाक पदार्थों (जैसे- सीसा, पारा/पारद व कैडमियम) के उपयोग को भी प्रतिबंधित करता है जो मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
  • एक अतिरिक्त आर्थिक साधन के रूप में एक जमा वापसी योजना भी शुरू की गई है जिसमें निर्माता विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बिक्री के समय जमा राशि के रूप में उपभोक्ता से एक अतिरिक्त राशि लेता है तथा उपभोक्ता द्वरा एंड-ऑफ-लाइफ (EOL) विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण वापस कर दिये जाने पर जमा राशि को ब्याज सहित लौटा दिया जाता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. पुराने और प्रयुक्त कंप्यूटरों या उनके पुर्जों के असंगत/अव्यवस्थित निपटान के कारण, निम्नलिखित में से कौन-से ई-अपशिष्ट के रूप में पर्यावरण में निर्मुक्त होते हैं? (2013)

  1. बोरिलियम
  2. कैडमियम
  3. क्रोमियम
  4. हेप्टाक्लोर
  5. पारद
  6. सीसा
  7. प्लूटोनियम

नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 3, 4, 6 और 7
(b) केवल 1, 2, 3, 5 और 6
(c) केवल 2, 4, 5 और 7
(d) 1, 2, 3, 4, 5, 6 और 7

उत्तर: (b)


मेन्स:

प्रश्न. निरंतर उत्पन्न किये जा रहे फेंके गए ठोस अपशिष्ट की विशाल मात्राओं का निस्तारण करने में क्या-क्या बाधाएँ हैं? हम अपने रहने योग्य परिवेश में जमा होते जा रहे विषैले अपशिष्टों को सुरक्षित रूप से किस प्रकार हटा सकते हैं? (2018)

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