मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश में नया रामसर स्थल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र ने मध्य प्रदेश में तवा जलाशय को नया रामसर स्थल घोषित किया है।
मुख्य बिंदु
- तवा जलाशय:
- यह इटारसी शहर के निकट तवा और देनवा नदियों के संगम पर स्थित है, इसे मूलतः सिंचाई के लिये बनाया गया था तथा अब यह बिजली उत्पादन एवं जलीय कृषि के लिये भी उपयोगी है।
- यह जलाशय सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत आता है, जो सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान और बोरी वन्यजीव अभयारण्य की सीमा पर स्थित है।
- मलानी, सोनभद्र और नागद्वारी नदियाँ तवा जलाशय की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।
- तवा नदी, नर्मदा नदी की बायीं तट पर स्थित एक सहायक नदी है, जो छिंदवाड़ा ज़िले के महादेव पहाड़ियों से निकलती है, बैतूल ज़िले से होकर बहती है और नर्मदापुरम ज़िले में नर्मदा नदी से मिलती है।
- यह नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है।
- इस जलाशय में चित्तीदार हिरण और चित्रित सारस पाए जाते हैं।
रामसर अभिसमय (कन्वेंशन)
- रामसर अभिसमय (कन्वेंशन) एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिस पर वर्ष 1971 में ईरान के रामसर में UNESCO के तत्वावधान में हस्ताक्षर किये गये थे, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों का संरक्षण करना है।
- भारत में यह अधिनियम 1 फरवरी, 1982 को लागू हुआ, जिसके तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल घोषित किया गया।
- मॉन्ट्रेक्स रिकॉर्ड अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के उन आर्द्रभूमि स्थलों का रजिस्टर है, जहाँ तकनीकी विकास, प्रदूषण या अन्य मानवीय हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप पारिस्थितिक चरित्र में परिवर्तन हुए हैं, हो रहे हैं या होने की संभावना है।
- इसे रामसर सूची के भाग के रूप में रखा गया है।
उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश का 2028 तक अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने का लक्ष्य
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश भारत में एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनने के लिये तैयार है, जिसका वर्ष 2028 तक 80 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित करने का लक्ष्य है।
मुख्य बिंदु
- उत्तर प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई, जो वर्ष 2016-17 में 23 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 48 करोड़ हो गई, जो 51% की वृद्धि है।
- राज्य सरकार प्रमुख स्थानों को बढ़ावा देने के लिये राज्य भर में 12 नए पर्यटन सर्किट विकसित कर रही है।
- 12 नए पर्यटन सर्किट हैं: रामायण सर्किट, सूफी-कबीर सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, जैन सर्किट, कृष्ण-ब्रज सर्किट, शक्ति-पीठ सर्किट, महाभारत सर्किट, वन्यजीव और ECO पर्यटन सर्किट, स्वतंत्र संग्राम सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, बौद्ध सर्किट एवं शिल्प सर्किट।
- पर्यटकों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए स्थानीय अवसंरचना और आवास विकल्पों में सुधार के प्रयास किये जा रहे हैं।
- राज्य आध्यात्मिक पर्यटन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसके तहत बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या, काशी, मथुरा, नैमिषारण्य और प्रयागराज जैसे धार्मिक स्थलों पर जाते हैं।
- मुख्यमंत्री ने औद्योगिक विकास के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया है तथा पर्यटन क्षेत्र के योगदान को बढ़ाने के लिये ताजमहल और राम मंदिर जैसी राज्य की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक संपत्तियों का लाभ उठाया है।
उत्तर प्रदेश के महत्त्वपूर्ण मेले
- ताज महोत्सव:
- यह आगरा के शिल्पग्राम में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला एक जीवंत 10 दिवसीय उत्सव है। यह उत्सव 18वीं और 19वीं शताब्दी के दौरान उत्तर प्रदेश में पनपी समृद्ध मुगल एवं नवाबी संस्कृति से प्रेरित होता है।
- कुंभ मेला:
- यह विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसे हिंदुओं द्वारा हर 12 वर्ष में भारत में चार स्थानों :प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में मनाया जाता है।
- तीर्थयात्री आध्यात्मिक शुद्धि की तलाश में पवित्र नदियों (गंगा, यमुना, सरस्वती, गोदावरी और शिप्रा) में स्नान करने के लिये एकत्र होते हैं।
- गंगा महोत्सव:
- गंगा नदी भारत के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है और इसने अपने तटों पर कई सभ्यताओं को सहारा दिया है। कार्तिक महीने के दौरान वाराणसी में नदी देवी को उनके आशीर्वाद के लिये अपना आभार व्यक्त करने तथा उनसे और अधिक मांगने के लिये यह महोत्सव मनाया जाता है।
- घाटों को रोशनी और फूलों से सजाया जाता है तथा कार्तिक पूर्णिमा पर लोग नदी के किनारे मिट्टी के दीये जलाने एवं प्रवाहित करने के लिये एकत्रित होते हैं।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ में NCB का ज़ोनल कार्यालय
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के ज़ोनल कार्यालय का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ में मादक पदार्थों की स्थिति, वामपंथी उग्रवाद (LWE) की स्थिति और नक्सलवाद पर अंतर-राज्यीय समन्वय पर बैठकों की अध्यक्षता भी की।
- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो:
- इसका गठन भारत सरकार द्वारा वर्ष 1986 में स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 के अंतर्गत किया गया था।
- यह गृह मंत्रालय के अंतर्गत सर्वोच्च समन्वय एजेंसी है।
- स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थों पर राष्ट्रीय नीति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 पर आधारित है, जो राज्य को निर्देश देता है कि वह स्वास्थ्य के लिये हानिकारक मादक औषधियों के उपभोग पर, औषधीय प्रयोजनों को छोड़कर, प्रतिषेध लगाने का प्रयास करे।
स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985
- यह किसी व्यक्ति को मादक दवा या मन:प्रभावी पदार्थ का उत्पादन, रखने, बेचने, खरीदने, परिवहन करने, भंडारण करने और/या उपभोग करने से रोकता है।
- NDPS अधिनियम, 1985 के एक प्रावधान के तहत मादक द्रव्य दुरुपयोग नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय कोष भी बनाया गया, ताकि अधिनियम के कार्यान्वयन में होने वाले व्यय को पूरा किया जा सके।
छत्तीसगढ़ Switch to English
केंद्रीय मंत्री ने वल्लभाचार्य आश्रम का दौरा किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले के चंपारण शहर में महाप्रभु वल्लभाचार्य आश्रम में पूजा-अर्चना की।
मुख्य बिंदु
- केंद्रीय मंत्री ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास बैठकों के लिये छत्तीसगढ़ का दौरा किया।
- महाप्रभु वल्लभाचार्य:
- वल्लभाचार्य एक पूजनीय व्यक्ति थे, जिनकी वेदों और उपनिषदों पर गहन पकड़ थी। उन्हें वल्लभ एवं महाप्रभु वल्लभाचार्य की उपाधियों से जाना जाता था।
- उन्होंने शुद्ध अद्वैत या शुद्ध अद्वैतवाद के दर्शन की स्थापना की। उन्होंने भारत के ब्रज क्षेत्र में कृष्ण-केंद्रित पंथ, वैष्णववाद के पुष्टि संप्रदाय की भी स्थापना की।
- उन्होंने वेदांत दर्शन की अपनी स्वयं की व्याख्या विकसित करने के बाद जगद्गुरु आचार्य और पुष्टिमार्ग भक्ति विद्यालय के गुरु की भी स्थापना की।
- उनका जन्म 1479 ई. में छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले के चंपारण शहर में हुआ था।
वेद और उपनिषद
- वेद:
- वेद चार हैं: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।
- "वेद" शब्द मूल धातु "विद" से बना है, जिसका अर्थ है "आध्यात्मिक ज्ञान" या "ज्ञान का विषय"।
- वेदों की रचना वैदिक कवियों और ऋषियों द्वारा की गई थी, जिन्होंने ब्रह्मांडीय रहस्यों का वर्णन करने के लिये संस्कृत काव्य का प्रयोग किया था।
- उपनिषद:
- इन्हें वेदांत भी कहा जाता है, ये भारतीय दर्शन का स्रोत हैं और इनकी संख्या सामान्यतः 108 है, हालाँकि ज्ञात है कि इनकी संख्या 200 से भी अधिक है।
- "उपनिषद" शब्द का अर्थ है "(गुरु के) निकट बैठना" और शिक्षक प्रायः जंगल में अपने विद्यार्थियों को मौखिक रूप से इन्हें पढ़ाते थे।
- दस मुख्य उपनिषद हैं ईश, केन, कठ, प्रश्न, मुण्डक, माण्डूक्य, तत्तिरीय, ऐतरेय, छान्दोग्य और बृहदारण्यक।
मध्य प्रदेश Switch to English
IMD द्वारा तीव्र वर्षा की चेतावनी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, गोवा और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी दी है।
मुख्य बिंदु
- उन्होंने मछुआरों को अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में जाने से बचने की सलाह दी है।
- छोटे जहाज़ों और अन्वेषण एवं उत्पादन संचालकों को मौसम की गतिविधियों पर नज़र रखने तथा आवश्यक सावधानियाँ बरतने को कहा गया है।
- लोगों को सलाह दी जाती है कि वे जलभराव वाले स्थानों पर जाने से बचें तथा यात्रा करने से पहले यातायात अलर्ट की जाँच कर लें।
- प्रभावित क्षेत्रों के कृषकों को अपने खेतों में उचित जल निकासी की व्यवस्था करनी चाहिये और अपनी फसलों को समर्थन प्रदान करना चाहिये।
- प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ के कारण भूस्खलन और बागवानी फसलों को नुकसान होने का खतरा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी। यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा है और मौसम विज्ञान एवं संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
- यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- IMD विश्व मौसम विज्ञान संगठन के छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों में से एक है।
राजस्थान Switch to English
प्रधानमंत्री का राजस्थान दौरा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने राजस्थान का दौरा किया, जहाँ वे जोधपुर स्थित उच्च न्यायालय परिसर में आयोजित राजस्थान उच्च न्यायालय की प्लेटिनम जयंती समारोह के समापन समारोह में मुख्य अतिथि थे।
मुख्य बिंदु
- राज्य न्यायपालिका में एक उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालय शामिल हैं। भारत में उच्च न्यायालयों की स्थापना वर्ष 1862 में बॉम्बे, कलकत्ता एवं मद्रास में की गई थी।
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भारत का संविधान प्रत्येक राज्य के लिये एक उच्च न्यायालय का प्रावधान करता है, लेकिन संसद दो या अधिक राज्यों के लिये एक सामान्य उच्च न्यायालय की घोषणा कर सकती है।
उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या भारत के राष्ट्रपति द्वारा तय की जाती है, संसद द्वारा नहीं।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति:
- संविधान का अनुच्छेद 217: इसमें कहा गया है कि किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), राज्य के राज्यपाल के परामर्श से की जाएगी।
- मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श किया जाता है।
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