भूगोल
पूर्वी अरब सागर में चक्रवातों की आवृत्ति में वृद्धि
- 09 Oct 2023
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प्रिलिम्स के लिये:उष्णकटिबंधीय चक्रवात (TC), अरब सागर, हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD), अल नीनो मेन्स के लिये:पूर्वी अरब सागर में नियमित चक्रवात, पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट, दुनिया के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ, भूकंप, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं और वनस्पतियों एवं जीवों में परिवर्तन तथा ऐसे परिवर्तन के प्रभाव |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नेचर जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पूर्वी अरब सागर में लगातार उष्णकटिबंधीय चक्रवातों (TC) के कारण जलवायु परिवर्तन से संबंधित चिंताओं पर प्रकाश डाला गया है।
- यह अध्ययन कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (CUSA) में एडवांस्ड सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रडार रिसर्च (ACARR) द्वारा "फिशर के साथ पूर्वानुमान परियोजना" का हिस्सा है।
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष:
- चक्रवातों की बढ़ती आवृत्ति और गंभीरता:
- समुद्र और वायुमंडल के गर्म होने के पैटर्न में बदलाव के कारण भारत के पश्चिमी तट के निकट पूर्वी अरब सागर में नियमित रूप से गंभीर उष्णकटिबंधीय चक्रवात की घटनाएँ हो रही हैं।
- आमतौर पर अरब सागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवात मार्च और जून के बीच दक्षिण-पश्चिमी मानसून की शुरुआत के साथ-साथ मानसून सीज़न के बाद अक्तूबर एवं दिसंबर के बीच आते हैं।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के वार्षिक वैश्विक औसत का लगभग 2% अरब सागर में उत्पन्न होता है, लेकिन इसके तटीय क्षेत्र घनी आबादी वाले हैं, इस कारण यहाँ उत्पन्न होने चक्रवात इस आबादी के लिये काफी खतरा पैदा करते हैं।
- समुद्र और वायुमंडल के गर्म होने के पैटर्न में बदलाव के कारण भारत के पश्चिमी तट के निकट पूर्वी अरब सागर में नियमित रूप से गंभीर उष्णकटिबंधीय चक्रवात की घटनाएँ हो रही हैं।
- हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD) का प्रभाव:
- IOD के पॉज़िटिव फेज़ के दौरान समुद्र का एक हिस्सा दूसरे की तुलना में अधिक गर्म हो जाता है, जिससे समुद्र की सतह के तापमान में वृद्धि होती है और पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में अधिक वर्षा होती है।
- IOD अल नीनो घटना के समान होता है, इसे कभी-कभी भारतीय नीनो भी कहा जाता है, यह पूर्व में इंडोनेशियाई और मलेशियाई तटरेखा तथा पश्चिम में सोमालिया के पास अफ्रीकी तटरेखा के बीच हिंद महासागर के अपेक्षाकृत छोटे क्षेत्र में घटित होती है।
- IOD के पॉज़िटिव फेज़ के दौरान समुद्र का एक हिस्सा दूसरे की तुलना में अधिक गर्म हो जाता है, जिससे समुद्र की सतह के तापमान में वृद्धि होती है और पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में अधिक वर्षा होती है।
- मानवजनित प्रभाव:
- मानसून पश्चात् मौसम के दौरान अरब सागर के ऊपर अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफानों की आवृत्ति में हालिया वृद्धि का प्रमुख कारण प्राकृतिक परिवर्तनशीलता के बजाय मानवीय गतिविधियाँ हैं।
- मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन अरब सागर में चक्रवातों की तीव्रता और उच्च आवृत्ति में योगदान देने वाले प्रमुख कारक हैं।
- पश्चिमी भारतीय तटरेखा पर प्रभाव:
- चक्रवात की तीव्रता तथा आवृत्ति में वृद्धि भारत के पश्चिमी तट के साथ गुजरात से तिरुवनंतपुरम तक घनी आबादी वाले तटीय क्षेत्रों के लिये गंभीर खतरा बन सकती है, जिसमें तीव्र हवाओं, तूफान, भारी वर्षा तथा अन्य संबंधित खतरों सहित गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ता है।
- तटीय समुदायों से संबंधित चिंताएँ:
- बदलते चक्रवात पैटर्न से स्वदेशी तटीय समुदायों तथा मछुआरों के जीवन एवं उनकी आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ने के आसार हैं, जिसके समाधान के लिये अध्ययन एवं अनुकूलन रणनीतियों की आवश्यकता है।
- सुझाव:
- इस अध्ययन में चक्रवात के बढ़ते जोखिमों को ध्यान में रखते हुए विकास रणनीतियों में बदलाव का आह्वान किया गया है तथा तूफान की चेतावनी एवं स्थानीय मौसम सेवाओं से संबंधित अद्यतन नीतियों व प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है।
चक्रवात:
नोट:
- अरब सागर की तुलना में बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal- BOB) में चक्रवात की उत्पत्ति अपेक्षाकृत अधिक एवं तीव्र होती है।
- बंगाल की खाड़ी में आमतौर पर उष्णकटिबंधीय चक्रवात के मौसम के दौरान चक्रवात की कई घटनाएँ देखी जाती हैं, जो मुख्य रूप से अप्रैल से दिसंबर तक होती हैं।
- BOB में आमतौर पर समुद्र की सतह का तापमान अधिक होता है, अमूमन माननसून के पूर्व और मानसून पश्चात् सीज़न के दौरान, जो चक्रवात की उत्पत्ति एवं तीव्रता के लिये आवश्यक ऊर्जा व नमी प्रदान करता है।
- BOB में पवन अभिसरण, कोरिओलिस बल (पृथ्वी के घूर्णन के परिणामस्वरूप) के साथ मिलकर चक्रवात की उत्पत्ति के लिये उपयुक्त वातावरण का निर्माण करता है। ये परिवर्तित हवाएँ निम्न दबाव के क्षेत्र उत्पन्न करते हैं, जो उष्णकटिबंधीय विक्षोभ और चक्रवात के रूप में विकसित हो सकते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर : (C) प्रश्न. उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) अक्षांशों में दक्षिणी अटलांटिक और दक्षिण-पूर्वी प्रशांत क्षेत्रों में चक्रवात उत्पन्न नहीं होता। इसके क्या कारण हैं? (2015) (a) समुद्री पृष्ठों के तापमान निम्न होते हैं। उत्तर: (B) मेन्स:प्रश्न. उष्णकटिबंधीय चक्रवात अधिकांशतः दक्षिणी चीन सागर, बंगाल की खाड़ी और मैक्सिको की खाड़ी तक ही परिसीमित रहते हैं। ऐसा क्यों हैं? (2014) |