प्रारंभिक परीक्षा
नए रामसर स्थल: नंजरायन व काज़ुवेली पक्षी अभयारण्य और तवा जलाशय
- 17 Aug 2024
- 7 min read
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र ने तमिलनाडु में नंजरायन पक्षी अभयारण्य और काज़ुवेली पक्षी अभयारण्य तथा मध्य प्रदेश में तवा जलाशय को तीन नए आर्द्रभूमि के रूप में रामसर स्थल घोषित किया।
- इन समावेशों के साथ, भारत में रामसर स्थलों की संख्या बढ़कर 85 तक हो गई है।
- अब, तमिलनाडु में सबसे अधिक रामसर स्थल (18 स्थल) हैं, उसके बाद उत्तर प्रदेश में (10 स्थल) हैं।
तीन नए रामसर स्थलों के संदर्भ में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- नंजरायन पक्षी अभयारण्य:
- नंजरायन झील एक बड़ी उथली वैटलैंड है जो तमिलनाडु में तिरुपुर ज़िले के उथुकुली तालुक के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। सदियों पहले, इसका स्थानीय राजा नंजरायन ने पुनर्भरण किया था।
- 125.865 हेक्टेयर में विस्तृत यह झील (वैटलैंड्स) मुख्य रूप से मौसम की स्थिति पर निर्भर करती हैं, विशेषकर नल्लार जल निकासी से भारी वर्षा जल प्रवाह पर।
- इसमें बार-हेडेड गूज़, नॉर्दर्न शॉवलर, स्पॉट-बिल्ड पेलिकन, हेरॉन जैसी पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- तमिलनाडु के 17वें पक्षी अभयारण्य के रूप में नामित, यह स्थानीय समुदाय एवं वन विभाग द्वारा सक्रिय रूप से संरक्षित और प्रबंधित है।
- काज़ुवेली पक्षी अभयारण्य:
- यह पुदुचेरी के उत्तर में विल्लुपुरम ज़िले में कोरोमंडल तट पर स्थित एक खारी उथली झील है।
- यह झील खारे उप्पुकल्ली क्रीक और इदायनथिट्टू नदमुख द्वारा बंगाल की खाड़ी से जुड़ी हुई है। जो ज्वार- नदमुख, क्रीक-पोषित खारे और ताज़े जल के बेसिन जैसी विविध जल विशेषताओं वाली एक महत्त्वपूर्ण आर्द्रभूमि है।
- खारे जल के क्षेत्रों में, एविसेनिया प्रजाति वाले अत्यधिक अवक्रमित मैंग्रोव पैच पाए जाते हैं।
- साथ ही, इस क्षेत्र में कई सौ हेक्टेयर में ईख (टाइफांगुस्टाटा) पाया जाता है।
- तवा जलाशय:
- यह इटारसी शहर के पास तवा और देनवा नदियों के संगम पर स्थित है, जिसे मूल रूप से सिंचाई के लिये बनाया गया था तथा अब यह विद्युत उत्पादन एवं जलीय कृषि का भी समर्थन करता है।
- जलाशय सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व के अंदर स्थित है तथा सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान और बोरी वन्यजीव अभयारण्य की पश्चिमी सीमा बनाता है।
- मालानी, सोनभद्र और नागद्वारी नदी तवा जलाशय की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।
- तवा नदी, बाएँ किनारे की एक सहायक नदी है जो छिंदवाड़ा ज़िले में महादेव पहाड़ियों से निकलती है, बैतूल ज़िले से होकर बहती है एवं नर्मदापुरम ज़िले में नर्मदा नदी में मिल जाती है।
- यह नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है।
- इस जलाशय में स्पॉटेड डियर और पेटेंड स्टॉर्क पाए जाते हैं।
रामसर कन्वेंशन क्या है?
- रामसर कन्वेंशन एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिस पर वर्ष 1971 में ईरान के रामसर में यूनेस्को के तत्त्वावधान में हस्ताक्षर किये गए थे, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों का संरक्षण करना है।
- भारत में यह अधिनियम 1 फरवरी 1982 को लागू हुआ जिसके तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल घोषित किया गया।
- मॉन्ट्रेक्स रिकॉर्ड अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के उन आर्द्रभूमि स्थलों का रजिस्टर है, जहाँ तकनीकी विकास, प्रदूषण या अन्य मानवीय हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप पारिस्थितिक घटक में परिवर्तन हुए हैं या होने की संभावना है।
- इसे रामसर सूची के भाग के रूप में रखा गया है।
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UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c) प्रश्न. 'वेटलैंड्स इंटरनेशनल' नामक संरक्षण संगठन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2014)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. आर्द्रभूमि क्या है? आर्द्रभूमि संरक्षण के संदर्भ में 'बुद्धिमत्तापूर्ण उपयोग' की रामसर संकल्पना को स्पष्ट कीजिये। भारत से रामसर स्थलों के दो उदाहरणों का उद्धरण दीजिये। (2018) |