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शासन व्यवस्था

ज़िला न्यायालय

  • 26 May 2023
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ज़िला न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय 

मेन्स के लिये:

भारत की न्यायिक प्रणाली में ज़िला न्यायालय का महत्त्व, न्यायिक अधिकारियों की निष्पक्षता के लिये वित्तीय सुरक्षा एवं स्वतंत्रता का महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को बनाए रखने में ज़िला न्यायालय की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया है और इसकी स्वतंत्रता को संविधान की मूल संरचना का एक अभिन्न अंग घोषित किया है।

  • हाल ही के एक निर्णय में न्यायालय ने वित्त के मामलों सहित कार्यपालिका और विधायिका से न्यायिक स्तर पर स्वतंत्रता की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।
  • अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ द्वारा दायर एक याचिका के आधार पर दिये गए निर्णय में ज़िला न्यायालय के कामकाज एवं कल्याण के लिये महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश और सिफारिशें जारी की गई  हैं।

 ज़िला न्यायालय: 

  • परिचय: 
    • ज़िला न्यायालय भारत में ज़िला स्तर पर न्यायिक प्रणाली को संदर्भित करता है। यह न्यायपालिका का पहला स्तर है और स्थानीय स्तर पर मामलों की सुनवाई तथा निर्णय लेने के लिये ज़िम्मेदार है। 
    • ज़िला न्यायालय ज़िला अदालतों और अन्य निचली अदालतों से बनी होती है जिसकी अध्यक्षता ज़िला न्यायाधीश और अन्य न्यायिक अधिकारी करते हैं।
  • ज़िला न्यायालय का महत्त्व:  
    • ज़िला न्यायालय कानून के शासन को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ज़िला न्यायालय वादियों के लिये न्याय तक पहुँच सुनिश्चित करके न्याय के प्रस्तावना लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रभावशाली भूमिका अदा करता है।
    • ज़िला न्यायालय, वादियों के लिये सबसे सुलभ अदालत होने के नाते न्याय प्रणाली और लोगों के बीच प्राथमिक अंतराफलक के रूप में कार्य करता है।

सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय: 

  • ज़िला न्यायालय की स्वतंत्रता:
    • सर्वोच्च न्यायालय, ज़िला न्यायालय की स्वतंत्रता को संविधान के मूल ढाँचे का एक महत्त्वपूर्ण भाग घोषित करता है। 
    • ज़मीनी स्तर पर निष्पक्ष और स्वतंत्र न्यायाधीशों की मौजूदगी के बिना एक प्रस्तावना लक्ष्य एवं न्याय तक पहुँच में भ्रम बना रहेगा।
  • "अधीनस्थ" अब नहीं:
    • यह शब्द "अधीनस्थ न्यायपालिका (Subordinate Judiciary)" को खारिज कर दिया गया क्योंकि यह ज़िला न्यायाधीश की संवैधानिक स्थिति को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है।
      • संविधान ज़िला न्यायाधीशों को न्यायिक प्रणाली के महत्त्वपूर्ण घटकों के रूप में मान्यता देता है और उनकी रक्षा करता है।
    • साथ ही ज़िला न्यायालय और उसके योगदान को अधिक सम्मान दिया जाना चाहिये।
  • ज़िला न्यायालय के महत्त्व की मान्यता: 
    • ज़िला न्यायालय कानून के शासन को बनाए रखने और न्याय प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • यह प्रतिदिन लगभग 1.13 मिलियन मामलों को संभालने के साथ वादियों हेतु आसानी से सुलभ न्यायालय है।
    • इसने महामारी के दौरान भी कामकाज़ में दक्षता प्रदर्शित की, साथ ही समय पर न्याय सुनिश्चित किया।
  • न्यायिक अधिकारियों हेतु वित्तीय सुरक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता: 
    • ज़िला न्यायालय में सेवारत न्यायिक अधिकारियों की स्वतंत्रता न्याय व्यवस्था हेतु महत्त्वपूर्ण है।
    • न्यायिक अधिकारियों की निष्पक्षता बनाए रखने हेतु उनकी वित्तीय सुरक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता आवश्यक है।
    • न्यायिक अधिकारी लगभग 15 वर्ष से बिना वेतन पुनरीक्षण का काम कर रहे हैं।
  • सिफारिशें और निर्देश: 
    • न्यायिक अधिकारियों को बढ़ा हुआ वेतन, पेंशन तथा अन्य सेवानिवृत्ति संबंधी लाभ देने का आदेश दिया गया।
    • न्यायिक अधिकारियों का वेतन एकल आधार पर निर्धारित (Stand-alone) होना चाहिये और इसकी तुलना राजनीतिक, कार्यपालिका या विधायिका के कर्मचारियों से नहीं की जानी चाहिये।
    • न्यायपालिका की उच्च स्तर की कार्यपद्धति को बनाए रखने के लिये प्रोत्साहन और पदोन्नति के अवसर उपलब्ध कराना भी आवश्यक है।

स्रोत: द हिंदू

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