रैपिड फायर
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में आक्रामक चीतलों की आबादी
- 09 Apr 2024
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
बोस द्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर चीतल (Axis axis) की आबादी पारिस्थितिकी तंत्र की वहन क्षमता से अधिक हो गई है, जिस कारण अंडमान और निकोबार वन विभाग को पोर्ट ब्लेयर के एक जैविक पार्क में लगभग 500 हिरणों को स्थानांतरित करना पड़ा।
- इन्हें 1900 के दशक की शुरुआत में अंग्रेज़ों द्वारा शिकार के लिये अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में लाया गया था।
- हाल के अध्ययनों से संकेत मिलता है कि आक्रामक चीतल प्रजाति स्थानीय वनस्पतियों और जीवों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है, जिसके लिये रणनीतिक प्रबंधन उपायों की आवश्यकता है।
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत, एक मुख्य वन्यजीव वार्डन वैज्ञानिक प्रबंधन के उद्देश्य से स्थानांतरण की अनुमति दे सकता है।
- कानून कहता है कि इस तरह के स्थानांतरण से जानवरों को न्यूनतम आघात पहुँचना चाहिये।
- चीतल, जिसे चित्तीदार हिरण या एक्सिस (Axis axis) हिरण के रूप में भी जाना जाता है, भारत और श्रीलंका के घास के मैदानों व जंगलों का मूल निवासी है, तथा यह एक सुंदर एवं सुरुचिपूर्ण शाकाहारी जानवर होता है।
- ये खुले घास के मैदान, सवाना और हल्के जंगली इलाके पसंद करते हैं।
- IUCN लाल सूची: सबसे कम चिंता का विषय
- WLPA 1972: अनुसूची II।