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भारतीय अर्थव्यवस्था

अंतरिम बजट 2024-2025

  • 05 Feb 2024
  • 21 min read

प्रिलिम्स के लिये:

पूंजीगत व्यय, राजकोषीय घाटा, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर, लखपति दीदी, नमो भारत, नैनो-DAP, सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण, रूफटॉप सोलराइज़ेशन, PM- स्वनिधि, मुद्रा योजना, फसल बीमा योजना, कोयला गैसीकरण, आयुष्मान भारत, तिलहन, बहुआयामी निर्धनता, विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी निवेश के वितरण का क्रम

मेन्स के लिये:

अंतरिम बजट 2024-2025 में प्रमुख विकास योजनाएँ

स्रोत: पी.आई.बी. 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संसद में अंतरिम बजट 2024-25 प्रस्तुत किया गया। इसमें सर्वांगीण, सर्वव्यापी तथा सर्व-समावेशी विकास के साथ वर्ष 2047 तक 'विकसित भारत' की परिकल्पना की गई है।

अंतरिम बजट क्या है?

  • अंतरिम बजट एक ऐसी सरकार द्वारा प्रस्तुत किया जाता है जो संक्रमण काल से गुज़र रही है या आम चुनाव से पूर्व अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में है।
  • अंतरिम बजट का उद्देश्य नई सरकार के कार्यभार संभालने के बाद पूर्ण बजट पेश करने तक सरकारी व्यय तथा आवश्यक सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करना है।

अंतरिम बजट और लेखानुदान के बीच क्या अंतर है?

विशेषता

अंतरिम बजट

लेखानुदान

सांविधानिक उपबंध

अनुच्छेद 112

अनुच्छेद 116

उद्देश्य

आम चुनाव से पूर्व सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया वित्तीय विवरण।

बजट स्वीकृत होने तक सीमित अवधि के लिये आवश्यक सरकारी व्ययों की पूर्ति करना।

व्यय की अवधि

इसमें अमूमन नई सरकार स्थापित होने तथा पूर्ण बजट पेश होने तक कुछ महीने की अवधि शामिल होती है।

अनुदान की राशि सामान्यतः पूरे वर्ष के लिये कुल अनुमानित व्यय के छठे हिस्से के बराबर दो महीने के लिये प्रदान की जाती है।

नीति परिवर्तन

इसके अंतर्गत कर व्यवस्था में बदलाव का प्रस्ताव दे सकते हैं।

किसी भी परिस्थिति में कर व्यवस्था में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।

शासन व्यवस्था पर प्रभाव

दो सरकारों के बीच संक्रमण काल के दौरान शासन में निरंतरता प्रदान करता है।

नियमित बजट स्वीकृत होने तक सरकार और सार्वजनिक सेवाओं का सुचारू कामकाज़ सुनिश्चित करता है।

अंतरिम बजट 2024-25 से संबंधित प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

  • पूंजीगत व्यय: वर्ष 2024-2025 के लिये पूंजीगत व्यय में 11.1% की वृद्धि की घोषणा की गई।
    • पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपए किया गया जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.4% होगा।
  • आर्थिक विकास अनुमान: वित्त वर्ष 2023-24 के लिये वास्तविक GDP वृद्धि दर 7.3% रहने का अनुमान है, जो RBI के संशोधित विकास अनुमान के अनुरूप है।
  • राजस्व तथा व्यय अनुमान (2024-25):
    • कुल प्राप्तियाँ: ऋण ग्रहण के अतिरिक्त 30.80 लाख करोड़ रुपए की कुल प्राप्तियाँ होने का अनुमान है।
    • कुल व्यय: अनुमानित रूप से 47.66 लाख करोड़ रुपए का कुल व्यय।
    • कर प्राप्तियाँ: अनुमानित रूप से 26.02 लाख करोड़ रुपए की कुल कर प्राप्तियाँ।
  • GST संग्रह: GST संग्रह दिसंबर 2023 में ₹1.65 लाख करोड़ रहा है जो सातवीं बार सकल GST राजस्‍व 1.6 लाख करोड़ रुपए के आँकड़ें के पार चला गया है।
  • राजकोषीय घाटा तथा बाज़ार ऋण-ग्रहण: राजकोषीय घाटा वर्ष 2024-25 में GDP का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो वर्ष 2025-26 तक इसे 4.5% से कम करने (बजट 2021-22 में घोषित) के लक्ष्य के अनुरूप है ।
    • वर्ष 2024-25 के दौरान दिनांकित प्रतिभूतियों (Dated Securities) के माध्यम से सकल तथा निवल बाज़ार ऋण-ग्रहण क्रमशः 14.13 तथा 11.75 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
  • करारोपण: अंतरिम बजट में आयात शुल्क सहित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों की मौजूदा दरों को बनाए रखा गया है।
    • कॉर्पोरेट करों के लिये: मौजूदा घरेलू कंपनियों हेतु 22% और कुछ नई विनिर्माण कंपनियों के लिये 15%।
    • नई कर व्यवस्था के तहत 7 लाख रुपए तक की आय वाले करदाताओं के लिये कोई कर देनदारी नहीं।
    • स्टार्ट-अप और निवेश के लिये कुछ कर लाभ 31 मार्च, 2025 तक एक वर्ष हेतु बढ़ाए गए।
  • प्राथमिकताएँ: गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों पर ध्यान केंद्रित करना।
    • गरीब: 25 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकालने का सफल अभियान।
      • PM-स्वनिधि के तहत 78 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को क्रेडिट सहायता प्रदान की गई।
    • महिला: महिला उद्यमियों को 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण का वितरण।
      • STEM पाठ्यक्रमों में 43% महिला नामांकन।
      • 83 लाख स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 1 करोड़ महिलाओं को सहायता, 'लखपति दीदियों' को बढ़ावा देना।
      • एक दशक में उच्च शिक्षा में महिला नामांकन में 28% की वृद्धि।
    • युवा: कौशल भारत मिशन के तहत 1.4 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण।
    • किसान: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) के तहत 11.8 करोड़ किसानों को सीधी वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
      • फसल बीमा योजना के माध्यम से 4 करोड़ किसानों तक फसल बीमा पहुँचाया गया।
      • सुव्यवस्थित कृषि व्यापार के लिये राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (eNAM) के तहत 1,361 मंडियों का एकीकरण।
  • प्रमुख विकास योजनाएँ:
    • आधारभूत संरचना:
      • रेलवे: तीन प्रमुख आर्थिक रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रम लागू किये जाएंगे- ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर, बंदरगाह कनेक्टिविटी कॉरिडोर तथा उच्च यातायात घनत्व कॉरिडोर।
        • बेहतर सुरक्षा, सुविधा और यात्री सुविधा के लिये 40 हज़ार सामान्य रेल डिब्बों को वंदे भारत मानकों के अनुरूप परिवर्तित किया जाएगा।
      • विमानन: उड़ान योजना के तहत मौजूदा हवाई अड्डों का विस्तार और नए हवाई अड्डों का व्यापक विकास।
      • शहरी परिवहन: मेट्रो रेल और नमो भारत के माध्यम से शहरी परिवर्तन को बढ़ावा देना।
    • स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र:
      • पवन ऊर्जा के लिये व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण
        • यह 1 गीगावाट की प्रारंभिक क्षमता के लक्ष्य के साथ अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता का दोहन करने में मदद करेगा।
      • वर्ष 2030 तक 100 मिलियन टन की कोयला गैसीकरण एवं द्रवीकरण क्षमता की स्थापना।
      • CNG, PNG और संपीड़ित बायोगैस का चरणबद्ध अनिवार्य सम्मिश्रण।
      • बायोमास एकत्रीकरण मशीनरी की खरीद के लिये वित्तीय सहायता
      • रूफटॉप सोलर: 1 करोड़ परिवार प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
      • विनिर्माण और चार्जिंग का समर्थन करके ई-वाहन पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करना।
      • पर्यावरण अनुकूल विकल्पों का समर्थन करने के लिये बायोमैन्युफैक्चरिंग और बायो-फाउंड्री की नई योजना शुरू की जाएगी।
    • आवास क्षेत्र: सरकार की योजना ग्रामीण क्षेत्रों में 30 मिलियन किफायती घरों के निर्माण पर सब्सिडी देने की है।
      • मध्यम वर्ग को अपना घर खरीदने/बनाने के लिये प्रोत्साहित करने हेतु मध्यम वर्ग के लिये आवास योजना शुरू की जाएगी।
    • स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र: लड़कियों (9-14 वर्ष) के लिये सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण को प्रोत्साहित करना।
    • कृषि क्षेत्र: सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों के लिये 'नैनो DAP' के उपयोग को प्रोत्साहित करना।
      • डेयरी किसानों को समर्थन देने और खुरपका एवं मुंहपका रोग से निपटने के लिये नीतियाँ बनाना।
      • तिलहन में आत्मनिर्भरता के लिये रणनीति बनाना, अनुसंधान, खरीद, मूल्य संवर्धन और फसल बीमा को कवर करना।
        • नैनो-DAP (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (Indian Farmers Fertilizer Cooperative Limited - IFFCO) द्वारा विकसित एक नैनो तकनीक आधारित कृषि इनपुट है। यह खड़ी फसलों में नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी को पूर्ण करने में मदद करता है।
    • मत्स्य पालन क्षेत्र: मछुआरों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये एक नया विभाग, 'मत्स्य सम्पदा' की स्थापना।
    • राज्यों के कैपेक्स के लिये: राज्यों को पूंजीगत व्यय हेतु पचास वर्ष की ब्याज मुक्त ऋण योजना जारी रखने की घोषणा की गई।
      • राज्य के नेतृत्व वाले सुधारों का समर्थन करने के लिये पचास वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण हेतु 75,000 करोड़ रुपए के प्रावधान के साथ 1.3 लाख करोड़ रुपए का कुल परिव्यय।
      • पूर्वी क्षेत्र को भारत के विकास का एक शक्तिशाली चालक बनाने के लिये विशेष ध्यान दिया जाएगा।
    • अन्य: 
      • सूर्योदय डोमेन में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिये पचास साल के ब्याज मुक्त ऋण के साथ 1 लाख करोड़ रुपए के कोष की स्थापना।
        • साथ ही, अनुसंधान और नवाचार में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है।
      • तीव्र जनसंख्या वृद्धि और जनसांख्यिकीय बदलाव के लिये सरकार एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनाएगी।
        • समिति 'विकसित भारत' के लक्ष्य के अनुरूप व्यापक सिफारिशें प्रदान करेगी।

रुपया कहाँ से आता है (Rupee Comes From):

रुपया कहाँ जाता है (Rupee Goes To):

 

भारत में बजट से संबंधित निधि क्या हैं?

  • भारत की संचित निधि: संविधान का अनुच्छेद 266 (1) केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त सभी राजस्व, ऋण और ऋण पुनर्भुगतान को एक एकल निधि में समेकित करता है जिसे भारत की संचित निधि के रूप में जाना जाता है। 
    • निकासी के लिये संसद की अनुमति की आवश्यकता होती है (न्यायाधीशों के वेतन जैसे आरोपित व्यय को छोड़कर)।
  • भारत का लोक लेखा: संविधान के अनुच्छेद 266(2) के अनुसार भारत सरकार द्वारा या उसकी ओर से प्राप्त सभी अन्य लोक धनराशियाँ भारत के लोक लेखों में जमा की जाती हैं।
    • सरकार धन को इधर से उधर स्थानांतरित करने वाले बैंकर के समान कार्य करती है इसलिये संसद की अनुमति आवश्यक नहीं है।
  • भारत की आकस्मिक निधि: इसे भारतीय आकस्मिकता निधि अधिनियम, 1950 के तहत स्थापित किया गया है और अनुच्छेद 267(1) के अनुसार अग्रदाय के रूप में कार्य करती  है। इस निधि को भारत की आकस्मिक निधि कहा जाता है।
    • यह वित्तीय वर्ष के दौरान अप्रत्याशित खर्चों के लिये सरकार को अग्रिम राशि की पेशकश करने के उद्देश्य से कार्य करती है, जो संसद द्वारा प्राधिकरण के लिये लंबित है।
    • आकस्मिक निधि से निकाली गई धनराशि को अनुदान की अनुपूरक मांगों के माध्यम से संसदीय अनुमोदन पर पुनः जमा कर दिया जाता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. "लेखानुमोदन" और "अंतरिम बजट" में क्या अंतर है? (2011)  

  1.  स्थायी सरकार लेखानुमोदन के प्रावधान उपयोग करती है, जबकि कार्यवाहक सरकार "अंतरिम बजट" के प्रावधान का प्रयोग करती है।  
  2.  लेखानुमोदन सरकार के बजट के व्यय पक्ष मात्र से संबद्ध होता है, जबकि अंतरिम बजट में व्यय तथा अवती दोनों सम्मिलित होते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो  1 और न ही 2  

उत्तर: (b)  


प्रश्न. जब वार्षिक केंद्रीय बजट लोकसभा द्वारा पारित नहीं किया जाता है, तो (2011)

(a) बजट को संशोधित कर पुनः प्रस्तुत किया जाता है।
(b) बजट को सुझावों के लिये राज्यसभा में भेजा जाता है।
(c) केंद्रीय वित्त मंत्री को इस्तीफा देने के लिये कहा गया है।
(d) प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का इस्तीफा सौंपता है।

उत्तर: (d)


प्रश्न. वित्त मंत्री संसद में बजट प्रस्तुत करते हुए उसके साथ अन्य प्रलेख भी प्रस्तुत करते हैं जिनमें वृहद आर्थिक रूपरेखा विवरण (The Macro Economic Framework Statement) भी सम्मिलित रहता है। यह पूर्वोक्त प्रलेख निम्न आदेशन के कारण प्रस्तुत किया जाता है: (2020)

(a) चिरकालिक संसदीय परंपरा के कारण
(b) भारत के संविधान के अनुच्छेद 112 तथा अनुच्छेद 110 (1) के कारण
(c) भारत के संविधान के अनुच्छेद 113 के कारण
(d) राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के कारण

उत्तर : (d) 


प्रश्न. संघ की सरकार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)

  1. राजस्व विभाग, संसद में पेश किये जाने वाले केंद्रीय बजट की तैयारी के लिये उत्तरदायी है।
  2. भारत की संसद की प्राधिकरण के बिना कोई धन भारत की संचित निधि से निकाला नहीं जा सकता।
  3. लोक लेखा से किये जाने वाले सभी संवितरणों के लिये भी भारत की संसद के प्राधिकरण की आवश्यकता होती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


प्रश्न. निम्नलिखित मे से कौन-सी विधियाँ भारत के लोक वित्त पर संसदीय नियंत्रण रखने के काम आती हैं? (2012)

  1. संसद के सम्मुख वार्षिक वित्तीय विवरण का प्रस्तुत किया जाना
  2.  विनियोग विधेयक के पारित होने के बाद ही भारत की संचित निधि से मुद्रा निकाल पाना
  3.  अनुपूरक अनुदानों तथा लेखानुदान का प्रावधान
  4.  संसदीय बजट कार्यालय द्वारा समष्टिगत आर्थिक पूर्वानुमानों तथा व्यय हेतु सरकार के कार्यक्रम का एक नियतकालिक अथवा कम-से-कम मध्यवर्षीय पुनरावलोकन
  5.  संसद में वित्त विधेयक को प्रस्तुत किया जाना

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2, 3 और 5
(b) केवल 1, 2 और 4
(c) केवल 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (a)


प्रश्न. संसद में केंद्रीय बजट की तैयारी और प्रस्तुति के लिये निम्नलिखित में से कौन ज़िम्मेदार है?(2010)

(a) राजस्व विभाग
(b) आर्थिक मामलों का विभाग
(c) वित्तीय सेवा विभाग
(d) व्यय विभाग

उत्तर: (b)


प्रश्न. साल दर साल लगातार घाटे का बजट रहा है। घाटे को कम करने के लिये सरकार द्वारा निम्नलिखित में से कौन-सी कार्रवाई/कार्रवाईयाँ की जा सकती है/हैं? (2016)

  1. राजस्व व्यय को घटाना
  2. नई कल्याणकारी योजनाओं को प्रारंभ करना
  3. सहायिकी (सब्सिडी) को युक्ति बनाना
  4. आयात-शुल्क कम करना

नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 
(b) केवल 2 और 3 
(c) केवल 1और 3 
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (c)


मेन्स:

प्रश्न. पूंजी बजट और राजस्व बजट के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिये। इन दोनों बजटों के संघटकों को समझाइये। (2021)

प्रश्न. उदारीकरण के बाद की अवधि के दौरान बजट बनाने के संदर्भ में सार्वजनिक व्यय प्रबंधन भारत सरकार के लिये एक चुनौती है। स्पष्ट कीजिये। (2019)

प्रश्न. भारत के 14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों ने राज्यों को अपनी राजकोषीय स्थिति सुधारने में कैसे सक्षम किया है? (2021)

प्रश्न. वित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (FRBM) अधिनियम, 2003 को प्रारंभ करने के क्या कारण थे? उसके  प्रावधानों और उनकी प्रभाविता का समालोचनात्मक विवेचन कीजिये। (2013)

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