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शासन व्यवस्था

पूंजी निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता योजना

  • 01 Jan 2024
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

पूंजी निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता योजना, कोविड-19 महामारी, 15वाँ वित्त आयोग, शहरी नियोजन, मेक इन इंडिया 

मेन्स के लिये:

पूंजी निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता योजना

स्रोत: हिंदू बिज़नेस लाइन 

चर्चा में क्यों?

पूंजीगत व्यय/निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता योजना के तहत केंद्र द्वारा आवंटित ₹ 1,67,518.6 करोड़ की विशेष सहायता (ऋण) में से सर्वाधिक हिस्सा विगत चार वर्षों में उत्तर प्रदेश को प्रापर्ट हुआ है।

  • प्रदत्त पर्याप्त वित्तीय सहायता यूपी में विकास पहलों को बढ़ावा देने के लिये सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

वित्त मंत्रालय के अनुसार पूंजीगत व्यय के रुझान क्या हैं?

  • यूपी और बिहार शीर्ष दो राज्य हैं जिन्होंने पूंजीगत व्यय से संबंधित मानदंडों को पूरा किया है तथा विगत चार वर्षों में योजना के तहत अधिकतम आवंटन प्राप्त किया है।
  • उत्तराखंड, हरियाणा, केरल एवं पंजाब उन राज्यों में से हैं जिन्हें योजना के तहत कुल आवंटित राशि का लगभग 1-2% प्राप्त हुआ है।
  • आंध्र प्रदेश, केरल, मणिपुर एवं पंजाब को वर्ष 2023-24 में कोई आवंटन नहीं मिला है व वित्त मंत्रालय के अनुसार, इन राज्यों ने योजना के तहत निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं किया है।

पूंजी निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता योजना क्या है?

  • परिचय:
    • यह योजना वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र शुरू की गई थी।
    • वर्तमान में इस योजना का विस्तार किया गया है तथा इसे ₹1.3 लाख करोड़ के आवंटन के साथ 'पूंजी निवेश के लिये राज्यों को विशेष सहायता योजना, 2023-24' के रूप में जारी रखा गया है।
  • भाग:
    • इस योजना के आठ भाग हैं, भाग-I 1 लाख करोड़ रुपए के आवंटन के साथ सबसे बड़ा है। यह राशि 15वें वित्त आयोग के निर्णय के अनुसार राज्यों के बीच केंद्रीय करों और कर्त्तव्यों में उनकी हिस्सेदारी के अनुपात में आवंटित की गई है।
    • योजना के अन्य भाग या तो सुधारों से जुड़े हैं या क्षेत्र विशेष परियोजनाओं के लिये हैं।
      • भाग- II पुराने वाहनों को हटाने और स्वचालित वाहन परीक्षण सुविधाओं की स्थापना के लिये राज्यों को प्रोत्साहन प्रदान करता है;
      • भाग-III व IV शहरी नियोजन और शहरी वित्त में सुधार के लिये राज्यों को प्रोत्साहन प्रदान करते हैं;
      • भाग-V शहरी क्षेत्रों में पुलिस स्टेशनों के भीतर पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों के लिये आवास स्टॉक बढ़ाने के लिये धन प्रदान करता है।
      • योजना का भाग-VI यूनिटी मॉल परियोजनाओं के माध्यम से सांस्कृतिक विविधता और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर राष्ट्रीय एकीकरण, मेक इन इंडिया एवं एक ज़िला एक उत्पाद के दृष्टिकोण का समर्थन करता है।
      • भाग-VII के तहत, राज्यों को पंचायत और वार्ड स्तर पर डिज़िटल बुनियादी ढाँचे के साथ पुस्तकालय स्थापित करने के लिये वित्तीय सहायता के रूप में 5,000 करोड़ रुपए प्रदान किये जाते हैं, जिससे मुख्य रूप से बच्चों एवं किशोरों को लाभ होता है।
  • योजना के उद्देश्य:
    • क्योंकि इससे मांग बढ़ने और नौकरियाँ उत्पन्न होने का अनुमान है, इस कार्यक्रम का अर्थव्यवस्था पर कई गुना प्रभाव पड़ेगा।
    • इस योजना का उद्देश्य राज्य के हिस्से को पूरा करने के लिये धन प्रदान करके जल-जीवन मिशन और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसे प्रमुख क्षेत्रों में परियोजनाओं की गति को बढ़ाना भी है।
    • यह योजना शहरों में जीवन की गुणवत्ता एवं शासन में सुधार के लिये राज्यों को शहरी नियोज़न और शहरी वित्त में सुधार करने के लिये प्रोत्साहित करने का भी प्रयास करती है।

भारत में पूंजीगत व्यय क्या है?

  • पूंजीगत व्यय (Capex):
    • यह बुनियादी ढाँचे, भवन, मशीनरी और उपकरण जैसी भौतिक संपत्तियों के अधिग्रहण, निर्माण या सुधार के लिये सरकार द्वारा आवंटित धन को संदर्भित करता है।
    • इसे उत्पादक और विकास बढ़ाने वाला माना जाता है क्योंकि यह अर्थव्यवस्था की उत्पादक क्षमता को बढ़ाता है तथा भविष्य में आय एवं रोज़गार उत्पन्न करता है।
    • भारत सरकार अपने वार्षिक बजट के माध्यम से पूंजीगत व्यय आवंटित करती है, जिसे वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
      • पूंजी निवेश परिव्यय में लगातार तीन वर्ष की वृद्धि देखी गई है, जो 10 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% है, जो 33% (केंद्रीय बजट 2023-24) की महत्त्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है ।
  • प्रभावी पूंजीगत व्यय:
    • बजट में प्रस्तुत पूंजीगत व्यय में राज्यों और अन्य एजेंसियों को सहायता अनुदान के माध्यम से पूंजीगत संपत्ति बनाने पर सरकार द्वारा किया गया व्यय शामिल नहीं है।
      • इन अनुदानों को बजट में राजस्व व्यय के रूप में वर्गीकृत किया गया है, लेकिन वे सड़क, पुल, स्कूल, अस्पताल आदि जैसी अचल परिसंपत्तियों के निर्माण में भी योगदान देते हैं।
      • इसलिये केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक निवेश की वास्तविक सीमा को तक पहुँचने के लिये 'प्रभावी पूंजी व्यय' की एक अवधारणा पेश की गई है।
    • प्रभावी पूंजीगत व्यय को पूंजीगत परिसंपत्तियों के निर्माण के लिये पूंजीगत व्यय और अनुदान के योग के रूप में परिभाषित किया गया है।
      • इसका बजट 13.7 लाख करोड़ रुपए या GDP का 4.5% (केंद्रीय बजट 2023-24) है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

Q. निम्नलिखित में से किसको/किनको भारत सरकार के पूंजी बजट में शामिल किया जाता है? (2016)

  1. सड़कों, इमारतों, मशीनरी आदि जैसी परिसंपत्तियों के अधिग्रहण पर व्यय।
  2. विदेशी सरकारों से प्राप्त ऋण।
  3. राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को अनुदात्त ऋण और अग्रिम।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

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