रैपिड फायर
ICGS ‘समुद्र पहरेदार’ की आसियान देशों में तैनाती
स्रोत: पी.आई.बी.
भारतीय तटरक्षक के प्रदूषण नियंत्रण पोत ( Pollution Control Vessel- PCV) समुद्र पहरेदार ने हाल ही में आसियान देशों में अपनी चल रही विदेशी तैनाती के हिस्से के रूप में मुआरा, ब्रुनेई के तट पर पहुँचा।
- यह तैनाती समुद्री प्रदूषण के लिये भारत आसियान पहल का हिस्सा है, जिसकी घोषणा सरकार ने 2022 में की थी।
- यह तैनाती न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करती है बल्कि समुद्री प्रदूषण और समुद्री सुरक्षा के लिये साझा चिंताओं पर बल देते हुए भारत के SAGAR, एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पैसिफिक विज़न के समुद्री दृष्टिकोण के साथ भी संरेखित होती है।
और पढ़ें: भारत की समुद्री सुरक्षा प्रतिमान
रैपिड फायर
"मदर ऑफ ड्रेगन" धूमकेतु
स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया
खगोलीय घटना जिसे "मदर ऑफ ड्रेगन" धूमकेतु (Mother of Dragons Comet ) के नाम से जाना जाता है, जिसे औपचारिक रूप से धूमकेतु 12P/पोंस-ब्रूक्स के रूप में नामित किया गया है, वर्तमान में उत्तरी गोलार्द्ध के स्कीइस (Skies) में एक दुर्लभ दृश्य देखा जा रहा है।
- इसे पहली बार 19वीं सदी की शुरुआत में खोजा गया था और यह अपनी विशिष्ट ग्रीन ग्लो(हरे रंग की चमक) के लिये जाना जाता है। यह रंग धूमकेतु के भीतर डायटोमिक कार्बन अणुओं की उपस्थिति के कारण है।
- यह अपनी ज्वालामुखीय गतिविधि के लिये जाना जाता है। अधिकांश धूमकेतुओं के विपरीत, यह अपने मूल से बर्फ और धूल उड़ाता हुआ निकलता है। ये विस्फोट धूमकेतु को अधिक चमकीला तथा पृथ्वी से देखने में सरल बनाते हैं, जिससे इसे "मदर ऑफ ड्रेगन" उपनाम मिला है।
- यह एक हैली-प्रकार का धूमकेतु है, जिसका अर्थ है कि अन्य धूमकेतुओं की तुलना में इसकी कक्षीय अवधि अपेक्षाकृत कम है, और यह केवल सात दशकों में सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा पूरी करता है। आखिरी बार यह पृथ्वी के पास से 1954 में गुजरा था तथा अगली बार वर्ष 2090 के दशक के मध्य में गुजरेगा।
- यह बृहस्पति-परिवार के धूमकेतुओं की श्रेणी में आता है, जो दर्शाता है कि इसका प्रक्षेप पथ बृहस्पति के गुरुत्वाकर्षण बल से प्रभावित है।
- इसकी आवधिक प्रकृति धूमकेतुओं की गतिशीलता और हमारे सौर मंडल के विकास में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
और पढ़ें- हबल स्पेस टेलीस्कोप, धूमकेतु, राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA)
रैपिड फायर
होम्योपैथी
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में भारत के राष्ट्रपति द्वारा विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित दो दिवसीय होम्योपैथी संगोष्ठी का उद्घाटन किया।
- संगोष्ठी का विषय: 'अनुसंधान को सशक्त बनाना, प्रवीणता में वृद्धि' बहुत प्रासंगिक है'।
- होम्योपैथी चिकित्सा की एक प्रणाली है जो इस अवधारणा पर आधारित है कि शरीर में स्वयं को ठीक करने की अंतर्निहित क्षमता होती है, और साथ ही होम्योपैथिक उपचार की भूमिका इस स्व-उपचार प्रक्रिया को प्रोत्साहित करना है।
- होम्योपैथिक चिकित्सकों का मानना है कि पदार्थ जितना अधिक पतला होगा, उसकी उपचार शक्तियाँ उतनी ही अधिक होती हैं, इसके साथ ही किसी भी संभावित नकारात्मक प्रभाव को भी कम किया जाता है।
- विश्व होम्योपैथी दिवस, प्रतिवर्ष 10 अप्रैल को होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. हैनीमैन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
- थीम 2024: होम्योपरिवार: एक स्वास्थ्य, एक परिवार।
और पढ़ें… आयुष और आधुनिक चिकित्सा का समन्वय
प्रारंभिक परीक्षा
सिकाडा
स्रोत : द न्यूयार्क टाइम्स
अप्रैल, 2024 के अंत में अमेरिका के मध्य-पश्चिम और दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में दो अलग-अलग समूहों के एक ट्रिलियन सिकाडा (Cicadas) दिखाई देने की संभावना जताई है।
सिकाडा क्या हैं?
- परिचय:
- सिकाडा (Cicadas) वे कीड़े (insects) हैं जो ऑर्डर हेमिप्टेरा और सुपरफैमिली सिकाडोइडिया से संबंधित हैं।
- हेमिप्टेरान कीट, जिन्हें ट्रू बग भी कहा जाता है, अपने माउथपार्ट का उपयोग भोजन ग्रहण करने के लिये करते हैं तथा उनके दो जोड़ी पंख होते हैं।
- वे अपना अधिकांश जीवन भूमिगत रहकर बिताते हैं और मुख्य रूप से संभोग के लिये मृदा से बाहर आते हैं। एक बार ज़मीन से बाहर निकलने के बाद, उनका जीवनकाल दो से चार सप्ताह के बीच होता है, जोकि काफी अल्प अवधि है।
- सिकाडा (Cicadas) वे कीड़े (insects) हैं जो ऑर्डर हेमिप्टेरा और सुपरफैमिली सिकाडोइडिया से संबंधित हैं।
- प्राकृतिक आवास
- अधिकांश सिकाडा कैनोपी के आसपास रहते हैं और बड़े पेड़ों वाले प्राकृतिक जंगलों में पाए जाते हैं। अंटार्कटिक को छोड़कर ये हर महाद्वीप में पाए जाते हैं।
- विश्व में भारत और बांग्लादेश सामान्यतः सिकाडा सर्वाधिक मात्रा में पाये जाते हैं, उसके बाद चीन में।
- अधिकांश सिकाडा कैनोपी के आसपास रहते हैं और बड़े पेड़ों वाले प्राकृतिक जंगलों में पाए जाते हैं। अंटार्कटिक को छोड़कर ये हर महाद्वीप में पाए जाते हैं।
- उद्भव
- सिकाडा का जीवनचक्र जटिल होता हैं जिनमें भूमिगत विकास की लंबी अवधि और वयस्कों के उभरने की छोटी अवधि शामिल होती है।
- सिकाडों की तीन प्रजातियाँ होती हैं, जो हर 17 साल में बाहर आते हैं और तीन प्रजातियाँ हर 13 साल में बाहर आती हैं।
- मूल रूप से आवधिक सिकाडों के 30 अंडो (broods) को भूगोल और उद्भव के समय के आधार पर वर्गीकृत किया गया था, लेकिन वर्तमान में कुछ विलुप्त होने के कारण केवल 15 अंडे ही सक्रिय बचे हैं।
- सिकाडा का जीवनचक्र जटिल होता हैं जिनमें भूमिगत विकास की लंबी अवधि और वयस्कों के उभरने की छोटी अवधि शामिल होती है।
- विशेषताएँ:
- शोधकर्त्ताओं का मानना है कि सिकाडा के विकास की लंबी अवधि, जिसके दौरान वे भूमिगत पौधों के रस पर भोजन करते हैं, "सिकाडा झोपड़ी (hut)" बनाने और आस-पास के पेड़ों या वनस्पति पर चढ़ने से पहले, ज़मीन के ऊपर शिकारियों से बचने से संबंधित हो सकती है।
- वयस्क सिकाडा कछुए तथा अन्य वन जीवों जैसे शिकारियों के प्रति संवेदनशील होते हैं और वे सुरक्षा की कमी के कारण आसानी से उनका शिकार बन जाते हैं।
क्या होता है जब सिकाडस बाहर निकलते हैं?
- तंत्र:
- भारी संख्या में ज़मीन से बाहर निकलने के बाद, सिकाडस अपने बाह्यकंकालों (exoskeletons) को छोड़कर अपने पंखों वाले रूप में बदल जाते हैं, अक्सर छोड़े गए बाह्यकंकालों को पेड़ के तनों और टहनियों से चिपका कर छोड़ देते हैं।
- वयस्क सिकाडस दो से चार सप्ताह की छोटी अवधि तक जीवित रहते हैं, जिसके दौरान वे थोड़ा खाते हैं, संभोग करते हैं और मादाओं को आकर्षित करने के लिये 100 डेसिबल तक का तीव्र सामूहिक स्वर उत्पन्न करते हैं।
- महत्त्व:
- शहरी क्षेत्रों में, सिकाडा के मृत शरीर का उपयोग बगीचों और प्राकृतिक क्षेत्रों के लिये जैविक उर्वरक के रूप में किया जा सकता है।
- वे प्राकृतिक वृक्ष माली के रूप में कार्य करते हैं और ज़मीन से बाहर निकलते समय अपने पीछे छोड़े गए छिद्रों से मृदा में वायु प्रसार करके पर्यावरण को लाभ पहुँचाते हैं, जिससे गर्मी के महीनों के दौरान पेड़ की जड़ों को पोषण देने के लिये वर्षा जल का अवशोषण होता है।
- पेड़ों में सिकाडा द्वारा बनाई गई दरारें शाखाओं के टूटने का कारण बन सकती हैं, जिससे "फ्लैगिंग" हो सकती है, जो एक प्राकृतिक छँटाई प्रक्रिया है। सिकाडा के विघटित शरीर पेड़ों के लिये पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं और जब शाखाएँ पुनः बढ़ती हैं, तो वे बड़े फल उत्पन्न करती हैं।
- शहरी क्षेत्रों में, सिकाडा के मृत शरीर का उपयोग बगीचों और प्राकृतिक क्षेत्रों के लिये जैविक उर्वरक के रूप में किया जा सकता है।
प्रारंभिक परीक्षा
OCI कार्ड योजना का विस्तार
स्रोत: लाइव मिंट
हाल ही में भारत सूरीनाम के नियमों में ढील देने के बाद फिज़ी और अन्य देशों में प्रवासी भारतीयों को ओवरसीज़ सिटिज़नशिप ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड के विशेषाधिकार देने पर विचार कर रहा है।
- 2023 में भारत ने सूरीनाम में मूल भारतीय प्रवासियों के OCI कार्ड के लिये पात्रता मानदंड को चौथी पीढ़ी से छठी पीढ़ी तक बढ़ाने की घोषणा की।
ओवरसीज़ सिटिज़नशिप ऑफ़ इंडिया (OCI) कार्ड क्या है?
- परिचय:
- OCI की अवधारणा विशेषकर विकसित देशों में भारतीय प्रवासियों द्वारा दोहरी नागरिकता की मांग के जवाब में लायी गई थी।
- गृह मंत्रालय OCI को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है, जो:
- वह व्यक्ति जो 26 जनवरी, 1950 को अथवा उसके बाद भारत का नागरिक था
- वह व्यक्ति जो 26 जनवरी, 1950 को भारत का नागरिक बनने के योग्य था
- वह ऐसे व्यक्ति की संतान एवं नाती है और अन्य सभी मानदंडों को पूरा करता है।
- OCI कार्ड नियमों की धारा 7A के अनुसार, एक आवेदक OCI कार्ड हेतु पात्र नहीं होगा यदि वह, उसके माता-पिता या दादा-दादी कभी पाकिस्तान या बांग्लादेश के नागरिक रहे हों। यह श्रेणी वर्ष 2005 में प्रस्तुत की गई थी।
- नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2015 के माध्यम से भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में OCI श्रेणी का विलय भारतीय प्रवासी समुदाय (PIO) की श्रेणी के साथ कर दिया गया था।
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- OCI कार्ड योजना 2005 में प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान लॉन्च की गई थी।
- इसे अपने मूल देश के प्रति प्रवासी भारतीयों के लगातार भावनात्मक लगाव की स्वीकृति के रूप में पेश किया गया था।
- सीमाएँ और प्रतिबंध:
- उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं है।
- वे संवैधानिक पद या सरकारी के अधीन कोई लाभ का पद नहीं रख सकते।
- वे कृषि भूमि नहीं खरीद सकते।
- OCI कार्ड एवं नागरिक अधिकार:
- OCI कार्ड राजनीतिक अधिकार प्रदान नहीं करता है।
- धारक चुनाव में भाग नहीं ले सकते या सार्वजनिक पद धारण नहीं कर सकते, जो नागरिकता और विदेशी नागरिकता के बीच स्पष्ट सीमाएँ बनाए रखने पर सरकार के रुख को दर्शाता है।
- OCI कार्ड के लाभ:
- भारत आने के लिये एकाधिक प्रवेश, बहुउद्देश्यीय आजीवन वीज़ा मिलना।
- उनके प्रवास की अवधि की परवाह किये बिना, विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के साथ पंजीकरण करने से छूट।
- वित्तीय, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में अनिवासी भारतीयों (NRI) के साथ समानता।
- वर्तमान परिदृश्य:
- OCI कार्ड योजना भारत सरकार के अपने प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को बेहतर करने का एक प्रमुख प्रयास रहा है।
- मार्च 2020 तक, गृह मंत्रालय ने 35 लाख से अधिक OCI कार्ड जारी किये थे। विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, वर्ष 2022 की शुरुआत तक यह संख्या 4 मिलियन से अधिक हो गई थी।
- इनमें से अधिकांश संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया तथा कनाडा में विदेशी नागरिकों को जारी किये गए थे।
- OCI कार्ड योजना के विस्तार पर ध्यान देना, दुनिया भर में अपने विदेशी भारतीय समुदायों के साथ जुड़ने और उनका समर्थन करने के भारत के प्रयासों को उजागर करता है।
भारतीय मूल का व्यक्ति (PIO):
- PIO एक विदेशी नागरिक को संदर्भित करता है (पाकिस्तान, अफगानिस्तान बांग्लादेश, चीन, ईरान, भूटान, श्रीलंका और नेपाल के नागरिकों को छोड़कर) जो:
- किसी भी समय भारतीय पासपोर्ट धारण किया हो अथवा
- जो या उसके माता-पिता/दादा-दादी/परदादा में से कोई एक भारत सरकार अधिनियम, 1935 में परिभाषित के अनुसार भारत में जन्मा था और स्थायी रूप से निवासी था तथा अन्य क्षेत्रों में जो उसके बाद भारत का हिस्सा बन गए अथवा
- भारत के नागरिक या PIO का जीवनसाथी है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारत के संदर्भ मे निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) |
रैपिड फायर
KABIL और CSIR-IMMT ने क्रिटिकल मिनरल्स समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये
स्रोत: पी.आई.बी.
खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) व वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद - खनिज और सामग्री प्रौद्योगिकी संस्थान (CSIR-IMMT) ने महत्त्वपूर्ण खनिजों में तकनीक एवं ज्ञान के सहयोग के लिये एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये।
- यह समझौता KABIL व CSIR-IMMT के बीच संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों और वैज्ञानिक सूचना के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है।
- KABIL 2019 में नेशनल एल्यूमीनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO), हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) और मिनरल एक्सप्लोरेशन कंपनी लिमिटेड (MECL) द्वारा गठित एक संयुक्त उद्यम कंपनी है।
- कंपनी का लक्ष्य भारत में आपूर्ति के लिये विदेशी स्थानों से रणनीतिक खनिजों की पहचान, अधिग्रहण, विकास, प्रसंस्करण और उनका उपयोग करना है।
- CSIR-IMMT की स्थापना 1964 में CSIR, नई दिल्ली के तत्वावधान में क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला, भुवनेश्वर के रूप में की गई थी।
- संस्थान खनन, खनिज और धातु उद्योगों में अनुसंधान एवं विकास समस्याओं के समाधान के लिये बुनियादी अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रम संचालित करता है।
- इसका मुख्य उद्धेश्य सतत विकास के लिये उन्नत प्रक्रिया जानकारी और परामर्श सेवाओं के साथ भारतीय उद्योगों को सशक्त बनाना है।
और पढ़ें: गंभीर खनिजों की पहेली
प्रारंभिक परीक्षा
वित्तीय समावेशन एवं डिजिटल नवाचार हेतु RBI द्वारा सुधार
प्रिलिम्स के लिये:भारतीय रिज़र्व बैंक ,एकीकृत भुगतान इंटरफेस,सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक, मौद्रिक नीति समिति, खुदरा प्रत्यक्ष योजना मेन्स के लिये: कैशलेस लेनदेन में UPI का महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने मौद्रिक नीति निर्णयों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधिक आर्थिक समावेशिता को बढ़ावा देने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों के लिये सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से कई बदलावों की घोषणा की।
RBI द्वारा प्रस्तावित हालिया विकास क्या हैं?
- एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (UPI) द्वारा नकद जमा सुविधा
- ग्राहकों के पास UPI ऐप का उपयोग करके बैंकों तथा ATM में नकदी जमा मशीनों (CDM) में नकदी(कैश) जमा करने का विकल्प होगा।
- वर्तमान में CDM में नकद जमा के लिये आमतौर पर डेबिट कार्ड के उपयोग की आवश्यकता होती है, चाहे वह बैंक में हो या ATM में।
- विभिन्न बैंकिंग कार्यों, सुचारू रूप से वित्त सुविधा तथा व्यापारी भुगतान को एक साथ जोड़कर, UPI कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन (किसी भी भाग लेने वाले बैंक के) द्वारा संचालित करने में सक्षम बनाता है।
- UPI वर्तमान में नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH), तत्काल भुगतान सेवा (IMPS), आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS), भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS), रुपे आदि सहित भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा संचालित प्रणालियों में सबसे बड़ी है।
- ग्राहकों के पास UPI ऐप का उपयोग करके बैंकों तथा ATM में नकदी जमा मशीनों (CDM) में नकदी(कैश) जमा करने का विकल्प होगा।
- प्रीपेड भुगतान साधन (Prepaid Payment Instrument- PPI) हेतु UPI तक पहुँचने के लिये तीसरे पक्ष के एप को अनुमति देना:
- वर्तमान में PPI से UPI भुगतान के लिये PPI जारीकर्त्ता द्वारा प्रदान किये गए वेब अथवा मोबाइल एप का उपयोग करना आवश्यक है।
- RBI ने उपयोगकर्त्ताओं को PPI वॉलेट से UPI भुगतान करने के लिये तृतीय-पक्ष UPI ऐप्स का उपयोग करने की अनुमति देने का सुझाव दिया।
- PPI ऐसे उपकरण हैं जो वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद, वित्तीय सेवाओं के संचालन और साथ ही उनमें संग्रहीत धन के बदले प्रेषण सुविधाओं को सक्षम करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
- PPI को नकद द्वारा, बैंक खाते से डेबिट अथवा क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड द्वारा लोड या रीलोड किया जा सकता है।
- FPI को सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड में निवेश की अनुमति देना:
- सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड में गैर-निवासियों की व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये RBI ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (International Financial Services Centre- IFSC) में पात्र विदेशी निवेशकों को इन बॉण्ड में निवेश करने के लिये अधिकृत करने का निर्णय लिया है।
- वर्तमान में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (Foreign Portfolio Investors) सरकारी प्रतिभूतियों में FPI के लिये उपलब्ध विभिन्न निवेश मार्गों के माध्यम से सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड में निवेश कर सकते हैं।
- सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड विभिन्न कंपनियों, देशों एवं बहुपक्षीय संगठनों द्वारा विशेष रूप से सकारात्मक पर्यावरणीय या जलवायु लाभ वाली परियोजनाओं को वित्तपोषित करने हेतु जारी किये जाते हैं और निवेशकों को निश्चित आय का भुगतान प्रदान करते हैं।
- इन परियोजनाओं में नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन एवं हरित भवन आदि शामिल हो सकते हैं।
- खुदरा प्रत्यक्ष योजना हेतु मोबाइल एप:
- RBI ने नवंबर 2021 में लॉन्च की गई अपनी रिटेल डायरेक्ट योजना के लिये एक मोबाइल एप प्रस्तुत करने का भी फैसला किया
- यह योजना व्यक्तिगत निवेशकों को RBI के साथ गिल्ट खाते रखने और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने की अनुमति देती है।
- गिल्ट खाता (Gilt Account) सरकारी प्रतिभूतियों को रखने के लिये खोला और रखा जाने वाला एक खाता है।
- तरलता कवरेज अनुपात (LCR) की समीक्षा:
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) बैंकों द्वारा तरलता जोखिम के बेहतर प्रबंधन के लिये तरलता कवरेज अनुपात पर ढाँचे की समीक्षा कर सकता है।
- LCR एक अनुपात है जो वित्तीय संस्थानों के पास मौजूद उच्च गुणवत्ता वाली तरल संपत्ति (High-Quality Liquid Assets- HQLA) के अनुपात को मापता है।
- LCR ढाँचे के तहत आने वाले बैंकों को 1 जनवरी, 2019 से 100% की न्यूनतम LCR के साथ, तनावग्रस्त परिस्थितियों में 30 दिनों के शुद्ध बहिर्वाह को कवर करने के लिये HQLA का स्टॉक बनाए रखना होगा।
- HQLA में नकदी, अल्पकालिक बॉण्ड तथा अन्य नकदी समकक्ष एवं साथ ही अतिरिक्त वैधानिक तरलता अनुपात (SLR), सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) परिसंपत्तियाँ तथा तरलता कवरेज अनुपात (FALLCR) के लिये तरलता प्राप्त करने की सुविधाएँ (1 अप्रैल, 2020 से बैंक की जमा राशि का 15%) शामिल हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन 'एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI)' को लागू करने का सबसे संभावित परिणाम है? (2017) (a) ऑनलाइन भुगतान के लिये मोबाइल वॉलेट की आवश्यकता नहीं होगी। उत्तर: (a) प्रश्न. डिजिटल भुगतान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. क्या आप सहमत हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने हाल ही में V-आकार के पुरुत्थान का अनुभव किया है? कारण सहित अपने उत्तर की पुष्टि कीजिये। (2021) |