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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 06 Jun, 2024
  • 20 min read
प्रारंभिक परीक्षा

CPEC और LAC पर उभरती चुनौतियाँ

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स 

पाकिस्तान-चीन विदेश मंत्रियों की पाँचवीं रणनीतिक वार्ता की सह-अध्यक्षता के बाद, दोनों नेताओं ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (China-Pakistan Economic Corridor- CPEC) सहित प्रमुख हितों के मामलों पर एक-दूसरे को समर्थन जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

  • एक अन्य घटना में चीन ने चल रहे तनाव के बीच अपनी सैन्य उपस्थिति को मज़बूत करने की रणनीति के तहत वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control- LAC) के पास एक तिब्बती हवाई क्षेत्र में उन्नत J-20 स्टील्थ लड़ाकू विमान तैनात किये हैं।

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) क्या है?

  • परिचय:
    • CPEC एक प्रमुख बुनियादी ढाँचा और विकास परियोजना है।
      • पाकिस्तान में 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ CPEC, चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative- BRI) का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका लक्ष्य पाकिस्तान में ग्वादर और कराची बंदरगाहों तथा चीन के झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र के बीच 3,000 किलोमीटर का सड़क बुनियादी ढाँचा संपर्क स्थापित करना है।
    • चीन-पाकिस्तान CPEC के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं में तेज़ी लाने की योजना बना रहे हैं, जिनमें ग्वादर बंदरगाह का विकास और काराकोरम राजमार्ग का निर्माण शामिल हैं।
  • CPCE का विरोध:
    • भारत CPEC का विरोध करता है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्ज़े वाले जम्मू और कश्मीर (Pakistan-occupied Jammu and Kashmir- PoK) से होकर गुज़रता है जो भारत का अभिन्न अंग है।
    • पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के नागरिकों ने भी CPEC परियोजना का विरोध किया है और इस क्षेत्र के अंतर्गत उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के दमन का आरोप लगाया है।

चीन द्वारा LAC के निकट J-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती:

  • उपग्रह से प्राप्त चित्रों में हवाई अड्डे पर छह J-20 लड़ाकू विमानों को ज़मीनी चालक दल और आवश्यक सहायक उपकरणों के साथ दिखाया गया है।
    • चीन ने क्षेत्र में होटन, काश्गर और गरगुंसा सहित कई हवाई अड्डों को उन्नत किया है तथा रनवे का विस्तार किया है, साथ ही आश्रय स्थल एवं भंडारण सुविधाओं का भी निर्माण किया है।
    • भारत ने LAC पर चीन के J-20 लड़ाकू विमान की तैनाती का जवाब दिया है, क्योंकि भारत के पास राफेल जेट और अन्य उन्नत कोटि के विमान हैं।
  • LAC से मात्र 155 किमी. दूर और डॉकलाम के नज़दीक स्थित शिगात्से दोहरे उपयोग वाला हवाई अड्डा, भारत पूर्वी क्षेत्र में चीन के लिये सामरिक महत्त्व रखता है।
  • जवाब में भारत ने पूर्वी क्षेत्र में सुखोई-30MKI लड़ाकू विमानों को तैनात किया है, साथ ही पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयरबेस पर राफेल विमानों का एक स्क्वाड्रन भी तैनात किया है।

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  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में आने वाला 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative)' किसके मामलों के संदर्भ में आता है? (2016) 

(a) अफ्रीकी संघ
(b) ब्राज़ील
(c) यूरोपीय संघ
(d) चीन

उत्तर: (d)


प्रारंभिक परीक्षा

रंगों के आयाम

स्रोत: द हिंदू

रंग हमारे आस-पास के सौंदर्य और प्रतीकात्मक पहलुओं को समृद्ध करके, अपनी व्याख्या में सांस्कृतिक विविधता को अपनाकर तथा विश्व और उसमें हमारी भूमिका के बारे में हमारी समझ को विकसित करके समकालीन मानव जीवन को गहनता से आकार देते हैं।

रंग क्या हैं?

  • परिचय:
    • रंग मानव दृश्य प्रणाली द्वारा विद्युत चुंबकीय विकिरण के प्रसंस्करण का परिणाम हैं।
    • मानव आँख में शंकु कोशिकाएँ प्रकाश तरंगदैर्घ्य से संबंधित जानकारी का पता लगाती हैं और उसे मस्तिष्क तक पहुँचाती हैं, जिससे रंगों का बोध संभव होता है।
    • मनुष्य में तीन प्रकार की शंकु कोशिकाएँ पाई जाती हैं, जो ट्राइक्रोमैटिक विज़न को सक्षम बनाती हैं, जबकि कुछ जानवरों, जैसे पक्षियों और सरीसृपों में चार प्रकार के शंकु कोशिकाएँ (टेट्राक्रोमेट्स) पाई जाती हैं।
      • मानव दृष्टि 400 नैनोमीटर से 700 नैनोमीटर (दृश्य प्रकाश) तक की तरंगदैर्घ्य सीमा तक सीमित है, जबकि मधुमक्खियाँ पराबैंगनी प्रकाश को भी 'देख' सकती हैं और मच्छर तथा कुछ भृंग अवरक्त विकिरण (मानव इसे ऊष्मा के रूप में अनुभव करते हैं) की तरंगदैर्घ्य में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • रंगों का विज्ञान:
    • पारंपरिक रंग सिद्धांत, जो अन्य रंग बनाने के लिये 3 प्राथमिक निश्चित रंग (लाल, हरा और नीला) के संयोजन पर ज़ोर देता है।
    • आधुनिक रंग सिद्धांत का तर्क है कि सभी रंगों को किसी भी तीन रंगों को अलग-अलग तरीकों से मिलाकर बनाया जा सकता है। 
  • रंग प्रस्तुत करने के दो तरीके:
    • एडिटिव कलरिंग: विभिन्न रंगों को तैयार करने के लिये प्रकाश तरंगदैर्ध्य को संयोजित करना, जैसा कि स्मार्टफोन स्क्रीन और टी.वी. जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले में देखा जाता है, जिसमें RGB रंग स्थान का उपयोग किया जाता है।
    • सबट्रैक्टिव कलरिंग: सफेद प्रकाश से विशिष्ट तरंगदैर्ध्य को कम करके नया रंग प्राप्त करना, जो आमतौर पर रंगों, पिगमेंट और स्याही के साथ किया जाता है।
  • रंग के गुण:
    • रंगत (Hue): मानक रंगों जैसे लाल, नारंगी, पीला आदि से समानता या भिन्नता की डिग्री, जो अनुभव किये गए रंग को प्रभावित करती है।
    • चमक (Brightness): किसी वस्तु की चमक से संबंधित, उत्सर्जित या परावर्तित प्रकाश की मात्रा को दर्शाती है।
    • चमक का कम होना (Lightness): किसी वस्तु की चमक की तुलना एक अच्छी तरह से प्रकाशित सफेद वस्तु से करना।
    • वर्णकता (Chromaticity): प्रकाश की स्थिति की परवाह किये बिना, रंग की गुणवत्ता की धारणा।
  • रंग का महत्त्व:
    • रंग मनुष्य के आसपास की विश्व को देखने और उसके साथ आपसी समन्वय के तरीके को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है।
    • रंग मानव संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है, जिसमें कला, सामाजिक पदानुक्रम, दर्शन, व्यापार, नवाचार, प्रतीकवाद, राजनीति, धर्म और जलवायु परिवर्तन (ग्रीन वॉशिंग) जैसी घटनाओं के प्रति प्रतिक्रियाएँ आदि भी शामिल हैं।
    • प्राकृतिक घटनाएँ और मानव निर्मित वस्तुएँ जैसे चित्रकला, दोनों ही रंगों के माध्यम से सौंदर्यात्मक आकर्षण प्राप्त करती हैं तथा प्रतीकात्मक महत्त्व व्यक्त करती हैं।
    • कुछ रंग सार्वभौमिक संदेश देते हैं (जैसे, स्टॉप साइन के रूप में लाल)
  • रंग के प्रभाव के उदाहरण:
    • पुरातात्विक साक्ष्यों से पता चलता है कि प्रारंभिक मानव समाज सांस्कृतिक प्रथाओं के लिये गेरू रंग (Ochre Pigment) का उपयोग करता था, जो उनकी बुद्धिमत्ता और कलात्मक अभिव्यक्ति का संकेत देता है।
    • नीली LED ने RGB रंग स्थान को पूरा करके, ऊर्जा-कुशल प्रकाश समाधान को सक्षम करके और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रगति करके उद्योगों में क्रांति ला दी है।

जब हम अपनी आँखें बंद करते हैं तो पैटर्न और रंग क्यों दिखाई देते हैं?

  • जब आँखें बंद होती हैं या अंधेरे कमरे में होती हैं तो पैटर्न और रंगों का दिखना एक एंटोप्टिक घटना है, जिसे बंद आँख दृश्यीकरण या फॉस्फीन कहा जाता है।
  • सामान्य कोशिकीय कार्य के भाग के रूप में, रेटिना में उपस्थित परमाणु फोटोन के सूक्ष्म कणों को अवशोषित और उत्सर्जित करते हैं तथा ऑप्टिक तंत्रिका इन प्रकाश संकेतों को मस्तिष्क तक पहुँचाती है।
  • फोटॉनों की अनुपस्थिति में भी, थैलेमस, दृश्य कॉर्टेक्स और रेटिना में न्यूरॉन हमेशा सक्रिय रहते हैं, अन्य दृश्य न्यूरॉनों को सक्रिय कर सकते हैं तथा विभिन्न पैटर्न व रंग बना सकते हैं।
  • फॉस्फीन की उत्पत्ति कहाँ से होती है (रेटिना, थैलेमस या दृश्य कॉर्टेक्स) इसके आधार पर यह विभिन्न आकार, पैटर्न और रंग ग्रहण सकता है।
  • फॉस्फीन को यांत्रिक उत्तेजना, चयापचय उत्तेजना (जैसे कि निम्न रक्तचाप), चुंबकीय या विद्युत उत्तेजना तथा साइलोसाइबिन जैसी कुछ दवाओं द्वारा भी उत्पन्न किया जा सकता है।
  • जब मस्तिष्क पुनर्निर्मित छवि को समझ नहीं पाता, तो वह तुरंत इसे फॉस्फीन के रूप में लेबल कर देता है।

और पढ़ें: कैमरा दिखाता है कि जानवर गति कैसे देखते हैं

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. जब धूप वर्षा की बूँदों पर गिरती है, तो इंद्रधनुष बनता है। इसके लिये निम्नलिखित में से कौन-सी भौतिक परिघटनाएँ ज़िम्मेवार हैं?

  1. परिक्षेपण
  2. अपवर्तन
  3. आंतरिक परावर्तन

नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


रैपिड फायर

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स

हॉन्गकॉन्ग ने क्षेत्र का वर्चुअल एसेट इन्वेस्टमेंट हब बनने की दिशा में कदम उठाते हुए एशिया का पहला स्पॉट बिटकॉइन और ईथर एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) लॉन्च किया है।

  • बिटकॉइन विश्व की पहली और सर्वाधिक प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी है।
    • क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल अथवा आभासी मुद्रा है जो सुरक्षा के लिये क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है तथा ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर आधारित विकेंद्रीकृत नेटवर्क द्वारा संचालित होती है।
    • स्पॉट बिटकॉइन से तात्पर्य वर्तमान बाज़ार मूल्य पर बिटकॉइन की तत्काल खरीद या बिक्री से है।
      • इसमें वास्तविक समय के लेनदेन शामिल होते हैं, जहाँ क्रेता और विक्रेता बिटकॉइन का विनिमय फिएट करेंसी (जैसे अमेरिकी डॉलर) या अन्य क्रिप्टोकरेंसी के लिये करते हैं।
  • एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) ऐसे निवेश फंड हैं जिनका कारोबार व्यक्तिगत शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंजों पर किया जाता है।  
    • इन्हें किसी विशेष सूचकांक, कमोडिटी, मुद्रा या परिसंपत्ति वर्गों के मिश्रण के प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • ETF निवेशकों को व्यक्तिगत प्रतिभूतियाँ खरीदे बिना अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने का एक मार्ग प्रदान करते हैं।
  • ETF का कारोबार हॉन्गकॉन्ग डॉलर और अमेरिकी डॉलर तथा चीनी युआन सभी में किया जा सकता है।
  • हॉन्गकॉन्ग ETF अन्य देशों को क्रिप्टोकरेंसी ETF को मंज़ूरी देने के लिये प्रोत्साहित कर सकता है और डिजिटल परिसंपत्तियों को व्यापक रूप से प्रयोग करने में सहायता कर सकता है।

और पढ़ें: क्रिप्टोकरेंसी


रैपिड फायर

लीडिंग एज एक्ट्यूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defense Research and Development Organisation- DRDO) की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (Aeronautical Development Agency- ADA) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited- HAL) को स्वदेशी लीडिंग एज  एक्ट्यूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच सौंपा।

  • लीडिंग एज एक्ट्यूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल्स के लिये उड़ान परीक्षणों के सफल समापन ने उत्पादन के लिये अनुमति  का मार्ग प्रशस्त कर दिया है, जिससे HAL को हल्का लड़ाकू विमान- तेजस के Mk-1A संस्करण को लैस करने हेतु सक्षम बनाने में सहायता मिलेगी। 
    • इसका उपयोग विमान के पंख (Wings) के अग्र-धारा स्लैट्स को नियंत्रित करने हेतु किया जाता था।
  • इन्हें रिसर्च सेंटर इमारत (RCI), हैदराबाद और सेंट्रल मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (CMTI), बंगलूरू के सहयोग से विकसित किया गया है।
    • RCI हैदराबाद में स्थित (DRDO) की एक मुख्य प्रयोगशाला है।
    • CMTI भारी उद्योग मंत्रालय के तत्वावधान में कार्यरत एक अनुसंधान एवं विकास संगठन है।

और पढ़ें: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने LCA तेजस Mk1A के लिये स्वदेशी लीडिंग एज एक्ट्यूएटर्स और एयरब्रेक कंट्रोल मॉड्यूल का पहला बैच एचएएल को सौंपा


रैपिड फायर

निकासी स्लाइड

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

आपातकालीन स्थिति में यात्री एक फुलावदार स्लाइड, जिसे निकासी स्लाइड कहा जाता है, का उपयोग करके सुरक्षित रूप से विमान से बाहर निकल सकते हैं, विशेष रूप से यदि विमान का दरवाज़ा ज़मीन से काफी ऊँचाई पर स्थित हो।

  • निकासी स्लाइड के प्रकार:
    • इन्फ्लेटेबल स्लाइड: यह विमान के निकास द्वार से यात्रियों को ज़मीन पर उतरने में मदद करता है। आपात स्थिति में इसका उपयोग विमान के पंखों (विंग्स) के माध्यम से भी किया जा सकता है।
    • इन्फ्लेटेबल स्लाइड/राफ्ट: यह स्लाइड के समान ही कार्य करता है, लेकिन यदि विमान पानी पर उतरता है तो इसका उपयोग जीवन रक्षक बेड़े के रूप में भी किया जा सकता है।
    • इन्फ्लेटेबल निकास रैंप: इसे यात्रियों को ओवरविंग निकासों से एग्ज़िट करने में सहायता के लिये लगाया जाता है, ताकि वे ज़मीन तक सरलता से पहुँच सकें।
    • इन्फ्लेटेबल एग्ज़िट रैम्प/स्लाइड: यह एक संयुक्त उपकरण है, जिसका उपयोग विमान के पंखों अथवा पंखों से ज़मीन पर उतरने के लिये किया जाता है।
  • अग्निरोधी नायलॉन से निर्मित, यूरेथेन से लेपित तथा मज़बूत कार्बन फाइबर से सुदृढ़ निकासी स्लाइडें, उतरते समय विस्फोटकों से बचाती हैं।
  • एक निकासी स्लाइड, जो नियामक दिशा-निर्देशों को पूरा करती है, इतना सक्रिय होना चाहिये कि दरवाज़ा खोलते ही वह स्वचालित रूप से एक्टिवेट हो जाए और 6-10 सेकंड के भीतर फूल जाए तथा अत्यधिक तापमान, तेज़ बारिश एवं पवनों के प्रति सहनशील हो।

Evacuation_Slides

और पढ़ें: भारत का विमानन उद्योग


रैपिड फायर

भारतीय सेना को हाइड्रोजन बसें मिलीं

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में भारतीय सेना ने हाइड्रोजन ईंधन सेल बस प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन परीक्षणों के लिये इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के साथ सहयोग किया है।

  • भारतीय सेना को अपनी पहली हाइड्रोजन ईंधन सेल से चलने वाली बस भी प्राप्त हुई, जो स्वच्छ और हरित परिवहन अपनाने की दिशा में एक सार्थक कदम है। 
  • इस बस में 37 यात्री एक साथ के बैठने की क्षमता है और यह 30 किलोग्राम के हाइड्रोजन ईंधन टैंक के एक रिफिल पर 250-300 किलोमीटर का माइलेज देती है।
  • इससे पहले 21 मार्च, 2023 को भारतीय सेना उत्तरी सीमाओं पर ग्रीन हाइड्रोजन आधारित माइक्रोग्रिड पावर प्लांट की स्थापना के लिये NTPC रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाली, पहली सरकारी इकाई बन गई।
  • हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रौद्योगिकी परिवहन के लिये एक स्वच्छ और कुशल समाधान प्रदान करती है। यह एकमात्र उपोत्पाद के रूप में जलवाष्प के साथ हाइड्रोजन गैस तथा ऑक्सीजन के बीच प्रतिक्रिया के माध्यम से बिजली उत्पन्न करता है।
    • यह इसे पारंपरिक ईंधन का एक आकर्षक विकल्प बनाती है, विशेष रूप से पृथ्वी पर हाइड्रोजन की प्रचुर मात्र को देखते हुए।

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और पढ़ें: हाइड्रोजन ईंधन सेल, भारत की पहली स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन सेल नौका, पहली ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन सेल बस


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