प्रारंभिक परीक्षा
विद्युत चुंबकीय क्षेत्र (ईएमएफ) उत्सर्जन
- 10 Aug 2022
- 11 min read
हाल ही में राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में संचार राज्य मंत्री ने कहा कि भारत में विद्युत चुंबकीय क्षेत्र स्तर के कारण पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
विद्युत चुंबकीय क्षेत्र (EMF) उत्सर्जन:
- परिचय:
- विद्युत चुंबकीय क्षेत्र अदृश्य विद्युत और चुंबकीय बल के क्षेत्रों का एक संयोजन है।
- विद्युत क्षेत्र वोल्टेज में अंतर से निर्मित होते हैं: वोल्टेज जितना अधिक होगा परिणामी क्षेत्र उतना ही मज़बूत होगा।
- जब विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो चुंबकीय क्षेत्र बनते हैं: जितना अधिक विद्युत धारा होगी उतनी ही मज़बूत चुंबकीय क्षेत्र होगा।
- EMF के प्राकृतिक स्रोत:
- विद्युत चुंबकीय क्षेत्र हमारे पर्यावरण में हर जगह मौज़ूद हैं लेकिन मानव आँखों के लिये अदृश्य हैं।
- वातावरण में विद्युत आवेशों के गरज-चमक से स्थानीय रूप से विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होते हैं।
- EMF के मानव निर्मित स्रोत:
- प्राकृतिक स्रोतों के अलावा विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम में मानव निर्मित स्रोतों द्वारा उत्पन्न क्षेत्र भी शामिल हैं: दुर्घटना के बाद टूटे हुए अंग का निदान करने के लिये एक्स-रे का उपयोग किया जाता है।
- प्रत्येक पावर सॉकेट से निकलने वाली विद्युत कम आवृत्ति वाले विद्युत चुंबकीय क्षेत्रों से जुड़ी होती है।
- टीवी एंटेना, रेडियो स्टेशनों या मोबाइल फोन बेस स्टेशनों के माध्यम से सूचना प्रसारित करने के लिए विभिन्न प्रकार की उच्च आवृत्ति रेडियो तरंगों का उपयोग किया जाता है।
- विद्युत चुंबकीय क्षेत्र अदृश्य विद्युत और चुंबकीय बल के क्षेत्रों का एक संयोजन है।
- मुद्दे:
- मानव पर प्रभाव:
- कई विश्वव्यापी अध्ययन ईएमएफ को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे ल्यूकेमिया, गर्भपात, पुरानी थकान, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, विस्मृति, अवसाद, मतली और कामेच्छा में कमी इत्यादि से जोड़ते हैं।
- पर्यावरण पर प्रभाव:
- रडारों का उपयोग मौसम की भविष्यवाणी करने के लिये किया जाता है जो स्पंदित माइक्रोवेव संकेतों का उत्सर्जन करता है जो इन राडार के आसपास मौज़ूद वनस्पतियों और जीवों के स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हैं।
- मानव पर प्रभाव:
EMF उत्सर्जन पर अंकुश लगाने हेतु सरकार द्वारा की गई पहल:
- सरकार के अनुसार, मोबाइल टावरों से EMF उत्सर्जन गैर-आयनीकरण रेडियो फ्रीक्वेंसी हैं जिनमें बहुत कम शक्ति होती है और ये किसी भी प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभाव को पैदा करने में असमर्थ होते हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अंतर्राष्ट्रीय EMF परियोजना ने पशुओं, कीड़ों, वनस्पतियों और जलीय जीवन पर EMF उत्सर्जन के प्रभाव पर वर्ष 2005 में एक सूचना पत्र प्रकाशित किया और निष्कर्ष निकाला है कि गैर-आयनीकरण विकिरण संरक्षण (ICNIRP) में जोखिम सीमा मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा दिशा-निर्देश भी पर्यावरण के लिये सुरक्षात्मक हैं।
- भारत में मोबाइल टावरों से विद्युत चुंबकीय क्षेत्र (EMF) उत्सर्जन के मौजूदा मानदंड पहले से ही ICNIRP द्वारा निर्धारित और WHO द्वारा अनुशंसित सुरक्षित सीमा से दस गुना अधिक कठोर (यहाँ तक कि कम) हैं।
- सरकार ने किसी भी उल्लंघन की निगरानी के लिये एक अच्छी तरह से संरचित प्रक्रिया और तंत्र स्थापित किया है ताकि दूरसंचार सेवा प्रदाता (TSP) बेस ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) साइट की व्यावसायिक शुरुआत से पहले एक स्व-प्रमाण पत्र जमा करने सहित निर्धारित मानदंडों का पालन करते हैं।
- दूरसंचार विभाग (DoT) की क्षेत्रीय इकाइयाँ नियमित रूप से यादृच्छिक आधार पर वार्षिक 10% तक BTS साइटों का EMF ऑडिट करती हैं।
- DoT उन TSPs पर वित्तीय जुर्माना भी लगाता है जिनके BTS निर्धारित EMF उत्सर्जन सीमा से अधिक पाए जाते हैं।
- इसके अलावा यदि ऐसे गैर-अनुपालन वाले BTS के उत्सर्जन स्तर 30 दिनों के भीतर निर्धारित सीमा के भीतर नहीं लाए जाते हैं, तो इसे निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार बंद किया जा सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs):Q दृश्यमान प्रकाश संचार (VLC) तकनीक के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (c) व्याख्या:
Q. कथन (A): रेडियो तरंगें चुंबकीय क्षेत्र में झुकती हैं। कारण (R): रेडियो तरंगें विद्युत चुंबकीय प्रकृति की होती हैं। (2008) उत्तर: A व्याख्या:
|