बीजापुर में IED बरामद | छत्तीसगढ़ | 15 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में माओवादियों द्वारा लगाए गए पाँच इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बरामद किये।
मुख्य बिंदु
- IED का पता लगाना:
- छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने बीजापुर ज़िले के मनकेली गाँव के पास पाँच IED बरामद किये।
- टीम क्षेत्र पर कब्ज़ा करने और बारूदी सुरंग हटाने का अभियान चला रही थी, तभी उन्हें विस्फोटक मिले।
- बस्तर क्षेत्र में माओवादी हमलों का स्वरूप:
- माओवादी अक्सर बस्तर क्षेत्र के आंतरिक इलाकों में जंगल की सड़कों और कच्ची पगडंडियों पर IED लगाते हैं, जिसमें बीजापुर और छह अन्य ज़िले शामिल हैं।
- ये जाल अक्सर गश्त के दौरान सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं, लेकिन कई मामलों में नागरिक भी हताहत हो जाते हैं।
- इम्प्रोवाइज्ड विस्फोटक उपकरण
- इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) एक स्वदेशी बम है, जिसे लक्ष्यों को नष्ट करने या अक्षम करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जिसका उपयोग आमतौर पर अपराधियों, आतंकवादियों और विद्रोहियों द्वारा विभिन्न रूपों में किया जाता है।
- IED को कई तरीकों से पहुँचाया जा सकता है, जिसमें वाहनों द्वारा, व्यक्तियों द्वारा रखा जाना या सड़क के किनारे छिपाया जाना शामिल है तथा वर्ष 2003 में शुरू हुए इराक युद्ध के दौरान इसे प्रमुखता मिली।
माओवाद
- परिचय:
- माओवादी, जिन्हें वामपंथी उग्रवादी (LWE) या नक्सलवादी भी कहा जाता है, भारत में माओवादी विचारधारा पर आधारित एक समूह है, जो सशस्त्र क्रांति के माध्यम से सरकार को उखाड़ फेंकने की वकालत करता है।
- माओवादी विचारधारा:
- माओवादी विचारधारा का केंद्रीय विषय राज्य सत्ता पर कब्ज़ा करने के साधन के रूप में हिंसा और सशस्त्र विद्रोह का प्रयोग करना है।
- माओवादी उग्रवाद सिद्धांत के अनुसार, 'हथियार रखने पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता'।
- भारतीय माओवादी:
अंबेडकर जयंती | मध्य प्रदेश | 15 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती पर उन्हें नमन किया।
मुख्य बिंदु
- डॉ. अंबेडकर के बारे में:
- परिचय:
- डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म वर्ष 1891 में महू, मध्य प्रांत (अब मध्य प्रदेश) में हुआ था।
- उन्हें भारतीय संविधान का जनक (Father of the Indian Constitution) माना जाता है और वह भारत के पहले कानून मंत्री थे।
- वह संविधान निर्माण की मसौदा समिति के अध्यक्ष (Chairman of the Drafting Committee) थे।
- वह एक प्रसिद्ध राजनेता थे, जिन्होंने दलितों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिये लड़ाई लड़ी।
- योगदान:
- उन्होंने मार्च 1927 में उन हिंदुओं के खिलाफ महाड़ सत्याग्रह (Mahad Satyagraha) का नेतृत्व किया जो नगरपालिका बोर्ड के फैसले का विरोध कर रहे थे।
- उन्होंने तीनों गोलमेज़ सम्मेलनों (Three Round Table Conferences) में भाग लिया।
- वर्ष 1932 में डॉ. अंबेडकर ने महात्मा गांधी के साथ पूना समझौते पर हस्ताक्षर किये, जिससे उन्होंने दलित वर्गों (सांप्रदायिक एवार्ड) हेतु पृथक निर्वाचन मंडल की मांग के विचार को छोड़ दिया।
- हिल्टन यंग कमीशन (Hilton Young Commission) के समक्ष प्रस्तुत उनके विचारों ने भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) की नींव रखने का कार्य किया।
- बौद्ध धर्म अपनाना:
- हिंदू कोड बिल (Hindu Code Bill) पर मतभेद को लेकर उन्होने वर्ष 1951 में कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
- उन्होंने बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया तथा 6 दिसंबर, 1956 (महापरिनिर्वाण दिवस) को उनका निधन हो गया।
- चैत्य भूमि मुंबई में स्थित है, जो बी आर अंबेडकर स्मारक के रूप में जानी जाती है।
- वर्ष 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
- महत्त्वपूर्ण कार्य:
- पत्रिकाएँ:
- मूकनायक (1920)
- बहिष्कृत भारत' (1927)
- समता (1929)
- जनता (1930)
- पुस्तकें:
- जाति प्रथा का विनाश
- बुद्ध या कार्ल मार्क्स
- अछूत: वे कौन थे और अछूत कैसे बन गए
- बुद्ध और उनके धम्म
- हिंदू महिलाओं का उदय और पतन
- संगठन:
- बहिष्कृत हितकारिणी सभा (1923)
- स्वतंत्र लेबर पार्टी (1936)
- अनुसूचित जाति फेडरेशन (1942)
थार रेगिस्तान | राजस्थान | 15 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
एक नए अध्ययन के अनुसार, भारत के थार रेगिस्तान में विगत दो दशकों के दौरान मानसूनी वर्षा में वृद्धि और कृषि प्रसार के चलते हरियाली (Greening) में प्रति वर्ष 38% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई।
मुख्य बिंदु
थार रेगिस्तान के बारे में:
- थार रेगिस्तान (द ग्रेट इंडियन डेजर्ट) की अवस्थिति: यह भारतीय उपमहाद्वीप पर रेत की पहाड़ियों (Sand Hills) का एक शुष्क क्षेत्र है। यह उत्तर-पश्चिमी भारत (राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा) और दक्षिण-पूर्वी पाकिस्तान (सिंध और पंजाब प्रांत) में 200,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
- भूगोल और जलवायु: इसकी सीमा पश्चिम में सिंधु नदी के मैदान, उत्तर और उत्तर-पूर्व में पंजाब के मैदान, दक्षिण-पूर्व में अरावली पर्वतमाला और दक्षिण में कच्छ के रण से लगती है।
- इस रेगिस्तान में उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तानी जलवायु पाई जाती है, जिसमें लगातार उच्च दबाव और अवतलन की स्थिति बनी रहती है।
- मृदा संरचना: रेगिस्तान की मृदा में रेगिस्तानी, लाल रेगिस्तानी, सिरोज़ेम, लाल और पीली, लवणीय, लिथोसोल और रेगोसोल शामिल हैं।
- ये मृदा मोटे बनावट वाली, अच्छी जल निकासी वाली तथा कैल्शियम युक्त होती है, जो विशिष्ट वनस्पति और कृषि के लिये सहायक होती है।
- जैवविविधता: यह अपेक्षाकृत समृद्ध जैवविविधता को बढ़ावा देता है, जिसमें ब्लू बुल (नीलगाय), ब्लैकबक, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) और इंडियन गज़ेला (चिंकारा) शामिल हैं।
- भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में से एक, डेजर्ट नेशनल पार्क (राजस्थान) यहीं स्थित है।
- थार रेगिस्तान का लगभग 60% हिस्सा राजस्थान राज्य में स्थित है।
- खनिज संसाधन: यह रेगिस्तान में विश्व के सबसे बड़े लिग्नाइट कोयला भंडारों में से एक है।
- यह जिप्सम और नमक (लवणीय झीलों- सांभर और कुचामन के साथ) से समृद्ध है।

बीसलपुर बाँध | राजस्थान | 15 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के जयपुर, अजमेर और टोंक ज़िलों को पेयजल की आपूर्ति कराने वाला बीसलपुर बाँध का पानी तेज़ गर्मी और उच्च तापमान के कारण वाष्पीकरण से नष्ट हो रहा है। यह स्थिति निकट भविष्य में गहरे जल संकट का कारण बन सकती है।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- वाष्पीकरण के कारण पिछले एक महीने में लगभग 15 सेंटीमीटर पानी खत्म हो चुका है।
- बढ़ते तापमान का असर न केवल जल स्तर पर, बल्कि बाँध से जुड़े जीविकोपार्जन पर भी पड़ रहा है। मछुआरों को शिकार में कठिनाई हो रही है।
- इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।

- बीसलपुर बाँध, राजस्थान के टोंक ज़िले में स्थित बीसलपुर में बनास नदी पर बना एक गुरुत्वाकर्षण बाँध है।
- गुरुत्वाकर्षण बाँध एक ऐसा बाँध होता है जो कंक्रीट या पत्थर की चिनाई से बना होता है और जल के दबाव का सामना अपने स्वयं के भार से करता है। इसका स्थायित्व पूरी तरह गुरुत्व बल पर आधारित होता है।
- इसका निर्माण सिंचाई और पेयजल आपूर्ति के उद्देश्य से वर्ष 1999 किया गया।
- इस बाँध का नाम अजमेर के चौहान शासक बीसलदेव चतुर्थ के सम्मान में रखा गया।
इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2025 | उत्तर प्रदेश | 15 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2025 में उत्तर प्रदेश ने गणितीय कौशल और कंप्यूटर दक्षता के क्षेत्रों में देशभर में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
- साथ ही रोज़गार के अवसरों और शहरों की रैंकिंग में भी प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
मुख्य बिंदु
रिपोर्ट के बारे में:
- इंडिया स्किल्स रिपोर्ट के अनुसार, 80% युवा गणित और कंप्यूटर स्किल्स में दक्ष हैं। इस मामले में यूपी ने आंध्र प्रदेश को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान प्राप्त किया है। मध्य प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना क्रमशः तीसरे, चौथे और पाँचवें स्थान पर हैं।
- आलोचनात्मक सोच (Critical Thinking) में भी उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है।
इसके बाद राजस्थान दूसरे और मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है।
- अंग्रेज़ी दक्षता के क्षेत्र में महाराष्ट्र ने पहला स्थान, कर्नाटक ने दूसरा और उत्तर प्रदेश ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
- यह आँकड़े ग्लोबल एम्प्लॉयबिलिटी टेस्ट (GATE) की रिपोर्ट में सामने आए हैं, जो दुनिया भर के छात्रों और पेशेवरों की नौकरी हेतु तैयारियों (Job-Ready Skills) का मूल्यांकन करती है।
- 18-25 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं के लिये रोज़गार संसाधनों की उपलब्धता के मामले में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है, जबकि 26-29 वर्ष के युवाओं की श्रेणी में भी राज्य ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
- इंटर्नशिप पसंदीदा राज्य के रूप में तमिलनाडु के बाद उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर हैं।
- कुल रोजगार प्रतिशत में महाराष्ट्र (84%) पहले, दिल्ली (78%) दूसरे, कर्नाटक (75%) तीसरे, आंध्र प्रदेश (72%) चौथे, केरल (71%) पाँचवे और उत्तर प्रदेश (70%) छठे स्थान पर है।
जीरो पॉवर्टी कार्यक्रम | उत्तर प्रदेश | 15 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि उत्तर प्रदेश में शुरू किया जा रहा ‘जीरो पॉवर्टी कार्यक्रम’ बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम से जाना जाएगा।
मुख्य बिंदु
कार्यक्रम के बारे में:
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश में कोई भी व्यक्ति मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहे और गरीब व हाशिये पर मौजूद समुदायों को सभी सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाए।
- मुख्यमंत्री के अनुसार इस योजना का नाम बाबा साहेब आंबेडकर के नाम पर इसलिये रखा जा रहा है क्योंकि उन्होंने ही शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक उत्थान का दर्शन प्रस्तुत किया।
- हर ग्राम पंचायत में 20-25 ऐसे परिवारों की पहचान की जाएगी, जो अभी तक सुविधाओं से वंचित हैं।
- राज्य सरकार ऐसे परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय, पेयजल, बिजली, गैस कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड, पेंशन योजनाओं जैसी सभी सरकारी सुविधाएँ दिलाने का कार्य करेगी।
- पहले चरण में 14-15 लाख परिवारों को योजना में शामिल किया जाएगा।
- योजना में विशेष रूप से मुसहर, थारू, वनटांगिया, कोल, बुक्सा, चेरो, गोड़ और सहरिया समुदायों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- ग्राम पंचायतों के सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव हेतु गठित समिति को नियमित मासिक मानदेय मिलेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-G):
- शुभारंभ: वर्ष 2022 तक “सभी के लिये आवास” के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये, पूर्ववर्ती ग्रामीण आवास योजना इंदिरा आवास योजना (IAY) को 1 अप्रैल 2016 से केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) में पुनर्गठित किया गया।
- शामिल मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय।
- स्थिति: राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने लाभार्थियों को 2.85 करोड़ घर स्वीकृत किये हैं और मार्च 2023 तक 2.22 करोड़ घर पूरे हो चुके हैं।
आयुष्मान भारत-PMJAY:
परिचय:
- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) पूर्ण रूप से सरकार द्वारा वित्तपोषित विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है।
- फरवरी 2018 में लॉन्च हुई यह योजना माध्यमिक देखभाल के साथ-साथ तृतीयक देखभाल हेतु प्रति परिवार 5 लाख रुपए की बीमा राशि प्रदान करती है।
- स्वास्थ्य लाभ पैकेज में सर्जरी, दवा एवं दैनिक उपचार, दवाओं की लागत और निदान शामिल हैं।
- यह एक पात्रता आधारित योजना है जो नवीनतम सामाजिक- आर्थिक जाति जनगणना (SECC) डेटा द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों को लक्षित करती है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को बचे हुए (अप्रमाणित) SECC परिवारों के खिलाफ टैगिंग के लिये समान सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल वाले गैर-सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) लाभार्थी परिवार डेटाबेस का उपयोग करने हेतु लचीलापन प्रदान किया है।
- इस योजना का वित्तपोषण संयुक्त रूप से किया जाता है, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मामले में केंद्र एवं विधायिका के बीच 60:40, पूर्वोत्तर राज्यों तथा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल एवं उत्तराखंड के लिये 90:10 और विधायिका के बिना केंद्रशासित प्रदेशों हेतु 100% केंद्रीय वित्तपोषण।