शासन व्यवस्था
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
- 17 Sep 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), ग्रामीण विकास मंत्रालय, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल), सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011, ग्राम सभा और जियो-टैगिंग। मेन्स के लिये:प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ‘प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)’, जो कि एक प्रमुख ग्रामीण आवास योजना है, को पूरा करने में किसी भी देरी के लिये दंड का प्रावधान किया है।
दंड प्रावधान की आवश्यकता:
- परिचय:
- जुर्माना राज्य सरकार पर लगाया जाएगा। यदि आवास जारी होने की तिथि से एक माह से अधिक समय तक आवास की स्वीकृति में विलंब होता है तो राज्य सरकार पर विलंब के पहले माह के लिये 10 रुपए प्रति आवास तथा बाद के प्रत्येक माह के विलंब हेतु प्रति आवास 20 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
- इसी प्रकार यदि लाभार्थी को देय प्रथम किश्त स्वीकृति की तिथि से सात दिन से अधिक विलंबित होती है, तो राज्य सरकारों को प्रति आवास प्रति सप्ताह 10 रुपए अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
- यदि राज्य के पास केंद्रीय निधि उपलब्ध नहीं है तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
- आवश्यकता:
- अधिक फोकस करना: कोविड-19 के कारण योजना के कार्यान्वयन में सुस्ती देखी गई थी, इसलिये केंद्र सरकार दंड लगाकर यह सुनिश्चित कर रही है कि राज्य कार्यक्रम पर अधिक ध्यान दें।
- राज्य सरकारों के मुद्दे: असम के साथ पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा प्रमुख चार पिछड़े राज्य हैं जो अपने लक्ष्य से बहुत पीछे हैं।
- इसके अलावा पश्चिम बंगाल सरकार ने इस योजना को "बांग्ला आवास योजना" के रूप में पुनः लॉन्च किया, इस कारण केंद्र सरकार ने योजना के लिये धन रोक दिया।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण:
- संबंधित मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय।
- उद्देश्य: मार्च 2022 के अंत तक सभी ग्रामीण परिवार जो बेघर हैं या कच्चे या जीर्ण-शीर्ण घरों में रह रहे हैं, को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्का घर उपलब्ध कराना।
- गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन व्यतीत कर रहे ग्रामीण परिवारों को आवासीय इकाइयों के निर्माण और मौजूदा अनुपयोगी कच्चे मकानों के उन्नयन हेतु पूर्ण अनुदान के रूप में सहायता प्रदान करना।
- लाभार्थी: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से संबंधित लोग, मुक्त बंधुआ मज़दूर और गैर-एससी/एसटी वर्ग, विधवा महिलाएँ, रक्षाकर्मियों के परिजन, पूर्व सैनिक तथा अर्द्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त सदस्य, विकलांग व्यक्ति एवं अल्पसंख्यक।
- लाभार्थियों का चयन: तीन चरणों- सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011, ग्राम सभा, और भू-टैगिंग के सत्यापन के माध्यम से।
- लागत साझा करना: यूनिट सहायता की लागत मैदानी क्षेत्रों में 60:40 और उत्तर-पूर्वी तथा पहाड़ी राज्यों के लिये 90:10 के अनुपात में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझा की जाती है।
- विशेषताएँ:
- मैदानी राज्यों में यूनिट सहायता को 70,000 रुपए से बढ़ाकर 1.20 लाख रुपए और पहाड़ी राज्यों में 75,000 रुपए से बढ़ाकर 1.30 लाख रुपए कर दिया गया है।
- स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G), मनरेगा या वित्तपोषण के किसी अन्य समर्पित स्रोत के साथ अभिसरण के माध्यम से शौचालयों के निर्माण के लिये सहायता का लाभ उठाया जाएगा।
- प्रदर्शन:
- योजना के तहत सरकार ने 2.95 करोड़ आवासों का लक्ष्य रखा है तथा अगस्त 2022 तक 2.02 करोड़ घरों का निर्माण किया जा चुका है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण गरीबों की आजीविका के विकल्पों में कैसे सुधार करता है? (2012)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1और 2 उत्तर: (b) व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही है। प्रश्न. ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएँ प्रदान करने का आधार (PURA) संपर्क स्थापित करने में निहित है। टिप्पणी कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2013) |