प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 12 अक्तूबर, 2019
‘एमहरियाली’
“mHariyali”
11 अक्तूबर, 2019 को नई दिल्ली में मोबाइल एप, ‘एम हरियाली’ को लॉन्च किया गया।
संबंधित मंत्रालय: आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs)
उद्देश्य:
- सरकारी कालोनियों के पर्यावरण को संरक्षित करना।
- लोगों को पौधे लगाने और इस तरह के अन्य हरित उपाय करने के लिये प्रेरित करना।
विशेषता:
- इस एप का उपयोग आम जनता, नोडल अधिकारियों और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जा सकता है।
- लोग अब अपने द्वारा किये गए किसी भी प्रकार के पौधारोपण की जानकारी/फोटो अपलोड कर सकते हैं जो एप से जुड़ी होगी और यह वेबसाइट www.epgc.gov.in पर दिखाई देगी।
- एप स्वत: ही पौधों की जियो-टैगिंग (Geo-Tagging) करता है।
- यह एप नोडल अधिकारियों को समय-समय पर वृक्षारोपण की निगरानी करने में भी सक्षम करेगा।
जियो-टैगिंग (Geo-Tagging)
- जियोटैगिंग मेटा डेटा के रूप में भौगोलिक जानकारी को विभिन्न प्रकार से मीडिया से जोड़ने की प्रक्रिया है।
- इस मेटा डेटा में आमतौर पर अक्षांश और देशांतर जैसे निर्देशांक होते हैं, लेकिन इसमें दिक्कोण, ऊँचाई, दूरी और स्थान का नाम भी शामिल हो सकता है।
- जियो-टैगिंग का उपयोग आमतौर पर तस्वीरों के लिये किया जाता है और इससे लोगों को बहुत सी विशिष्ट जानकारी (जैसे- तस्वीर कहाँ ली गई थी या किसी सर्विस में लॉग ऑन करने वाले मित्र का सटीक स्थान) प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
कामिनी रॉय
(Kamini Roy)
गूगल (Google) ने प्रसिद्ध बांग्ला कवयित्री कामिनी रॉय की 155वीं जयंती के अवसर पर डूडल बनाया है।
परिचय:
- उनका जन्म 12 अक्तूबर, 1864 को बंगाल के बेकरगंज ज़िले (अब बांग्लादेश में) में हुआ था।
- वह पहली भारतीय महिला थीं जिन्होंने ब्रिटिश भारत में बी.ए. ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की।
- वह प्रसिद्ध कवयित्री, लेखिका और सामाजिक कार्यकर्त्ता थीं।
- उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करने का कार्य किया।
- जीवन के अंतिम वर्षों में वह बिहार के हज़ारीबाग ज़िले में रहने आ गई थीं। वहीं वर्ष 1933 में उनका निधन हुआ।
पुस्तकें
वर्ष 1889 में उनकी कविताओं का पहला संग्रह आलो छैया प्रकाशित हुआ अन्य पुस्तकों में ‘गुंजन’ तथा ‘बालिका शिखर आदर्श’ शामिल हैं।
सम्मान
कलकत्ता विश्वविद्यालय ने उन्हें जगतारिणी स्वर्ण पदक से सम्मानित किया था।
राजनीतिक सक्रियता
- वह बंगीय नारी समाज (Bangiya Nari Samaj) के नेताओं में से एक थीं। यह समाज महिलाओं के अधिकारों के लिये संघर्षरत था।
- वह भारत में नारीवाद को आगे बढ़ाने वाले सक्रिय कार्यकर्त्ताओं में से एक थीं। वर्ष 1926 में उन्होंने बंगाल में महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलाने की दिशा में भी काम किया।
नोबेल पुरस्कार, 2019
(Nobel Prize, 2019)
हाल ही में वर्ष 2019 के लिये भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, शांति तथा साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की गई।
पुरस्कार विजेताओं की सूची
भौतिकी के क्षेत्र में:
- जेम्स पीबल्स (भौतिक ब्रह्माण्ड विज्ञान में सैद्धांतिक खोजों के लिये)
- मिशेल मेयर और डिडिएर क्वेलोज़ (सौर-प्रकार के तारे की परिक्रमा करने वाले एक एक्सोप्लैनेट 51 पेगासी बी की खोज के लिये संयुक्त रूप से)
पुरस्कार के रूप में मिलने वाली नकद राशि का आधा हिस्सा जेम्स पीबल्स को दिया जाएगा तथा शेष आधे हिस्से में से मिशेल मेयर और डिडिएर क्वेलोज़ को बराबर-बराबर की राशि दी जाएगी।
रसायन के क्षेत्र में:
1. वैज्ञानिक जॉन बी गुडइनफ़, एम स्टेनली व्हिटिंगम और अकीरा योशिनो को संयुक्त रूप से (लिथियम-आयन बैटरी बनाने के लिये)
चिकित्सा के क्षेत्र में:
1. विलियम जी कायलिन जूनियर, सर पीटर जे रैटक्लिफ और ग्रेग एल सेमेंजा को संयुक्त रूप से (कोशिकाओं द्वारा ऑक्सीजन ग्रहण पर की गई खोज हेतु)
साहित्य के क्षेत्र में:
1. ओल्गा टोकार्चुक: जीवन की परिधियों से परे एक कथात्मक परिकल्पना करने के लिये।
- उन्हें वर्ष 2018 का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। प्रतिष्ठित पुरस्कार देने वाली स्वीडिश एकेडमी ने वर्ष 2018 में यौन उत्पीड़न के एक मामले के कारण पुरस्कार की घोषणा नहीं की थी। उल्लेखनीय है कि टोकार्चुक को पिछले साल मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया था।
2. पीटर हैंडका (ऑस्ट्रियाई मूल के लेखक): भाषायी सरलता के साथ मानवीय अनुभवों की विशेषता और परिधि के बाहर एक प्रभावशाली काम करने के लिये।
शांति का नोबेल:
इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सहयोग के लिये किये गए प्रयासों और विशेष रूप से शत्रु देश इरिट्रिया के साथ शांति स्थापित करने के लिये।
पृष्ठभूमि
- ये पुरस्कार डायनामाइट के आविष्कारक वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में दिये जाते हैं।
- 10 दिसंबर, 1901 को स्टॉकहोम और क्रिस्टीनिया (अब ओस्लो) में पहली बार नोबेल पुरस्कार दिये गए।
- नोबेल पदक हस्तनिर्मित होते हैं तथा 18 कैरेट सोने से बने होते हैं।
- वर्ष 2019 के लिये एक नोबेल पुरस्कार के तहत दी जाने वाली पूर्ण राशि 9.0 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (SEK) निर्धारित की गई है अर्थात् संयुक्त रूप से पुरस्कार जीतने पर इस राशि को विजेताओं के बीच आवंटित किया जाएगा।
- अर्थशास्त्र के लिये नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 1968 में हुई थी।
- नोबेल पुरस्कार में नोबेल पदक, उपाधि और पुरस्कार राशि की पुष्टि करने वाला एक दस्तावेज़ होता है।
नोबेल पुरस्कार प्रदान करने वाली समिति/संस्थान
- भौतिकी तथा रसायन विज्ञान: द रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज़
- चिकित्सा: करोलिंस्का इंस्टीट्यूट
- साहित्य: स्वीडिश अकादमी
- शांति: नॉर्वे की संसद (स्टॉर्टिंग) द्वारा चुनी गई पाँच सदस्यीय समिति
- अर्थशास्त्र: रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज़
नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय
भारतीय नागरिकता
- रवीन्द्रनाथ टैगोर (वर्ष 1913)- साहित्य के क्षेत्र में
- सी.वी. रमण (वर्ष 1930)- भौतिकी के क्षेत्र में
- मदर टेरेसा (वर्ष1979)- शांति का नोबेल
- कैलाश सत्यार्थी (वर्ष 2014)- शांति का नोबेल
- अमर्त्य सेन (वर्ष 1998)- अर्थशास्त्र
भारतीय मूल
- हरगोविंद खुराना (वर्ष 1968)- चिकित्सा के क्षेत्र में
- वी.एस. नायपॉल (वर्ष 2001)- साहित्य के क्षेत्र में
- वेंकट रामकृष्णन (वर्ष 2009)- रसायन विज्ञान के क्षेत्र में
- सुब्रहमण्यम चंद्रशेखर (वर्ष 1983)- भौतिकी के क्षेत्र में