शासन व्यवस्था
प्रधानमंत्री आवास योजना
- 12 Jun 2024
- 16 min read
प्रिलिम्स के लिये:प्रधानमंत्री, PMAY-ग्रामीण, PMAY-शहरी, गरीबी रेखा से नीचे (Below Poverty Line- BPL), SC/ST, जियो-टैगिंग, वैधानिक शहर, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग, क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी, CAG, स्वच्छ भारत मिशन, मनरेगा, जल जीवन मिशन, उज्ज्वला योजना, NABARD, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (Economically Weaker Sections- EWS), आवास बंधु मेन्स के लिये:PMAY की चुनौतियाँ, PMAY को मज़बूत करने के लिये आवश्यक कदम |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने अपने तीसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में PMAY के तहत तीन करोड़ ग्रामीण और शहरी घरों के निर्माण के लिये सहायता को मंज़ूरी दी।
- तीन करोड़ मकानों में से दो करोड़ मकान PMAY-ग्रामीण के तहत तथा एक करोड़ मकान PMAY-शहरी के तहत बनाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना क्या है?
प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-G):
- शुभारंभ: वर्ष 2022 तक “सभी के लिये आवास” के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिये, पूर्ववर्ती ग्रामीण आवास योजना इंदिरा आवास योजना (IAY) को 1 अप्रैल 2016 से केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) में पुनर्गठित किया गया।
- शामिल मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय।
- स्थिति: राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने लाभार्थियों को 2.85 करोड़ घर स्वीकृत किये हैं और मार्च 2023 तक 2.22 करोड़ घर पूरे हो चुके हैं।
- उद्देश्य: मार्च 2022 के अंत तक सभी ग्रामीण परिवारों, जो बेघर हैं या कच्चे या जीर्ण-शीर्ण घरों में रह रहे हैं, को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्का घर उपलब्ध कराना।
- गरीबी रेखा से नीचे (Below Poverty Line- BPL) जीवन यापन करने वाले ग्रामीण लोगों को आवास इकाइयों के निर्माण तथा मौजूदा अनुपयोगी कच्चे मकानों के उन्नयन में पूर्ण अनुदान के रूप में सहायता प्रदान करना।
- लाभार्थी: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, मुक्त बंधुआ मज़दूर और गैर-अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग, युद्ध में मारे गए रक्षा कर्मियों की विधवाएँ या उनके निकट संबंधी, पूर्व सैनिक और अर्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त सदस्य, विकलांग व्यक्ति तथा अल्पसंख्यक।
- लाभार्थियों का चयन: तीन-चरणीय सत्यापन जैसे सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011, ग्राम सभा और जियो-टैगिंग के माध्यम से।
- लागत साझाकरण: मैदानी क्षेत्रों के मामले में केंद्र और राज्य 60:40 के अनुपात में व्यय साझा करते हैं तथा पूर्वोत्तर राज्यों, दो हिमालयी राज्यों एवं जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के मामले में 90:10 के अनुपात में व्यय साझा करते हैं।
- केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख सहित अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के मामले में केंद्र 100% लागत वहन करता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना– शहरी (PMAY-U):
- शुभारंभ: 25 जून 2015 को प्रारंभ की गई इस योजना का उद्देश्य वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्रों में सभी के लिये आवास उपलब्ध कराना है।
- कार्यान्वयनकर्त्ता: आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय
- स्थिति: PMAY (U) डैशबोर्ड के अनुसार, 118.64 लाख मकान स्वीकृत किये गए हैं, जिनमें से 83.67 लाख पूरे हो चुके हैं।
- विशेषताएँ:
- पात्र शहरी गरीबों के लिये पक्का मकान सुनिश्चित करके झुग्गीवासियों सहित शहरी गरीबों के बीच शहरी आवास की कमी को दूर करना।
- मिशन में संपूर्ण शहरी क्षेत्र शामिल है, जिसमें सांविधिक कस्बे, अधिसूचित योजना क्षेत्र, विकास प्राधिकरण, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, औद्योगिक विकास प्राधिकरण या राज्य विधान के तहत कोई भी ऐसा प्राधिकरण शामिल है, जिसे शहरी नियोजन एवं विनियमन का कार्य सौंपा गया है।
- मिशन महिला सदस्यों के नाम पर या संयुक्त नाम पर मकान का स्वामित्व प्रदान करके महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देता है।
- योजना चार खंडों में क्रियान्वित की गई:
- निजी भागीदारी के माध्यम से संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करके मौजूदा झुग्गी निवासियों का यथास्थान पुनर्वास।
- ऋण लिंक्ड सब्सिडी: आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (Economically Weaker Section- EWS), निम्न आय समूह (Low Income Group- LIG) और मध्यम आय समूह (MIG-I और MIG-II) के लोग घर खरीदने या बनाने के लिये क्रमशः 6 लाख रुपए, 9 लाख रुपए और 12 लाख रुपए तक के आवास ऋण पर 6.5%, 4% तथा 3% की ब्याज सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
- साझेदारी में किफायती आवास (Affordable Housing in Partnership- AHP): AHP के अंतर्गत, भारत सरकार द्वारा प्रति ईडब्ल्यूएस आवास के लिये 1.5 लाख रुपए की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है।
- लाभार्थी-नेतृत्व वाले व्यक्तिगत आवास निर्माण/संवर्द्धन: व्यक्तिगत आवास निर्माण/संवर्द्धन के लिये EWS श्रेणियों से संबंधित पात्र परिवारों को प्रति EWS आवास 1.5 लाख रुपए तक की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती है।
अन्य नई पहलें
प्रधानमंत्री आवास योजना की चुनौतियाँ क्या हैं?
- कार्यान्वयन में देरी: सरकार द्वारा आरंभ में मार्च 2022 तक PMAY-G के तहत 29.5 मिलियन आवास इकाइयों और PMAY-U कार्यक्रमों के तहत 12 मिलियन आवास इकाइयों के निर्माण की समय-सीमा निर्धारित की गई थी।
- हालाँकि सरकार इस लक्ष्य से चूक गई और अगस्त 2022 में “सभी के लिये आवास” सुनिश्चित करने की समय-सीमा को दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया।
- अनुचित निष्पादन: कुछ राज्य अपने योगदान में देरी करते हैं जिससे प्रगति पर भारी असर पड़ता है। वर्ष 2020 में नौ राज्यों ने लाभार्थियों को 2,915.21 करोड़ रुपए का भुगतान करने में देरी की थी।
- वित्त तक पहुँच: ग्रामीण क्षेत्रों में घर बनाने के लिये 1.2/1.3 लाख की वितरित सब्सिडी राशि पर्याप्त नहीं है, इसलिये परिवारों को इस कमी को पूरा करने के लिये वित्तीय संस्थानों से अधिक धन की आवश्यकता होती है।
- आवास की गुणवत्ता: CAG रिपोर्ट में पाया गया कि पर्यवेक्षण के अभाव के कारण PMAY-G में आवास की गुणवत्ता खराब है, लाभार्थियों को निर्माण मानकों की जानकारी नहीं है तथा प्रदान किये गए प्रोटोटाइप की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिये कोई तंत्र नहीं है।
- अभिसरण: पीएमएवाई योजना का उद्देश्य घर निर्माण के दौरान बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करने हेतु स्वच्छ भारत मिशन, मनरेगा (MGNREGA), जल जीवन मिशन और उज्ज्वला योजना जैसी अन्य सरकारी पहलों के साथ समन्वय करना है, लेकिन रिपोर्टें योजना समन्वय में कमियों को उजागर करती हैं, जैसे कि राजस्थान में अधूरे शौचालयों के कारण 'खुले में शौच मुक्त' स्थिति के झूठे दावे किये जाते हैं।
- जागरूकता का अभाव: कई ग्रामीण निवासी PMAY के बारे में अनभिज्ञ हैं या उनके पास आवश्यक दस्तावेज़ों का अभाव है, अशिक्षा, खराब जागरूकता अभियान और जटिल दस्तावेज़ीकरण के कारण आवास सब्सिडी तथा ऋण तक उनकी पहुँच में बाधा आ रही है।
PMAY में अन्य नीति संबंधी मुद्दे
- रसोईघर: PMAY-G में रसोईघर की व्यवस्था है, लेकिन कई लोग इसके बजाय अतिरिक्त कमरे पसंद करते हैं, अक्सर बाहर खाना बनाते हैं और रसोईघर के स्थान को रहने के कमरे के रूप में उपयोग करते हैं, जो आंशिक रूप से PMUY (LPG Gas) के सीमित उपयोग की व्याख्या करता है।
- खाना पकाने का ईंधन: प्रयासों के बावजूद, कई PMAY-G परिवार बाहर खाना पकाने की आदत और रिफिल की लागत के कारण LPG सिलेंडर का उपयोग नहीं करते हैं, जिससे PMAY और PMUY कार्यक्रम एकीकरण में बाधा आ रही है।
- शौचालय का उपयोग: PMAY-G घरों में निर्मित 10% शौचालयों का उपयोग नहीं हो रहा है। हालाँकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह समुदाय की आदतों या खराब स्थापना के कारण है और इसकी जाँच की आवश्यकता है।
- पेयजल: राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (National Rural Drinking Water Programme- NRDWP) का लक्ष्य वर्ष 2022 तक अधिकांश ग्रामीण घरों में पाइप से जल उपलब्ध कराना है, लेकिन PMAY-G घर मुख्य रूप से साझा जल बिंदुओं पर निर्भर हैं और उनमें उचित अपशिष्ट संग्रह, जल निकासी तथा स्ट्रीट लाइटिंग का अभाव है।
- उधार का स्रोत: अधिकांश PMAY-G लाभार्थी बैंक ऋण विकल्पों के बारे में जानकारी होने के बावजूद, अतिरिक्त गृह निर्माण लागत को पूरा करने के लिये बैंकों के बजाय निजी स्रोतों से ऋण लेते हैं, जो बैंक ऋण पहुँच के साथ नीतिगत मुद्दे का संकेत देता है।
PMAY को मज़बूत करने हेतु क्या कदम उठाने की आवश्यकता है?
- समय पर धनराशि जारी करना: कुछ राज्यों को केंद्र सरकार से धनराशि प्राप्त करने में देरी का सामना करना पड़ता है, वर्ष 2020 में 200 करोड़ रुपए का घाटा होने की सूचना है, जिससे राज्य के अंशदान को समय पर जारी करने और मनरेगा की तरह प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की आवश्यकता उत्पन्न होती है।
- औपचारिक ऋण सुविधा: ऋण वितरण की प्रगति धीमी है, क्योंकि SBI जैसे प्रमुख बैंकों के पास उच्च जोखिम और कम लाभ के कारण आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (Economically weaker Section- EWS) के लिये विशिष्ट उत्पाद नहीं हैं, जिससे 'सभी के लिये आवास' हेतु स्थिर वित्तपोषण हेतु सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
- अधिक समावेशी: समय की मांग है कि मौजूदा योजना की सीमाओं को स्वीकार किया जाए और भूमिहीन ग्रामीण आबादी की आवास समस्या को हल करने के लिये एकमात्र हस्तक्षेप तैयार किया जाए।
- गुणवत्ता आश्वासन: सरकार को गुणवत्ता निगरानी तंत्र को मज़बूत करने की सिफारिश की जाती है। सामाजिक अंकेक्षण जैसे उपायों पर विचार किया जा सकता है।
- आवास बंधु: आवास बंधु (PMAY-G स्थानीय प्रेरक) पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे स्थानों में प्रगति को प्रभावी ढंग से गति दे रहे हैं। उचित प्रशिक्षण के साथ वे अभिसरण संभावनाओं को बढ़ाने के लिये एक महत्त्वपूर्ण साधन हो सकते हैं।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की प्रमुख विशेषताओं और उद्देश्यों पर चर्चा कीजिये। शहरी और ग्रामीण आवास पर इसके प्रभाव का मूल्यांकन कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. दीपक पारिख समिति अन्य चीज़ों के साथ-साथ निम्नलिखित में से किस एक उद्देश्य के लिये गठित की गई थी? (2009) (a) कुछ अल्पसंख्यक समुदायों की वर्तमान सामाजिक-आर्थिक स्थितियों का अध्ययन के लिये उत्तर: (b) प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से गैर-वित्तीय ऋण में सम्मिलित है/हैं? (2020)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) मेन्स:प्रश्न. भारत में नगरीय जीवन की गुणता की संक्षिप्त पृष्ठभूमि के साथ, ‘स्मार्ट नगर कार्यक्रम’ के उद्देश्यों और रणनीति बताइये। (2016) प्रश्न. भारत में तीव्र शहरीकरण प्रक्रिया ने जिन विभिन्न सामाजिक समस्याओं को जन्म दिया, उनकी विवेचना कीजिये। (2013) |